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भारत मंडपम में स्टार्टअप महाकुंभ में 1 हजार स्टार्टअप और भावी उद्यमियों ने शोकेस किए अपने इनोवेशन

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन से आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। भारत में आज सवा लाख रजिस्टर्ड स्टार्टअप हैं और इनमें 110 यूनिकॉर्न हैं। इनसे करीब 12 लाख नौजवान सीधे जुड़े हैं। स्टार्टअप ने 12000 पैटेंट फाइल किए हैं। भारत सरकार का स्टार्टअप्स पर फोकस लगातार बढ़ता जा रहा है और इसी कड़ी में सरकार ने 18 से 20 मार्च के बीच दिल्ली के प्रगति मैदान में बने भारत मंडपम में स्टार्टअप महाकुंभ का आयोजन किया। इसमें 1000 से भी ज्यादा स्टार्टअप ने हिस्सा लिया और भावी उद्यमियों ने अपने इनोवेशन दिखाए आइडियाज शेयर किए। इसके साथ ही 1000 से ज्यादा निवेशक और 500 से ज्यादा इनक्युबेटर-एक्सीलरेटर ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस तरह हर स्टार्टअप के लिए यह एक अच्छा मंच साबित हुआ, जिसके जरिए उन्होंने अपना प्रोडक्ट शोकेस किया।

देश में 1.25 लाख से ज्यादा पंजीकृत स्टार्टअप
स्टार्टअप महाकुंभ में भावी उद्यमियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ”देश में 1.25 लाख पंजीकृत स्टार्टअप हैं, जो 12 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देते हैं। भारत में 110 यूनिकॉर्न स्टार्टअप हैं और हमारे स्टार्टअप के पास 12 हजार से ज्यादा पेटेंट हैं। अंतरिक्ष के 50 से अधिक सेक्टर्स में भारत के स्टार्टअप्स बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। भारत की युवा शक्ति का सामर्थ्य आज पूरी दुनिया देख रही है। आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम भारत में है। सरकार ने बजट में रिसर्च और इनोवेशन के लिए एक लाख करोड़ के फंड का एलान किया है।”

45 प्रतिशत स्टार्टअप की कमान महिलाओं के पास
पीएम मोदी ने लोगों की बदलती मानसिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत के युवाओं ने नौकरी की तलाश करने के बजाय नौकरी देने वाला बनने का रास्ता चुना है। उन्होंने कहा कि 45 प्रतिशत से अधिक भारतीय स्टार्टअप की कमान महिलाओं के पास है।

छोटे शहरों के युवा कर रहे स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने स्टार्टअप इंडिया अभियान के तहत नए-नए इनोवेशन आइडियाज को एक प्लेटफॉर्म दिया, उनको फंडिंग के स्त्रोत से कनेक्ट किया। शैक्षणिक संस्थानों में इनक्यूबेटर स्थापित करने का अभियान भी चलाया और उसकी बाल वाटिका के रूप में हमने ‘अटल टिंकरिंग लैब’ शुरू की। भारत की स्टार्टअप क्रांति का नेतृत्व आज देश के छोटे शहरों के युवा कर रहे हैं।

योग और आयुर्वेद के स्टार्टअप भी शुरू हुए
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज कृषि, टेक्सटाइल, मेडिसिन, परिवहन, अंतरिक्ष और यहां तक कि योग और आयुर्वेद के स्टार्टअप भी शुरू हो चुके हैं। स्पेस जैसे सेक्टर में भी नए बिजनस आ रहे हैं। ऑलरेडी हमारे स्टार्टअप स्पेस शटल लॉन्च करने लगे हैं। साथियों, भारत की युवा शक्ति का सामर्थ्य आज पूरी दुनिया देख रही है। देश ने स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार करने के लिए काफी कदम उठाए हैं।’

पढ़ाई का मतलब अब सरकारी नौकरी नहीं
पीएम ने कहा, ‘हमारे यहां पढ़ाई का मतलब नौकरी और नौकरी का मतलब सिर्फ सरकारी नौकरी था। बेटियों के लिये लोग सिर्फ सरकारी लड़का देखना चाहते थे। आज सोच बदल गई है। कोई पहले बिजनस की बात करता था, तो सोचता था कि यार पैसे कहां से लाऊं। जिसके पास पैसा है, वही बिजनस कर सकता है, यह धारणा बन गई थी। इस स्टार्टअप इकोसिस्टम ने उस धारणा को बदल दिया है। अब लोग जॉब पाने की जगह जॉब देने की सोच रहे हैं।’

भारत के पास 110 यूनिकॉर्न
आज भारत के पास 110 यूनिकॉर्न हैं। पीएम मोदी ने 2016 में जब स्टार्टअप इंडिया योजना की पहल की थी, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि भारत इतनी जल्दी इस बुलंदी पर पहुंच जाएगा। मोदी सरकार के लगातार प्रोत्साहन मिलने के कारण भारत के नित-नए यूनिकॉर्न स्टार्टअप दुनिया में निरंतर नया मुकाम हासिल करते जा रहे हैं।

यूनिकॉर्न के मामले में भारत तीसरे पायदान पर
यूनिकॉर्न के मामले में इस वक़्त भारत, अमेरिका की 487 और चीन की 301 के बाद दुनिया में तीसरी पायदान पर है। भारत ने इस मामले में ब्रिटेन, इज़राइल, सिंगापुर, जर्मनी और अन्य देशों को बहुत पीछे छोड़ दिया है।

2025 तक यूनिकॉर्न की संख्या होगी 150 से ज्यादा
यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या में भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया में तीसरे स्थान पर है। भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या इस समय 100 से ज्यादा है। साथ ही इनमें वृद्धि हो रही है। जब भी किसी स्टार्टअप का वैल्यूएशन एक अरब डॉलर (करीब 8,300 करोड़ रुपये) से ज्यादा हो जाता है तो उसे यूनिकॉर्न स्टार्टअप कहा जाता है। उम्मीद जताई गई है कि 2025 तक भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या 150 से ज्यादा होगी।

पीएम मोदी विजन से उभरते यूनिकॉर्न का बादशाह बना भारत
यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि का ही कमाल है कि स्टार्टअप्स की दुनिया में झंडे गाड़ने के बाद भारत अब उभरते यूनिकॉर्न का ‘बादशाह’ बनने की ओर बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने 2016 में जब स्टार्टअप इंडिया योजना की पहल की थी, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि भारत इतनी जल्दी इस बुलंदी पर पहुंच जाएगा। मोदी सरकार के लगातार प्रोत्साहन मिलने के कारण भारत के नित-नए यूनिकॉर्न स्टार्टअप दुनिया में निरंतर नया मुकाम हासिल करते जा रहे हैं। भारत के स्टार्टअप्स में निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है। अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बन गया है। 

स्टार्टअप महाकुंभ पिछले कार्यक्रमों से 100 गुना अधिक बड़ा
स्टार्टअप महाकुंभ 18-20 मार्च तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया गया। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि यह आयोजन इस तरह के पिछले किसी भी आयोजन के मुकाबले 100 गुना अधिक बड़ा है। इस कार्यक्रम को एसोचैम, नैसकॉम, बूटस्ट्रैप इनक्यूबेशन एंड एडवाइजरी फाउंडेशन, टीआईई और इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) ने मिलकर आयोजित किया। इस आयोजन को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), एमईआईटीवाई स्टार्टअप हब (एमएसएच) और इन्वेस्ट इंडिया का भी समर्थन प्राप्त है।

देश के 650 जिलों में स्टार्टअप
भारत में उद्यमशीलता की भावना देश के कोने-कोने में मौजूद है। सभी 36 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 650 जिलों में स्टार्टअप के प्रसार से यह बिल्‍कुल स्पष्ट है। घरेलू स्टार्टअप परिवेश आत्मनिर्भरता के मिशन की दिशा में प्रभावी ढंग से काम कर रहा है।

2023 में 36 हजार स्टार्टअप को मान्यता
स्टार्टअप के लिए भारत दुनियाभर में तीसरा सबसे आर्कषक देश है। शानदार स्टार्टअप इकोसिस्टम के चलते भारत में हर साल 36 फीसदी की दर से स्टार्टअप बढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र सबसे आगे है। 2023 में 36 हजार से ज्यादा स्टार्टअप को मान्यता दी गई।

भारतीय स्टार्टअप की कुल पूंजी 150 अरब डॉलर
2030 तक भारतीय स्टार्टअप्स की कुल पूंजी 300 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। वतर्मान में यह करीब 150 अरब डॉलर है।

जनवरी 2016 में हुई थी स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत
स्टार्टअप इंडिया अभियान का शुभारंभ 16 जनवरी 2016 को हुआ था। उसके बाद से अब तक सवा लाख स्टार्टअप को मान्यता दी गई है। खास बात ये है कि भारत में इनोवेशन सिर्फ कुछ सेक्टर तक ही सीमित नहीं है। आईटी सेक्टर के साथ ही स्वास्थ्य सेवा और जीवन विज्ञान, शिक्षा, पेशेवर एवं वाणिज्यिक सेवाओं, कृषि और खाद्य एवं पेय पदार्थों, के साथ 56 विविध क्षेत्रों में समस्याओं को हल करने वाले स्टार्टअप को मान्यता दी गई है।

स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार की पहल
# एंजेल टैक्स की समस्या दूर कर टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाया।
# 9 श्रम और 3 पर्यावरण कानूनों के स्व-प्रमाणन की अनुमति दी।
# मोदी सरकार ने 25 हजार से अधिक अनुपालनों को हटाया।
# जीईएम प्लेटफॉर्म पर स्टार्टअप रनवे की सुविधा प्रदान की गई।
# 16 जनवरी को नेशनल स्टार्टअप डे मनाने की घोषणा की गई।
# 1,000 करोड़ रुपये का स्टार्ट-अप इंडिया फंड लॉन्च किया गया।

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