विपक्षी दलों ने इंडी गठबंधन की बैठकों में एकता की कसमें खाई थीं। लेकिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के ऐलान होते ही इनकी एकता की पोल खुल गई। गठबंधन के सभी घटक दल अपने-अपने राजनीतिक हितों को देखते हुए दांव-पेंच चलना शुरू कर दिया। ‘यूज एंड थ्रो’ की नीति का पालन करने के लिए मशहूर कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में गठबंधन से इनकार कर समाजवादी पार्टी, जनता दल (यू) और राष्ट्रीय लोकदल के मंसूबों पर पानी फेर दिया। कांग्रेस से फिर धोखा खाए इन दलों ने कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए तीन चुनावी राज्यों में अपना उम्मीदवार उतार दिया। इससे इंडी गठबंधन की एकता के दावों की हवा निकल गई। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि बार-बार धोखा देने और धोखा खाने वाले अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए जनता को धोखा देने से बाज नहीं आ रहे हैं।
नीतीश कुमार की कांग्रेस को नसीहत
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़े अरमानों के साथ इंडी गठबंधन बनाने के लिए कवाद शुरू की थी, लेकिन अब नीतीश का धैर्य जवाब देने लगा है। इंडी गठबंधन के भविष्य को लेकर उन्हें चिंता सताने लगी है। गुरुवार (2 नवंबर, 2023) को पटना में भाकपा रैली में नीतीश कुमार ने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में व्यस्त है और उसे इंडी गठबंधन का कोई फिक्र नहीं है। आजकल गठबंधन का कोई काम नहीं हो रहा है। नीतीश ने कांग्रेस पर सीधा आरोप लगाया कि सीट शेयरिंग को लेकर कोई चर्चा नहीं हो रही है। कांग्रेस को नसीहत देते हुए नीतीश ने कहा कि हम सबको साथ लेकर चल रहे हैं। इसके विपरीत नीतीश कुमार को ही कांग्रेस और गठबंधन के घटक दल ज्यादा भाव नहीं दे रहे हैं।
सुनिए कांग्रेस के बारे में बिहार के मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार क्या कह रहे हैं 👇 pic.twitter.com/Y94ntwxJiT— Aadesh Rawal (@AadeshRawal) November 2, 2023
नीतीश और आरजेडी में क्रेडिट होड़ और क्रेडिट डेफिसिट
नीतीश कुमार ना सिर्फ कांग्रेस और आरजेडी को अपने बयान से उलझाने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि जनता को भी गुमराह कर रहे हैं। राजनीति में संतुलन बनाने की उनकी रणनीति ने सभी दलों को भ्रम में डाल दिया है। कभी बीजेपी को सत्ता से हटाने की बात तो कभी जिंदगी भर साथ निभाने की बात करते हैं। वहीं मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारते हैं, उसके बाद कांग्रेस के साथ मिलकर इंडी गठबंधन को मजबूत करने की बात करते हैं। इससे इंडी गठबंधन में भी उनकी विश्वसनीयता खत्म होती जा रही है। कांग्रेस नीतीश कुमार से ज्यादा तेजस्वी यादव और लालू यादव को महत्व दे रही है। ऐसे में कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू में ही एक-दूसरे को धोखा देने की होड़ शुरू हो गई है। इसका खुलासा खुद नीतीश कुमार ने उस समय किया, जब वो बिहार में शिक्षकों की भर्ती का क्रेडिट लेने के लिए आरजेडी और उसके मंत्री को नसीहत देते नजर आए। इससे स्पष्ट है कि आरजेडी और जेडीयू एक-दूसरे पर भरोसा नहींं कर रहे हैं। दोनों के बीच क्रेडिट होड़ और क्रेडिट डेफिसिट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
“मीडिया में हमको छोड़कर सबको जगह मिल रहा है, पहले तो खूब छापते थे, और आजकल बिल्कुल नीचे कर दिया है…”
बिहार में BPSC शिक्षक बहाली प्रक्रिया की सफलता के बाद क्रेडिट लेने की होड़ पर बरसे बिहार के सीएम नीतीश कुमार, सुनिए।#NitishKumar #Bihar #BiharBPSC pic.twitter.com/UEwYK2F8tV
— News Tak (@newstakofficial) November 2, 2023
सपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर लगाया धोखा देने का आरोप
कहते हैं कि दूध से जला छांछ भी फूंक-फूंक पीता है। आज यही हालत समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की है। मध्य प्रदेश में धोखा खाए अखिलेश ने यूपी की 80 में से 65 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने और 15 सीटें इंडी गठबंधन के सहयोगियों कांग्रेस और आरएलडी को देने का संकेत दिया है। इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन की उम्मीद थी। लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। आखिरकार अखिलेश यादव का कांग्रेस पर गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगा दिया और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सामने अपने उम्मीदवार उतार दिए। यहां तक कि अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर बीजेपी से मिले होने का आरोप लगा दिया। वहीं यूपी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी से अगर कोई मिला है तो वो समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव मिले हैं। इन्होंने अपना कैंडिडेट लड़ाकर हमारे कैंडिडेट को बागेश्वर और उत्तराखंड में हराया और भारतीय जनता पार्टी की मदद की।
मध्य प्रदेश में एक भी सीट कांग्रेस द्वारा नही दिए जाने अखिलेश यादव बेहद नाराज है। कांग्रेस के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अजय राय लगातार समाजवादी पार्टी और अखिलेश पर हमलावर हैं। आज जैसे ही पत्रकारों ने एमपी और अजय राय के बयान पर सवाल किया अखिलेश यादव ने बेहद खफा अंदाज में बोले की… pic.twitter.com/Ur9HGJBVXj
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) October 19, 2023
कांग्रेस ने आरएलडी के जयंत चौधरी को भी दिया धोखा
कांग्रेस ने ना सिर्फ अखिलेश यादव को मुगालते में रखा, बल्कि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया। जयंत चौधरी राजस्थान के जाट बहुल क्षेत्रों में कांग्रेस से गठबंधन की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर आरएलडी का साथ चाहने वाली कांग्रेस ने उनको भाव तक नहीं दिया। जयंत चौधरी राजस्थान में जिन सीटों की मांग कर रहे थे, उन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस ने जयंत चौधरी को जोरदार झटका दिया और स्पष्ट कर दिया कि राज्य स्तर पर ऐसे दलों की कोई जरूरत नहीं है। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस से धोखा खाए जयंत चौधरी भी अखिलेश यादव की राह चल सकते हैं।
कांग्रेस ने रालोद को भी दिया ‘धोखा’! अखिलेश यादव की राह चलेंगे जयंत चौधरी? https://t.co/bW0MuNgAjd
— 🇮🇳🚩Yogendra 🗨️ (@yogendrapbh) November 1, 2023
केजरीवाल की AAP और कांग्रेस में शह-मात का खेल
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा तलब किए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। वहीं आम आदमी पार्टी पर भी अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है। ऐसे में केजरीवाल के सामने इंडी गठबंधन में बने रहने की मजबूरी है। लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की एकता की पोल खुल गई है। केजरीवाल ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में अपने उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है। वहीं इंडी गठबंधन में रहने के लिए केजरीवाल कांग्रेस को खूब ब्लैकमेल कर रहे हैं। केजरीवाल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि हमारी तैयारी है। हम राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पूरी ताकत से लड़ेंगे।
#केजरीवाल वोट विभाजन के जरिए राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी की जीत की कहानी गढ़ने में मदद कर रहे हैं। इन तीनो राज्यों में कांग्रेस जीत का परचम लहराने जा रही है मगर आप पार्टी बी जे पी की मदद के लिए अपने उम्मीदवार उतार रही है मगर फिर भी बी जे पी को फायदा नही मिलेगा ? pic.twitter.com/dpohSPC9vC
— दिनेश जैन, अध्यक्ष हरी नगर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी (@dineshjain9650) October 9, 2023
कांग्रेस नेता ने AAP को बताया प्लेग और बीजेपी की बी टीम
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व को राष्ट्रीय स्तर पर केजरीवाल को साथ रखने में फायदा दिख रहा है। लेकिन राज्य स्तर के नेता केजरीवाल से गठबंधन करने के खिलाफ है। पंजाब में कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच के अविश्वास को और बढ़ा दिया है। ऐसे में कांग्रेस और आप के बीच शह और मात का खेल चल रहा है। पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी को प्लेग और बीजेपी की बी टीम बताते हुए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम इस प्लेग से दूर रहना चाहते हैं। ये प्लेग है। इससे जितना दूर रहोंगे उतना ही अच्छा है। मैंने पार्टी हाईकमान को क्लियर कट कहा है। हमारे साथियों ने कहा कि ये बीजेपी की बी टीम है। ये आदमी बेसिकली अपोजिशन में इसलिए छोड़ा गया है कि अपोजिशन का वन टू वन कॉन्टेस्ट नहीं हो। यहां तक कि बाजवा ने दावा किया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के 32 विधायक उनके संपर्क में हैं।
#EXCLUSIVE: ये कौन सा जहाज आता है जहाज की क्या कहानी है पंजाब में? देखिए, इस पर नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने क्यों कहा कि ‘अगर किसी दिन BJP का जहाज आ गया तो पहला पैसेंजर भगवंत मान होगा’@navikakumar के सवाल @Partap_Sbajwa के जवाब#AAP #Congress pic.twitter.com/llDmMneKgJ
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) September 28, 2023
सीपीएम, कांग्रेस, बीजेपी मिलकर ‘महाघट’बना रहे हैं, मैं उसे तोड़ दूंगी- ममता
इंडी गठबंधन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल है। लेकिन पश्चिम बंगाल में वो सीपीएम और कांग्रेस से दूरी बनाए रखना चाहती है। इंडी गठबंधन के गठन के कुछ ही दिन बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि सीपीएम, कांग्रेस, बीजेपी की विदाई कीजिए और जोड़ा फूल बटन दबाइए। ये तीनों एकजुट हुए हैं। दिल्ली में बीजेपी के विरुद्ध हम लोग महाजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। ये तीनों मिलकर ‘महाघट’बना रहे हैं, लेकिन मैं उसे तोड़ दूंगी। महाजुट दिल्ली में होगा और यहां बंगाल का हम संभाल लेंगे। ये याद रखिएगा।
2019 की तरह 2023 में भी घटक दलों को धोखा देगी कांग्रेस
कांग्रेस एक रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को टाल रही है। उसकी नजर तीन राज्यों के नतीजों पर हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में उसकी जीत होने पर सीट शेयरिंग में उसका दबदबा हो सकता है। 2018 में भी कांग्रेस ने ऐसा ही किया था। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले खबरें फैला दीं कि प्रधानमंत्री मोदी को रोकने के लिए कांग्रेस मायावती या ममता बनर्जी को भी प्रधानमंत्री के लिए समर्थन दे सकती है। लेकिन जैसे ही कांग्रेस की तीन राज्यों में सरकार बनी। कांग्रेस पलट गई और 2019 में अकेले दम पर सत्ता में आने की कवायद शुरू कर दी। सहयोगी दलों को ठेंगा दिखा दिया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी कल्याणकारी नीतियों की वजह से भारत मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। जनता प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार मौका देने का मूड बना चुकी है, इससे कांग्रेस और तमाम विपक्षी दलों के सामने अस्तित्व बचाने की चुनौती है। अपना अस्तित्व बचाने के लिए एक-दूसरे को धोखा देने वाले दल इंडी गठबंधन के बैनर तले एकत्रित हुए हैं। इनका असली और आखिरी मकसद सिर्फ जनता को धोखा देना है।