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नया भारत अब इतिहास ही रचेगा! दुनिया में सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर ‘यशोभूमि’ अब दिल्ली में, कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का हब बनेगा भारत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश नित नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। पीएम मोदी ने देशवासियों में ऐसा आत्मविश्वास जगाया है कि अब वे छोटी सफलताओं से खुश नहीं होते। अब वे बड़ा ही करना चाहते हैं। पीएम मोदी भी लगातार उनके सामने प्रेरणा के लिए एक के बाद एक उदाहरण पेश कर रहे हैं और भारत के सामर्थ्य से परिचित करा रहे हैं। यही वजह है कि भारत के नाम नए-नए रिकार्ड दर्ज हो रहे हैं। पीएम ने 17 सितंबर को विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर ‘यशोभूमि’ राष्ट्र को समर्पित किया। यह एशिया का तो सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर है ही साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर है। पीएम मोदी के विजन से भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गई और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। यह पीएम मोदी की प्रेरणा से दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफार्म, सबसे ऊंची प्रतिमा, सबसे लंबी हाईवे टनल, सबसे ऊंचा रेल ब्रिज, सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट, सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग और दुनिया के बड़े कन्वेंशन सेंटरों में से एक भारत मंडपम का रिकार्ड भारत के नाम दर्ज हो चुका है।

यशोभूमि में एक साथ 11 हजार लोगों के बैठने की क्षमता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के खास मौके और विश्वकर्मा जयंती (17 सितंबर) के अवसर पर पर देश को ‘यशोभूमि’ की सौगात दी। दुनिया के सबसे बड़े कन्वेंशन सेंटरों में से एक 2020 एकड़ में फैली है। यशोभूमि का पहला फेज बनकर तैयार हो गया है और आगे का काम चल रहा है। जब यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा तो इसमें एक साथ 11 हजार लोगों के बैठने की क्षमता होगी। इसका मुख्य सभागार 73 हजार वर्ग मीटर में बना हुआ है। साथ ही अनोखी पंखुड़ी वाला अनोखा वॉलरूम भी बना हुआ है। यशोभूमि प्रोजेक्ट 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बनाया जा रहा है। यह सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर और एक्सपो सेंटर होगा।

मुख्य सभागार में 6 हजार मेहमानों के बैठने की क्षमता
कन्वेंशन सेंटर मुख्य सभागार का पूर्ण हॉल है। इसमें एक साथ 6 हजार मेहमानों के बैठके की क्षमता है। यह ऑडिटोरियम में बैठने के नए और ऑटोमेटिक सिस्टम में से एक है। यहां पर लकड़ी का फर्श बनाया गया है। वहीं ग्रैंड बॉलरूम में करीब 2,500 मेहमानों के बैठने की क्षमता है। यहां पर खुला एरिया भी है, जहां 500 लोग बैठ सकते हैं। इन कन्वेंशन सेंटर की आठ मंजिलों में 13 बैठक रूम शामिल हैं जहां पर बड़ी से बड़ी बैठकें आयोजित की जा सकेंगी। ऑडिटोरियम के भीतर वुडेन फ्लोरिंग और शानदार वॉल पैनल यहां आने वाले मेहमानों को वर्ल्डक्लाश एक्सपीरिएंस कराएंगे।

यशोभूमि में होंगे 15 कन्वेंशन रूम
यशोभूमि प्रोजेक्ट 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बनाया जा रहा है। वहीं बना हुआ क्षेत्र 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक होगा। यह सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर और एक्सपो सेंटर होगा। इसमें बैठकें, सम्मेलन और प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी। 73 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा जगह में बने कन्वेंशन सेंटर में मेन हॉल, ग्रैंड बॉलरूम समेत 15 कन्वेंशन रूम और 13 मीटिंग रूम शामिल हैं। जब यह बनकर तैयार हो जाएगा तो इस कन्वेंशन सेंटर में एक साथ 11,000 लोग आसानी से बैठ सकेंगे।

भारत खुद को ‘कॉन्फ्रेंस टूरिज्म’ के लिए तैयार कर रहा: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का नया भारत खुद को ‘कॉन्फ्रेंस टूरिज्म’ के लिए भी तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि ‘भारत मंडपम’ और ‘यशोभूमि’ भारत के आतिथ्य, श्रेष्ठता और इसकी भव्यता के प्रतीक बनेंगे, क्योंकि दोनों में ही भारतीय संस्कृति और अत्याधुनिक सुविधाओं का संगम है। पीएम मोदी ने फिल्म और टेलीविजन उद्योग के साथ-साथ वैश्विक इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को भारत मंडपम और नवनिर्मित यशोभूमि में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि ‘कॉन्फ्रेंस टूरिज्म’ पूरी दुनिया में 25 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का उद्योग है और हर साल दुनिया में हजारों की संख्या में प्रदर्शनियां लगती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बहुत बड़ा बाजार है कॉन्फ्रेंस टूरिज्म। इसके लिए आने वाले लोग एक सामान्य पर्यटक की अपेक्षा कई गुना ज्यादा पैसा खर्च करते हैं। इतनी बड़ी इंडस्ट्री में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ एक प्रतिशत है। भारत की अन्य बड़ी कंपनियां हर साल अपने बड़े कार्यक्रम करने के लिए विदेश जाने के लिए मजबूर हो जाती हैं।’’

कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का हब बनेगा भारत
पीएम मोदी के विजन से भारत जल्द ही कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का हब बन जाएगा। देश यशोभूमि और भारत मंडपम जैसे विश्वस्तरीय कॉन्फ्रेंस सेंटर बन जाने से यह उम्मीद की जा सकती है कि जिनेवा इंटरनेशल मोटर शो या बार्सिलोना मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस जैसे इंटरनेशनल एग्जीबिशन भारत में भी हो सकेंगे। दुनियाभर की टेक और ऑटो कंपनियां अपने प्रोडक्ट शोकेस करने के लिए कई कांफ्रेंस करती हैं और इन इवेंट्स की पॉपुलैरिटी भी काफी ज्यादा और दुनियाभर के लोग इसमें शिरकत करने के लिए पहुंचते हैं। स्विट्जरलैंड के दावासे में हर साल ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम’ की मीटिंग होती है, जिसमें दुनियाभर के बिजनेसमैन और वर्ल्ड लीडर्स हिस्सा लेने पहुंचते हैं। ये भी ‘कॉन्फ्रेंस टूरिज्म’ का ही हिस्सा है। हाल में भारत ने जी20 की अध्यक्षता की है, इसने भी भारत में कॉन्फ्रेंस टूरिज्म को बढ़ाने का काम किया है। जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत में 220 से ज्यादा मीटिंग हुईं और दुनियाभर के कई देशों से अधिकारी, डेलीगेशन इनमें हिस्सा लेने भारत आए।

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत किस तरह एक के बाद एक रिकार्ड कायम कर रहा है उस पर एक नजर-

दुनिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को नई दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर ‘यशोभूमि’ का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित किया। यह दुनिया के सबसे बड़े कन्वेशन सेंटर में से एक है। इसकी लागत लगभग 5400 करोड़ रुपये है और यह 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक जमीन पर बना है। यशोभूमि में एक भव्य कन्वेंशन सेंटर, कई प्रदर्शनी हॉल और अन्य सुविधाएं हैं जो विश्वस्तरीय हैं और दुनिया के किसी भी देश के कन्वेंशन सेंटर से टक्कर ले सकते हैं। इसमें 11000 प्रतिनिधियों से अधिक की बैठने की क्षमता है। कन्वेंशन सेंटर के साथ इसमें 15 सम्मेलन कक्ष, ग्रैंड बॉलरूम और 13 बैठक कक्ष भी शामिल हैं। यह सीधा दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो लाइन से भी जुड़ा हुआ है और पीएम ने यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 तक दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का भी उद्घाटन किया। यह दुनिया के सबसे बड़े MICE (मीटिंग्स, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) सेंटर्स में से एक है और इसके बनने के साथ ही वैश्विक स्तर पर मीटिंग, प्रदर्शनी और कन्वेंशन में अब सहायता मिलेगी।

भारत मंडपम में नटराज की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा
भारत मंडपम में लगाई गई नटराज की यह मूर्ति दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसकी ऊंचाई 27 फीट और चौड़ाई 21 फीट है। वहीं इस मूर्ति का वजन लगभग 18 टन है। इस मूर्ति को लॉस्ट वैक्स तकनीक के माध्यम से अष्टधातु से बनाया गया है। इस मूर्ति का निर्माण श्री राधाकृष्णण की अगुआई में शिल्प शास्त्र में लिखे गए सभी नियमों और सिद्धातों का पालन करते हुए किया गया है। इस प्रतिमा को जिस लॉस्ट वैक्स तकनीक के माध्यम से बनाया गया है, उसका पालन चोल काल से किया जा रहा है। शिव नटराज की यह मूर्ति अनंत शक्ति का प्रतीक है। ईश्वर का यह स्वरूप धर्म, दर्शन, कला, शिल्प और विज्ञान का समन्वय है।

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना भारत
चंद्रयान-3 14 जुलाई 2023 को 41 दिन की चंद्रमा की यात्रा पर रवाना हुआ था और 23 अगस्त 2023 को इसने सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इसके साथ ही चंद्रमा की सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। भारत से पहले चांद पर पूर्ववर्ती सोवियत संघ, अमेरिका और चीन ही सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर पाए हैं। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इनमें से कोई भी देश चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ नहीं कर पाया है, और अब भारत के नाम इस उपलब्धि को हासिल करने का रिकॉर्ड हो गया है। 4 साल में भारत के दूसरे प्रयास में चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर ‘विक्रम’ ने 26 किलोग्राम के रोवर ‘प्रज्ञान’ के साथ योजना के मुताबिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की। इस तरह इस टेक्नोलॉजी में भारत ने महारत हासिल कर ली और इसको लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है।

भारत मंडपम दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल
दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत का ITPO कॉम्प्लेक्स भारत मंडपम दुनिया के टॉप 10 कन्वेंशन कॉम्प्लेक्स में शामिल हो गया है। यह जर्मनी के हनोवर एग्जीबिशन सेंटर और शंघाई के नेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर को टक्कर देता है। यह कॉम्प्लेक्स ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक सिडनी ओपेरा हाउस से अधिक बड़ा है। ओपेरा हाउस में जहां तकरीबन 5,500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है वहीं ITPO कॉम्प्लेक्स में 7,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। इस तरह यह जर्मनी के हनोवर एग्जीबिशन सेंटर और शंघाई के नेशनल एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर को टक्कर देता है। इस कन्वेंशन सेंटर को वैश्विक पैमाने पर बड़े सम्मेलन, अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उपयुक्त स्थान बनाती है। प्रदर्शनी सभागारों में उत्पाद, नवोन्मेष और नये विचारों का प्रदर्शन करने के लिए यह आधुनिक स्थल हैं।

सूरत की डायमंड एक्सचेंज दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग
गुजरात का सूरत शहर वैसे तो अपने डायमंड कारोबार के लिए जाना जाता है लेकिन अब सूरत के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। सूरत में चार साल में तैयार हुए सबसे बड़े डायमंड एक्सचेंज के ऑफिस ने अमेरिका के पेंटागन की बिल्डिंग को पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका के पेंटागन को अभी तक दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग माना जाता था। यानि कि इस बिल्डिंग में सबसे ज्यादा कर्मचारी एक साथ काम करते थे लेकिन अब सूरत के डायमंड एक्सचेंज को ये तमगा मिला है। पेंटागन को पीछे छोड़कर डायमंड एक्सचेंज की बिल्डिंग दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग बन गई है।

हुबली स्टेशन पर दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म
दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे प्लेटफार्म भारत के कर्नाटक राज्य के हुबली में है, जिसकी कुल लम्बाई 1,505 मीटर है। इससे पहले उत्तरप्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म था जिसकी लंबाई 1366.33 मीटर है लेकिन अब यह प्लेटफार्म दूसरे नंबर पर आ गया है। हुबली रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 8 दुनिया का सबसे लंबा रेलवे प्लेटफॉर्म है। इसकी लंबाई 1507 मीटर है। यानी यह डेढ़ किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा है। पीएम मोदी ने 12 मार्च 2023 को इस प्लेटफॉर्म को देश को समर्पित किया है। इस रेलवे स्टेशन का पूरा नाम सिद्धारूढ़ स्वामीजी हुबली स्टेशन है। कर्नाटक के हुबली रेलवे स्टेशन का नाम दुनिया के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफॉर्म के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में दर्ज हो गया है। यह भारतीय रेलवे में दक्षिण-पश्चिम रेलवे जोन का जंक्शन है। पीएम मोदी ने इस पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन को देश को समर्पित किया है।

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’
देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में तैयार 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे विशालकाय प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का 31 अक्टूबर 2018 को अनावरण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर इसका अनावरण किया। खास बात ये है कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के अनावरण के लिए देशभर की 30 छोटी-बड़ी नदियों का जल लाया गया था, जिसमें गंगा, यमुना, सरस्वती, सिंधु, कावेरी, नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी और ब्रह्मपुत्र आदि शामिल हैं। पीएम मोदी ने इन्हीं 30 नदियों के जल से प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक किया। इस दौरान 30 ब्राह्मणों ने मंत्रों का जाप भी किया। मूर्ति के निर्माण में 70,000 टन सीमेंट, 18,500 टन मजबूत लोहा, 6,000 टन स्टील और 1,700 मीट्रिक टन कांसे का प्रयोग किया गया है।

विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम, नरेंद्र मोदी स्टेडियम
विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम है। इसका उद्घाटन 2020 में किया गया और इसमें 1,32,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है, जो दुनिया के किसी भी क्रिकेट स्टेडियम की तुलना में सबसे अधिक है। यह भारत का सबसे बड़ा स्टेडियम है। नरेन्द्र मोदी स्टेडियम को 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है जो कि 63 एकड़ पर फैला एक विशाल मैदान है। इस मैदान में 76 कार्पोरेट बॉक्स, 4 ड्रेसिंग रूम के अलावा 3 प्रेक्टिस ग्राउंड भी बनाया गए हैं। एक साथ 4 ड्रेसिंग रूम वाला यह दुनिया का पहला स्टेडियम हैं, बारिश का पानी को बाहर निकलने के लिए यहां आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया हैं, जिसके चलते यहां बारिश बंद होने के आधे घंटे के भीतर मैच मैच शुरू किया जा सकता है।

विश्व की सबसे लंबी सुरंग- अटल सुरंग
अटल सुरंग 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी सुरंग है। यह टनल मनाली को लेह से जोड़ती है। यह सुरंग मनाली और लेह के बीच की दूरी को 46 किलोमीटर तक कम करती है और यात्रा के समय को भी 4 से 5 घंटे कम कर देती है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जो कि मनाली को पूरे साल लाहौल-स्पीति घाटी से जोड़े रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सुरंग को समुद्र तल से 3,000 मीटर (10,000 फीट) की ऊंचाई पर हिमालय की पीर पंजाल श्रेणी में आधुनिक तकनीक के साथ बनाया गया है। टनल के भीतर सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है। यह करीब 10.5 मीटर चौड़ी और 5.52 मीटर ऊंची है। पीएम मोदी ने 3 अक्टूबर 2020 को किया इसका उद्घाटन किया था। यह देश की पहली ऐसी सुरंग है जिसमें मुख्य सुरंग के भीतर ही बचाव सुरंग बनाई गई है। दुनिया की सबसे लंबी अटल सुरंग को आधिकारिक तौर पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा 10 हजार फीट से ऊपर दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग’ के रूप में प्रमाणित किया गया है।

चिनाब रेल आर्क पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल
चिनाब रेल पुल आर्क पुल की कैटेगरी में यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है। चिनाब नदी पर बना रेलवे ब्रिज 3 किलोमीटर लंबा और 1,178 मीटर ऊंचा है। जम्मू कश्मीर के दो हिस्सों को जोड़ते इस पुल का एक हिस्सा रेयासी (Reasi) और दूसरा हिस्सा बक्कल, उधमपुर में है। यह पुल पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। चेनाब रेल पुल नदी तल से 359 मीटर ऊंचा है। बादलों के ऊपर और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच शान से खड़ा यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बहने वाले हवा का भी मुकाबला कर सकता है। इस पुल को इस तरह बनाया गया है कि अगर रिक्टर स्केल पर 8 की तीव्रता से भी भूकंप आए तो इसका बाल भी बांका नहीं होने वाला। निर्माण कंपनी का दावा है कि यह पुल करीब 120 साल तक खड़ा रह सकता है। इस पुल पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है। चिनाब रेलवे पुल में कुल 17 पिलर हैं। इसमें 28,660 मिट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है।

दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्‍लांट ओंकारेश्‍वर डैम पर
मध्य प्रदेश में दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बन रहा है। यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्‍लांट ओंकारेश्वर डैम पर बनाया जा रहा है। दुनिया में अब तक केवल 10 फ्लोटिंग पावर प्लांट हैं। ओंकारेश्वर दुनिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट है, इसकी सबसे बड़ी खासियतों में से एक ये भी है कि इसको बनाने में कोई विस्थापन नहीं होगा। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट की ये परियोजना 600 मेगावाट क्षमता की होगी। पहले चरण में 278 मेगावॉट का प्रोजेक्ट है। परियोजना का निर्माण दो चरणों में हो रहा है। इस पावर प्लांट से 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा। इस परियोजना में नर्मदा नदी के बैक वाटर पर करीब 2 हजार हेक्टेयर में सोलर पैनल्स लगेंगे। हर साल करीब 1200 मिलियन यूनिट सोलर बिजली का उत्पादन होगा। इस प्लांट से बिजली के अलावा कई फायदे होंगे। भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होगी उतना पानी बच जाएगा।

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