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पीएम मोदी ने बताया एक वोट का महत्व, जनता हुई जागरूक, अब चुनाव में खेल बिगाड़ने वाले दलों की अहमियत घटी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनेक सभाओं में लोगों को एक वोट की ताकत का महत्व बताते रहे हैं। एक वोट की ताकत से ही देशवासियों ने 2014 में देश की बागडोर पीएम मोदी के हाथों में सौंपा। एक वोट की ताकत से ही देश आज अतुलनीय विकास के कार्य देख रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में देश ने विकास के जो नए आयाम देखे हैं उससे वह देशवासियों के दिल में बस गए हैं। यही वजह है कि पीएम मोदी कोई भी आह्वान करते हैं तो जनता पर उसका खासा असर होता है। उनके एक वोट की ताकत पहचानने के आह्वान का भी देश के मतदाताओं पर खासा असर हुआ है। पहले वोट कई छोटे-छोटे दलों में बंट जाते थे लेकिन अब जनता जागरूक हुई है और वह सचेत होकर वोट कर रही है। अब चुनावों में खेल बिगाड़ने वाले इन छोटे दलों की अहमियत कम होती जा रही है। यह पिछले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में देखने को मिला है। पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में 75 से 87 फीसदी वोट दो दलों को ही मिले हैं। पहले दो प्रमुख दलों को 70 प्रतिशत से कम ही वोट मिलते थे लेकिन अब यह स्थिति बदल गई है। यानि जनता अब देश हो या प्रदेश मजबूत सरकार चाहती है जो विकास के कार्य तेजी से कर सके।

पीएम मोदी ने बताया एक वोट की ताकत, जनता ने अपना लिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अनेक सभाओं में लोगों को एक वोट की ताकत का महत्व बताते रहे हैं। पीएम मोदी ने 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक वोट की ताकत के महत्व को बताते हुए कहा था कि आज भारत पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करता है, आज भारत आतंकियों को घर में घुसकर मारता है, आज भारत अंतरिक्ष में भी मिसाइल दाग सकता है। ये सब मोदी ने नहीं किया, ये सब आपके एक वोट की ताकत है।

पीएम मोदी ने कहा- आपका एक वोट राजस्थान को नंबर 1 बना सकता है
पीएम मोदी ने 5 अक्टूबर 2023 को जोधपुर की एक सभा में भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता को एक वोट की ताकत बताई। उन्होंने कहा कि राजस्थान को देश में नंबर वन मोदी नहीं वोट की ताकत बनाएगी। इस दौरान पीएम मोदी ने उपस्थित लोगों से पूछा कि राजस्थान को नंबर वन कौन बना सकता है। पंडाल में मौजूद कार्यकर्ताओं और जनता ने कहा कि मोदी-मोदी। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आपका जवाब गलत है। मोदी नहीं बना सकता है, आपका एक वोट बना सकता है। आपके वोट की ताकत से राजस्थान में भाजपा सरकार बनेगी और राजस्थान टूरिज्म में नंबर एक बनेगा। यह ताकत आपके वोट की है। आज जो आधुनिक सड़क, रेल लाइनों का नेटवर्क राजस्थान को मिला है। इस काम में और ज्यादा मदद मिलेगी। सड़क रेल और हवाई अड्डे से जुड़े प्रोजेक्ट भी मिले हैं।

पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा और टीएमसी को कुल 86 फीसदी वोट मिले
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में भाजपा ने अपनी सीटों में 25 गुना बढ़ोतरी दर्ज की है और 76 सीटों के साथ प्रमुख विपक्षी दल बन गई। निर्वाचन आयोग के डाटा के मुताबिक, कांग्रेस और वाम दलों के गढ़ में सेंध लगाने वाली भाजपा को 38.14 फीसदी मत मिले हैं, जबक 214 सीट पाने वाली ममता दीदी की तृणमूल कांग्रेस पर 47.93 फीसदी मतदाताओं ने विश्वास जताया है। यानि दो दलों को ही 86 प्रतिशत वोट मिले। इसी तरह है 2019 लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 40.7 फीसदी मत हासिल कर 18 सीट जीती थीं और 43.3 फीसदी मत पाने वाली टीएमसी की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी साबित हुई थी। जबकि मैदान में कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां भी थी।

कर्नाटक चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को मिले 80 प्रतिशत वोट
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में सरकार होने के बावजूद भले ही बीजेपी इस बार चुनाव हार गई लेकिन जनता की नजर में पार्टी का जलवा बरकरार रहा। बीजेपी का इस बार के चुनाव वोट प्रतिशत जस का तस रहा। पार्टी को मिले वोट परसेंटेज में कोई खास नुकसान नहीं हुआ है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी का कुल वोट प्रतिशत करीब 36 फीसदी है, जबकि पांच साल पहले साल 2018 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भी पार्टी का वोट प्रतिशत जीत के बावजूद 36.2 फीसदी था। ऐसे में इस बार बीजेपी को एक फीसदी से भी कम वोटों का नुकसान हुआ है जो कि न के बराबर है। वहीं कांग्रेस का वोट प्रतिशत 43.1 फीसदी रहा। इस तरह देखें तो दो प्रमुख दलों को 80 प्रतिशत वोट मिले। जबकि मैदान में जेडीएस और अन्य दूसरी पार्टियां भी थीं।

हिमाचल में बीजेपी और कांग्रेस को मिले 87 प्रतिशत वोट
हिमाचल विधासभा चुनाव 2022 में भाजपा को 42.9 प्रतिशत और कांग्रेस को 43.9 प्रतिशत वोट मिला था। इस तरह दो दलों को ही 87 प्रतिशत वोट मिले। जबकि यहां चुनाव मैदान में AAP, बीएसपी और अन्य छोटे दल भी थे। 2017 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 2022 में भाजपा को करीब 6 प्रतिशत वोट कम मिले, लेकिन कांग्रेस को बीजेपी के मुकाबले केवल एक प्रतिशत ही ज्यादा वोट मिला और वह सरकार बनाने में कामयाब रही।

गुजरात चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को 80 प्रतिशत वोट मिले
गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गुजरात में 52.5 प्रतिशत वोट और 157 सीट हासिल की। वहीं कांग्रेस 41.4 प्रतिशत से घटकर 27.3 प्रतिशत पर आ गई। वंशवाद, परिवारवाद, अकर्मण्य नेता व गैर जिम्मेदारना विपक्ष के कारण कांग्रेस की ये हालत हुई। AAP को 12 फीसदी वोट मिले। आप ने अपना वोट शेयर बढ़ाने के साथ कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाई है। यहां भी बीजेपी और कांग्रेस को 80 प्रतिशत वोट मिले। जबकि वहां AAP, बसपा सहित अन्य दल भी चुनाव लड़ रहे थे।

उप्र में बीजेपी और सपा को 75 प्रतिशत वोट मिले
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से 273 पर जीत हासिल की। वहीं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के खाते में 111 सीटें आई। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में फिर से सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी को कुल 41.29 प्रतिशत वोट हासिल हुए हैं। वहीं सूबे की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा को कुल 32.06 फीसदी मत हासिल हुए हैं। इस तरह दो दलों को 75 प्रतिशत वोट मिले। जबकि मैदान में कांग्रेस, बीएसपी और अन्य दल भी थे।

एक वोट से ही गिर गई थी अटल सरकार
अप्रैल, 1999 भारतीय इतिहास में एक अहम घटना के लिए दर्ज है। इसी दिन 13 महीने पुरानी अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ एक वोट से पास हुआ था। प्रस्ताव के पक्ष में 270 वोट पड़े थे और खिलाफ 269 वोट। इसके नतीजे में वाजपेयी सरकार गिर गई थी।

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