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प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरे कार्यकाल के पहले दिन सबसे पहले अन्नदाताओं को दिया तोहफा

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 9 जून को रिकॉर्ड तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद सोमवार, 10 जून को अपना कार्यभार संभाल लिया। कार्यभार संभालने के पहले दिन ही सबसे पहले उन्होंने देश के अन्नदाताओं को तोहफा दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय में पहले दिन उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि से जुड़ी फाइल पर दस्तखत किए। फाइल पर हस्ताक्षर करते ही देश के 9.3 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी कर दी गई। इसके जरिए करीब 20 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के खाते में डीबीटी से चले गए।

फाइल पर हस्ताक्षर करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देशभर के अपने किसान भाई-बहनों का जीवन आसान बनाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पहला काम उनके लिए ही करने का अवसर मिला है। इसके तहत पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त से जुड़ी फाइल पर हस्ताक्षर किया, जिसका लाभ देश के मेरे 9 करोड़ से ज्यादा अन्नदाताओं को होगा। आने वाले समय में हम किसानों के कल्याण और कृषि क्षेत्र के उत्थान के लिए निरंतर काम करते रहेंगे।

पीएम किसान सम्मान निधि में केंद्र सरकार की ओर से देश के अन्नदाताओं को हर साल 6,000 रुपये की मदद दी जाती है। मोदी सरकार ने इस योजना की शुरुआत 24 फरवरी, 2019 को की थी। इस पीएम किसान सम्मान निधि योजना में किसानों को साल में तीन बार दो-दो हजार रुपये दिए जाते हैं। यह सम्मान निधि डीबीटी के जरिए सीधे खाते में जाने से किसानों को किसी बिचौलिए के चक्कर में नहीं पड़ना पड़ता। मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की 16 किस्तों में अब तक 12 करोड़ 33 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को 3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रुपये उनके खाते में भेजे जा चुके हैं।

पीएम किसान सम्मान निधि की रुपया डीबीटी के माध्यम से सीधे किसान के खाते में डाला जाता है। इस योजना की एक सबसे महत्‍वपूर्ण बात है क‍ि इसमें कोई बिचौलिया नहीं होता हैं। सरकार जो भी रुपये देती वो सीधा किसान को मिलता है। सभी किस्तों का भुगतान लाभार्थियों को केवल आधार प्रमाणीकृत बैंक डेटा के आधार पर ही किया जा रहा है ताकि वास्तविक लाभार्थियों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ दोहरे भुगतान से बचा जा सके।

कैसे और किसे मिलेंगे 6000 रुपये
योजना के तहत एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर को लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही खेती करते हो तो भी उन्हें इस स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा। सेंट्रल और राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी इसका फायदा नहीं मिलेगा। पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा। पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले किसान इस लाभ से वंचित होंगे। हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार के मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।

सभी छोटे-बड़े सीमांत किसान योजना के पात्र
शुरू में इस योजना के तहत सिर्फ उन छोटे किसानों को लाभ मिलना था, जिनके पास दो एकड़ या इससे कम खेत हैं। हालांकि बाद में 01 जून, 2019 से इसके दायरे को विस्तारित करते हुए देश के सभी खेतीहर किसान परिवारों को इसमें शामिल किया गया। अब देश के सभी किसान जिनके पास 1 से 5 हेक्टेयर तक खेती की जमीन है वह इस योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए और योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र है। योजना के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जहां भूमि स्वामित्व के अधिकार समुदाय आधारित हैं, वन निवासी और झारखंड, जिनके पास भूमि के अद्यतन रिकॉर्ड और भूमि हस्तांतरण पर प्रतिबंध नहीं है।

ग्रामीण क्षेत्रों में क्रय-शक्ति में बढ़ोतरी 
प्रत्येक किसान को 6 हजार रुपये मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में तत्काल क्रय-शक्ति में बढ़ोतरी हुई और खर्च बढ़ने से मांग बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस धन के अतिरिक्त प्रवाह का अर्थव्यवस्था पर एक गुणक प्रभाव पड़ा है, जिससे अर्थव्यवस्था को तीव्र गति से बढ़ाने में मदद मिली है। इस प्रकार से पीएम-किसान पर खर्च की गई अतिरिक्त धनराशि बढ़े हुए टैक्स के रूप में सरकार के पास वापस आ सकती है। इससे राजकोषीय घाटा को कम करने में मदद मिल सकती है। 

पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना होगा साकार 
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से ग्रामीण आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा मिला है। पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का सपना ग्रामीण भारत में बसने वाली 70 प्रतिशत आबादी के आर्थिक सशक्तीकरण से ही संभव है। मोदी सरकार ग्रामीण इलाकों में आय बढ़ाने पर फोकस कर रही है। ऐसा होने से खर्च में बढ़ोतरी होगी। मनरेगा और ग्रामीण इलाकों में निर्माण गतिविधियां बढ़ायी जा रही है। इसके अलावा मौजूदा योजनाओं को ज्यादा प्रभावी बनाने पर जोर दिया जा रहा है। पीएम किसान सम्मान निधि पर खर्च बढ़ाने का विकल्प भी खुला है।

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