Home समाचार बीजेपी को वोट नहीं देना है, लेकिन सरकार में मुस्लिम मंत्री चाहिए!

बीजेपी को वोट नहीं देना है, लेकिन सरकार में मुस्लिम मंत्री चाहिए!

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नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है और उनके साथ-साथ 71 सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। इन 71 मंत्रियों में से 30 ने कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले और 36 ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है। इनमें 27 ओबीसी से हैं, 10 एससी वर्ग से आते हैं, तीन आदिवासी और सात महिलाओं को भी मंत्री बनाया गया है। सबसे अधिक प्रतिनिधित्व ओबीसी को मिला है। मोदी सरकार के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं और अब एक नया रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया है। आजादी के बाद यह पहली सरकार है जिसमें कोई मुस्लिम मंत्री नहीं है। यह एक तथ्य है कि इस बार एनडीए से कोई भी मुस्लिम जीतकर संसद नहीं पहुंचा है लेकिन मोदी सरकार में मुस्लिम मंत्री नहीं होने से लेफ्ट लिबरल और खान मार्केट गैंग को मिर्ची लग गई है। ये वही लोग हैं जो इजरायस-फिलिस्तीन युद्ध में गाजा के लिए तो हमदर्दी जताते हैं लेकिन अपने ही देश में जम्मू-कश्मीर के रियासी में इस्लामी आतंकवादियों द्वारा निर्दोष हिंदुओं के मारे जाने पर चुप्पी साध लेते हैं। इस तरह उनका दोहरा चरित्र उजागर होता रहता है लेकिन शर्म इनको मगर नहीं आती!

वोट नहीं देंगे, लेकिन मंत्रालय चाहिए
लेफ्ट लिबरल और खान मार्केट गैंग हर वक्त उस समुदाय के बचाव में खड़ा हो जाता है जो कहता है कि हम टैक्स नहीं देंगे लेकिन हमें खटाखट 8500 चाहिए। हम वोट नहीं देंगे, लेकिन हमें मंत्रालय चाहिए। हम अंगदान नहीं करेंगे लेकिन हम अंग प्राप्त करना चाहते हैं। हम परिवार नियोजन नहीं करेंगे लेकिन हमें नौकरी चाहिए। हमारा धार्मिक पर्सनल लॉ हैं लेकिन आपराधिक कानून धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए। इससे समझा जा सकता है कि कोई इतना बेशर्म कैसे हो सकता है?

मोदी समर्थक मुस्लिमों का जीना मुहाल कर देते हैं खान मार्केट गैंग
यही नहीं, अगर कोई मुसलमान मोदी समर्थक बन जाए या बीजेपी उसे किसी अच्छे पद की जिम्मेदारी सौंपे तो ये लेफ्ट लिबरल उसकी धज्जियां उड़ाने में भी कोर-कसर नहीं छोड़ते। इन लोगों का इतिहास उन मुसलमानों पर हमला करने का है जो भाजपा समर्थक हैं। वे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से नफरत करते हैं। अगर कोई मोदी विरोधी से मोदी प्रशंसक बन जाए तो ये उनका जीना मुहाल कर देते हैं। शेहला रशीद जैसे कई नाम हैं जो पीएम मोदी के विकास कार्य से प्रभावित होकर मोदी प्रशंसक बन गए लेकिन खान मार्केट गैंग ने ट्रोल करके उसे नीचा दिखाने का कोई प्रयास नहीं छोड़ा। शेहला रशीद इसका ताजा उदाहरण है। जब वो मोदी की नीतियों की प्रशंसक बनी हैं उन्हें लगातार ट्रोल किया जाता है।

आरफा खानम शेरवानी: आरफा खानम ने पीएम मोदी के शपथ समारोह में शामिल होने के लिए शाहरुख पर हमला बोला। उन्होंने पहले शाहरुख खान की फोटो के साथ ट्वीट किया- ”ऐसी क्या मजबूरी थी।” लेकिन असल में उनका दर्द कुछ और कारण से ही था कि वहां कोई मुस्लिम मंत्री नहीं है।

राजदीप सरदेसाईः राजदीप ने लिखा- 72 सदस्यीय मंत्रिपरिषद में हर जाति, समुदाय, राज्य का व्यापक प्रतिनिधित्व है, जिसमें 7 पूर्व सीएम अनुभव भी है। बस एक पहलू गायब है: एक बार फिर मंत्री पद की सूची में एक भी मुस्लिम नहीं है। सच तो यह है कि पिछले दशक में भारतीय मुसलमानों को राजनीतिक रूप से ‘अदृश्य’ कर दिया गया है।

सबा नकवी: मुस्लिम मंत्री को लेकर पत्रकार सबा नकवी ने भी मोदी सरकार को सलाह दे डाली। उन्होंने कहा कि जैसा कि मोदी सरकार ने गैर-निर्वाचित लोगों को कैबिनेट में शामिल करके ईसाई और सिखों को प्रतिनिधित्व दिया है। मोदी शासन के लिए भारत की आबादी का 14 प्रतिशत मुस्लिम को शामिल करना अच्छा होगा।

मदरसों में फैलाया जा रहा हिंदू त्योहारों के प्रति नफरत
मदरसों में एक तरफ हिंदू त्योहारों के प्रति नफरत फैलाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ तथाकथित सेक्युलर गैंग सरकार में मुस्लिम मंत्री की मांग कर रहा है। नीचे वीडियो में देखिए किस तरह छोटे-छोटे बच्चों के मन में हिंदू त्योहारों के प्रति नफरत का भाव भरा जा रहा है। इसी तरह के पाठ से बच्चों के मन में कट्टरता का भाव भर जाता है।

एनडीए से कोई भी मुस्लिम जीतकर संसद नहीं पहुंचा
2024 में एनडीए के किसी भी सहयोगी दल से कोई भी मुस्लिम जीतकर संसद नहीं पहुंचा है। जेडीयू, टीडीपी और एलजेपी से कोई भी मुस्लिम न ही लोकसभा सदस्य है और न ही राज्यसभा सांसद। गुलाम अली खटाना मनोनीत राज्यसभा सांसद हैं, जो जम्मू-कश्मीर से आते हैं और बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। आजादी के बाद पहली सरकार है, जिसमें कोई भी मुस्लिम मंत्री शामिल नहीं है।

आजादी के बाद पहली सरकार जिसमें मुस्लिम मंत्री नहीं
मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल आजादी के बाद पहली सरकार है जिसके मंत्रिमंडल में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व शून्य है। हालांकि शून्य प्रतिनिधित्व का सिलसिला जुलाई 2022 से जारी है, जब सरकार के इकलौते मुस्लिम मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने के कारण उच्च सदन में नहीं पहुंच सके थे।

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 3 मुस्लिम मंत्री
मोदी सरकार में मुस्लिम प्रतिनिधित्व का सिलसिला तीन से शुरू हो कर अब शून्य पर अटक गया है। पहले कार्यकाल में मोदी मंत्रिमंडल में नजमा हेपतुल्ला, एमजे अकबर और नकवी के रूप में तीन मुसलमानों का प्रतिनिधित्व था। हालांकि इसी कार्यकाल में मी टू अभियान के निशाने पर आए अकबर को मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा तो हेपतुल्ला के राज्यपाल बनने के बाद नकवी के रूप में मुसलमानों का इकलौता प्रतिनिधित्व रह गया था।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 1 मुस्लिम मंत्री
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मुख्तार अब्बास नकवी मंत्रिमंडल में मुसलमानों के इकलौते प्रतिनिधि थे। हालांकि जुलाई 2022 में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रहते नकवी का राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो गया। दोबारा टिकट नहीं मिलने के कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और इसके साथ ही मोदी मंत्रिमंडल में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व शून्य हो गया।

मोदी सरकार में सबसे ज्यादा ओबीसी मंत्री बनाए गए हैं। मंत्रियों के बारे में जानकारी… 

मोदी सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय से 5 मंत्री बनाए गए
मोदी सरकार में 5 अल्पसंख्यक समुदाय से मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें किरेन रिजिजू और हरदीप पुरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। रवनीत सिंह बिट्टू, जॉर्ज कुरियन और रामदास अठावले राज्यमंत्री है। रिजिजू और कुरियन ईसाई समुदाय से हैं तो हरदीप पुरी और बिट्टू सिख समुदाय से हैं। रामदास अठावले बौद्ध धर्म से हैं। इस तरह मंत्रिमंडल में कोई मुस्लिम नहीं है।

मोदी सरकार में 21 सवर्ण मंत्री
मोदी सरकार में 21 सवर्ण मंत्री शामिल किए गए हैं। इनमें अमित शाह, एस जयशंकर, मनसुख मांडविया, राजनाथ सिंह, जितिन प्रसाद, जयंत चौधरी, धर्मेन्‍द्र प्रधान, रवणीत बिट्टू, नितिन गड़करी, पीयूष गोयल, मनोहर लाल खट्टर, जितेंद्र सिंह, गजेंद सिंह शेखावत, संजय सेठ, राम मोहन नायडू, सुकांत मजूमदार, प्रह्लाद जोशी, जे पी नड्डा, गिरिराज सिंह, ललन सिंह, सतीश चंद्र दुबे शामिल हैं।

मोदी सरकार में 27 ओबीसी मंत्री
मोदी सरकार में 27 ओबीसी मंत्री शामिल किए गए हैं। इनमें सीआर पाटिल, पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल, बीएल वर्मा, रक्षा खड़से, प्रताप राव जाधव, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, भूपेंद्र यादव, भगीरथ चौधरी, अन्नपूर्णा देवी, शोभा करंदलाजे, एचडी कुमारस्वामी, नित्यानन्द राय शामिल हैं।

मोदी सरकार में 10 दलित मंत्री
मोदी सरकार में 10 दलित मंत्री शामिल किए गए हैं। इनमें एस पी बघेल, कमलेश पासवान, अजय टम्टा, रामदास आठवले, वीरेंद्र कुमार, सावित्री ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल, चिराग़ पासवान, जीतन राम मांझी, रामनाथ ठाकुर शामिल हैं।

मोदी सरकार में 3 आदिवासी मंत्री
मोदी सरकार में 3 आदिवासी मंत्री शामिल किए गए हैं। इनमें जुएल ओराम, श्रीपद येसो नाइक, सर्वानंद सोनोवाल शामिल हैं।

राममोहन नायडू सबसे युवा मंत्री
मोदी की मंत्रिपरिषद में शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल, एचडी कुमारस्वामी और जीतन राम मांझी जैसे पूर्व मुख्यमंत्रियों को जगह दी गई। टीडीपी के राममोहन नायडू (36) सबसे युवा कैबिनेट मंत्री हैं। 71 में से 33 नेताओं ने पहली बार केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली है।

चुनाव हारने वालों को भी जगह
लुधियाना से लोकसभा चुनाव हारने वाले रवनीत सिंह बिट्टू और तमिलनाडु की नीलगिरि लोकसभा सीट से चुनाव हार चुके एल मुरुगन को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है।

इन महिला नेताओं को मंत्रिपरिषद में मिली जगह
मंत्रिपरिषद में सात महिलाओं को जगह मिली है। झारखंड के कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी को पदोन्नति मिली है। अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

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