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पीएम मोदी ने इंडिया एनर्जी फोरम को किया संबोधित, दुनिया के निवेशकों से भारत में निवेश का अह्वान किया

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंडिया एनर्जी फोरम को संबोधित किया। सम्मेलन में शामिल हुए दुनिया की दिग्गज तेल और गैस कंपनियों के सीईओ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एनर्जी को लेकर भारत का भविष्य बहुत ही शानदार रहने वाला है। इस क्षेत्र में भारत तेज गति के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत में एनर्जी खपत दोगुनी हो जाएगी और इसलिए भारतीय एनर्जी मार्केट को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में दुनियाभर के निवेशकों को क्लीन एनर्जी में निवेश का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनियाभर की बड़ी तेल कंपनियों को एनर्जी सेक्टर को लेकर विचार-विमर्श करने की जरूरत है और इसके लिए भारत हमेशा सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत तीसरा बड़ा देश है, जहां डोमेस्टिक लेवल पर सबसे ज्यादा एनर्जी की खपत होती है। भारत वैश्विक तेल एवं गैस क्षेत्र में महत्वपूर्ण देश है। भारत कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।

पीएम मोदी ने कहा कि सबसे कम कार्बन उत्सर्जन के साथ हमारा ऊर्जा क्षेत्र विकास केंद्रित, उद्योग के अनुकूल और पर्यावरण के प्रति जागरूक होगा। यही कारण है कि भारत ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत को आगे बढ़ाने में सबसे सक्रिय देशों में से एक है। उन्होंने कहा कि पिछले छह सालों में 11 मिलियन से अधिक स्मार्ट एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं हैं। इससे प्रति वर्ष करीब 60 बिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत हुई है। इसके साथ ही अनुमानित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी सालाना 4.5 करोड़ टन CO2 है। इससे सालाना लगभग 24,000 करोड़ रुपये बच रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि हमने 2022 तक अक्षय ऊर्जा स्थापित क्षमता को 175 गीगावॉट बढ़ाने का लक्ष्य रखा था। अब हमने 2030 तक इस लक्ष्य को 450 गीगावॉट तक बढ़ा दिया है। भारत में बाकी औद्योगिक दुनिया की तुलना में सबसे कम कार्बन उत्सर्जन है। पीएम मोदी ने बताया कि 2025 तक हमारी शोधन क्षमता लगभग 250 से 400 एमएमटी प्रति वर्ष तक बढ़ जाएगी। घरेलू गैस का उत्पादन बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता भी रही है। हम ‘वन नेशन, वन गैस ग्रिड’ को प्राप्त करने और गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर शिफ्ट करने की योजना बना रहे हैं।

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