पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती 15 महीने तक नजरबंद रही। नजबंदी से रिहा होने के बाद जब वह बाहर आयीं, तो अपने बयानों से बगावती तेवर दिखाना शुरू कर दिया। यहां तक कि तिरंगे के अपमान को लेकर जो बयान दिया, उसकी पूरे देश में आलोचना हो रही है। इससे महबूबा चौतरफा घिर चुकी हैं। उनकी पार्टी के अंदर भी विरोध शुरू हो चुका है। उनके बयान से नाराज पीडीपी के तीन बड़े नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
पीडीपी नेता टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफ़ा ने नाराजगी जाहिर करते हुए महबूबा मुफ्ती को चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि पार्टी अपनी मूलधारा से भटक रही है। पीडीपी अलग रास्ते पर जा रही है। कोर आइडियोलॉजी से भटक रही है। इसलिए वो पार्टी से अलग होना चाहते हैं। महबूबा मुफ़्ती को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है, ‘ वे उनके (महबूबा मुफ्ती) कुछ कार्यों और बयानों पर विशेष रूप से असहज महसूस कर रहे हैं। जो देशभक्ति की भावनाओं को आहत करता है।’
PDP leaders TS Bajwa, Ved Mahajan & Hussain A Waffa resign from the party.
In a letter to party pres Mehbooba Mufti (in file pic) they state that they are ‘feeling quite uncomfortable over some of her actions and undesirable utterances specially which hurt patriotic sentiments’. pic.twitter.com/EsjoZn5geq
— ANI (@ANI) October 26, 2020
तिरंगे पर महबूबा मुफ्ती के बयान के बाद बीजेपी काफी आक्रामक है। उनके बयान के विरोध में बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर में आज एक्सेशन डे के मौके पर तिरंगा यात्रा का आयोजन किया। बीजेपी ने श्रीनगर से कुपवाड़ा तक तिरंगा यात्रा निकाली। इस दौरान बीजेपी के चार कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वे लाल चौक पर तिरंगा फहराने जा रहे थे। हालांकि बाद में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के दफ्तर जाकर कार्यकर्ताओं ने तिरंगा फहरा दिया। इसमें बीजेपी के अलावा अन्य संगठनों के भी कार्यकर्ता शामिल थे।
वहीं बीजेपी के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने कहा है कि ये तो अभी शुरुआत है। अभी आगे बहुत कुछ होने वाला है। गुप्ता ने कहा, ‘ये लोग (महबूबा मुफ्ती) पाकिस्तान के झंडे का सम्मान करते हैं लेकिन भारत के झंडे का अपमान करते हैं। ये लोग हमेशा पाकिस्तान का समर्थन करते थे। हवाला के जरिए इन्हें पैसे आता था लेकिन आज इनके पैसे आने बंद हो गए हैं। जिसके बाद इनकी बौखलाहट सामने आ गई है।’
दरअसल जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि वो कश्मीर के अलावा कोई झंडा नहीं उठाएंगी। मीडिया से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा था, “हम अनुच्छेद 370 वापस लेकर रहेंगे। जब तक ऐसा नहीं हो जाता, मैं कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगी। जिस वक्त हमारा ये झंडा (कश्मीर का झंडा) वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे। मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे। वो झंडा हमारे आईने का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है। उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है।”
यह पहला मौका नहीं है, जब महबूबा मुफ्ती ने तिरंगे को लेकर बयान दिया हो। इससे पहले मोदी सरकार को अनुच्छेद 370 हटाने की चुनौती देते हुए कहा था कि अनुच्छेद-370 हटने पर जम्मू-कश्मीर में तिरंगे को कंधा देने वाला कोई नहीं मिलेगा। मोदी सरकार ने इस चुनौती को खारिज करते हुए देश की एकता और अखंडता को बनाये रखने के लिए अनुच्छेद-370 को हटाने का फैसला लिया। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद 70 साल बाद एक देश, एक विधान और एक निशान का सपना साकार हो गया।