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प्रोपगैंडा करने वाले 6 यूट्यूब चैनलों पर बैन, 50 करोड़ से ज्यादा व्यूज के साथ फैला रहे थे फेक न्यूज

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और देश की छवि खराब करने वाले कुछ ताकतों का पर्दाफाश हुआ है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने वाले छह यूट्यूब चैनलों का भंडाफोड़ किया है। सरकार ने इन फेक न्यूज फैलाने वाले यूट्यूब चैनलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ब्लॉक कर दिया है। ये सभी यूट्यूब चैनल मिलकर देश के बारे में गलत जानकारी फैला रहे थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट ने इन चैनलों द्वारा फैलाई जा रही फर्जी खबरों का भंडाफोड़ किया है। पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट की यह इस तरह की दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले एक बड़ी कार्रवाई में, 20 दिसंबर, 2022 को यूनिट ने फर्जी समाचार फैलाने वाले तीन चैनलों का पर्दाफाश किया था।

ब्लॉक किए गए इन यूट्यूब चैनलों ने चुनाव आयोग, सुप्रीम कोर्ट और संसद की कार्यवाही, भारत सरकार के कामकाज के बारे में फर्जी खबरें फैलाईं। इन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों – ईवीएम पर प्रतिबंध के बारे में झूठे दावे किए। राष्ट्रपति, देश के मुख्य न्यायाधीश सहित वरिष्ठ संवैधानिक पदों पर बैठे पदाधिकारियों के खिलाफ गलत बातें फैलाईं। इन छह यूट्यूब चैनलों के 20 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं और उनके वीडियो को 51 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है। इस तरह से कहा जा सकता है कि ये चैनल लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे, जबकि इन यूट्यूब चैनलों पर अधिकतर खबरें फेक न्यूज वाली थीं।

यूट्यूब के इन चैनलों के बारे में गौर किया गया कि ये फर्जी और सनसनीखेज थंबनेल लगाते हैं, जिनमें टीवी चैनलों के लोगो तथा उनके न्यूज एंकरों की फोटो होती है, ताकि दर्शकों को यह झांसा दिया जा सके कि वहां दिये गये समाचार सही हैं। इन चैनलों के बारे में यह भी पता लगा है कि ये अपने वीडियो में विज्ञापन भी चलाते हैं तथा यूट्यूब पर झूठी खबरों से कमाई कर रहे हैं। इस तरह की खबरों पर विश्वास करने से पहले एक बार फैक्ट चेक जरूर कर लें।

1. यूट्यूब चैनल ‘नेशन टीवी’ के साढ़े पांच लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स और 21 करोड़ से अधिक व्यूज मिले हुए हैं। यह चैनल राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रियों और चुनाव आयोग के बारे में फेकन्यूज फैला रहा था।

2. संवाद टीवी यूट्यूब चैनल के वीडियो की जांच से पता चला कि इसके 10 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। यह केंद्र सरकार और मंत्रियों के खिलाफ दुष्प्रचार में लगा हुआ था।

3. सरोकार भारत चैनल के वीडियो की तथ्य संबंधी जांच से पर्दाफाश हुआ कि इसके 21 हजार से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं और 37 लाख से ज्यादा व्यूज हैं। यह चैनल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने में लगा था।

4. नेशन 24 यूट्यूब चैनल के भी 44 लाख व्यूज के साथ 25 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। यह चैनल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ चुनाव आयोग के खिलाफ फर्जी खराब फैलाने में लगा था।

5. स्वर्णिम भारत यूट्यूब चैनल के वीडियो की तथ्य संबंधी जांच से पता चला कि यह प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के साथ केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने में लगा था।

6. संवाद समाचार यूट्यूब चैनल के भी 12 करोड़ से ज्यादा व्यूज हैं। यह चैनल भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के साथ केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने में लगा था।

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