कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भले ही दाढ़ी कटाकर नया लुक ले लिया हो, लेकिन विदेश से प्यार और भारत पर वार का उनका पुराना आउटलुक नहीं बदला है। न ही राहुल गांधी ने विदेश में जाकर देश का अपमान करने की आदत छोड़ी है। एक बार फिर लंदन में राहुल गांधी ने इसे साबित किया है कि उनके दिल में देश और यहां की लोकतांत्रिक सरकार के प्रति सम्मान नहीं है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एमबीए के छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल ने भारत सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि भारत की सभी संस्थानें सरकार के कब्जे में हैं। मीडिया और न्यायालयों पर नियंत्रण करने के साथ ही उनकी जासूसी करवाई जाती है और अफसरों ने उन्हें फोन पर संभलकर बात करने की सलाह दी थी। यह अलग बात है वो कई बार पब्लिकली भी ऐसा बोल जाते हैं, जिससे विवादों में आते हैं। यही वजह है कि उनपर देशद्रोह का केस भी दर्ज हो चुका है और पीएम मोदी के खिलाफ बयान पर वो सुप्रीम कोर्ट से माफी भी मांग चुके हैं। लेकिन पुरानी फितरत नहीं बदल रही है।विदेशों में भारत का अपमान करना राहुल गांधी का पुराना शौक
वैसे यह कोई पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने विदेश जाकर भारत सरकार और भारत के आंतरिक मुद्दों को उठाया है। इसके पहले भी वह कई बार विदेशी धरती से भारत सरकार की आलोचना कर ‘देशद्रोह’ कर चुके हैं। एक बार तो उन्होंने भारत की तुलना पाकिस्तान से कर दी थी। आइए पहले ये जानते हैं कि विदेशी धरती से कब-कब राहुल गांधी ने क्या-क्या कहा?
2 मार्च 2023:
लंदन में कहा- भारत यूनियन ऑफ स्टेट्स है।
21 मई 2022:
लंदन में कहा- बीजेपी ने देश में मिट्टी का तेल छिड़क दिया है।
25 मई 2022:
लंदन में कहा- भारत में लोकतंत्र को बंदी बना लिया गया है
17 मार्च 2021:
ब्राउन यूनिवर्सिटी में की- गद्दाफी और सद्दाम से तुलना
12 जनवरी 2019:
दुबई में कहा- भारत में इनटॉलरेंस है
24 अगस्त 2018:
लंदन में कहा- भारत एक अच्छी जगह नहीं है
22 अगस्त 2018:
जर्मनी में कहा- भारत की संस्कृति की वजह से यहां रेप होते हैं
15 सितंबर 2017:
यूएस में कहा- भारत में दलितों और मुसलमानों को मारा जाता हैराहुल ने अपने फोन में इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस होने का किया दावा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भारतीय लोकतंत्र पर एक और भाषण दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी भारत की बनावट को बर्बाद कर रहे हैं। ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ के उपाधि से जिस भारत के दुनियाभर में चर्चे हैं, उन्होंने उसके लिए यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने अपने फोन में इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस होने का भी दावा किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के कई दूसरे नेताओं के फोन में भी इस सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया गया था। उन्होंने भारत में अल्पसंख्यकों के हालात पर भी चिंता जताई। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं पर सरकार का कब्जा है। उन्होंने मीडिया और कोर्ट पर भी सरकारी कब्जे का दावा किया। जार्ज सोरोस की कठपुतली बने राहुल गांधी ने कैंब्रिज में ये 4 खोखले बयान दिए…
1. भारत में मीडिया और लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला
राहुल गांधी ने लंदन में कहा, “भारत में विपक्ष के खिलाफ केस दर्ज किए जाते हैं। मेरे खिलाफ कई क्रिमिनल केस दर्ज किए गए हैं, लेकिन ये केस ऐसी चीजों के लिए दर्ज किए गए, जो आपराधिक नहीं थीं। जब देश में मीडिया और लोकतांत्रिक ढांचे पर इस तरह का हमला हो रहा हो तो विपक्ष के तौर पर आपके लिए लोगों से बात करना मुश्किल हो जाता है।”
2. इंटेलिजेंस अफसरों ने बुलाकर मुझे सतर्क किया
राहुल ने कहा, “बड़े पैमाने पर राजनीतिक नेताओं के फोन में पेगासस है। मेरे फोन में भी पेगासस था। मुझे इंटेलिजेंस अफसरों ने बुलाकर कहा था कि आप फोन पर जो कुछ भी कहें, बेहद सतर्क होकर कहें, क्योंकि हम इसे रिकॉर्ड कर रहे हैं। यह एक ऐसा दबाव है, जो हम महसूस करते हैं।”
3. यात्रा के दौरान आतंकवादी मुझसे मिले थे!
राहुल ने ये भी बताया, “भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक अनजान आदमी मेरे पास आया। उसने कहा कि वह मुझसे बात करना चाहता है। उसने पूछा कि क्या मैं सच में लोगों की समस्याएं सुनने के लिए आया हूं। उसने आसपास के कुछ लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे सभी आतंकवादी हैं। मुझे लगा कि मैं मुश्किल में हूं क्योंकि आतंकवादी मुझे मार डालेंगे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया क्योंकि यह सुनने की शक्ति है।”
4. विपक्षी नेता मुद्दों पर बात कर रहे थे, जेल में डाल दिया
राहुल ने कहा, “लोकतंत्र के लिए जरूरी ढांचा संसद, स्वतंत्र प्रेस, न्यायपालिका होते हैं। आज यह सब विवश होते जा रहे हैं। इसलिए हम भारतीय लोकतंत्र के मूल ढांचे पर हमले का सामना कर रहे हैं। भारतीय संविधान में भारत को राज्यों का संघ बताया गया है। उस संघ को बातचीत की जरूरत है।2022 : पाकिस्तान से की थी भारत की तुलना, लद्दाख को यूक्रेन बताया
राहुल गांधी ने पिछले साल तो हद ही कर दी थी। राहुल गांधी तब भी लंदन में थे। उस दौरान भी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में ही उन्होंने छात्रों को संबोधित किया। इस दौरान राहुल के साथ अन्य विपक्षी नेता भी थे। जिनमें राजद के तेजस्वी यादव, मनोज झा, टीएमसी की महुआ मोइत्रा और सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी थे। राहुल ने इसकी एक फोटो भी शेयर की थी। राहुल ने यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत की तुलना पाकिस्तान से की थी। राहुल गांधी ने इस दौरान, यूक्रेन की तुलना भारत के लद्दाख और डोकलाम से करते हुए कहा कि दोनों जगह चीन की सेना भारत की सीमा के अंदर बैठी है। लद्दाख को यूक्रेन की तरह बताते हुए कहा कि चीन अगर वहां निर्माण कर रहा है तो किसी तैयारी के लिए कर रहा है लेकिन सरकार इस पर बात नहीं करती।2018 : जर्मनी में आतंकवाद को जायज ठहराने की कोशिश करने का आरोप
राहुल गांधी 2018 में जर्मनी पहुंचे थे। तब वह कांग्रेस के अध्यक्ष हुआ करते थे। यहां हैमबर्ग के बुसेरियस समर स्कूल में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को जायज ठहराने की कोशिश की थी। राहुल गांधी ने जर्मनी में अपने भाषण में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का उदाहरण देते हुए कहा था कि विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखने से दुनिया में कहीं भी आतंकवादी संगठन पैदा हो सकता है।2017 : अमेरिका में कहा था- भारत में असहिष्णुता बड़ा मुद्दा
कांग्रेस उपाध्यक्ष रहते हुए राहुल गांधी ने 2017 में अमेरिका का दौरा किया था। तब वह अमेरिका के डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रति झुकाव रखने वाली थिंक टैंक सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस (CAP) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने वॉशिंगटन पोस्ट की संपादकीय टीम के साथ ऑफ दि रिकॉर्ड बातचीत के दौरान भारत में असहिष्णुता बढ़ने का आरोप लगाया था। राहुल ने कहा था कि भारत में दो बड़ी समस्याएं हैं। एक असहिष्णुता और दूसरा बेरोजगारी। कहा कि ये दोनों समस्याएं भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के लिए चुनौती पैदा कर रहीं हैं। यह अलग बात है कि उनकी पार्टी की रुलिंग राजस्थान सरकार के राज में ही कट्टरपंथियों द्वारा उदयपुर में सिर तन से जुदा कर दिया जाता है और इस पर राहुल की बोलती बंद ही रहती है।जेएनयू विवाद में राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज हो चुका है देशद्रोह का केस
जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने वाले स्टूडेंट्स का सपोर्ट करने पर राहुल गांधी के खिलाफ करीब सात साल पहले इलाहाबाद के सीजेएम कोर्ट में देशद्रोह का केस दर्ज हुआ था। तत्कालीन कांग्रेस वाइस प्रेसिडेंट के खिलाफ लखनऊ सीजेएम कोर्ट में एक पीआईएल दायर हुई थी। राहुल गांधी के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील सुशील मिश्र की तरफ से दाखिल अर्जी में कहा गया कि राहुल गांधी ने देशद्रोह के आरोपियों के समर्थन में बयान देकर और जेएनयू कैम्पस में सभा कर खुद भी देशद्रोह का काम किया है। कोर्ट से केस दर्ज कर उनके खिलाफ एक्शन लेने की मांग की गई। सीजेएम कोर्ट के जज सुनील कुमार ने माना कि पहली नजर में राहुल गांधी के खिलाफ देशद्रोह का केस बनता है। इसलिए केस दर्ज किया जाए। पिटीशन दायर करने वाले वकील सुशील मिश्रा ने कहा, “जेएनयू में देशद्रोह की घटना में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कन्हैया की गिरफ्तारी को राहुल गांधी ने गलत बताकर उसकी निंदा की थी।रॉल विंची उर्फ राहुल गांधी ने कैंब्रिज से ही दूसरे नाम से ली थी डिग्री
राहुल गांधी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में रॉल विंची के नाम से पढ़ाई की थी। उन्होंने डेवलपमेंट स्टडी में 1995 में एमफिल किया था। नाम बदलने के पीछे यह बेतुका तर्क दिया गया कि क्योंकि पिता राजीव गांधी की हत्या हुई थी, इसलिए उन्हें इतने साल बाद नाम बदलना पड़ा था। राहुल की ‘फेक नेम डिग्री’ को पहले तो कांग्रेस नकारती रही, लेकिन जब इस पर काफी विवाद हो गया तो कैम्ब्रिज की उपकुलपति रही प्रो. एलिसन रिचर्ड ने भी एक पत्र लिखकर स्पष्ट किया था कि राहुल गांधी ने रॉल विंची के नाम से डिग्री हासिल की थी।
पेगासस कहीं और नहीं बल्कि उनके दिमाग में बैठा है… पेगासस पर राहुल गांधी की क्या मजबूरी थी कि उन्होंने अपना फोन जमा नहीं करवाया। उन्होंने और अन्य नेताओं ने अपना फोन क्यों नहीं जमा करवाया: राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, दिल्ली pic.twitter.com/GzcU9HjF6G
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 3, 2023
BJP हमलावर, राहुल ने फोन जांच के लिए क्यों नहीं दिया- ठाकुर
राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर भाजपा ने सख्त ऐतराज जाहिर किया है। बीजेपी ने पूछा है कि राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री पर विदेश में ऐसा बयान क्यों दिया? वे अक्सर विदेशों में भारत का अपमान क्यों करते हैं? बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वही लोग हैं जो जैसा देश और वैसा भेष धारण कर लेते हैं. मुख्तार अब्बास नकवी ने आगे कहा, ”चोला नया है, लेकिन इनका झोला वही है.” केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से कहा, “राहुल गांधी एक बार फिर विदेशी धरती पर हो-हल्ला मचाने का काम कर रहे हैं। पेगासस उनके दिमाग में है। उनसे पूछिए कि उन्होंने अपना फोन जांच के लिए क्यों नहीं दिया था। पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया भर में भारत का सम्मान बढ़ा है। ये बात बड़े-बड़े नेता कह रहे हैं। राहुल गांधी को इटली के पीएम को सुनना चाहिए कि उन्होंने पीएम मोदी के बारे में क्या कहा।”पीएम मोदी के खिलाफ बयान पर सुप्रीम कोर्ट में राहुल ने मांगी थी माफी
अक्सर विवादित बयानों में घिरने वाले राहुल गांधी को ‘चौकीदार चोर है’ बयान सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी थी। राहुल ने अवमानना के मामले में पहले दायर किए गए दो हलफनामों में सिर्फ खेद जताया था। इस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी। इसके बाद तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष अदालत से मौखिक रूप से माफी मांगी थी। इसके साथ ही नया हलफनामा दाखिल करने की मोहलत मांगी थी। भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने अवमानना का केस दायर कर दिया था। इस पर कोर्ट ने राहुल से जवाब मांगा था। राहुल ने माना कि गर्म चुनावी माहौल में जोश में उनके मुंह से यह बात निकल गई। उन्होंने अपनी टिप्पणी पर खेद जताया था।
पुजारियों के खिलाफ बयान पर भी घिरे राहुल, हरिद्वार से प्रयागराज तक के पुजारी नाराज
दो माह पहले ही राहुल गांधी के एक और बयान पर फिर विवाद खड़ा हो गया। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा में उन्होंने कहा था कि ‘यह देश पुजारियों का नहीं, तपस्वियों का है। भाजपा-आरएसएस लोगों को अपनी पूजा करने के लिए बाध्य करते हैं’। उनके इस बयान से देशभर के पुजारी उनके खिलाफ हो गए हैं और हरिद्वार से लेकर प्रयागराज तक के पुजारी उनके विरुद्ध बयान देकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। पुजारियों की यह नाराजगी राजनीतिक रंग पकड़ती दिख रही है। क्योंकि राहुल दोगली नीति अपना रहे हैं। एक ओर तो राहुल गांधी अपनी यात्रा के दौरान लगातार हिंदू मंदिरों का दर्शन कर हैं और हिंदू धर्माचार्यों से आशीर्वाद ले रहे हैं। दूसरी ओर सिर्फ भाजपा के खिलाफ बोलने के लिए वे पुजारियों का विरोध कर रहे हैं।