कोरोना महामारी के सकंट से आज पूरा विश्व जूझ रहा है। लाखों की संख्या में लोगों की मौत के साथ- साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। भारत में पिछले दो महीने से ज्यादा समय से लॉकडाउन जारी है,जिसके कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस विकट परिस्थिति में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत लगातार अपनी स्थिति सुधारने की ओर प्रयासरत हैं या यूं कहें कि भारत इस कोरोना आपदा को अवसर में बदलने की भरपूर कोशिश कर रहा हैं। आइए, आपको बताते हैं कि भारत इस चुनौती को कैसे अवसर में बदल रहा है।
कोरोना वायरस लैब की संख्या 599
कोरोना संकट के दौरान अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भारत लगातार प्रयास कर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन के अनुसार फरवरी महीने में भारत के पास कोरोना वायरस को टेस्ट करने के लिए एक लैब थी। आज देश में 599 लैब मौजूद हैं। केंद्रीय मंत्री के अनुसार कोविड के डेडिकेटेड हेल्थ सेंटर की संख्या 2065 हैं। इसमें भी करीब 1.77 लाख बेड उपल्बध हैं। 7063 कोविड केयर सेंटर विकसित किए गए हैं। इनमें करीब 6.5 लाख बेड उपलब्ध हैं। सभी को जोडने पर कुल बेड की संख्या करीब 10 लाख है।
फरवरी के महीने में हमारे पास इस वायरस को टेस्ट करने के लिए 1 लैब थी। आज देश में 599 लैब मौजूद हैं।
आज देश में कोरोना टेस्ट करने की क्षमता करीब 1.5 लाख टेस्ट प्रतिदिन है: डॉ @drharshvardhan #IndiaFightsCorona
— BJP (@BJP4India) May 24, 2020
कोरोना टेस्ट करने की क्षमता 1.5 लाख प्रतिदिन
आज देश में कोरोना टेस्ट करने की क्षमता करीब 1.5 लाख टेस्ट प्रतिदिन हो गई है। कोरोना संकट के शुरू में कोरोना टेस्ट करने की क्षमता काफी कम थी। कोरोना जांच की क्षमता 1.5 लाख टेस्ट प्रतिदिन होना भारत के लिए बड़ी बात है। भारत का ये प्रदर्शन दूसरे देशों की तुलना में काफी बेहतर है। भारत में इस वक्त कोविड के डेडिकेटेड हेल्थ सेंटर की संख्या 2065 हैं। इसमें भी करीब 1.77 लाख बेड हैं। हमने 7063 कोविड केयर सेंटर विकसित किए। इसमें 6.5 लाख बेड उपल्ब्ध हैं।
पीपीई किट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक
भारत पहले PPE किट नहीं बनाता था। आज देश में प्रतिदिन 3-5 लाख PPE किट का निर्माण हो रहा है। भारत दो महीने के कम समय के भीतर पीपीई का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश गया है। चीन पीपीई का सबसे बड़ा विनिर्माता है। कपड़ा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने पीपीई की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार करने के लिए कई कदम उठाए हैं। यही कारण है कि भारत दो महीने से भी कम समय में पीपीई का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माता बन गया है। अब भारत इस मामले में सिर्फ चीन से पीछे है। फरवरी-2020 से पहले भारत में स्टैंडर्ड PPE किट नहीं बनता था।
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी इजाफा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था कोरोना संकट काल में भी मजबूत बनी हुई है। मोदी सरकार की नीतियों के कारण भारत का विदेशी का मुद्रा भंडार 15 मई को समाप्त सप्ताह में 1.73 अरब डॉलर बढ़कर 487.04 अरब डॉलर पर पहुंच गया। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा यानी विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 1.12 अरब डॉलर बढ़कर 448.67 अरब डॉलर पर पहुंच गयीं। विदेशी मुद्रा भंडार ने आठ सितंबर 2017 को पहली बार 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार किया था। जबकि यूपीए शासन काल के दौरान 2014 में विदेशी मुद्रा भंडार 311 अरब डॉलर के करीब था।
मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के आह्वान को जमीन पर उतारने का काम शुरू हो गया है। आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने के लिए क्या खास और क्या आम सभी ने अपनी कमर कस ली है। देश को आत्मनिर्भर बनाने के तहत भारतीय रक्षा मंत्रालय ने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए केवल स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से 26 रक्षा वस्तुओं की खरीद को मंजूरी दी है। सरकार ने मेक इन इंडिया को प्रोत्साहित करने और भारत में वस्तुओं और सेवाओं के विनिर्माण और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक खरीद (ऑर्डर टू मेक इन इंडिया) आदेश 2017 जारी किया है।