विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन की चौथी बैठक को लेकर काफी अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन यह बैठक भी पिछली तीन बैठकों की तरह ‘ढाक के तीन पात’ साबित हुई। मंगलवार (19 दिसंबर, 2023) को राजधानी दिल्ली के अशोका होटल में हुई इस बैठक में गठबंधन के 28 दलों ने महामंथन किया। इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन का पीएम उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव का आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत 12 पार्टियों ने समर्थन किया। वहीं ममता के इस प्रस्ताव से नाराज होकर नीतीश कुमार और लालू यादव संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस होने से पहले ही बैठक छोड़कर निकल गए। उधर हर मीटिंग में राहुल गांधी को आगे बढ़ाने वाली कांग्रेस अब धर्म संकट में फंस गई है। कांग्रेस ने सीट शेयरिंग पर बातचीत के लिए नेशनल अलायंस कमेटी बनाकर मल्लिकार्जुन खड़गे का पर कतर दिया है।
इंडी गठबंधन का मुखौटा बनने से पहले खड़गे की साफगोई
इंडी गठबंधन के सियासी चक्रव्यूह में फंसता देख मल्लिकार्जुन खड़गे भी सावधानी के साथ बयान दे रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि राहुल गांधी के रहते उनके नाम पर पार्टी के अंदर ही विरोध हो सकता है। इसलिए उन्होंने पीएम उम्मीदवार बनाये जाने के सवाल को बड़ी साफगोई से टाल दिया। उन्होंने कहा कि पहले जीत के आना है,उसके बाद इस बारे में बात होगी। जीत के लिए क्या करना है पहले इसके बारे में सोचें। कौन प्राइममिनिस्टर बनना है ये बाद की बात है। एमपीज अगर नहीं है तो प्राइममिनिस्टर की बात करके क्या फायदा। हम पहले जीतने की कोशिश करेंगे, उसके बाद सांसद लोकतांत्रिक ढंग से फैसला करेंगे। लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें लड़ना होगा। सभी ने यह फैसला किया आगे किस तरह से मिलकर काम करना है। सभी दोलों ने 8 से 10 जनसभाएं करने का फैसला किया है।
LIVE: Press briefing by INDIA parties.
📍New Delhi
Judega Bharat, Jeetega India https://t.co/WLRaOuhBqY
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 19, 2023
कांग्रेस के मुखौटा खड़गे – बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे
ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने दलित कार्ड खेलकर कांग्रेस को भी मुश्किल में डाल दिया है। कांग्रेस और उसके संगठन के सियासी सफर पर नजर डालते हैं तो पता चलता है कि इस पार्टी पर सिर्फ नेहरू गांधी परिवार का वर्चस्व है। गांधी परिवार को छोड़कर कोई भी व्यक्ति अध्यक्ष या प्रधानमंत्री बनता है तो वो इस पार्टी का सिर्फ मुखौटा हो सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इसके सबसे बड़े उदाहरण है। अगर मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर कांग्रेस सहमत होती है, तो मल्लिकार्जुन खड़े दूसरे मनमोहन साबित हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक I.N.D.I. Alliance के नाम का प्रस्ताव राहुल गांधी ने दिया था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस प्रस्ताव पर सिर्फ मुहर लगाने का काम किया। अध्यक्ष बनने से पहले मीडिया ने खड़गे से सवाल पूछा था कि पीएम फेस कौन होगा, राहुल गांधी या आप ? इस सवाल का जवाब भी मल्लिकार्जुन खड़गे बड़ी चतुराई से टाल गए था। उन्होंने कहा था कि देखो पहले तो संगठन के चुनाव में आया हूं…. हमारे में कहावत है मैं बहुत जगह रिपीट करता हूं बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे को भी सुना जाना चाहिए..
— LP Pant (@pantlp) October 12, 2022
खड़गे ने सनातन धर्म के खिलाफ दिया था बयान
कांग्रेस का इतिहास हिन्दू विरोधी रहा है। केंद्र और राज्य की कांग्रेस सरकार ने हमेशा हिन्दू धर्म और उसकी संस्कृति को अपमानित करने और खत्म करने का काम किया है। कांग्रेस का अध्यक्ष भी वहीं हो सकता है, जिसकी विचारधारा हिन्दू धर्म के खिलाफ हो। मल्लिकार्जुन खड़गे भी कांग्रेस के हिन्दू विरोधी विचारधारा के ध्वजवाहक है। उन्होंने कई मौकों पर सनातन धर्म के खिलाफ बयान देकर कांग्रेस के हिन्दू विरोधी स्टैंड को स्पष्ट किया है। यहां तक कि अपने बयानों से अपनी उम्र और राजनीतिक अनुभव को उपहास का पात्र बनाया है। सनातन धर्म के खिलाफ बोलते हुए खड़गे ने कहा था कि ऐसे मोदी जी को अगर और शक्ति मिलेगी देश में तो तो समझो फिर इस देश में सनातन धर्म और आरएसएस की हुकूमत आएगी।
शायद देश का विभाजन करने के बाद कांग्रेस का ये ही अंतिम लक्ष्य था जो खडगे की ज़ुबान पर आ गया कि, भारत में से सनातन धर्म को समाप्त करना है।
pic.twitter.com/rQoI1vbMpD— Dr. Jitendra Nagar (@NagarJitendra) September 30, 2022
भाषण के दौरान खड़गे ने माथे पर से मिटा दिया टीका
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे का हिन्दू विरोधी एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि खड़गे माथे पर टीके को किसी सुरक्षाकर्मी या नेता द्वारा मिटा दिया जाता है। लोगों ने आरोप लगाया कि हिन्दू बाहुल्य इलाके में आयोजित जनसभा को संबोधित करने के लिए खड़गे ने माथे पर टीका लगाकर भाषण दिया। फिर वहां से मुस्लिम इलाके में आयोजित जनसभा में भाषण देने से पहले माथे पर लगे टीके को मिटा दिया।
चोरी ओर सीनाजोरी
कांग्रेस गलती करे
माफी न मांगने से राहुल की सदस्यता से सबक ले
देश मे खडगे ने दि गाली व माफी वायरल
फिर सनातन का अपमान
देखले pic.twitter.com/KErrLX6bJK— Rahulc (@JainCLRanka) April 27, 2023
पीएम मोदी के दिवंगत पिता पर की अपमानजनक टिप्पणी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार (17 नवंबर, 2023) को तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी को अपशब्द कहकर और उनके मृत पिता, जो कभी राजनीति में नहीं थे, का अपमान करके गांधी परिवार को यह साबित किया कि वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए सही व्यक्ति क्यों हैं। जनसभा को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी कभी सच नहीं बोलते हैं। हम बोलते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी झूठे हैं तो आप गुस्सा करते हैं। मैं कहता हूं कि प्रधानमंत्री तो एक तरफ हैं, यहां बैठा ‘पीएम का बाप’ भी झूठ बोलने में कम नहीं। उन्होंने भी बोला मैं ये करता हूं, वो करता हूं। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी के पिता की तुलना तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसी आर से कर दिवंगत आत्मा का अपमान किया।
Mr Kharge is proving to the Gandhis why he is the right person to be the Congress President by hurling abuses at Prime Minister Modi and insulting his dead father, who has never been in politics. Staring at a crushing defeat in these elections, Congress seems to have lost it… pic.twitter.com/B9SzSDos1Q
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 17, 2023
खड़ग ने पीएम मोद को दी गाली, कहा- झूठों का सरदार
कांग्रेस नेता जनहित के मुद्दे उठाने के बजाए प्रधानमंत्री मोदी को गाली देने को अपनी शान समझते हैं। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी को गाली देने का कोई मौका नहीं चूकते हैं। यहां तक कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के अन्य नेताओं से पीछे नहीं है। वे बार-बार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपशब्दों और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने से बाज नहीं आते हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए जोधपुर पहुंचे खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जहरीला बयान दे डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ जहर उगलते हुए उन्हें झूठों का सरदार कहा। खड़गे ने कहा कि मैं कहता हूं कि मोदी झूठ बोलते हैं और वे तो झूठों के सरदार हैं। ऐसे झूठ बोलना उनकी आदत है।
राजस्थान में कांग्रेस के घोषणापत्र जारी करने के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा बोले मोदी जी, झूठों के सरदार बन गये हैं।#MallikarjunKharge #PMModi #NarendraModi #RahulGandhi #AshokGehlot #SachinPilot #Rajasthan #Congress #manifesto… pic.twitter.com/jxYnZHdCbq
— TheSootr (@TheSootr) November 21, 2023
मल्लिकार्जुन खड़गे ने जहरीले सांप से की पीएम मोदी की तुलना
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गांधी परिवार के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के लिए मर्यादा की सीमा लांघते नजर आते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आपत्तिजनक बयान दिया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी जहरीले सांप जैसे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा – मोदी जहरीले सांप की तरह हैं। आप इसे जहर समझें या न समझें लेकिन अगर आप इसे चखेंगे तो मर जाएंगे। आप सोच सकते हैं कि क्या यह सही में जहर है? मोदी एक एक अच्छे इंसान हैं, उन्होंने जो दिया है, उसे हम देखेंगे। आप जैसे ही इसे चाटेंगे, तो पूरी तरह से सो जाएंगे।
Now Congress Presidnet Kharge calls Prime Minister Modi ‘poisonous snake’…
What started with Sonia Gandhi’s ‘maut ka saudagar’, and we know how it ended, the Congress continues to plummet to new depths.
The desperation shows Congress is losing ground in Karnataka and knows it. pic.twitter.com/75FECizSOW
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 27, 2023
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को बताया तानाशाह
कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना तानाशाह से की। खड़गे ने कहा कि हर बात के लिए मोदी-मोदी…लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं। लोकतंत्र में अगर एक व्यक्ति को आप को भगवान बनाते हैं, तो फिर लोकतंत्र नहीं रह जाता। यह कदम तानाशाही की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि अगर आपके पास शक्ति है और आप एकजुट हैं, तो आपकी वैल्यू मिलेगी। लेकिन अगर आप एकजुट नहीं हैं, हर कोई आपको बांटकर राज करने वाला सिद्धांत आपके ऊपर लागू करेगा, जैसा अंग्रेजों ने किया था और अब मोदी कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का बयान- बीजेपी के सदस्य पीएम मोदी को भगवान मानते हैं, ये तानाशाही के अलावा कुछ नहीं#MallikarjunKharge #BJP #Congress #ITVCard pic.twitter.com/mKv874pIPT
— India TV (@indiatvnews) January 9, 2023
मल्लिकार्जुन खड़गे ने चूहे से की पीएम मोदी की तुलना
राजस्थान के अलवर में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना चूहे से करते हुए कहा कि हम चीन के आक्रमण पर चर्चा चाहते हैं लेकिन वह (सरकार) चर्चा के लिए तैयार नहीं है। वह बाहर शेर जैसे बात करते हैं लेकिन असल में वह चूहे की चाल चलते हैं।
हम चीन के आक्रमण पर चर्चा चाहते हैं लेकिन वह (सरकार) चर्चा के लिए तैयार नहीं है। वह बाहर शेर जैसे बात करते हैं लेकिन असल में वह चूहे की चाल चलते हैं। हम देश के साथ हैं लेकिन सरकार जानकारी छुपा रही है: अलवर में कांग्रेस के अध्यक्ष कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे pic.twitter.com/I9yNDWnO3H
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2022
मल्लिकार्जुन खड़गे ने की रावण से तुलना
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान एक विवादित बयान दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना रावण से कर डाली। खड़गे ने एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर वोट मांगने को लेकर तंज कंसते हुए सवाल किया कि क्या आपके पास रावण जैसे 100 सिर हैं? उन्होंने कहा कि वह हर चुनाव में चेहरा दिखाने आ जाते हैं। क्या आपके रावण की तरह सौ मुख हैं ?
‘आपकी सूरत कितनी बार देखें? आपके कितने रूप हैं? क्या रावण की तरह 100 मुख हैं?’
◆ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साधा PM मोदी पर निशाना@kharge#GujaratElections2022 #BharatJodoYarta pic.twitter.com/gewFi8oEds
— News24 (@news24tvchannel) November 29, 2022
मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिटलर से की पीएम मोदी की तुलना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपशब्द का इस्तेमाल करते हिए प्रधानमंत्री मोदी की तुलना ‘हिटलर’ से की थी। रविवार 4 नवंबर, 2018 को बांद्रा में मुंबई कांग्रेस के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के साथ वही करना चाहते हैं जो एडोल्फ हिटलर ने जर्मनी के साथ किया था। संविधान खतरे में है। खड़गे ने कहा था कि देश में डिक्टेटरशिप लाने की कोशिश हो रही है और इतना ही नहीं , वो हिटलर के बाद अपना रूप बदलना चाहते हैं, जैसा हिटलर ने जर्मनी में किया,वैसा मोदी जी आज हिन्दुस्तान में करना चाहते हैं।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी की तुलना हिटलर से की. https://t.co/tixzhdbMkO pic.twitter.com/5OWas2Wtr7
— News18 India (@News18India) November 5, 2018
मल्लिकार्जुन खड़गे कहने को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वो वास्ताव में कांग्रेस का दलित मुखौटा हैं। आइए देखते हैं कि गांधी परिवार किस तरह उनके साथ बर्ताव करता है…
कांग्रेस सहित 28 विपक्षी दलों का I.N.D.I. Alliance असमानता और भेदभाव को आधार बनाकर सनातन धर्म को मिटाने का दावा कर रहा है। डीएमके और कांग्रेस के नेता सनातन धर्म में भेदभाव और जातिवाद का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि सनातन धर्म समानता की बात नहीं करता है। बिहार के शिक्षा मंत्री और आरजेडी नेता चंद्रशेखर यादव रामचरितमानस को पोटैशियम साइनाइड बताते हैं। यूपी में सपा के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को बैन करने की मांग करते हैं। उनके समर्थक भेदभाव का आरोप लगाकर रामचरितमानस की प्रतियां जलाते हैं। अब सवाल उठ रहे हैं कि दूसरों पर आरोप लगाने वाले कितना समानता के सिद्धांत पर अमल करते हैं? जब I.N.D.I. Alliance का अघोषित नेतृत्वकर्ता कांग्रेस और उसके संगठन के सियासी सफर पर नजर डालते हैं तो स्पष्ट तौर पर भेदभाव और असमानता नजर आती है।
कांग्रेस में बुजुर्ग दलित राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे का अपमान
कांग्रेस में दलितों के लिए कोई जगह नहीं है। गांधी परिवार उनका सिर्फ इस्तेमाल करता है। नेहरू-गांधी परिवार में मोतिलाल नेहरू और जवाहर लाल नेहरू से शुरू हुई अभिजात वर्गीय मानसिकता के वारिस राहुल गांधी हैं। उनके सामने कांग्रेस के सभी नेताओं की स्थिति गुलामों जैसी है। कांग्रेस के वरिष्ठ दलित नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की स्थिति तो और भी खराब है। राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए भी उनको पार्टी में कोई महत्व नहीं दिया जाता है। यहां तक कि कांग्रेस के सोशल मीडिया एकाउंट्स से भी उनको गायब कर दिया गया है। कांग्रेस के नए कार्यकर्ता भी दलित और बुजुर्ग कांग्रेस अध्यक्ष का खुलकर अपमान करते हैं।
खड़गे जी, आपकी कांग्रेस पार्टी में कोई प्रतिष्ठा है या नहीं? आप कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं लेकिन कांग्रेस के सोशल मीडिया के सभी एकाउंट्स से आपको ग़ायब कर दिया गया है। ये कृत्य संभवतः आपके उसी कार्यकर्ता का है जिसने हाल में ही पत्रकारों और कर्मठ चपरासियों के लिये तिरस्कृत…
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 15, 2023
प्रियांक खड़गे देख लो कांग्रेस में अपने दलित पिता के साथ भेदभाव
कांग्रेस की नवगठित कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक 16-17 सितंबर, 2023 को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में हुई। इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई। यहां भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी छाये रहें। इस बैठक में शामिल होने के लिए जब सनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे पहुंचे तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनदेखी कर सोनिया गांधी के स्वागत में लग गए। इस दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे की स्थिति एक मूकदर्शक की थी। उनके चहरे पर उपेक्षा और अपमान का भाव स्पष्ट रूप से झलक रहा था। कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष होते हुए भी खड़गे को वो सम्मान नहीं मिला, जो सोनिया को मिला। कांग्रेस और गांधी परिवार पर आज भी सामंती मानसिकता हावी है। कांग्रेस के नेता एक दलित अध्यक्ष के साथ भेदभाव और अपमान करते हैं। लेकिन सनातन धर्म में असमानता और भेदभाव का आरोप लगाने वाले खड़गे के सुपुत्र प्रियांक खड़गे को अपने पिता का अपमान दिखाई नहीं देता है।
ये तो गजब बेइज्जती है यार @kharge pic.twitter.com/pX4AqHNFfH
— Modi Bharosa (@ModiBharosa) September 16, 2023
रबर स्टैंप की भूमिका में कांग्रेस का दलित अध्यक्ष
मल्लिकार्जुन खड़गे कहने को तो कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है, लेकिन उनके पास राष्ट्रीय अध्यक्ष की कोई शक्ति नहीं है। वह स्वतंत्र रूप से कोई फैसला लेने में सक्षम नहीं है। वह गांधी परिवार के कृपापात्र और मुखौटा है। उनके साथ हमेशा भेदभाव किया जाता है। I.N.D.I. Alliance के सहयोगी दल भी उनको उतना तवज्जों नहीं देते हैं, जितना एक कांग्रेस अध्यक्ष को मिलना चाहिए। मल्लिकार्जुन खड़गे भी मनमोहन सिंह की तरह रिमोट कांट्रेल से चल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक I.N.D.I. Alliance के नाम का प्रस्ताव राहुल गांधी ने दिया था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस प्रस्ताव पर सिर्फ मुहर लगाने का काम किया। परोक्ष रूप से राहुल गांधी गठबंधन से संबंधित सभी फैसले ले रहे हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संयुक्त विपक्ष के गठबंधन का नाम ‘INDIA’ रखने का प्रस्ताव दिया था, जिसपर सभी पार्टियों की सहमति बन गई है। सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने कहा कि लड़ाई बीजेपी के खिलाफ है, जो आइडिया ऑफ इंडिया को टार्गेट कर रही है, इसलिए संयुक्त विपक्ष के गठबंधन का नाम… https://t.co/EPMYjJPtMV pic.twitter.com/mUiGsWD3Cq
— News Tak (@newstakofficial) July 18, 2023
दलित अध्यक्ष के हाथ का बना मटन नहीं खा सकते लालू और राहुल
हाल ही में सोशल मीडिया में राहुल गांधी और लालू यादव को सावन में मटन बनाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें राहुल गांधी मटन बना रहे हैं और लालू यादव चंपारण मटन बनाने का टिप्स दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक लालू और राहुल की यह मुलाकात व्यक्तिगत न होकर सियासी थी। इस मुलाकात के जरिए राहुल गांधी ने I.N.D.I. Alliance में नीतीश कुमार को साइड लाइन करने की पठकथा लिखी थी, जिसकी झलक गठबंधन की मुंबई बैठक में देखने को मिली। इसमें नीतीश कुमार पूरी तरह से हाशिए पर नजर आए। इस मुलाकात पर सवाल उठ रहे हैं कि एक दलित अध्यक्ष की उपेक्षा कर राहुल गांधी लालू यादव जैसे ओबीसी नेता से मिलने गए। लालू यादव ने जिस तरह राहुल को महत्व दिया, क्या उस तरह का महत्व पाने का हकदार मल्लिकार्जुन खड़गे नहीं है? उन्हें इसलिए महत्व नहीं दिया गया कि वो दलित है। दलित होने की वजह से लालू यादव और राहुल गांधी उनके हाथ का बना हुआ मटन नहीं खा सकते थे।
जनेऊधारी राहुल गांधी पिछले महीने सावन मास में जब लालू प्रसाद से मिलने उनकी बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित आवास पर गए थे तब उन्हें लालू ने मटन (मांस) बनाना सिखाया था। लालू ने खुद खड़े होकर राहुल को यह सिखाया कि किस तरह से मटन बनाने के क्रम में हल्दी, धनिया पाउडर और प्याज के साथ… pic.twitter.com/XWcM11xU0m
— Hardik Bhavsar (@Bitt2DA) September 4, 2023
हिमाचल में सीएम सुक्खू ने की कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की बेइज्जती!
हिमाचल में शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की जिस तरह से अनदेखी राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने की उससे तो ऐसा नहीं लगता कि पार्टी में उनकी कोई हैसियत है। इससे यह भी जाहिर होता है कि वह केवल प्रॉक्सी अध्यक्ष हैं। यह कोई नई बात नहीं है, ये तो सबको पता है कि कांग्रेस में तो ‘परिवार’ ही सबकुछ है। हिमाचल में खड़गे की बेइज्जती केवल यहीं नहीं हुई। इससे पहले जब सुखविंदर सिंह सुक्खू का मुख्यमंत्री के तौर पर नाम तय हुआ उसके बाद उन्होंने जो बयान दिया था उसमें भी खड़गे का जिक्र तक नहीं किया गया। सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपने के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और समूचे गांधी परिवार को धन्यवाद दिया, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम तक नहीं लिया। हिमाचल में खड़गे की यह हालत भी देखने को मिली कि मंच पर बिना गांधी फैमिली के बैठे वह खुद नहीं बैठे।
सुखविंदर सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपने के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और समूचे गांधी परिवार को धन्यवाद दिया, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम तक नहीं लिया। क्या ऐसी अनदेखी को भांपकर ही अशोक गहलोत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बने? pic.twitter.com/bhSVaiOZ7m
— Avadhesh Akodia (@avadheshjpr) December 10, 2022
कांग्रेस के दलित अध्यक्ष को नहीं मिला पद का अधिकार
औपचारिक तौर पर देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी में उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वोच्च शक्ति होता है। लेकिन सवाल उठते हैं कि क्या यह सर्वोच्च शक्ति मल्लिकार्जुन खड़गे के पास है ? इसका जवाब नहीं में मिलेगा। क्योंकि कांग्रेस के अघोषित अध्यक्ष राहुल गांधी हैं। गांधी परिवार ने एक दलित और बुजुर्ग अध्यक्ष को उसके वास्तविक अधिकार से वंचित कर दिया है। दलित अध्यक्ष के पास उसका पद जनित अधिकार नहीं है। 75 साल बाद भी गांधी परिवार कांग्रेस पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहता है। इसलिए एक दलित अध्यक्ष को उसका अधिकार नहीं मिल पाया है। मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे भेदभाव और असमानता का आरोप लगाकर सनातन धर्म का विरोध करते हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी में किस तरह उनके पिता के साथ भेदभाव किया जा रहा है, इसके खिलाफ प्रियंका खड़गे आवाज नहीं उठा रहे हैं। अपने पिता का अपमान होते हुए देख रहे हैं। उन्हें पता है कि अगर आवाज उठाई तो बाप-बेटे को सत्ता और पद की मलाई से वंचित होना पड़ेगा।
कर्नाटक कांग्रेस नेता और राज्य सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने ‘सनातन धर्म’ पर उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा, “कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है, कोई भी धर्म जो यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपके पास एक इंसान होने की गरिमा है, वह मेरे अनुसार धर्म… pic.twitter.com/xBrIutMxrp
— Breaking Info™® (@Breaking_Info1) September 4, 2023
अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं से भेदभाव करती है कांग्रेस
देश में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का संविधान लागू है। जिसके आधार पर देश चलता है। लेकिन कांग्रेस पार्टी गांधी परिवार द्वारा बनाए गए संविधान पर चलती है। इस संविधान में सिर्फ गांधी परिवार और उसके वारिसों को विशेषाधिकार प्राप्त है। राहुल गांधी को फिर से लॉन्च करने के लिए अब तक 13 बार प्रयास हो चुके हैं। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या किसी दलित नेता को कांग्रेस में इतनी बार लॉन्च होने का सौभाग्य मिल सकता है? क्या किसी आम दलित नेता को राहुल गांधी की तरह सम्मान मिलता है ? इन सवालों का जवाब नहीं में मिलेगा। क्योंकि कांग्रेस गांधी पारिवार की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है, जिसके वर्तमान प्रोपराइटर राहुल गांधी और सोनिया गांधी हैं। गांधी परिवार अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से भी भेदभाव करती है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में शशि थरूर को चुनाव लड़ने से रोकने का प्रयास किया गया था। इस पार्टी में गांधी परिवार की इच्छा और आदेश ही संविधान है। जो इस संविधान में निष्ठा रखेगा वो कांग्रेस अध्यक्ष बन सकता है। टीवी-9 भारत वर्ष की एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार शशि थरूर ने कहा था कि कुछ नेताओं पर इस बात का दबाव है कि वे इस इलेक्शन में मल्लिकार्जुन खड़गे को सपोर्ट करें।
गांधी परिवार की कठपुतली हैं कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे भी गांधी परिवार के कृपा से अध्यक्ष बने है, ना कि अपनी वरिष्ठता और योग्यता की वजह से। कांग्रेस पार्टी में समानता की बता छोड़िए नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जाता है। इसका प्रमाण खुद मल्लिकार्जुन खड़गे हैं। नवभारतटाइम्स.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालते ही खड़गे ने कहा था कि मुझे सोनिया-राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष बनाया है। मैं सोनिया और राहुल गांधी की बात सुनूंगा। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले भी अपने इंटरव्यू में खड़गे ने बड़ी साफगोई से कहा था कि वे अगर अध्यक्ष बन भी जाते हैं तो अपने रोजाना के फैसलों में सोनिया गांधी और गांधी परिवार के दूसरे सदस्यों की राय लेने में नहीं हिचकेंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव पार्टी के संविधान के अनुसार होता है। मतदान का अधिकार पूरे देश में 9,000 कांग्रेसियों को होता है। इन्हें कांग्रेस डेलीगेट्स या प्रतिनिधि कहा जाता है जो विभिन्न प्रदेश कांग्रेस समितियों (पीसीसी) के सदस्य होते हैं। लेकिन खड़गे ने निर्वाचित होने पर पीपीसी के सदस्यों को कोई महत्व नहीं दिया।
दलित होने की वजह से विदेशी यूनिवर्सिटी में खड़गे का लेक्चर नहीं होता
कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और नेता जितना महत्व पार्टी के एक सांसद राहुल गांधी को देते हैं, उतना पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं देते हैं। ओवरसीज कांग्रेस विदेशों में कोई कार्यक्रम आयोजित करती है, तो उसमें मल्लिकार्जुन खड़गे की जगह राहुल गांधी को आमंत्रित किया जाता है। अप्रवासी भारतीय और विदेशी प्रतिनिधियों को राहुल गांधी संबोधित करते हैं। जबकि कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी एक सामान्य सांसद हैं। ना तो उनके पास शासन का अनुभव है और ना ही संसदीय परंपरा की विशेष जानकारी है। वो इतने पढ़े-लिखे भी नहीं है कि वो भारत के किसी कॉलेज में प्रोफेसर बन सके। लेकिन राहुल गांधी विदेशी यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने के लिए जाते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, राहुल गांधी से वरिष्ठ और अनुभवी हैं। उनके पास मंत्री के रूप में शासन का भी अनुभव है। खड़गे ने अपने 50 साल के राजनीतिक करियर में 12 चुनाव लड़े हैं इनमें से उन्हें 11 बार जीत मिली है। खड़गे के पास 50 साल का राजनीतिक अनुभव होते हुए भी उन्हें ना तो विदेशी यूनिवर्सिटी से लेक्चर के लिए बुलावा आता है और ना ही किसी सम्मेलन में भाग लेने का मौका मिलता है।
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के संबोधन में राहुल गांधी ने हास्यास्पद बातें की हैं जेसे न्यायपालिका व मीडिया पर सरकार का क़ब्ज़ा ,अल्पसंख्यकों व लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं । देश के बुद्धिजीवी मंथन करे कि सत्यता कितनी है,राहुल का विदेश में जाकर देश की बुराई करना अक़्लमंदी है या मूर्खता pic.twitter.com/tGapDXdNqq
— purushottam kandhari (@purushottamkan1) March 3, 2023
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ गुलामों जैसा व्यवहार
मार्च 2023 में सोशल मीडिया में एक वीडियो खूब वायरल हुआ। इस वीडियो से एक बार फिर प्रमाण मिला कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी दलित होने की वजह से अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को सम्मान नहीं देते हैं। इस वीडियो में राहुल गांधी नाक खुजला कर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कोट पर पोछते नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी के इस अपमानजनक बर्ताव पर सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। लोगों का कहना था कि एक दलित और बुजुर्ग राष्ट्रीय अध्यक्ष का कुछ तो सम्मान कर लेते। राहुल गांधी की हरकतें बच्चों जैसी हैं। उनके पास कुछ तो शिष्टाचार होना चाहिए। कुछ लोगों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की हैसियत नैपकिन से ज्यादा नहीं है।
मालिक ने अपनी नाक
पोछ दी
खड़गे चचा की पीठ पे..
😂🤧गांधी परिवार के लिए
अपने चमचो की औकात
नैपकिन से ज्यादा नही है..!
😂👇😂 pic.twitter.com/WrYrtPhZ7O— 🔥…शिवम…🔥 (@prem_aaaru) March 18, 2023
मल्लिकार्जुन की जगह राहुल गांधी ने दिया आखिरी भाषण
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अलवर के मालाखेड़ा में हुई कांग्रेस की जनसभा में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का भाषण सबसे आखिर में होना चाहिए था, क्योंकि कांग्रेस की किसी भी सभा में जब राष्ट्रीय अध्यक्ष मौजूद होते हैं तो सबसे आखिर में भाषण उन्हीं का होता है। लेकिन इस सभा में राहुल गांधी ने आखिर में अध्यक्षीय भाषण दिया। इससे कांग्रेस पार्टी ने संदेश दिया कि भले ही मल्लिकार्जुन खड़गे राष्ट्रीय अध्यक्ष है, लेकिन पार्टी के सर्वोच्च और सबसे पावरफुल नेता राहुल गांधी हैं। राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा। सभा के दौरान मंच पर बहुत से ऐसे मौके आए जब वे हर तरह से पावरफुल नेता कम, बॉस की भूमिका में दिखे। खड़गे और राहुल के बीच ज्यादा चर्चा भी नहीं हुई। खड़गे संगठन चुनाव के जरिए अध्यक्ष चुने गए थे। खड़गे अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार राजस्थान में किसी जनसभा में शामिल हुए थे। लेकिन जनसभा में राहुल गांधी असली बॉस की भूमिका में नजर आए।
खड़गे अध्यक्ष, असली बॉस के अंदाज में दिखे राहुल: मल्लिकार्जुन की जगह गांधी ने दिया आखिरी भाषण, पार्टी में सबसे पॉवरफुल होने का संकेतhttps://t.co/06LtqABRoh#Rajasthan #BharatJodoYatra pic.twitter.com/aHagUa0ef3
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) December 20, 2022
दलित होने की वजह से नहीं बन पाए कर्नाटक के सीएम
कर्नाटक की दलित राजनीति के पोस्टर ब्वॉय मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। आज दलित होना उनकी सबसे बड़ी योग्यता है, वहीं अतीत में उनके लिए कमजोरी बन गया था। 1972 में उन्होंने जिस सीट से विधायिकी जीतकर अपने राजनीतिक सफर का औपचारिक आगाज किया था उसी सीट से वे लगातार 2004 तक जीते। यानी कि उन्होंने 32 साल तक लगातार एक ही सीट से जीत हासिल की। कर्नाटक की राजनीति में तीन बार ऐसा मौका आया जब खड़गे सीएम बनने वाले थे। लेकिन हर बार राजनीतिक समीकरणों ने ये मौका उनके हाथ से छीन लिया। दरअसल कर्नाटक की राजनीति में वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय का वर्चस्व है। ऐसे में कांग्रेस ने अपने इस दलित पोस्टर ब्वॉय को दरकिनार कर दिया। लेकिन अब दलितों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए गांधी परिवार ने दलित अध्यक्ष का मुखौटा लगा लिया है।