दिल्ली में गंभीर ऑक्सीजन संकट को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। सोमवार को अस्पतालों की अर्जी पर सुनवाई हुई। इस दौरान जयपुर गोल्डन अस्पताल ने दिल्ली सरकार पर जो गंभीर आरोप लगाया, वो काफी हैरान करने वाला है। इससे केजरीवाल सरकार का कुप्रबंधन और अमानवीयता का पता चलता है। दरअसल, अस्पताल ने हाई कोर्ट को बताया कि कल दिल्ली सरकार के एक मंत्री ने कहा था कि अस्पताल बेवजह SoS का मामला उठा रहे हैं। अस्पताल ने कोर्ट से पूछा, ‘हमें बताएं कि मरीजों की मौत से कितने घंटे पहले हम सरकार को सूचना दें?’
जयपुर गोल्डन अस्पताल ने हाई कोर्ट में कहा कि हमें शाम 5 बजे तक 3.6 मिट्रिक टन ऑक्सजीन मिलनी थी, लेकिन नहीं मिल सकी। दिल्ली सरकार की ब्यूरोक्रेसी पूरी तरह फेल हो गई है, वो सप्लाई चेन को समझ नहीं पा रही है और उसे बिगाड़ रही है। अस्पताल ने कहा कि हमें सप्लायर से सीधे संपर्क करने दें, सरकार बीच में न आए। अस्पताल ने कहा कि जो पहले सीधे अस्पताल को ऑक्सिजन की सप्लाई करता था उसने अब फोन उठाना बंद कर दिया है। दिल्ली सरकार भी नहीं उठाती है। हम कहां जाएं।
Oxygen shortage issue: Jaipur Golden Hospital’s counsel informs Delhi High Court that we (the hospital) are facing uncertainty along with shortage. We are not even able to contact our supplier of oxygen, he says. Counsel claims that Delhi Govt has created a mess. pic.twitter.com/PtkdpPQ7gK
— ANI (@ANI) April 26, 2021
गौरतलब है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कल इस मसले पर कई ट्वीट किए थे। उन्होंने लिखा था कि ”आज सुबह मेरे पास एक ऐसे अस्पताल का ऑक्सीजन SOS कॉल आया, जिसके पास अभी 18KL उपलब्ध है जबकि उसका एक दिन का खर्च 4.8KL है। उसकी स्टोरेज क्षमता भी 21KL ही है। यानि उसके पास क़रीब 72 घंटे का ऑक्सीजन उपलब्ध है।” मनीष सिसोदिया ने इससे आगे लिखा था कि मेरा अस्पतालों से अनुरोध है कि ऑक्सीजन की कमी को लेकर अनावश्यक अलार्म न बजाए। ऐसा करने से जरूरतमंद अस्पतालों तक मदद पहुंचने में समस्या आ रही है।
आज सुबह मेरे पास एक ऐसे अस्पताल का ऑक्सिजन SOS call आया जिसके पास अभी 18KL उपलब्ध है जबकि उसका एक दिन का खर्च 4.8KL है. उसकी स्टोरेज क्षमता भी 21KL ही है. यानि उसके पास क़रीब 72 घंटे का ऑक्सिजन उपलब्ध है…. 1/3
— Manish Sisodia (@msisodia) April 25, 2021
ऑक्सीजन टैंकर की व्यवस्था करने में नाकाम रही केजरीवाल सरकार
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र के जवाब को पढ़ते हुए दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार को पर्याप्त ऑक्सीजन आवंटित की गई है, लेकिन दूसरे राज्यों की तरह वह प्लांट से यहां मंगवाने के लिए टैंकर की व्यवस्था करने में नाकाम रही। हालांकि सरकार ने एक वॉर रूम तैयार किया है। इसके साथ मेहता ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर दिल्ली को 380 एमटी ऑक्सीजन भी मिलती है तो स्थिति मैनेजेबल है। हमने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी से इस मुद्दे पर बात की है।
ऑनलाइन सुनवाई के दौरान जस्टिस विपिन सांघी ने दिल्ली सरकार की शिथिलता पर फटकार लगाई। जब दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी कोर्ट के सामने उपस्थित हुए तो जस्टिस विपिन सांघी ने उनसे ट्रांसपेरेंट सिस्टम बनाने का निर्देश दिया। जस्टिस सांघी ने उनसे कहा कि अगर ऑक्सीजन की वजह से मरीजों को अस्पताल में इलाज नहीं मिलेगा तो घरों में मौतें होने लगेंगी।
जस्टिस सांघी ने कहा, “हम यह सिचुएशन नहीं चाहते। आप पक्षधारकों, सप्लायरों के साथ आज ही मीटिंग करें। सारी सूचनाएं जमा करें जो आपको चाहिए। ट्रांसपेरेंट सिस्टम चाहिए। जरूरत में उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर बनाकर रखनी होगी। आपको अपने संसाधनों का सर्वोत्तम इस्तेमाल करना है। समय बर्बाद न किया जाए।”