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काशी ने ये दिखाया है कि इच्छाशक्ति हो तो परिवर्तन आ सकता है, अब यही बदलाव हमारे दूसरे तीर्थस्थानों में भी दिख रहा है: PM Modi

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी ने ये दिखाया है कि इच्छाशक्ति हो तो परिवर्तन आ सकता है, अब यही बदलाव हमारे दूसरे तीर्थस्थानों में भी दिख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान की 98वी वर्षगांठ के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं जब काशी आता हूं या दिल्ली में भी रहता हूं तो प्रयास रहता है कि बनारस में हो रहे विकास कार्यों को गति देता रहूं। कल रात 12 बजे के बाद जैसे ही मुझे अवसर मिला, मैं फिर निकल पड़ा था अपनी काशी में जो काम चल रहे हैं, जो काम हुए हैं, उनको देखने के लिए। पुरातन को समेटे हुए, नवीनता को धारण कर बनारस देश को नई दिशा दे रहा है।

विकास और रोजगार से युवाओं के सपनों को मिल रही ताकत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस विकास का सकारात्मक असर बनारस के साथ-साथ यहाँ आने वाले पर्यटकों पर भी पड़ रहा है। अगर हम 2019-20 की बात करें तो 2014-15 के मुक़ाबले यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है। काशी में बदलाव आ रहा है ओर यही बदलाव आज हमारे दूसरे तीर्थस्थानों में भी दिख रहा है। केदारनाथ, जहां अनेक कठिनाइयाँ होती थीं, 2013 की तबाही के बाद लोगों का आना जाना कम हो गया था, वहाँ भी अब रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। इससे विकास और रोजगार के कितने असीम अवसर बन रहे हैं, युवाओं के सपनों को ताकत मिल रही है।आज़ादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है
इस मौके पर पीएम मोदी ने सद्गुरु सदाफल देव जी को याद करते हुए कहा कि सद्गुरु ने समाज के जागरण के लिए, ‘विहंगम योग’ को जन-जन तक पहुंचाने के लिए, यज्ञ किया था, आज वो संकल्प-बीज हमारे सामने इतने विशाल वट वृक्ष के रूप में खड़ा है। आज इक्यावन सौ एक यज्ञ कुंडों के विश्व शांति वैदिक महायज्ञ के रूप में, लाखों-लाख साधकों के इस विशाल परिवार के रूप में, हम संत संकल्प की सिद्धि को अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा देश इतना अद्भुत है कि, यहाँ जब भी समय विपरीत होता है, कोई न कोई संत-विभूति, समय की धारा को मोड़ने के लिए अवतरित हो जाती है। ये भारत ही है जिसकी आज़ादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है और ये भारत ही है जहां साधकों की संस्था अपने वार्षिकोत्सव को आज़ादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रही है। आजादी के अमृत महोत्सव में देश अनेक संकल्पों पर काम कर रहा है।

बेटी को पढ़ाने और पानी को बचाने का संकल्प लें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से दो साल बाद आप सभी साधक यहाँ 100वें अधिवेशन के लिए एकत्रित होंगे। दो साल का ये बहुत उत्तम समय है। इसे ध्यान में रखकर मैं आज आप सभी से कुछ संकल्प लेने का आग्रह करना चाहता हूं। ये संकल्प ऐसे होने चाहिए, जिसमें सद्गुरु के संकल्पों की सिद्धि हो और जिसमें देश के मनोरथ भी शामिल हों। जैसे एक संकल्प हो सकता है- हमें बेटी को पढ़ाना है, उसका स्किल डवलपमेंट भी करना है। एक और संकल्प हो सकता है पानी बचाने को लेकर। हमें अपनी नदियों को, गंगा जी को, सभी जलस्रोतों को स्वच्छ रखना है। इसके लिए भी आपके संस्थान द्वारा नए अभियान शुरू किए जा सकते हैं।

सेवा का ऐसा कार्य करें जिसका लाभ पूरे समाज को हो

पीएम मोदी ने कहा कि देश आज प्राकृतिक खेती पर बल दे रहा है। इसके लिए लाखों-लाख किसान भाई-बहनों को प्रेरित करने में भी आप बहुत मदद कर सकते हैं। हमें अपने आस-पास सफाई-स्वच्छता का भी विशेष ध्यान देना है। किसी भी सार्वजनिक जगह पर गंदगी न फैले, ये ध्यान रखना है। परमात्मा के नाम से आपको कोई न कोई सेवा का ऐसा कार्य भी जरूर करना है जिसका लाभ पूरे समाज को हो।

 

 

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