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8 साल बाद 8वीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बनेगा भारत, टेंशन में पाकिस्तान

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को एक और महत्वपूर्ण कामयाबी मिलने जा रही है। भारत आज यानि 17 जून को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का 8वीं बार अस्थाई सदस्य चुना जाएगा। परिषद की अस्थाई सीट के लिए होने वाले चुनाव में भारत के निर्विरोध चुने जाने की पूरी उम्मीद है। भारत वर्ष 2021-22 के बीच सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर मौजूद होगा।

भारत का बढ़ेगा दबदबा

सुरक्षा परिषद में मौजूदगी से किसी भी देश की यूएन प्रणाली में दखल और दबदबे का दायरा बढ़ जाता है। ऐसे में 8 साल बाद भारत की सुरक्षा परिषद में दो साल के लिए पहुंचना खासा अहम होगा। सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत क्लीन स्लेट एंट्री करेगा। यानि एशिया-प्रशांत क्षेत्र से चुनाव में खड़े हो रहे भारत के खिलाफ कोई दूसरी दावेदारी नहीं है। 

भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाना होगा मुश्किल

कोविड19 संकट के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति के बदलते समीकरणों के बीच संयुक्त राष्ट्र संघ की सबसे ताकतवर हॉर्स शू टेबल पर भारत की मौजूदगी कई मायनों में अहम होगी। इस मेज पर पहुंचने के बाद चीन के लिए भारत के खिलाफ किसी मीटिंग को आयोजित करना या प्रस्ताव लाना मुश्किल होगा।

पांच स्थायी सदस्यों से तालमेल बनाना होगा आसान

सुरक्षा परिषद के ताजा कार्यकाल में भारत अस्थाई सदस्यों के ई-10 समूह का भी सबसे बड़ा देश होगा। ऐसे में जानकारों के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस के लिए भी भारत को साधना अहम होगा। यूएन में 55 देशों वाले एशिया प्रशांत समूह ने पहले ही भारत को अपनी तरफ से नामित कर दिया था। 

भारत एक सकारात्मक वैश्विक भूमिका निभा सकता है-जयशंकर

इससे पहले अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के तत्काल सुधार की आवश्यकता पर विचार करते हुए भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा कि इस असाधारण स्थिति में भारत एक सकारात्मक वैश्विक भूमिका निभा सकता है। हम हमेशा एक आवाज और अंतरराष्ट्रीय कानून के एक मतदाता रहे हैं। हम वैश्विक मुद्दे पर बातचीत, परामर्श और निष्पक्षता की वकालत करते हैं और हम वैश्विक विकास पर जोर देते हैं।

वसुधैव कुटुंबकम की भावना को मिलेगा महत्व-तिरुमूर्ति

यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि सुरक्षा परिषद में उपस्थिति से भारत को अपने वसुधैव कुटुंबकम की भावना को दुनिया के सामने लाने में मदद मिलेगी। भारत की इस चुनाव में जीत सुनिश्चित है क्योंकि वह इस समूह से एकमात्र प्रत्याशी है। तिरुमूर्ति ने कहा कि संगठन इस वर्ष अपनी 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है, ऐसे में बहुपक्षवाद को समकालीन वास्तविकताओं पर प्रकाश डालने और विश्वसनीय बनने के लिए बदलाव की जरूरत है।

पाकिस्तान की बढ़ी परेशानी

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने कहा- यूएनएससी में भारत की अस्थाई सदस्यता हमारे लिए चिंता का विषय है। भारत हमेशा इस मंच से उठाए जाने वाले प्रस्तावों को खारिज करता रहा है। खासकर कश्मीर जैसे मुद्दों को। कश्मीरियों को उनके हक नहीं दिए गए और उनका दमन जारी है। हालांकि, भारत के अस्थाई सदस्य बनने से कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा। पाकिस्तान भी सात बार अस्थाई सदस्य रह चुका है।

भारत कब-कब अस्थाई सदस्य चुना गया

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं। इनमें पांच स्थायी सदस्य हैं। ये हैं- अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन। 10 देशों को अस्थाई सदस्यता दी गई है। हर साल पांच अस्थायी सदस्य चुने जाते हैं। अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल होता है। भारत आठवीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना जा रहा है। इसके पहले सात बार 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में भारत यह जिम्मेदारी निभा चुका है।

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