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भारत ने बजट में 20 से अधिक मित्र देशों की मदद के लिए खोला खजाना, कटोरा फैलाये रह गया पाकिस्तान

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार (1 फरवरी, 2023) को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट पेश किया। इस बजट में जहां देश को आर्थिक विकास की पटरी पर तेजी से दौड़ाने के लिए अनेक घोषणाएं की गईं, वहीं इसमें मित्र देशों के लिए भी खजाना खोला गया। केंद्रीय वित्त मंत्री ने 20 से अधिक मित्र देशों के लिए कुल 5,408 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया। इसमें पड़ोसी देश भूटान, बांग्लादेश,अफगानिस्तान और मालदीव से लेकर अफ्रीका के गरीब और विकासशील देश भी शामिल है। भारत ने जहां मित्र देशों की मदद कर उनसे रिश्ते मजबूत करने की कोशिश की है, वहीं आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को दरकिनार कर एक संदेश भी दिया है।

भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति के अनुरूप बजट में सबसे करीबी पड़ोसी देश भूटान का पूरा ख्याल रखा गया है। भूटान के लिए सबसे ज्यादा 2400 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है, जो विकास सहायता मद का 41.04 प्रतिशत है। वहीं, तालिबान के शासन वाले अफगानिस्तान से राजनयिक रिश्ते कायम रखते हुए भारत ने 200 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। इसके अलावा मालदीव के लिए भी भारत ने मदद बढ़ाई है और इसे 400 करोड़ कर दिया है। नेपाल को विकास सहायता के तहत 550 करोड़ रुपये,मॉरीशस को 460 करोड़ रुपये और म्यांमार को 400 करोड़ रुपये मिलेंगे।

इस बजट में जहां आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश श्रीलंका को विकास सहायता के मद में 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, वहीं सहायता पाने वालों में पाकिस्तान शामिल नहीं है। हालांकि पाकिस्तान आर्थिक मदद के लिए अरब के मित्र देशों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संगठनों से आर्थिक मदद की गुहार लगा रहा है, लेकिन कोई मदद देने के लिए तैयार नहीं है। पाकिस्तान श्रीलंका की तरह आर्थिक आपातकाल की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ऐसे हालात में भारत ने उसकी सहायता नहीं कर उसके हाल पर छोड़ दिया है और उसको एक बड़ा संदेश दिया है।  

अफ्रीकी देशों और विकासशील देशों को दी जाने वाली मदद को वित्त वर्ष 2022-23 के बराबर पर ही रखा है। इस बार भी अफ्रीकी देशों के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। गौरतलब है कि वर्ष 2023-24 के आम बजट में विदेश मंत्रालय को 18,050 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.64 प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष में मंत्रालय को 17,250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

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