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देश की सुरक्षा और लोकतंत्र के मंदिर से खिलवाड़, जेल जा चुकी है संसद भवन के बाहर हंगामा करने वाली नीलम, बचाव में उतरे हमदर्द

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देश के लोकतांत्रिक इतिहास के पन्नों पर 13 दिसंबर का दिन फिर काले अक्षरों में दर्ज हो गया है। जिस तरह 22 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को आंतकियों ने संसद पर हमला करके पूरे देश को झकझोर दिया था, उसी तरह दिग्भ्रमित उपद्रवियों ने लोकतंत्र के मंदिर की सुरक्षा में सेंध लगाकर पूरे देश में सनसनी पैदा कर दी। उपद्रवियों और उनके संरक्षकों ने बता दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोकतांत्रिक तरीके से परास्त नहीं कर सकते तो अराजकता और आतंकवाद का सहारा लेकर देश के खिलाफ भी काम कर सकते हैं। साजिशकर्ताओं ने सुनियोजित तरीके से संसद में दो युवकों की घुसपैठ कराकर प्रधानमंत्री मोदी और देश की छवि को धुमिल करने की कोशिश की है। फिलहाल इस साजिश में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार कर यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया है। लेकिन इस साजिश में बड़े-बड़े लोगों के शामिल होने की आशंका जतायी जा रही है। वहीं सुरक्षा में सेंध लगाने वालों के हमदर्द भी सामने आ चुके हैं। 

संसद की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों के बचाव में उतरे विपक्षी सांसद 

संसद में घुसपैठ के मामले में सरकार और सुरक्षा एजेंसियां एक्शन में हैं। लोकसभा सचिवालय ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में आठ कर्मियों को निलंबित कर दिया। निलंबित किए गए लोगों की पहचान रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेन्द्र के रूप में की गई है। इस घटना में शामिल लोगों पर यूएपीए के तहत कार्रवाई की जा रही है। सरकार की सख्ती देख अब संसद में सेंध लगाने वालों के हमदर्द भी सामने आने लगे हैं। विपक्ष के सांसद संसद की गरिमा को तार-तार करने वालों को पीड़ित के रूप में पेश कर रहे हैं। उन्हें बेरोजगार और भ्रमित युवा बता रहे हैं। यहां तक कि सख्त कार्रवाई नहीं करने की सरकार से गुहार लगा रहे हैं। आरजेडी सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा कि हमको नहीं लगता है कि ऐसा कोई दंड है कि उस पर कोई कार्रवाई किया जाए। वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील रिंकू ने कहा कि उनके ऊपर इस तरह की सख्ती नहीं होनी चाहिए, क्योंकि वो हैं तो अपने देश के नागरिक ही। देश के लोग ही हैं। उनका तरीका गलत हो सकता है लेकिन मकसद गलत नहीं था।

देश और मोदी सरकार की छवि धुमिल करने की कोशिश

दरअसल 13 दिसंबर, 2023 को शून्यकाल के दौरान संसद में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब  दो घुसपैठिए सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए। ये घटना दोपहर डेढ़ बजे के करीब हुई। सदन में कार्यवाही चल रही थी। तभी अचानक दो लोग सांसदों के बीच कूद गए। उन्होंने कलर स्मॉग का इस्तेमाल किया, जिससे सांसदों में के बीच अफरा-तफरी मच गई। सांसदों ने आरोपियों को पकड़ा और उनकी जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद उन्हें सदन में मौजूद मार्शल के हवाले किया गया। सदन में कूदने वालों की पहचान सागर और मनोरंजन डी के रूप में हुई है। सागर उत्तर प्रदेश के लखनऊ और मनोरंजन कर्नाटक के मैसूर का रहने वाला है। वहीं, संसद भवन के बाहर से गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान हरियाणा के जींद जिले के गांव घासो खुर्द निवासी नीलम और महाराष्ट्र के लातूर निवासी अमोल शिंदे के रूप में हुई है।

घटना को अंजाम देने के लिए संसद भवन की दो बार की गई थी रेकी 

नीलम और अमोल शिंदे ने संसद भवन के बाहर कलर स्मॉग का इस्तेमाल किया और नारेबाजी की। इसके बाद बाहर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ललित और विशाल शर्मा के रूप में दो अन्य आरोपी भी इस साजिश में शामिल थे। विशाल को हरियाणा के गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया, जबकि ललित फिलहाल फरार है। संसद की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों के बारे में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब तक की जांच में पता चला है कि सभी आरोपी एक सोशल मीडिया पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ से जुड़े थे। यह सभी आरोपी करीब डेढ़ साल पहले एक दूसरे से मैसूर में मिले थे। लगभग नौ माह पहले वे फिर मिले और अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए संसद का उपयोग करने का निर्णय लिया। घटना को अंजाम देने के लिए संसद भवन की दो बार रेकी की गई थी। सागर और मनोरंजन ने इस साल मार्च और जुलाई महीने में संसद की रेकी की थी। इन्हें पहली बार में ही बड़ी सफलता मिल गई थी, जबकि दूसरी बार में उन्हें मायूसी हाथ लगी थी।

संसद में घुसपैठ के लिए डेढ़ साल पहले से की जा रही थी साजिश 

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने से पहले 10 दिसंबर की रात में सागर, नीलम और अमोल गुड़गांव में विक्की (मनोरंजन का दोस्त) के घर पहुंचे। विक्की शर्मा गुड़गांव के सेक्टर- 7 में मकान नंबर 67 में एक एक मंजिला इमारत में रहता है। रात में ललित आया और अगली सुबह मनोरंजन फ्लाइट से आया। सागर, अमोल, ललित और मनोरंजन की यही पहले मुलाकात हुई थी। वे संसद में आगंतुकों के लिए पास की व्यवस्था करने के लिए तीन रात और दो दिन गुड़गांव में रुके। योजना के तहत 14 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन करना था, लेकिन उन्हें पहले ही पास मिल गया। उन्होंने एक दिन पहले 13 दिसंबर को ही विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया। स्मॉग बम का जुगाड़ पहले ही कर लिया गया था। अमोल ने स्मॉग बम को लातूर में खरीदा था जिसे बाद में सागर ने कुर्ला से एकत्रित किया था। सागर ने जूते खरीदे और स्थानीय मोची की मदद से उन जूतों में छेद कराया और उसे बंद करवा दिया।

सुनियोजित तरीके से दिया गया घटना को अंजाम

साजिश में शामिल पांच लोगों ने 13 दिसंबर को इंडिया गेट पर करीब आधे घंटे तक मीटिंग की। इस दौरान तय हुआ कि सागर और मनोरंजन संसद में प्रवेश करेंगे और दोनों को पीले रंग का एक-एक स्मॉग (धुआं) बम दिया गया, जिसे उन्होंने अपने जूतों के अंदर छिपाया। सागर ने जूतों में कुछ पर्चे भी छिपा रखे थे। चूंकि स्मॉग बम फेंकने के बाद उन्हें पर्चे फेंकने थे। जबकि नीलम, अमोल और ललित झा को संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करना था। दोपहर करीब 12 बजे सागर और मनोरंजन संसद में घुसे और संसद में स्मॉग बम फेंक दिया। वहीं संसद के बाहर नीलम और अमोल शिंदे ने कलर स्मॉग का इस्तेमाल किया और नारेबाजी की। जब पुलिस ने नीलम को पकड़ा तो वो हिंदुस्तान जिंदाबाद, जय हिंद, जय भीम, तानाशाही बंद करो, लोकतंत्र बचाओ-संविधान बचाओ के नारे लगा रही थीं।

महिला पहलवानों के आंदोलन के दौरान जेल जा चुकी है नीलम

नीलम फिलहाल पुलिस के हिरासत में है। लेकिन उसके बारे में हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। इससे पहले मई में नीलम को दिल्ली में महिला पहलवानों के आंदोलन के दौरान हिरासत में लिया गया था। नीलम ने किसानों के आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया था और हरियाणा में कई विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा रही थीं। 2020 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसानों के आंदोलन में नीलम काफी सक्रिय थीं। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए दिल्ली कूच कर रहे पंजाब के किसानों का नीलम ने 26 नवंबर, 2020 और उसके बाद हरियाणा में प्रवेश करने पर उचाना कलां शहर में स्वागत किया था। इसी साल जब बीजेपी सांसद और तत्कालीन कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह के खिलाफ जब महिला पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर मई विरोध-प्रदर्शन किया था, तब भी नीलम उसमें शामिल थीं। दिल्ली पुलिस ने 28 मई को हिरास्त में लिया था।

कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल के लिए वोट मांगती थी नीलम

नीलम का बीजेपी विरोधी पार्टियों से काफी जुड़ाव है। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा, जिसमें दावा किया जा रहा है कि वह कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल के लिए वोट मांगती नजर आ रही हैं। इस वीडियो में नीलम को कहते हुए सुना जा सकता है कि बीजेपी अभी सत्ता में चल रही है, तो हम सत्ता परिवर्तन करेंगे। या तो हम कांग्रेस को लाएंगे या फिर आईएनएलडी को लाएंगे। वायरल हो रहे वीडियो में नीलम आजाद ने बीजेपी को क्रूर पार्टी बताया। नीलमी कहती हैं कि बाकि दूसरी पार्टी इतना क्रूर नहीं है। वो गरीबों और मजदूरों की बात समझती हैं। उनका हमारा आजादी के आंदोलन में योगदान रहा है, जिसकी वजह से वो समझती हैं कि आजादी का महत्व क्या रहा है।

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