भारत में चौतरफा विकास से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कद लगातार बढ़ता जा रहा है। देशवासियों के दिल में उनकी पैठ लगातार गहरी होती जा रही है। इससे सबसे ज्यादा घबराहट में अमेरिका, चीन और भारत के विपक्षी दल हैं। दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका और चीन भारत के विकास की रफ्तार को रोकने के लिए हर तरह की तिकड़म कर रहे हैं। लेकिन पीएम मोदी के सामने उनकी एक नहीं चल रही है। वहीं देश में लगातार अपना जनाधार खो रही कांग्रेस सहित अन्य पार्टियां विदेशी शक्तियों के साथ हाथ मिलाकर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हैं। 13 दिसंबर को संसद में घुस आए दो वामपंथी युवकों की घटना भी इन्हीं लोगों की रची साजिश का हिस्सा हो सकती है। वे भारत को बदनाम कर पीएम मोदी की छवि को धूमिल करना चाहते हैं जिससे चुनाव में उन्हें हराया जा सके। लेकिन यह उनका दिवास्वप्न ही होने वाला है क्योंकि मोदी तो जन-जन के दिलों पर राज करते हैं।
संसद में हंगामा करने वाले लेफ्ट लिबरल इकोसिस्टम का हिस्सा
संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर को लोकसभा में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब विजिटर्स गैलरी से 2 युवक अचानक नीचे कूद गए। उस समय लोकसभा में बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। युवक सदन की बेंच पर कूदते हुए आगे बढ़ने लगे। इसी बीच उन्होंने जूते से निकालकर स्मोक बम स्प्रे किया, जिससे सदन में पीला धुआं फैलने लगा। इससे पूरे सदन में भगदड़ मच गई और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। संसद पर हंगामा करने वालों का वामपंथ से जुड़ाव, घर से गुरिल्ला वारफेयर की किताबें मिलना और आंदोलनों में हिस्सा लेने के सबूत यह साबित करता है वे लिबरल इकोसिस्टम का हिस्सा हैं। यहां यह भी ध्यान देने योग्य है कि अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने संसद पर हमले की धमकी दी थी और भारत को सौंपने के बजाय अमेरिका उसे अपना नागरिक बताकर उसकी ढाल बना हुआ है। यह साफ है कि अंतर्राष्ट्रीय साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया, जिसे यहां के लेफ्ट लिबरल का साथ मिला।
विपक्ष की हताशा राहुल गांधी की जुबानी सुनिए
राहुल गांधी खुद बोल रहे हैं कि ”एक बात हमें समझ नहीं आ रही है। हम इस राजा ( मोदी जी ) पर 24 घंटा आक्रमण करते हैं। जनता इसके खिलाफ है। कुछ होता ही नहीं है। जितना हम इस पर आक्रमण करते हैं ऐसा लगता है मतलब हम गलत जगह तीर मार रहे हैं।” अब इसे तो यही कहा जाएगा कि कांग्रेस के अंतिम चिराग का हौसला अद्भुत है। संसद में हुए स्प्रे कांड को इस हताशा में भी ढूंढा जा सकता है।
सुनिए.. राहुल गांधी खुद बोल रहे है कि हम इस राजा ( मोदी जी ) पर 24 घंटे हमले करते हैं, लेकिन लगता है,
तीर हमेशा गलत निशाने पर जाता है.. अदभुद है इस कांग्रेस के अंतिम चिराग का हौंसला.. 🙄😂😂 pic.twitter.com/HrvsMT1haw
— Munna_Yadav (@961YM) December 13, 2023
मोहब्बत की दुकान से बांटे नफरत, 42 साल की आंदोलनजीवी सड़क पर उतरी
पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस और सत्ता से बाहर हुए विपक्षी दल देश में जिस तरह नफरत फैलाने की कोशिश की है उसी का परिणाम है कि पांच लोग अचानक बेरोजगारी और तानाशाही से पीड़ित होकर इतना बड़ा जोखिम उठा लें। इनकी समझदारी की भी दाद देनी चाहिए बीजेपी को बदनाम करने के लिए इन्होंने भाजपा सांसद से ही पास बनवाया और संसद के भीतर जा पहुंचे। मोहब्बत की दुकान से नफरत फैलाने की वजह से आज 42 साल की आंदोलनजीवी महिला सहित पांच लोग बेरोजगारी का हवाला देकर संसद के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच जाती है। सवाल यह भी है कि जब कोई आंदोलन में ही लगा रहेगा तो पढ़ाई में मन कैसे लगेगा और रोजगार कैसे मिलेगा।
संसद में हंगामा करने वाले 5 किरदार गिरफ्तार, 1 फरार
लोकसभा में दो युवक विजिटर गैलरी से कूदे और स्मोक बम से पीले रंग का धुआं उड़ाने लगे। सुरक्षा में सेंध लगाने वाले दोनों लोगों को पहले सांसदों ने पीटा, फिर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। इस सिक्योरिटी ब्रेक के 6 किरदार सामने आए हैं। दो ने सदन के अंदर हंगामा किया, दो ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। ये चारों पुलिस की गिरफ्त में हैं। दो और लोग प्लानिंग में शामिल थे, इनमें से एक ने सभी को अपने घर में ठहराया था। उसे पुलिस ने पत्नी समेत हिरासत में ले लिया है। हालांकि, पत्नी इन छह आरोपियों में शामिल नहीं है। एक अभी भी फरार है।
संसद में पहुंचकर और संसद के बाहर हंगामा करने वाले छह किरदारों पर एक नजर-
नीलम आजादः हिसार के PG में रहकर HTET की पढ़ाई कर रही थी
नीलम आजाद के फेसबुक प्रोफाइल से पता चलता है कि वो आंदोलनजीवी है। उसे पहले भी कई विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय देखा गया है। जिस समय सागर और मनोरंजन लोकसभा में हंगामा कर रहे थे, उसी वक्त अमोल और नीलम संसद के बाहर नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रहे थे। नीलम हरियाणा के जींद जिले के घसो खुर्द गांव की रहने वाली है। पिछले 6 महीने से हिसार में पेइंग गेस्ट (PG) में रहकर हरियाणा सिविल सर्विस एग्जाम और HTET (हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा) की तैयारी कर रही थी। नीलम का राजनीति में इंट्रेस्ट था और वह किसान आंदोलन से लेकर पहलवान आंदोलन के साथ कई अन्य आंदोलनों में हिस्सा ले चुकी है। पहलवान आंदोलन के दौरान पीटी उषा के साथ धक्का मुक्की करने वाली प्रदर्शनकारियों में नीलम भी शामिल थी। नीलम के छोटे भाई राम निवास ने कहा- हमें तो पता ही नहीं था कि वह दिल्ली गई है। वह सोमवार को आई थी, इसके बाद मंगलवार को वापस चली गई। हमें तो यही लगा था कि वह हिसार जा रही है। उसने कई बार बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। वह किसान आंदोलन में भी गई थी। परिवार में मेरा बड़ा भाई और माता-पिता हैं। पिता हलवाई हैं, जबकि मैं और मेरा भाई दूध का काम करते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा इनके समर्थन में उतर आया है और रिहाई की मांग की है।
तीन खबरें –
1 – ‘आंदोलनजीवी’ नीलम आज़ाद का Congress के लिए वोट माँगने वाला वीडियो।
2 – उन्हीं ‘आंदोलनजीवी’ नीलम ने आज संसद का सुरक्षा घेरा तोड़ा।
3 – संयुक्त किसान मोर्चा और पूरा ‘Ecosystem’ नीलम के साथ खड़ा है और रिहाई की माँग कर रहा है। pic.twitter.com/Lw8OvfeNzs
— Aman Chopra (@AmanChopra_) December 13, 2023
सागर शर्माः लखनऊ में चलाता है ई-रिक्शा, पिता कारपेंटर
संसद की विजिटर्स गैलरी में कूदने वाले दो युवकों में से एक सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है। सागर का परिवार लखनऊ के आलमबाग के रामनगर में किराए के घर में रहता है। पिछले 15 सालों से सागर का परिवार लखनऊ में रह रहा है। पिता रोशनलाल कारपेंटर हैं। वह खुद लखनऊ में ई-रिक्शा चलाता है। सागर सोशल मीडिया पोस्ट को देखें तो पता चलता है कि वह रवीश कुमार को फॉलो करता है। गौमूत्र से गरारा करने वाले बोलकर सनातन पर हमला करता है और मोदी-शाह के खिलाफ जहर उगलता है। सागर की मां रानी शर्मा ने कहा कि बेटा धरना-प्रदर्शन करने की बात कहकर घर से गया था। सागर की छोटी बहन ने कहा कि भाई चार दिन पहले दिल्ली गया था। वह दो महीने पहले बेंगलुरु से लौटा था। सागर की मां ने कहा, बेटा बहुत सीधा है, पता नहीं कैसे दिल्ली पहुंच गया।
संसद में कूद कर हमला करने वाला आतंकी pic.twitter.com/GdYOt41B4U
— Political Kida (@PoliticalKida) December 14, 2023
मनोरंजन गौराः पेशे से इंजीनियर, घर से गुरिल्ला वारफेयर की किताबें मिली
संसद की विजिटर्स गैलरी में कूदने वाले डी मनोरंजन दूसरा युवक है। वह कर्नाटक के मैसुरु का रहने वाला है। उसने 2016 में बैचलर इन इंजीनियरिंग (BE) की पढ़ाई पूरी की थी। दिल्ली और बेंगलुरु में कुछ कंपनियों में काम भी किया। अब वह परिवार के साथ खेती का काम देख रहा था। मनोरंजन ने भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के ऑफिस से लोकसभा में एंट्री के लिए पास लिया था। उसने सागर शर्मा को अपना दोस्त बताया था। उसके घर से गुरिल्ला वारफेयर सहित भारी मात्रा में वामपंथी किताबें मिली है। मनोरंजन के पिता देवराजे गौड़ा ने कहा कि अगर मेरे बेटे ने गलत किया है, तो उसे फांसी पर लटका दीजिए। हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि उनका बेटा ईमानदार और सच्चा है। उसकी एकमात्र इच्छा समाज के लिए अच्छा करना और समाज के लिए बलिदान देना है।
आख़िर वही हुआ जिसका अंदेशा था।
संसद में घुसकर बेचा गया क्रांति का मिलावटी टूथपेस्ट वामपंथ की ही दुकान से निकला था!!
ये एक आरोपी मैसूर के मनोरंजन के घर की तस्वीर है।
इस घर में वामपंथी गुरिल्ला वार के फुटकर विक्रेताओं की “ऐतिहासिक” किताबें पायी गई हैं।
जड़ तो यहाँ है!!! pic.twitter.com/AbwuC8honT
— abhishek upadhyay (@upadhyayabhii) December 13, 2023
अमोल शिंदेः सेना भर्ती में जाने की कहकर घर से निकला था
अमोल शिंदे (25) महाराष्ट्र के लातुर जिले के जरी गांव का रहने वाला है। उसने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। वह पुलिस और सेना भर्ती परीक्षाओं की तैयारी के साथ दिहाड़ी मजदूरी करता था। अमोल के मां-बाप और दो भाई भी मजदूरी करते हैं। अमोल के परिवार के मुताबिक, वह 9 दिसंबर को यह कहकर घर से निकला था कि वह सेना भर्ती के लिए दिल्ली जा रहा है। उसने पहले भी इस तरह के कई भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था, इसलिए उसके माता-पिता को कोई शक नहीं हुआ।
यह संसद में घुसने वाले अमोल शिंदे का घर है घर की हालात देखिए और सोचिए क्या यह लड़का दिल्ली तक जाने के पैसे और इतने कांटैक्ट इकट्ठा कर सकता है? यह कोई बड़ी साज़िश है। pic.twitter.com/4Qw5bYaTsL
— कुश अंबेडकरवादी (@Kush_voice) December 13, 2023
विक्की शर्माः गुरुग्राम के विक्की के घर रुके थे सभी आरोपी
संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन करने वाले सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल शिंदे दिल्ली जाने से पहले गुरुग्राम में रुके थे। इनके साथ ललित झा भी था। यह लोग गुरुग्राम के सेक्टर 7 की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले विक्की के घर रुके थे। विक्की शर्मा मूल रूप से हरियाणा के हिसार का रहने वाला है। यहीं के PG में संसद के बाहर प्रदर्शन करने वाली नीलम पिछले 6 महीने से रह रही थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और केंद्रीय एजेंसियों की टीम ने विक्की शर्मा और उसकी पत्नी को भी हिरासत में ले लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये चारों विक्की शर्मा के दोस्त हैं। इसके बाद शक जताया जा रहा है कि संसद भवन के बाहर प्रदर्शन और अंदर धुआं फैलाने की पूरी साजिश यहीं तो नहीं रची गई। जब आरोपी यहीं से दिल्ली गए तो फिर क्या उनके मोबाइल यहीं रखे गए थे।
संसद की सुरक्षा में चूक मामला,#गुरुग्राम में रुके थे चारों आरोपी,सेक्टर 7 की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के मकान नंबर 67 में रुके थे चारो आरोपी,दिल्ली पुलिस ने विक्की शर्मा और उनकी पत्नी को लिया हिरासत में,चारों आरोपी विक्की शर्मा के दोस्त हैं,मूल रूप से हिसार का रहने वाला है विक्की pic.twitter.com/tPqgeBmgFu
— Sahil Rukhaya (@Sahilrukhaya7) December 13, 2023
ललित झाः स्प्रे कांड का मास्टरमाइंड फरार, कांग्रेस से कनेक्शन!
ललित झा अभी फरार चल रहा है। घटना के वक्त ललित भी संसद परिसर में ही मौजूद था। जैसे ही हंगामा शुरू हुआ आरोपी ललित वहां से भाग गया। ललित के पश्चिम बंगाल कांग्रेस कार्यालय में फोटो से साफ होता है कि उसका कांग्रेस से जुड़ाव है। ललित झा को संसद में घुसपैठ का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। ललित बिहार का रहने वाला है और बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में शिक्षक है। ललित को कोलकाता में कई सामाजिक समारोहों में देखा गया था। उसके कई एनजीओ से जुड़े होने की बात भी सामने आई है। इनमें ज्यादातर बंगाल के एनजीओ हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ललित झा फरार होने से पहले अपने एनजीओ पार्टनर नीलाक्ष आइच को संसद में घुसपैठ का एक वीडियो व्हाट्सएप पर भेजा था।
Check the background in second picture https://t.co/pORX4nPWPk pic.twitter.com/R97QwdEacX
— Political Kida (@PoliticalKida) December 14, 2023
संसद में तो अपने ही लोग गए, किसी को नुकसान तो नहीं पहुंचाया
अभी पूरा विपक्ष शोर मचा रहा है, संसद पर हमला हो गया, एक्शन लो एक्शन लो। यह सुरक्षा मे बहुत बड़ी चूक हुई है और जो भी जिम्मेदार है, उसके खिलाफ एक्शन होना चाहिए। अब एक्शन हो रहा है और आरोपियों पर UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया है। अब इसे लेकर विपक्ष और लेफ्ट लिबरल इकोसिस्टम में रोना धोना शुरू हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने तो नीलम की रिहाई की मांग की है तो एक वामपंथी विश्लेषक कह रहे हैं- “संसद में तो अपने ही लोग गए हैं, किसी को नुकसान तो नहीं पहुंचाया, विरोध करने गए थे ना भाई।” इस स्तब्धकारी घटना ने बौद्धिक अलगवाववाद और बौद्धिक आतंकवाद को पोषित करते एक बड़े सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर वर्ग को भी निःसंदेह रूप से आमजनमानस के सामने नंगा किया है।
Communist Journalists:
“Parliament mei toh apne hi log gaye hain”
“Kisi ko nuksaan toh pahunchaya nhi”
“Protest karne gaye the na bhai” pic.twitter.com/p4cqSji6ud— Ankur Singh (@iAnkurSingh) December 14, 2023
भाजपा की हार की पटकथा लिखते रहे, भारी पड़ी मोदी की गारंटी
दिल्ली के वातानुकूलित कमरों में बैठकर जब स्वयंभू राजनीतिक पंडित राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की हार की पटकथा लिख रहे थे तब उन्हें कोई अंदाजा नहीं था कि मतदान बूथों पर इन प्रदेशों की महिलाएं, गरीब और मजदूर अपने मतों के प्रयोग से पूरी पटकथा का क्लाइमेक्स छाप रहे थे। क्लाइमेक्स था, जहां दूसरों से उम्मीद खत्म होती है, वहां से मोदी की गारंटी शुरू होती है।
प्रधानमंत्री के सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के मंत्र पर जनता ने मुहर लगा दी। जिन राजनीतिक पंडितों को चुनाव से पहले यह बात समझ नहीं आ रही थी, वे भी नतीजों के बाद इसके विश्लेषण में लग गए। चुनाव नतीजों के यही निहितार्थ हैं कि तीनों राज्यों की महिलाएं, गरीब, किसान और युवा पीढ़ी ने पीएम मोदी की गारंटी पर पूरा विश्वास जताया है। यह जीत मोदी की गारंटी की जीत है। इन परिणामों में लोकसभा चुनाव के लिए दूरगामी संदेश निहित है, जिसे विपक्षी दल बखूबी समझ रहे हैं। इस कारण कांग्रेस के सहयोगी दलों में बेचैनी साफ दिख रही है। अब यह कोई प्रश्न ही नहीं बचा कि हिंदी पट्टी में सबसे लोकप्रिय पार्टी कौन है? पिछले नौ वर्षों में भारतीय राजनीति में मोदी नाम भरोसे और विश्वास की गारंटी बन गया है। किसी गारंटी के साथ मोदी का नाम जुड़ जाए तो जनता उस पर पूरा भरोसा करती है। यह विश्वास चुनाव परिणामों में दिख रहा है।
मोदी की गारंटी में ही दम है! pic.twitter.com/sdtZsy78DR
— Smriti Z Irani (@smritiirani) December 9, 2023