पिछले साल अगस्त 2022 में असम के कई मदरसों का आतंकी संगठनों से लिंक सामने आया था और उसे तोड़ने की कार्रवाई की गई थी। बाद में स्थानीय लोगों ने खुद इन मदरसों को गिरा दिया था। मदरसों के आतंकवादी लिंक सामने आने के बाद इस साल की शुरुआत मेंमुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में सभी मदरसों, इस्लामी धार्मिक स्कूलों को बंद करने की बात कही थी। असम सरकार ने अब राज्य में सरकारी मदद से चलाए जा रहे 1281 मदरसे बंद करके उसे इंग्लिश स्कूल में बदल दिया है। इसके लिए सरकार ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। अब इन मदरसों में इस्लामी शिक्षा की जगह सामान्य विषयों की पढ़ाई होगी।
मदरसों को स्कूलों में बदलने को लेकर नोटिफिकेशन जारी
असम सरकार के 1281 मदरसों को बंद करने के निर्णय को बताते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सभी सरकारी और प्रांतीय मदरसों के स्कूलों में SEBA (असम सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड) के तहत आज असम शिक्षा विभाग ने 1281 माध्यमिक शिक्षा मदरसों को माध्यमिक शिक्षा स्कूलों में बदलने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
Consequent to conversion of all Govt and Provincialised Madrasa’s into general schools under SEBA, @SchoolEdnAssam has changed the names of 1281 ME Madrasas into ME School by a notification today. Here is the link for the list of schools. @himantabiswa @Samagra_Assam…
— Ranoj Pegu (@ranojpeguassam) December 13, 2023
नए भारत में डॉक्टर, इंजीनियर की जरूरतः हिमंता बिस्वा सरमा
प्रदेश के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पहले ही कह चुके हैं कि वह राज्य के सभी मदरसे बंद करना चाहते हैं क्योंकि नए भारत में लोगों को स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है जो कि डॉक्टर, इंजीनियर और प्रोफेशनल्स बनाएं ना कि मदरसों की।
हम असम में मुल्ला पैदा होने नहीं देगा..
डॉक्टर बनो इंजीनियर बनो मुल्ला नहीं ।बाबर और औरंगजेब को टाइट करने के लिए ही तो मुख्यमंत्री बना हूं।
मदरसा कौन सा दुकान है ,मुल्ला पैदा करने का दुकान है..— Sudhanshu Trivedi 🇮🇳 Parody (@Sudanshutrivedi) November 17, 2023
बांग्लादेशी घुसपैठिए संस्कृति के लिए खतरा
असम में इससे पहले 600 मदरसों को बंद किया गया था। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कर्नाटक चुनावों के दौरान आयोजित एक रैली में कहा था कि वह राज्य में 600 मदरसे बंद कर चुके हैं और सभी मदरसों को बंद करने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने कहा कि वे सभी मदरसों को बंद करना चाहते हैं इसकी जरूरत नहीं है। वे चाहते हैं कि मदरसों की जगह स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी खुले। सीएम सरमा ने बांग्लादेश से होने वाले घुसपैठ को खतरनाक करार दिया। कहा कि बांग्लादेश से असम में घुसपैठ करने वाले स्थानीय संस्कृति के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।
आतंकवाद की शिक्षा का केंद्र थे मदरसा
पिछले साल अगस्त 2022 में असम के कई मदरसों का आतंकी संगठनों से लिंक सामने आने के बाद उन्हें तोड़ने की कार्रवाई की गई थी। तीन मदरसों को जब सरकार ने गिराया तो चौथे मदरसे को स्थानीय लोगों ने ही गिरा दिया। लोगों का कहना है कि यह आतंकवाद की शिक्षा का केंद्र बन गया था और यहां अलग कायदा से जुड़े आतंकी पनाह पाते थे और लोगों को देश विरोधी काम अंजाम देने के लिए भड़काने का काम करते थे। इस मामले में सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि जिन मदरसों को गिराया गया है वो अल कायदा के सेंटर थे। हम लोगों ने 2-3 मदरसों को गिराया है जबकि अब लोग खुद मदरसों को गिराने के लिए आगे आ रहे हैं। खास बात यह है कि मुस्लिम समाज से जुड़े लोग ही आगे आ रहे हैं।
All demolished madrasas were not madrasas but Al Qaeda offices. We demolished 2-3 & now public is coming to demolish others. Muslim community is coming to demolish, saying that they don’t want a madrasa where the work of Al Qaeda is done.That changes madrasa’s character: Assam CM https://t.co/j7Y0bMgsNZ pic.twitter.com/fEibiP5uTY
— ANI (@ANI) September 7, 2022
गिरफ्तार किए गए जिहादी मदरसा में शिक्षक थे
असम के सीएम ने कहा कि अब तो मुस्लिम समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि वो ऐसा कोई मदरसा नहीं चाहते जिसके जरिए आतंकवाद की शिक्षा दी जाती हो। मुस्लिम समाज ऐसा मदरसा नहीं चाहता जिसकी वजह से समाज में आतंक की खेप पैदा हो। यही वजह है कि कुछ मदरसों को लोगों ने खुद ही ढहा दिया। सरमा ने कहा कि सभी ध्वस्त मदरसे अल कायदा के कार्यालय थे। इससे मदरसे का चरित्र बदल जाता है। गोलपारा एसपी वीवी राकेश रेड्डी ने अगस्त 2022 में कहा था, ‘स्थानीय लोग मदरसा गिराने की पहल कर रहे हैं। इसमें सरकार शामिल नहीं है। वे इस बात को लेकर हैरान हैं कि गिरफ्तार किए गए जिहादी मदरसा में शिक्षक थे। लोगों ने एक मजबूत संदेश दिया है कि वे जिहादी गतिविधियों का समर्थन नहीं करना चाहते।
मदरसों को स्कूल बनाने के लिए 2021 में बना था कानून
साल 2021 जनवरी में असम सरकार द्वारा एक कानून बनाया गया था, इससे राज्य में सभी सरकारी मदरसों को नॉर्मल स्कूल बनाने का रास्ता खुल गया था। प्राइवेट मदरसों को छोड़कर, इसका असर 731 मदरसों और अरबी कॉलेजों पर पड़ा था। जो राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड, असम उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, असम (SEB) का हिस्सा थे।