महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली शिवसेना सरकार में आतंकी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। शिवसेना के नियंत्रण वाली बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) ने देश विरोधी संगठन पीएफआई को मुंबई में कोरोना से मृत लोगों के शवों को दफनाने की जिम्मेदारी दी है। बीएमसी ने पत्र लिखकर सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि कोरोना से मृत शवों को दफनाने के लिए चार पदाधिकारियों से संपर्क किया जाए। पत्र में पीएफआई के चार नेताओं सईद चौधरी, इकबाल खान, सईद अहमद और सादिक कुरैशी के नाम के साथ फोन नंबर भी दिए गए हैं।
उद्धव ठाकरे सरकार के इस फैसले पर महाराष्ट्र के पूर्व-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीएमसी और शिवसेना सरकार पर निशाना साधा है। फडणवीस ने कहा कि कथित रूप से देश और समाज विरोधी गतिविधियों के लिए जाने जाने वाले पीएफआई जैसे संगठन को मान्यता दिए जाने से शॉक्ड हैं। क्यासीएम उद्धव ठाकरे इससे सहमत हैं? अगर नहीं तो क्या वो एक्शन लेंगे?
Shocked to know that @mybmc giving legitimacy to organisation like Popular Front of India (PFI), allegedly known for anti-national & anti-social activities.
Hon CM @OfficeofUT ji do you agree to this?
If not, will you take strong action?
Sharing few links, See what is PFI? pic.twitter.com/KLcZoupBPh
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 2, 2020
इसके साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने पीएफआई के बारे में कुछ लिंक भी शेयर किए हैं।
Link 1https://t.co/74WRUpMSn7
Link 2https://t.co/GPlkRITpwW
Link 3https://t.co/AHbMPODbK3
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 2, 2020
पीएफआई पर दिल्ली दंगों सहित कई देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
दिल्ली दंगों की जांच में खुलासा, पीएफआई के संपर्क में थे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता
खुफिया एजेंसियों को दिल्ली को दंगों की आग में झुलसाने के पीछे कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई और पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के हाथ होने के संकेत मिले हैं। जिस तरह से दिल्ली में दंगों को अंजाम दिया गया, उससे आशंका जतायी जाने लगी थी कि यह किसी बड़ी साजिश का नतीजा है। जैसे-जैसे पुलिस और ईडी की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे आशंका हकीकत में बदलती जा रही है और साजिश की परतें खुलती जा रही हैं। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने इस सिलसिले में कट्टरपंथी संगठन पीएफआई के सरगना परवेज़ और सेक्रेटरी इलियास को गिरफ्तार किया। दोनों पर शाहीन बाग प्रदर्शन की फंडिंग और दिल्ली में हुए दंगों को भड़काने का आरोप है। इन दोनों का संबंध आईएसआईएस से जुड़ी दंपत्ति से था, वहीं इनकी पहुंच आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं तक थी, जो कॉल, मैसेज और व्हाट्सएप के जरिए जुड़े हुए थे।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने PFI Delhi State Head मोहम्मद परवेज़ अहमद और सेक्रेटरी इलियास को शाहीन बाग और दिल्ली दंगों में फ़ंडिंग के आरोप मे गिरफ्तार किया। ED ने भी परवेज अहमद से पुछताछ की थी।PFI सदस्य दानिश की गिरफ़्तारी और बयानों के बाद दोनों की गिरफ्तारी हुयी।?? pic.twitter.com/tWvwsU0WzI
— Jitender Sharma (@capt_ivane) March 12, 2020
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के तार भी पीएफआई से जुड़े हुए थे। इसमें कहा गया है कि संजय सिंह पीएफआई के अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद से लगातार संपर्क में थे। ईडी ने कहा है कि संजय सिंह और परवेज के बीच व्हाट्सएप चैट भी की गई है। इसके अलावा दोनों ने एक-दूसरे से मुलाकात भी की थी।
ईडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भीम आर्मी और कांग्रेस के नेता उदिज राज के भी PFI से संबंध थे। ईडी अधिकारियों का कहना है कि जिन-जिन का नाम सामने आया है उन्हें आने वाले समय में नोटिस भेजा जाएगा और इस संबंध में जवाब तलब किया जाएगा।
पीएफआई ने दंगों में उपलब्ध कराया फंड और सामान
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) और प्रदर्शन निदेशालय के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने पॉपुलर फ्रंड ऑफ इंडिया संस्था से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई की है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार हुए पीएफआई के अध्यक्ष परवेज और सेक्रेटरी इलियास पर दंगों में लोगों को फंड और आवश्यक सामान उपलब्ध कराने का आरोप है।
Delhi Police Special Cell has arrested Delhi Popular Front of India (PFI) President Parvez (pic1) and Secretary Illiyas (pic2), in connection with the alleged PFI-Shaheen Bagh link. #Delhi pic.twitter.com/iLx1M7P3xz
— ANI (@ANI) March 12, 2020
पीएफआइ के खिलाफ पहले से ही पीएमएलए के तहत जांच जारी है जो देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए के खिलाफ हिंसक आंदोलन फैलाने में लिप्त था। उस पर 120 करोड़ रुपये देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को बांटकर हिंसा फैलाने का आरोप है।
सीएए विरोध से लेकर हिंसा भड़काने में भी शामिल पीएफआई
इससे पहले उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने दानिश नाम के एक पीएफआई सदस्य को गिरफ्तार किया था। दानिश से पूछताछ में ये खुलासा हुआ कि प्रतिबंधित संगठन पीएफआई न केवल सीएए विरोधी आंदोलन में शामिल था, बल्कि हिंसा भड़काने में भी उसकी अहम भूमिका रही।
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 से 25 फरवरी के दौरान भारी हिंसा हुई थी, जिसमें 52 लोग मारे गए थे और करीब 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे। कट्टरपंथी संगठन पीएफआई पर सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के लिए फंडिंग कराने का आरोप है।
पाकिस्तान से डाले जा रहे फर्जी विडियोज
पुलिस सूत्रों के अनुसार दिल्ली दंगों में पीएफआई और अन्य संगठनों ने लंबी साजिश की थी, जिसे आईएसआई से सोशल मीडिया के जरिए फर्जी विडियोज का समर्थन मिल रहा था।
पाकिस्तान से कई ऐसे फेसबुक और ट्विटर अकाउंट चल रहे हैं जिनके जरिए फेक विडियो डाले जा रहे थे। इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी भड़काने की कोशिश की जा रही है।
भारत को मुस्लिम देश बनाना चाहता है PFI ?
लव जिहाद या रोमियो जिहाद एक षड्यंत्र है जिसके तहत युवा मुस्लिम लड़के और पुरुष गैर-मुस्लिम लड़कियों के साथ प्यार का ढोंग करके उनका धर्म-परिवर्तन करते हैं। भारत के संदर्भ में यह अधिकतर हिंदु युवतियों के साथ किया जाता है। केरल हाईकोर्ट के द्वारा दिए एक फैसले में लव जेहाद को सत्य पाया है और अब एक स्टिंग ऑपरेशन में भी इसका खुलासा हुआ है। इस स्टिंग ऑपरेशन में साफ है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है और पूरी दुनिया को इस्लाम में बदल देने के आह्वान से जुड़ा हुआ है।
अरब देशों से होती है ‘धर्मांतरण और लव जिहाद’ की फंडिंग
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ यानी PFI और ‘सथ्य सरानी’ जैसे संगठन पूरी तरह से एक व्यवस्थित मशीनरी इस तरह के काम में लगी हुई है। युवा लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराना और उन्हें कट्टरपंथ की ओर धकेलने में इन संगठनों की अहम भूमिका है। इसके लिए अरब देशों से बजाप्ता फंडिंग भी होती है। India today के स्टिंग ऑपरेशन में भी इस बात का खुलासा हुआ है जिसमें PFI के संस्थापक सदस्य और इसके मुखपत्र ‘गल्फ थेजास’ के प्रबंध संपादक अहमद शरीफ ने इस बात को स्वीकार भी किया है कि इसकी फंडिंग अरब देशों से की जाती है और वह हवाला के जरिये रुपये मंगवाता है।
लव जिहाद करने वालों को मदद देता PFI
स्टिंग ऑपरेशन में अहमद शरीफ ने साफ स्वीकार किया है कि वह भारत में इस्लामिक स्टेट की स्थापना के छुपे मकसद के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में इस्लामी साम्राज्य की स्थापना उनका मकसद है और इसके लिए वह हर मदद करता है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया है कि धर्मांतरण करने वाले या लव जिहाद करने वाले युवकों को उनकी संस्था मदद करती है। कुछ साल पहले केरल सहित पूरे देश में ‘किस ऑफ लव’ कैंपेन हुआ था, इसके आयोजन के पीछे भी PFI का हाथ था। इस कैंपेन में हिस्सा लेने वाले 90 प्रतिशत युवतियां हिंदू थीं और युवक मुस्लिम।
भारत को इस्लामी राज्य बनाने की साजिश
यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है और इसका एक सिरा गजवा-ए-हिन्द यानी हिंदुस्तान को इस्लामी साम्राज्य का हिस्सा बनाने से जुड़ा हुआ है। गजवा-ए-हिन्द का मतलब होता है इस्लाम की भारत पर विजय। एक जगह जहां मीडिया हिन्दुओं का ध्यान बांटने में लगी है, वही दूसरी ओर यह कोशिशें जोरों पर जारी है कि कैसे हिंदुस्तान को इस्लामी साम्राज्य में तब्दील कर दिया जाए। फर्क सिर्फ यह है इन कोशिशों को सेकुलर चोला पहनाया जा रहा है। यानी जैसे ही इन कट्टरपंथियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई करने की बात आती है तो तथाकथित सेकुलर जमात इसे अलग ही रंग देने में लग जाता है। बहरहाल PFI के अहमद शरीफ ने ये खुलासा किया है कि वह गजवा-ए-हिन्द के उद्देश्य के लिए काम कर रहा है, और यह हिंदुस्तान के साथ पूरी दुनिया के लिए है। जाहिर है यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है।
हिंदू लड़कियों से ‘लव जिहाद’ यानी इस्लाम की जीत !
काफिरों यानी गैर मुस्लिमों को जीतने के लिए किये जाने वाले युद्ध को “गजवा” कहते हैं और जो इस युद्ध में विजयी रहता है उसे “गाजी” कहते हैं। जब भी किसी आक्रान्ता और आक्रमणकारी के नाम के सामने गाजी लग जाता है, उसका यह मतलब यह मतलब होता है कि निश्चय ही वह हिन्दुओं का व्यापक नर संहार करके इस्लाम के फैलाव में लगा था। दरअसल हिन्दुओं की सबसे बड़ी कमजोरी है कि हम अपने ही धर्म के बारे में बहुत कम जानते हैं और फिर भी अपने को सेकुलर कहते है। पर क्या हम सेकुलर का मतलब भी जानते है ? कभी भी कोई मुस्लिम अपने को सेकुलर नहीं कहेगा चाहे वह नेता हो या आम नागरिक।
कोर्ट ने माना होता है ‘लव जिहाद’!
केरल में पिछले दस साल के दौरान करीब दस हजार लड़कियों ने धर्म परिवर्तन किया। केरल हाईकोर्ट ने भी आशंका जताई है कि ISIS के इशारे पर लव जिहाद के जरिए लड़कियों को फंसा कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उनका ब्रेनबॉश करके उन्हें आतंकवाद के रास्ते पर भेजा जा रहा है। अब जब सवाल आया कि क्या लव जिहाद होता है भी है या नहीं? लव जिहाद के बारे में लंबी बहस है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता। यहां तक कि शुरुआत में इसे सिरे से नकारने वाली कांग्रेस ने भी बाद में कहा लव जिहाद होता है।
ओमन चांडी ने रखे थे तथ्य
25 जून 2014 को मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि 2667 युवतियां 2006 से लेकर अब तक प्रेम विवाह के बाद इस्लाम कबूल कर चुकी हैं। वहीं केरला कैथोलिक बिशप काउंसिल ने इससे पहले 2009 में ये आंकड़ा 4500 बताया था। इसके अलावा एक अन्य संस्था ने कर्नाटक में 30 हजार लड़कियों के लव जिहाद की शिकार होने की बात कही थी। अक्टूबर 2009 में तत्कालीन कर्नाटक सरकार ने लव जिहाद को एक गंभीर मुद्दा माना और इसकी CID जांच के आदेश दिए। तत्कालीन डीजीपी जेकब पुनूज ने कहा था जांच में कई मामले आए, लेकिन लड़कियां यही कहती हैं कि वो अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल रही हैं।
केरल हाई कोर्ट ने जताई थी चिंता
9 दिसंबर 2009 को केरल हाइकोर्ट के जस्टिस के टी. शंकरन ने लव जिहाद के मामले में पकड़े गए दो मुस्लिम युवाओं की जमानत पर सुनवाई करते हुए कहा था कि पुलिस रिपोर्ट इस ओर इशारा कर रही है कि 3 से 4 हजार लड़िकयों के साथ इसी तरह के प्रेम संबंधों के मामले पिछले तीन-चार सालों में आ चुके हैं। उन्होंने ये भी बताया था कि जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने के भी मामले मिलते हैं। ये भी पाया गया है कि धोखे में रखकर इन लड़कियों से ये संबंध बनाए गए। कोर्ट ने कहा था कि हजारों लड़कियों के इस तरह धर्म परिवर्तन की बात सामने आती है, लेकिन ये साबित नहीं हो पा रहा है कि ये ऑर्गेनाइज्ड तरीके से किया गया काम है।
वी एस अच्युतानंदन ने जताई थी आशंका
टाइम्स ऑफ इंडिया की 26 जुलाई 2010 को प्रकाशित एक खबर में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीएस अच्यूतानंदन ने भी इस विषय पर चिंता जताई थी। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि पॉपूलर फ्रंट ऑफ इंडिया और कैंपस फ्रंट जैसे संगठन दूसरे धर्मों की लड़कियों को फुसलाकर उनसे शादी कर इस्लाम कबूल करवाने की साजिश रच रह हैं। 20 वर्षों में केरल का इस्लामीकरण करने का प्लान बना रहे हैं। वो तालिबान के अंदाज में कॉलेजों में हमला कर सकता है।
केरल सरकार ने भी जताई थी चिंता
लव जिहाद के अधिकतर मामले केरल और दक्षिण भारत मे सामने आए हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी इसके पैर पसारने की खबर आई। हालांकि केरल की कई सरकारों ने (कांग्रेस और सीपीएम दोनों ने) बकायदा इस पर अपने निर्णय भी दे दिए हैं कि अब ऐसी घटनाओं को रोकने मे सरकार भी मदद करेगी। सरकार ने यह भी कहा है कि ऐसे मामलों में हर हिन्दू और गैर मुस्लिम परिवार की पूरी सहायता की जाएगी। इतना ही नहीं केरल सरकार ने ये भी वादा किया था कि ऐसी घटनाओं की जांच सीआईडी द्वारा कराई जाएगी ।
ये होता है लव जिहाद
जानकारों को अनुसार हिन्दू लड़की या गैर मुस्लिम लड़कियों को अपने नकली प्यार मे फंसा कर धर्मांतरित करना ही इस जिहाद का मूल उद्देश्य है। इस षडयंत्र के माध्यम से हिंदू महिलाओं को मुस्लिमों की आबादी बढ़ाने के उपयोग के लिए मजबूर किया जाता है। दरअसल यह इस्लामिस्ट कट्टरपंथी जमात भारत को दारुल हरब यानि काफिरों का देश मानता है और इसे दारुल इस्लाम यानि मुसलमानों के देश में परिवर्तित करने की योजना पर काम कर रहा है जिसका एक बड़ा हथियार लव जिहाद भी है।
ऐसे किया जाता है लव जिहाद
ये भी आरोप कई संगठनों की तरफ से लगाए गए कि हाथ में कलावा और सिर पर तिलक लगाकर लव जिहादी दूसरे धर्म का होने का छलावा करते हैं। इन्हें बाइक और पैसा दिया जाता है ताकि ये लड़कियों को अपने जाल में फंसा सके। ये स्कूल-कॉलेज के इर्द-गिर्द मंडराते हैं और इन्हें इसके लिए पैसा भी दिया जाता है। बीते साल कोझीकोड लॉ कॉलेज से जहांगीर रजाक नाम के एक लव जिहादी ने 42 लड़कियों की अकेले ही फंसा लिया और उन सब को मिलाकर एक सेक्स रैकेट चलाने लगा। ऐसी ही एक लड़की थी गीता। दिल्ली की रहने वाली इस लड़की को जैसे ही पता चला कि उसका ब्वॉयफ्रेंड विशाल दरअसल मोहम्मद एजाज है, तो उसने मौत को गले लगा लिया।
अरब देशों से होती है फंडिंग
ऐसा माना जाता है कि लव-जिहाद अभियान अरब देशों द्वारा वित्त पोषित है। एक सऊदी अरब स्थित संगठन, भारतीय भाईचारे के तहत भारत आता है पर ये सब काम हवाला द्वारा चलाया जाता है। हिंदू लड़कियां जो गांवों से शहर के लिए चले गए वो आसान शिकार हो जाते हैं। कहा तो ये भी जाता है कि ऐसे लोग किसी लड़की के पीछे दो से तीन हफ्ते का समय देते हैं और यदि लड़की उनके जाल में नहीं फंसती है, तो वो दूसरे शिकार की तरफ निकल पड़ते हैं। इन बातों की सत्यता के लिए निष्पक्ष जांच और उन जांच नतीजों का सामने आना जरूरी है।