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यूपी एमएलसी चुनाव में 5 में से 4 सीटों पर बीजेपी का कब्जा, अखिलेश यादव की नफरत की राजनीति को झटका, सपा का नहीं खुला खाता, विपक्ष की कुर्सी पाने का सपना रहा अधूरा

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सामजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अपनी खिसकती सायिसी जमीन को बचाने के लिए हिन्दुओं को आपस में लड़ाने की साजिश कर रहे हैं। उनकी पार्टी के नेता अपनी राजनीतिक स्वार्थपूर्ति के लिए हिन्दुओं के पवित्र धर्मग्रंथ रामचरितमानस को जला रहे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश में हुए विधान परिषद के चुनाव में बीजेपी ने पांच में से चार सीटों पर जीत दर्ज कर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को जोरदार झटका दिया है। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुला। उत्तर प्रदेश की जनता ने अखिलेश यादव की नफरत की राजनीति को पूरी तरह खारिज कर दिया है। 

दरअसल बीजेपी ने विधान परिषद के पांच सीटों के लिए हुए चुनाव में से चार सीटों पर कब्जा कर लिया, जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली। वहीं सबसे बड़ा झटका समाजवादी पार्टी को लगा, जिसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। इसकी वजह से सपा का विधान वपरिषद में विपक्ष की कुर्सी पाने का सपना अधूरा रह गया है। सपा के लिए एमएलसी चुनाव में कम से कम एक सीट पर जीत जरूरी थी, जिससे विधान परिषद चुनाव में नेता विपक्ष की कुर्सी को बचाया जा सके। लेकिन पार्टी तमाम प्रयासों के बाद भी नहीं जीत सकी। इसे विधान परिषद में सपा के लिए एक और झटका माना जा रहा है। कुल सौ सदस्यों वाली विधान परिषद में सपा के सदस्यों की संख्या नौ है।

उधर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सपा की करारी हार पर तंज कसते हुए कहा कि अब हिंदुओं और रामचरितमानस विरोधी सपा का सफाया हो जाएगा। एमएलसी चुनाव में बंपर जीत पर ट्वीट करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि, “शिक्षक और स्नातक MLC चुनाव 2023 में भाजपा प्रत्याशियों को जीत की हार्दिक बधाई, बुद्धिजीवी वर्ग ने 2024 का संदेश दिया! मतदाताओं के प्रति आभार, कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई! हिंदूओं और रामचरितमानस विरोधी,अहंकारी और गुंडागर्दी करने वाली सपा का सफ़ाया, समाप्त वादी पार्टी बनेगी सपा!”

विधान परिषद चुनाव में बीजेपी को मिली शानदार जीत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीते हुए प्रत्याशियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनाव में विजयी सभी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई। राज्य विधान मण्डल के उच्च सदन के लिए हुए चुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों को मिली यह जीत आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार के प्रति अथाह जन विश्वास की प्रतीक है।

गौरतलब है कि यूपी एमएलसी चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवारों ने गोरखपुर फैजाबाद स्नातक खंड सीट पर देवेंद्र प्रताप सिंह, कानपुर-उन्नाव स्नातक खंड सीट पर अरुण पाठक, झांसी-इलाहाबाद शिक्षक खंड सीट पर बाबूलाल तिवारी और बरेली-मुरादाबाद खंड स्नातक सीट पर डॉक्टर जय पाल सिंह व्यस्त ने जीत दर्ज की। जबकि कानपुर शिक्षक खंड की सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी राज बहादुर चंदेल के खाते में गई। विधान परिषद के पांच सदस्यों का कार्यकाल 12 फरवरी को खत्म हो रहा है। जिसके लिए 30 जनवरी को वोटिंग और 02 फरवरी को वोटों की गिनती हुई।

अब सोशल मीडिया पर लोग अखिलेश यादव की नफरत की राजनीति की जमकर आलोचना कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि रामचरितमानस के खिलाफ नफरत फैलाकर अखिलेश ने अपने पक्ष में वोटरों को गोलबंद करने की कोशिश की थी, लेकिन इसका उलटा असर हुआ है। रामचरितमानस का अपमान करने का परिणाम आ गया है। यूपी में एमएलसी के चुनाव में समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुला। यदि ऐसे ही रहा तो 2024 के चुनाव में तो ये खत्म ही हो जाएंगे। समाजवादी पार्टी को जो 2022 के चुनाव में जो वोट मिले है वो भी खो देगी। 

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