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बीबीसी बन गया इस्लामिक आतंकवादी संगठन ISIS का मुखपत्र, IT छापे से काम नहीं चलेगा, BBC भारत में बैन होना चाहिए

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बीबीसी भारत विरोधी तो है ही वह इस्लामिक आतंकवादी संगठन ISIS का मुखपत्र बन गया। वह साजिश के तहत इस्लामा को बढ़ावा देती और हिंदुओं के खिलाफ विरोध को दिखाती है। वह जानबूझकर हिंदुओं को आतंकवादी कहने वाली राणा अयूब का इंटरव्यू करती है और बीबीसी वर्ल्ड न्यूज में दिखाती है। कर्नाटक में उठे हिजाब मुद्दे के दौरान विरोधस्वरूप कुछ हिंदू युवक भगवा गमछा लेकर पहुंचे थे जिसे राणा अयूब हिंदू आतंकवादी कह रही है। हिंदू लड़कों को आतंकवादी कहकर उनकी हत्या किए जाने को भड़काया था। इस साक्षात्कार के तुरंत बाद, कर्नाटक में मुसलमानों ने हिंदू लड़कों का कत्लेआम किया गया था। ऐसे में तो यही कहा जा सकता है कि IT raids से काम नहीं चलेगा, BBC को भारत में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

41 कांग्रेस सांसदों ने की थी बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग

बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग कोई नई नहीं है। 14 अगस्त 1975 को 41 कांग्रेस सांसदों ने बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए एक बयान पर हस्ताक्षर किए। जिसमें कहा गया था, “बीबीसी ने भारत को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ा”। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। अगर बीबीसी पर प्रतिबंध लगता है तो हम 1947 से अधूरे छोड़े गए उपनिवेशवाद को समाप्त करने के एक महत्वपूर्ण कदम को पूरा करेंगे।

बीबीसी कभी ISIS की दुल्हनों पर डॉक्यूमेंट्री नहीं बनाती

बीबीसी बेशर्मी से ब्रिटेन में ISIS की दुल्हनों का बचाव करती है। लेकिन इन लड़कियों का किस तरह ब्रेनवाश किया जाता है और किस तरह वह ISIS के चंगुल में फंस जाती हैं इस पर कभी डॉक्यूमेंट्री नहीं बनाती। कहा जाता है कि इस तरह की पांच लाख काफिर लड़कियां हैं। ISIS की एक दुल्हन की बात भी सुन लीजिए।

हिंदू धर्म को लेकर बीबीसी का दोहरा मापदंड देखिए

बीबीसी का दोहरा मापदंड देखिए कि ईसाई और इस्लाम धर्म अगर किसी बीमारी और समस्या को ठीक करती है तो वह अच्छा है लेकिन जैसे ही हिंदू धर्म की बात आती है तो वे इस पर सवालिया निशान लगते हैं। अभी बागेश्वर धाम सरकार के मामले में भी इसे देख सकते हैं।

बीबीसी का नस्लवादी नजरिया देखिए

बीबीसी का नस्लवादी नजरिया देखिए। पश्चिम के लोग अगर गाय को गले लगाते हैं तो वे इसे दुनिया का वेलनेस ट्रेंड बताते हैं। वहीं भारत में जब एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने कहा कि 14 फरवरी को काऊ हग डे मनाया जाए। इस पर बीबीसी कार्टून बनाकर व्यंग्य करती है कि पूरा वीक मनाया जाना चाहिए- काऊ गोबर डे, काऊ मूत्र डे, काऊ मिल्क डे, काऊ घास डे वगैरह।

हिंदू धर्म के प्रति बीबीसी की नफरत का नजारा

हिंदू धर्म के प्रति बीबीसी की नफरत का नजारा देखिए कि दिवाली पर वह रिपोर्ट प्रकाशित करती है- शोर और प्रदूषण से मुक्त और शांत हो ऐसी दिवाली। वहीं उसकी दूसरी रिपोर्ट देखिए जिसमें वह लिखता है- नए साल के अवसर हजारों लोख पटाखे छोड़ने लंदन में जुटे। यानी दिवाली पर पटाखे न चले तो अच्छा और वे जब नए साल में पटाखे चलाएं तो अच्छा।

इस्लामिक आतंकवाद का बचाव करना बीबीसी का धर्म

इस्लामिक आतंकवाद का बचाव करना और उसका समर्थन करना बीबीसी ने अपना धर्म बना लिया है। अफगानिस्तान पर एक रिपोर्ट देखिए- तालिबान बिना खून खराबे के शहरों पर कैसे कब्जा कर रहा है? वहीं कश्मीर पर उसकी रिपोर्ट देखिए- भारतीय सेना धर्म के नाम पर लोगों को पीट रही है और प्रताड़ित कर रही है।

बीबीसी का हर लेखक हलाला प्रोडक्ट

बीबीसी की रिपोर्ट देखने से पता चलता है कि वहां का हर लेखक हलाला प्रोडक्ट है। उसका एजेंडा देखिए, दिवाली पर उसकी रिपोर्ट- दिवालीः घर की सफाई की परंपरा कैसे महिलाओं की मुसीबत बढ़ाती रही है। वहीं होली पर हजारों-लाखों कविताओं में से उसे क्या मिलता है यह भी देखिए- होरी खेलूंगी, कह बिस्मिल्लाह, नाम नबी की रतन चढ़ी, बूंद पड़ी अल्लाह अल्लाह।

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