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देश में बीजेपी के पक्ष में माहौल देखकर कांग्रेस के पैरों तले से जमीन खिसकी, मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए टूलकिट का सहारा

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अयोध्या में राम मंदिर के लोकार्पण के बाद देश राममय हो गया और बीजेपी के पक्ष में माहौल बना। अब संयुक्त अरब अमीरात में मोदी जी मंदिर का लोकार्पण करने जा रहे हैं। डेट पहले से फिक्स था। फर्जी किसान आंदोलन की टाइमिंग देखने से ये साफ होता है कि पीएम मोदी के यूएई में मंदिर के लोकार्पण से पूर्व देश में अराजक माहौल बनाया जाए और दुनिया का ध्यान इधर खींचा जाए। ये सब सोची समझी साजिश के तहत किया गया। कांग्रेस इसकी मुख्य सूत्रधार है और इसमें इंडी अलायंस के दल भी शामिल हैं। बीजेपी को 2019 में करीब 37 प्रतिशत वोट मिले थे और 303 लोकसभा सीटें आई थी। विश्लेषकों के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल होने की संभावना है और इस तरह वह 400 सीटें जीत सकती है। इससे तमाम विपक्षी दलों के पैरों तले से जमीन खिसकी हुई है। देश में जहां कांग्रेस और अन्य दल इसकी काट निकालने में जुटे हैं वहीं डीप स्टेट भारत में सत्ता परिवर्तन के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। फर्जी किसान आंदोलन की आड़ में देशविरोधी कृत्य में शामिल कांग्रेस और कितना गिरेगी? यह भी जनता देख रही है।

सपा नेता दे रहा गृहयुद्ध की धमकी
तजिंदर विर्क खुद को किसान बताने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ये समाजवादी पार्टी के नेता हैं। ये शख्स भारत में गृहयुद्ध की धमकी दे रहा है।

खालिस्तान बनाने दो…हम पाकिस्तान के साथ जुड़ जाएंगे
फर्जी किसान आंदोलन में शामिल एक किसान की बात सुनिए, हमको छोड़ दो, खालिस्तान बनाने दो…हम पाकिस्तान के साथ जुड़ जायेंगे।

पंजाब पुलिस के जवान को ट्रैक्टर से कुचला
ये कौन से किसान हैं जो खून के प्यासे हैं? पंजाब पुलिस के जवान को ये उग्रवादी ट्रैक्टर से कुचलता हुआ, 50 मीटर तक घसीटता रहा। ये आतंकवाद है, उग्रवाद है। पंजाब आम आदमी पार्टी की सरकार है और उन्होंने फर्जी किसानों और खालिस्तानी आतंकवादियों को खुली छूट दे रखी है। पुलिस के जवानों को रौंदा जा रहा है और प्रशासन सोया हुआ है।

आलीशान गाड़ियों में चलने वाले इन गरीब किसानों को भी देख लीजिए। ये फसल की MSP के लिए संघर्ष कर रहे हैं!

किसानों ने फ्लाईओवर पर सुरक्षा बोर्ड को तोड़ दिया
फर्जी किसान प्रदर्शनकारियोंने हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर फ्लाईओवर पर सुरक्षा के लिए लगाए गए बोर्ड को तोड़ दिया। यह कैसा शांतिपूर्ण आंदोलन है।

बंदूक के साथ प्रदर्शन करने आए किसान
क्या किसान कभी बंदूक लेकर चलता है। ये किसान बंदूक के साथ प्रदर्शन करने आए हैं। बंदूक के साथ आए ये लोग किसान नहीं हैं। ये युद्ध पर आमादा हैं।

16 लाख की कार के साथ प्रदर्शन
किसान इतने मजबूर हैं कि उन्हें अपनी 16 लाख की कार के साथ प्रदर्शन करने सड़क पर उतरना पड़ा है। जिस गाड़ी पर ये “तथाकथित किसान” बैठे हैं उसकी कीमत 16 लाख से अधिक है! क्या कोई बता सकता है कि एक सामान्य किसान इतनी कमाई कैसे कर सकता है कि उसके पास 16 लाख से अधिक की कार हो? क्या वाकई एक सामान्य किसान सिर्फ एक राज्य तक सीमित इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहा है? और अगर वे किसान हैं और इतने अमीर हैं तो अब वे क्या चाहते हैं? संपूर्ण ऋण माफ़ किया जाए ताकि सामान्य भारतीय करदाता उसका भुगतान कर सके?

किसान आंदोलन में शरजील इमाम, उमर खालिद का पोस्टर
किसान आंदोलन में शरजील इमाम और उमर खालिद का पोस्टर क्या कर रहा है।

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