भारत में शासन परिवर्तन के मंसूबे पाल रहे अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस और कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ पिछले कुछ सालों में कई टूलकिट लेकर आए। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने दिल में बसा चुकी जनता पर इसका कोई असर नहीं हुआ। देशवासियों ने इन टूलकिट को सिरे से नकार दिया। इससे कुलबुलाए जार्ज सोरोस और कांग्रेस पार्टी ने अब लोकसभा चुनाव 2024 से पहले खालिस्तानी आतंकवादियों के सहारे फर्जी किसान आंदोलन का स्वांग रचा है। यह कितना किसान आंदोलन है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि अमेरिका में रह रहे सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख और खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने किसानों के दिल्ली चलो को समर्थन दिया है और खालिस्तानी तत्वों को उसकसाने के लिए बयान जारी किया है। उसने यह भी आह्वान किया है कि मोदी की राजनीति को खत्म करो। यही नहीं पंजाब से जिन तथाकथित किसानों ने दिल्ली कूच किया उनमें कुछ अपनी मांगों में आजाद पंजाब की बात कर रहे थे। इससे साफ हो जाता है कि ये किसान आंदोलन नहीं, खालिस्तानियों को भड़काकर देश को अस्थिर करने की साजिश है। गौरतलब है कि 2020-2021 में जब तथाकथित किसानों ने आंदोलन किया था उस वक्त भी खालिस्तानी आतंकवादी लाल किले पर हिंसा में शामिल थे।
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नू ने कही दिल्ली फतह करने की बात
किसान के भेष में खालिस्तानी आतंकवादी अपनी मांगों के लिए दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सिख फॉर जस्टिस के खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नू ने एक वीडियो जारी कर आंदोलन कर रहे लोगों को भड़काया गया है। वीडियो में पन्नू खालिस्तानी मूवमेंट को हवा देता नजर आ रहा है। पन्नू दिल्ली को फतेह करने का नारा लगा रहा है। वह किसानों को कह रहा है कि दिल्ली से मांगना बंद कर दिल्ली पर कब्जा करो और दिल्ली फतेह करो। मोदी के सीने और घर पर खालिस्तानी झंडा लगा दो। आतंकी गुरपतवंत पन्नू ने तथाकथित किसानों को भड़काते हुए कहा कि आपकी जमीनें, आपकी फसलें, व हकूमत हिंदुओं की दिल्ली से चल रही है। वीडियों में पन्नू ने दीप सिद्धू का नाम लेकर भी उकसाया और कहा कि दीप सिद्धू पंजाब को आजाद कहने की बात करता था।
Now, SFJ Chief & Khalistani terrorist Gurpatwant Singh Pannu instigating Khalistani elements to infiltrate Farmers’ protest on 13th February.
Note: Khalistanis infiltrated the 2020-2021 Farmers’ protest & were also involved in Red Fort violence on the Republic Day of 2021. pic.twitter.com/ppaMeW7xRL
— Anshul Saxena (@AskAnshul) February 12, 2024
बेरिकेड्स तोड़ते किसान हैं या आतंकवादी!
इन दो वीडियो को देखकर अंदाजा हो जाएगा कि क्या ये किसान हैं जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए जा रहे हैं? पहली वीडियों में बेरिकेड्स तोड़ते हुए किसान 5,000 Modified ट्रैक्टरों के साथ किसान आंदोलन के लिए पंजाब से दिल्ली रवाना हो रहे हैं। वहीं दूसरी वीडियों में रोज-रोज के इस प्रदर्शन से परेशान एक बुजुर्ग महिला अपने गुस्से का इजहार कर रही हैं। दरअसल ये जार्ज सोरोस के टूलकिट का मोहरा हैं और इनका उद्देश्य आंदोलन नहीं बल्कि अराजकता फैलाकर केन्द्र सरकार को अस्थिर करने का है।
बेरिकेड्स तोड़ते हुए किसान 5,000 Modified ट्रैक्टरों के साथ Farmers Protest के लिए दिल्ली कूच की तैयारी में।
इनका उद्देश्य आंदोलन नहीं बल्कि अराजकता फैलाकर केन्द्र सरकार को अस्थिर करने का हैं ।
Soros Toolkit से परेशान पंजाब की बूढी माँ का गुस्सा चरम पे।#FarmersProtest pic.twitter.com/Gkel7qDUUl
— अखण्ड भारत संकल्प (@Akhand_Bharat_S) February 13, 2024
ट्रैक्टरों को ऐसे बनाया जैसे युद्ध के लिए जा रहे
क्या ये किसान आंदोलन की तैयारी जैसा लग रहा है? यह युद्ध के लिए बेशर्म तैयारी है। और, इस महंगे ब्रेस्टवर्क/फोर्टिफिकेशन/पैरापेट के लिए कौन भुगतान कर रहा है? जाहिर है किसान नहीं खालिस्तानी फिर एक्शन में हैं…!
Does this looks like a preparation for kisan aandolan …? It is a brazen preparedness for War. And , Who is paying for all this expensive breastwork /fortification/parapet ..???
It is obvious that Khalistanis are in action again not farmers…!
— Minni Razdan (@mini_razdan10) February 13, 2024
हमें आज़ाद पंजाब चाहिए, खालिस्तान चाहिए
रिपोर्टर: सरकार से क्या उम्मीद है? तथाकथित किसान: कोई उम्मीद नहीं है जी। हमें बस अपना आज़ाद पंजाब चाहिए, खालिस्तान चाहिए। यह किसान आंदोलन नहीं है, यह सिर्फ खालिस्तानियों और अन्य भारत विरोधियों का काम है और इसके लिए जार्ज सोरोस का इकोसिस्टम द्वारा वित्त पोषित है।
Reporter: Sarkar se kya ummeed hai ?
So called Farmer: Koi Ummeed nahi hai ji. Hume bas apna azaad Punjab chahiye, Khalistan chahiye.
This is not #FarmersProtest , this is just a propaganda of Khalistanis and other anti Indians and funded by Soros ecosystem. pic.twitter.com/fRfBwz6ZKC
— Sunanda Roy 👑 (@SaffronSunanda) February 13, 2024
AAP कार्यकर्ता और खालिस्तानी ने हाथ मिलाए
यह वीडियो इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि इस काफिले में किसान नहीं बल्कि AAP कार्यकर्ता और खालिस्तानी किसान के नाम पर यह नाटक कर रहे हैं। AAP सरकार अपने राज्य के किसानों को भाजपा शासित हरियाणा में समस्या पैदा करने की अनुमति देती है। यह निश्चित रूप से फर्जी किसान आंदोलन है।
This video is clear proof that it’s not #Farmers but AAP workers & Khalistanis doing this drama in name of #Farmer. AAP govt allows their state farmer to create trouble in BJP ruled Haryana. Fake #FarmersProtest2024 for u. #FarmerProtest #FarmersProtest pic.twitter.com/Oas4yqzInI
— Ganesh (@me_ganesh14) February 13, 2024
अब आइए देखते हैं कि यह जार्ज सोरोस का टूलकिट कैसे है और कांग्रेस इससे कैसे जुड़ी हुई है।
16 नवंबर 2023 को कांग्रेस नेता और राहुल गांधी के बेहद करीबी दीपेंद्र हुड्डा ने पेशेवर किसान आंदोलन के आयोजक रमनदीप सिंह मान से मुलाकात की और उन्होंने ‘भविष्य की योजना’ पर चर्चा की।
24 नवंबर 2023 को ‘फ्यूचर प्लानिंग’ के तहत रमनदीप सिंह मान ने एक रैली की घोषणा की।
30 नवंबर, 2023 को दीपेंद्र हुड्डा सैम पित्रोदा के निमंत्रण पर अमेरिका में थे।
10 दिसंबर 2023 को दीपेंद्र हुड्डा ने किसानों को लेकर रैलियों का सिलसिला शुरू किया!
11 दिसंबर, 2023 को पेशेवर किसान आंदोलन आयोजक रमनदीप सिंह मान ने चंडीगढ़ में अन्य पेशेवर किसान प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। इन गरीब किसानों ने स्टार बक्स कॉफी पिया!
उसी दिन 11 दिसंबर, 2023 को उन्होंने जनवरी के अंत या फरवरी 2024 में दिल्ली तक मार्च करने की घोषणा की।
इस प्लानिंग के पीछे दूसरे मुख्य किरदारों में से एक हैं गुरमनीत मंगत। वह कांग्रेस के पैनलिस्ट थे लेकिन अब एक पेशेवर किसान प्रदर्शनकारी के रूप में काम कर रहे हैं!
गुरमनीत मंगत इतने गरीब किसान हैं कि वह मलेशिया और यूके जैसे महंगे देशों का दौरा ही कर सकते हैं!
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें किसान आंदोलन पार्ट- 1 का अनुभव है। संयोग से उनके साथ अन्य किसान भी कांग्रेसी हैं!
24 दिसंबर, 2023 को पेशेवर किसान आंदोलन आयोजक रमनदीप सिंह मान ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और गुरदीप सिंह सप्पल से मुलाकात की!
अगले ही दिन 25 दिसंबर को उन्होंने फरवरी 2024 में दिल्ली मार्च की घोषणा कर दी।
अगले दिन 26 दिसंबर, 2023 को रमनदीप सिंह मान फिर कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा से मिले और 27 दिसंबर, 2023 को वह दिल्ली में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा से मिले।
30 दिसंबर, 2023 को उन्होंने दिल्ली मार्च की योजना बनाने की तारीख घोषित की!
2 जनवरी 2024 को उन्होंने दिल्ली मार्च के लिए 13 फरवरी 2024 की तारीख घोषित की!
8 जनवरी 2024 को रमनदीप ने दिल्ली में हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेन्द्र हुडडा से मुलाकात की।
10 जनवरी, 2024 को रमनदीप, गुरमनीत और अन्य पेशेवर प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ में मिले।
अगले ही दिन से उन्होंने योजना के अनुसार तैयारी शुरू कर दी!
अब देखिए किसान प्रोटेस्ट-2 यानी कांग्रेस प्रोटेस्ट का वॉर रूम कौन संभाल रहा है!
जब फर्जी किसान आंदोलन की पिच तैयार हो गई तब पिक्चर में आ गए। राहुल गांधी ने किसान आंदोलन-2 उर्फ कांग्रेस की मदद से अपने कैडर को सत्ता परिवर्तन का आदेश दिया!
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि किसान आंदोलन -2 यानी कांग्रेस प्रोटेस्ट का वॉर रूम संभाल रहे कांग्रेस नेता गुरमनीत मंगत भिंडरवाला के समर्थक हैं!
22. It’s not surprising that Congress leader Guramneet Mangat who is handling the war room of the Farmer Protest-2 aka Congress Protest is a supporter of Bhindarwala! pic.twitter.com/cT0X9HJBps
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) February 12, 2024
जार्ज सोरोस और कांग्रेस के मंसूबे पर पानी फिरेगा
अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस और कांग्रेस पार्टी का किसान आंदोलन पार्ट-2 टूलकिट भी धराशायी हो जाएगा और देश में सरकार बदलने के मंसूबे पर पानी फिर जाएगा। पीएम मोदी ने भारत को जिस नई ऊंचाई पर पहुंचाया है उसे देश की जनता भलीभांति समझ रही है और इस बार बीजेपी को रिकॉर्ड सीट देने जा रही है। अब पूरा देश कह रहा है इस बार बीजेपी 400 पार।
खालिस्तान गैंग दोबारा आ गई है#FarmersProtest pic.twitter.com/53wXoL0lQn
— deepak kumar दीपक कुमार (@Deepakkkumardk) February 12, 2024