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नूंह हिंसा भड़काने में कांग्रेस विधायक के बाद AAP नेता का नाम आया सामने, ये जुगलबंदी क्या कहती है?

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हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के पीछे लेफ्ट लिबरल इकोसिस्टम गोरक्षक मोनू मानेसर को जिम्मेदार ठहरा रही है जबकि उसने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बृजमंडल शोभायात्रा में शामिल होने की बात कही थी और आखिरकार प्रशासन की बात मानते हुए यात्रा में शामिल नहीं हुआ। तो फिर सवाल उठता है कि अगर मुद्दा मोनू मानेसर था तो जब वह यात्रा में शामिल ही नहीं हुआ तो फिर हिंसा क्यों हुई। दरअसल मोनू मानेसर मुद्दा था ही नहीं, वह तो बहाना था क्योंकि इस हिंसा की तैयारी लंबे समय से की जा रही थी। हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान फरवरी 2023 में ही फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान ने मोनू मानेसर और मेवात का नाम लेते हुए भड़काने वाला बयान दिया था। इससे साफ है कि मामन खान ही नूंह हिंसा का मास्टरमाइंड है। इस हिंसा को भड़काने में हरियाणा AAP के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक जावेद अहमद ने आग में घी डालने का काम किया। पुलिस की एफआईआर के अनुसार, उसने नूंह में दंगाई भीड़ से कहा- उसे मार डालो, मैं सब संभाल लूंगा’। एफआईआर से पता चलता है कि कैसे AAP नेता जावेद अहमद ने नूंह हिंसा के दौरान प्रदीप कुमार को मारने के लिए मुस्लिम भीड़ को उकसाया था।

कांग्रेस के पदचिन्हों पर चलती AAP
जिस तरह कांग्रेस का दंगा से गहरा प्रेम है उसी तरह आम आदमी पार्टी को भी है। दिल्ली में 2020 में हुए दंगे में AAP नेता ताहिर हुसैन ने दंगाइयों का नेतृत्व किया था और अब नूंह हिंसा में उसके नेता जावेद अहमद ने दंगाई भीड़ का नेतृत्व किया। तो कुल मिलाकर नूंह हिंसा में कांग्रेस और AAP की जुगलबंदी है। AAP कांग्रेस के पदचिन्हों पर इसलिए चल रही है क्योंकि उसने दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस को हराकर ही सत्ता हासिल की है। इस दंगे के पीछे इनके दो मंसूबे हैं एक तो देश को अराजक स्थिति में धकेलकर पीएम मोदी की छवि को बदनाम करना और दूसरा वह नैरेटिव गढ़ना कि देश का मुसलमान डरा हुआ है, जिससे उन्हें राजस्थान सहित अन्य विधानसभा चुनावों में मुसलमानों का एकमुश्त वोट मिल सके। नूंह हिंसा के बाद मेवात के कई घरों में ताले लटक गए हैं और दंगाई फरार हो गए हैं। कांग्रेस और AAP को ये नहीं दिखेगा कि दंगाई फरार हुए हैं वे लटके हुए ताले को दिखाकर कहेंगे मुसलमान डरा हुआ है।

नूंह हिंसा के लिए कांग्रेस के विधायक मामन खान जिम्मेदार
हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के लिए बीजेपी ने फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन खान को जिम्मेदार ठहराया है। बीजेपी नेता रमनीक सिंह मान ने उनके विधानसभा में बोलते हुए वीडियो ट्वीट किए। कांग्रेस विधायक मामन खान का यह वायरल वीडियो इसी साल फरवरी महीने का है। उस वक्त हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र चल रहा था। मामन खान ने विधानसभा में गुरुग्राम के गौरक्षक मोनू मानेसर पर सवाल खड़े किए और गुंडागर्दी का आरोप लगाया। इस दौरा मामन खान की भाजपा के पटौदी से विधायक सत्यप्रकाश जरावता से बहस हुई। जिसके बाद मामन खान ने विधायक जरावता और मोनू मानेसर को मेवात आने की चुनौती दी। इसी दौरान वह कुछ आपत्तिजनक बातें भी बोल गए थे। कुल मिलाकर नूंह हिंसा की बुनियाद उन्होंने फरवरी में रख दी थी और मुसलमानों को भड़काने का काम किया था।

AAP नेता ने कहा- ‘उसे मार डालो, मैं सब संभाल लूंगा’
नूंह हिंसा में 31 जुलाई 2023 को बजरंग दल के सदस्य अभिषेक राजपूत के साथ दो होम गार्ड और शक्ति सैनी नामक एक मिठाई निर्माता की मौत हो गई थी। एक और हिंदू जो खून के प्यासे मुसलमानों द्वारा की गई इस बर्बरता का शिकार हुआ, वह प्रदीप कुमार नाम का बजरंग दल कार्यकर्ता था। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, प्रदीप कुमार को नलहर मंदिर से सुरक्षित बचाया गया, जहां कई हिंदू खुद को इस्लामी भीड़ से बचाने के लिए छिपे हुए थे, और नूंह पुलिस लाइन में लाया गया। हालांकि, जिहादियों ने 1 अगस्त 2023 को उनकी बेरहमी से हत्या कर दी, जब वह पुलिस स्टेशन से लौट रहे थे। प्रदीप कुमार की हत्या में दंगाई भीड़ का नेतृत्व AAP नेता जावेद अहमद कह रहे थे। उसने भीड़ कहा था- ‘उसे मार डालो, मैं सब संभाल लूंगा’। एफआईआर से पता चलता है कि कैसे जावेद अहमद ने नूंह हिंसा के दौरान प्रदीप कुमार को मारने के लिए मुस्लिम भीड़ को उकसाया था।


मेवात में घरों पर लटके ताले, नैरेटिव का खेल शुरू
दवायर के लिए लिखने वाले पत्रकार जाकिर अली त्यागी को मेवात में घरों पर लटके ताले देख बहुत दर्द पहुंचा है। लेकिन इन्हीं घरों की छत से पत्थर भी बरसाए जा रहे थे, उस पर वह बात नहीं करेंगे। जाकिर अली किस तरह नैरेटिव बना रहे हैं उनके ट्वीट से पता चलता है। उनका ट्वीट पढ़िए- आज मैं नूह में रिपोर्टिंग के लिए गया। हिदायत कॉलोनी में सभी घरों पर ताले लगे हुए हैं। ताले लगने का कारण यह है कि पुलिस इस कॉलोनी के मुस्लिमों को परेशान कर रही है। उनके घर की महिलाओं के साथ बदतमीज़ी कर रही है। सभी को राशन की दिक्कत है खाने के लिए कुछ नही बचा है। बच्चे दूध तो बीमार दवाई के लिए रोते हुए देखे, स्थानीय निवासियों के मुताबिक़ “इस कॉलोनी से 20-25 लड़के उठाये गये जिनमें कुछ बच्चे 13 से 18 साल के बीच के हैं। पुलिस को जो भी मिला उठाकर ले गई, ना बच्चा देखा ना बुज़ुर्ग सब पुलिस की कस्टडी में, बाक़ी पुलिस ने बेवक़्त घुसकर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया। नूह के आस पास के गांवों में सभी मुस्लिमों का ये ही हाल किया जा रहा है”!


दिल्ली दंगा में AAP विधायक ताहिर हुसैन ने दंगाइयों का नेतृत्व किया
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगा में AAP विधायक ताहिर हुसैन ने दंगाइयों का नेतृत्व किया था। उनके नेतृत्व में मुस्लिम दंगाइयों ने बकायदा युद्ध की तैयारी कर रखी थी। मुस्लिम उपद्रवियों ने पहले से ही अपने घरों के अंदर और छतों पर ईंट-पत्थर जमा कर रखे थे। दंगाइयों ने ना सिर्फ घरों की छत पर ईंट-पत्थर जमा किए थे, बल्कि मस्जिद की छत पर भी ईंट-पत्थरों का बड़ा ढेर लगा रखा था। इतना ही नहीं इन्होंने स्कूल की छतों पर भी ईंट-पत्थर के साथ गुलेल लगा रखे थे। यहां दंगाइयों ने हिन्दुओं का स्कूल तो जला दिया, लेकिन मुस्लिमों का स्कूल छोड़ दिया। जिस हिसाब से घरों से पत्थर और पेट्रोल बम का जखीरा मिला उससे साफ था कि साजिशें लंबे समय से रची जा रही थी। कोर्ट ने भी माना था कि ताहिर हुसैन लगातार भीड़ का नेतृत्व कर रहा था और भीड़ को उकसा रहा था।

नैरेटिव का खेलः नूंह में मोनू मानेसर तो दिल्ली दंगा में कपिल मिश्रा
नूंह हिंसा हो या दिल्ली दंगा दोनों ही पूर्वनियोजित थे और इनकी साजिश लंबे समय से रची जा रही थी लेकिन दंगा करने वाले से लेकर लेफ्ट लिबरल इकोसिस्टम इस साजिश को ढकने के लिए एक हिंदू का नाम उछालकर नैरेटिव गढ़ने का काम करते हैं। लेफ्ट लिबरल इकोसिस्टम ने जिस तरह नूंह हिंसा में मोनू मानेसर को हिंसा का जिम्मेदार ठहराने का नैरेटिव गढ़ा उसी तरह दिल्ली दंगा के दौरान उसने कपिल मिश्रा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। मतलब जो मौके पर मौजूद भी नहीं है वो जिम्मेदार हो गया और जिसने घर की छतों पर, मस्जिदों की छतों पर पत्थर जमा करके रखा वह पाक-साफ। वाह रे तेरा नैरेटिव!

मेवात हिंसा में मोनू मानेसर के बहाने दंगाइयों का बचाव
मुस्लिम बहुल मेवात में हिंसा के बाद अल्पसंख्यक हिन्दू दहशत में हैं। लेकिन सेकुलर, लिबरल और वामपंथी मीडिया गैंग इस दंग को नया मोड़ देने की साजिश में जुटी है। मोनू मानेसर को इस दंगे के लिए जिम्मेदार बताते हुए इस हिंसा के मुख्य गुनहगारों से ध्यान हटाने और उन्हें बचाने के लिए मनगढ़ंत बातें फैलाई जा रही हैं। फेक वीडियो और तस्वीरों के माध्यम से लोगों को गुमराह किया जा रहा है। पुलिस की कार्रवाई में गिरफ्तार लोगों को भी गरीब और बेकसूर बताकर उनके प्रति सहानुभूति का माहौल बनाया जा रहा है। यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी की सरकारों को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जा रही है।

पंजाब में AAP और कांग्रेस में गठबंधन की चर्चा जोरों पर
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में कांग्रेस और AAP में इन दिनों कुछ खिचड़ी पक रही है। पंजाब में AAP सरकार और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चाएं जोरों पर है। इस पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि यदि हम में से कोई AAP सरकार में मंत्री बनता है तो वह सियासत छोड़ देंगे। हालांकि बाद में वड़िंग ने कांग्रेस-AAP के गठबंधन की खबर को अफवाह बताया है। लेकिन कहते हैं कि जहां आग होती है वहीं धुआं होता है। जानकार बताते हैं कि कांग्रेस के कई विधायक AAP सरकार में मंत्री पद की चाहत रखते हैं। इसकी एक प्रमुख वजह कांग्रेस नेताओं के खिलाफ चल रही विजिलेंस केस रूकवाने की मंशा है। AAP से गठबंधन कर कई कांग्रेसी नेता उनके खिलाफ चल रहे विजिलेंस केसों को सेटल करने के प्रयास में है। अब यह आने वाले समय में साफ होगा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान इस गठबंधन पर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जारी कार्रवाई पर डटे रहेंगे या फिर विजिलेंस कार्रवाई को रोकेंगे।

पीएम मोदी ने कहा था- भ्रष्टाचारियों ने जमात बदली, चेहरे और पाप पुराने
आज जब पंजाब में विजिलेंस जांच से बचने के लिए कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की चर्चा हो रही है तो इससे समझा I.N.D.I.A. गठबंधन की मंशा को समझा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जुलाई 2023 को गुजरात के राजकोट में नए अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन कार्यक्रम में विपक्षी दलों के नए गठबंधन I.N.D.I.A. पर कहा था- “आज जब देश तरक्की की ओर अग्रसर है तब कुछ लोगों को परेशानी हो रही है। इन भ्रष्टाचारियों और परिवारवादियों ने अपने गुट का नाम बदल दिया है। चेहरे वही पुराने हैं, पाप भी वही हैं, बस नाम बदला है।”

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