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हिंदुस्तान के साथ हिंदी का भी गौरव बढ़ा रही मोदी सरकार, फिजी में बारहवीं तक अनिवार्य होगी हिंदी, शिक्षकों को ट्रेनिंग देगा भारत, अंतरराष्ट्रीय भाषा प्रयोगशाला अब दुनिया को सिखाएगी हिंदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में हिंदुस्तान के साथ-साथ हिंदी का भी गौरव बढ़ रहा है। पिछले आठ साल में हिंदी को गौरवांवित करने के लिए तीसरा विश्व हिंदी सम्मेलन फिजी में हो रहा है। जबकि इसके पहले के 37 साल में ऐसे सिर्फ नौ सम्मेलन हुई हैं। देश-दुनिया में हिंदी की लगातार स्वीकारोक्ति बढ़ाने का ही सुपरिणाम है कि हिंदी बोलने और जानने वालों का आंकड़ा 90 करोड़ से भी ज्यादा है। सैकड़ों बोलियों और भाषाओं वाले देश भारत में हिंदी का स्थान अद्वितीय रहा है, क्योंकि इस भाषा ने सदियों से न केवल पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का महत्वपूर्ण काम किया बल्कि आजादी के दिनों में सबसे मुखर और सम्पर्क सूत्र के रूप में भी प्रमुख भूमिका निभाई। अब यह भाषा भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में बोली जाने वाली भाषा बन चुकी है। केवल इतना ही नहीं, आज दुनिया में ऐसे देश भी हैं जहां न केवल हिंदी भाषा बोली जाती है, बल्कि इसका अस्तित्व वहां की आधिकारिक भाषा के रूप में कायम है।देश-दुनिया में 90 करोड़ से ज्यादा हैं हिंदी बोलने और समझने वाले
आपका अंदाजा सही है, हम फिजी की ही बात कर रहे हैं, जहां पर 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन बुधवार से शुरू हुआ है। फिजी, दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलोनेशिया का वह द्वीप देश है जहां कि आधिकारिक भाषा हिंदी है। भारत की तरह ही फिजी भी ब्रिटेन सरकार की गुलामी का शिकार रहा है। जब ब्रिटेन ने इस द्वीप को अपने नियंत्रण में लेकर इसे अपना एक उपनिवेश बना लिया तब ब्रिटिश अक्सर भारतीय मजदूरों को यहां ठेके पर गन्ने की खेती में काम करने के लिए ले आए। यहां अंग्रेजी, फिजी हिंदी आदि कई भाषाएं बोली और प्रयोग की जाती हैं। यहां बोली जाने वाली हिंदी अवधी भाषा के काफी करीब है। भारत के बाहर हिंदी जिन देशों में बोली जाती है उनमें भूटान, नेपाल, बांग्लोदश, पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, इंडोनेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड, चीन, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, मॉरिशस, यमन, युगांडा और त्रिनाड एंड टोबैगो, कनाडा आदि देश शामिल हैं।औपनिवेशिक युग में दबाई गई हिंदी अब वैश्विक मंच पर गूंज रही हैं
आजादी के अमृतकाल में भारत ने नया मिशन शुरू किया है। मिशन है दैश की मातृभाषा हिंदी को वैश्विक दर्जा दिलाने का। इस महाभियान के शुरुआत फिजी से हो गई है। जल्द ही इसे लेकर केंद्र सरकार कई प्रोजेक्ट भी लांच करने जा रही है। फिजी के नांदी में बुधवार को 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन की शुरुआत करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि वह युग पीछे छूट गया, जब प्रगति को पश्चिमीकरण के समान माना जाता था। औपनिवेशिक युग में दबाई गई तमाम भाषाएं अब वैश्विक मंच पर गूंज रही हैं। 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के लिए विदेश मंत्रालय नोडल मंत्रालय के तौर पर कार्य कर रहा है। इस बार सम्मेलन का मुख्य विषय “हिन्‍दी –पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम मेधा तक” रखा गया है।

फिजी के राष्ट्रपति विलियम दिल से बोले- हिंदी तो हमारे दिल में बसी भाषा
फिजी के राष्ट्रपति विलियम काटोनिवेरे ने विश्व हिंदी सम्मेलन में कहा कि हमारे दिल में बसी भाषा है। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि भारत फिजी में लैंग्वेज लेब खोलेगा। इसका मकसद सही हिंदी सीखना और सिखाना है। गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि एआई में हिंदी की उपयोगिता बढ़ाने पर काम हो रहा है। कंठस्थ मंत्रा जैसे ऐप बनाए गए हैं। कोशिश है कि दुनिया की किसी भी भाषा को देवनागरी में पढ़ा और समझा जा सके। फिजी कहने को भले ही नौ-दस लाख की आबादी वाला छोटा सा देश हो, लेकिन रणनीतिक रूप से यह बेहद महत्वपूर्ण है। खासकर चीन के नजरिए से फिजी से चीन का 2011 में सुरक्षा समझौता हुआ था। नई सरकार ने जनवरी 2023 में चीन से समझौता तोड़ दिया। अब यह भारत का करीबी है।भारत सरकार फिजी में एक भाषा लैब की स्थापना करेगी, जो दुनिया को हिंदी सिखाएगी
फिजी के प्रधानमंत्री ने हिंदी प्रेमियों को संबोधित किया और प्रतिवर्ष गिरमिटिया दिवस मनाने की घोषणा की। उधर तीन दिवसीय यात्रा पर फिजी आए विदेश मंत्री एस. जयशकंर ने द्विपक्षीय संबंधों को लेकर फिजी के उप प्रधानमंत्री बिमान प्रसाद से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि जब भी भाषा और संस्कृति को लेकर उत्सव का माहौल बनता है तो दुनिया और बेहतर होती है। उन्होंने भारत और फिजी के बीच गहरे और स्थायी संबंध कायम रहने की बात भी की। विदेश मंत्री जयशंकर के पहले विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने विश्व हिंदी सम्मेलन की प्रस्तावना रखी। ये भी बताया कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में ये तीसरा विश्व हिंदी सम्मेलन हो रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदी को अब भावनात्मक धरातल से व्यावहारिक धरातल पर लाने का समय है। मुरलीधरन ने घोषणा की कि भारत सरकार फिजी में एक भाषा प्रयोगशाला की स्थापना करेगी, जो दुनिया को हिंदी सिखाएगी और इसका प्रचार-प्रसार करेगी।फिजी में 12वीं तक होगी हिंदी अनिवार्य, हिंदी के शिक्षक बढ़ाए जाएंगे
वहीं, फिजी के शिक्षा मंत्रालय ने 12वीं कक्षा तक हिंदी अनिवार्य करने की तैयारी की है। अभी तक आठवीं कक्षा तक हिंदी भाषा कंपलसरी थी। इतना ही नहीं हिंदी के शिक्षकों की संख्या भी बढ़ाए जाने की तैयारी है। इन्हें भारत ट्रेनिंग देगा। ये संकेत दिए हैं फिजी के शिक्षा मंत्रालय ने। मंत्रालय की एक अधिकारी ने कहा कि फिजी में अब हिंदी को लेकर दो तरह की समस्याएं हैं। पहली फिजीयन हिंदी, दूसरा शिक्षकों की कमी। फिजियन हिंदी का उच्चारण वैसा ही है, जैसा वॉलीवुड फिल्मों में अंग्रेजों द्वारा किया जाता है। लेकिन नई सरकार ने फिजी में बड़ी संख्या में रहने वाले भारतीयों की इच्छा को समझते हुए स्कूलों में 12वीं तक हिंदी विषय को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। संभवत आगामी सत्र से यह लागू हो जाएगा।इसी साल जनवरी में दुनियाभर में मनाया गया ‘विश्व हिंदी दिवस’
विश्व हिंदी सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य हिंदी को विश्व स्तर पर प्रचारित और प्रसारित करना है, जिससे हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप स्थापित किया जा सके। हिंदी को और अधिक विस्तार देने के लिए ही गत 10 जनवरी 2023 को भी दुनियाभर में ‘विश्व हिंदी दिवस’ मनाया गया था। विश्व भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 2006 में प्रतिवर्ष ’10 जनवरी’ को विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। पहली बार हुआ कि जब विदेश मंत्रालय ने विदेश में ‘विश्व हिंदी दिवस’ मनाना शुरू किया। विदेश मंत्रालय हर साल इस क्रम में विश्व हिंदी दिवस मनाता है। केवल इतना ही नहीं इस बार विदेश मंत्रालय द्वारा फिजी सरकार के सहयोग से 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन भी मनाया जा रहा है। अब तक विश्व हिंदी सम्मेलन कब और कहां हुए, आइये Wikipedia से इस बारे में जान लेते हैं…

विश्व हिन्दी सम्मेलन शृंखलाएं
क्रम तिथि नगर देश
1 10-14 जनवरी 1975 नागपुर  भारत
2 28-30 अगस्त 1976 पोर्ट लुई  मारीशस
3 28-30 अक्टूबर 1983 नई दिल्ली  भारत
4 2-4 दिसम्बर 1993 पोर्ट लुई  मारीशस
5 4-8 अप्रैल 1996 त्रिनिडाड-टोबेगो  त्रिनिदाद और टोबैगो
6 14-18 सितम्बर 1999 लंदन  यूनाइटेड किंगडम
7 5-9 जून 2003 पारामरिबो  सूरीनाम
8 13-15 जुलाई 2007 न्यूयार्क  संयुक्त राज्य अमेरिका
9 22-24 सितम्बर 2012 जोहांसबर्ग  दक्षिण अफ्रीका
10 10-12 सितम्बर 2015 भोपाल  भारत
11 18-20 अगस्त 2018 पोर्ट लुई  मॉरिशस
12 15-17 फरवरी 2023 नाड़ी  फ़िजी

 

 

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