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Year Ender 2022- भारत में शैक्षणिक विकास का साल रहा 2022, बेहतर शिक्षा के लिए मोदी सरकार ने की कई पहल

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भारत के बच्चों और युवा पीढ़ी के भविष्य के साथ ही शिक्षा क्षेत्र के विकास की दृष्टि से वर्ष 2022 काफी अहम साबित हुआ। मोदी सरकार ने जहां नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी – 2020 को ज़मीन पर लागू करने के लिए कई कदम उठाए, वहीं शिक्षा व्यवस्था के विस्तार, उसकी गुणवत्ता सुधारने और एजुकेशन सेक्टर की क्षमता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इस साल नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी को भारत की शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनाने के साथ ही देश में वर्ल्ड क्लास विदेशी यूनिवर्सिटियों को आकर्षित करने का प्रयास किया गया। इसके अलावा AVGC- यानि Animation Visual Effects Gaming Comic को पूरा करने पर ध्यान दिया गया। आइए एक नजर डालते हैं 2022 में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में मोदी सरकार किस तरह सफल रही…

बजट में शिक्षा क्षेत्र को मिली रिकॉर्ड हिस्सेदारी

केंद्रीय बजट-2022-23 में मोदी सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के लिए कई सौगातें दीं। डिजिटल एजुकेशन पर जोर से लेकर डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना तक, सरकार की ओर से साल 2022-23 के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गईं। खास बात यह था कि इस साल के बजट में शिक्षा क्षेत्र को रिकॉर्ड हिस्सेदारी दी गई। मोदी सरकार ने साल 2022-23 के बजट में शिक्षा के लिए 1 लाख 4 हजार 277 करोड़ रुपये का आवंटन किया। वित्त मंत्री ने ऑनलाइन शिक्षा (डिजिटल यूनिवर्सिटी) और टीवी आधारित शिक्षा (पीएम ई-विद्या) में बजटीय आवंटन में वृद्धि की। बजट में स्किलिंग पर भी जोर दिया गया है जो किसी व्यक्ति को रोजगार योग्य बनाता है। 

बजट 2022-23 में सार्वभौमिक शिक्षा पर जोर

साल 2022 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सार्वभौमिक शिक्षा के लिए इस साल सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत करीब 37,383 करोड़ रुपये आवंटित किए। वहीं, 2021 में इस योजना के लिए कुल 30 हजार करोड़ का बजट आवंटन किया गया था। कोरोना महामारी के कारण देशभर में स्कूल लंबे अरसे से बंद थे। इस कारण छात्रों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ। समग्र शिक्षा अभियान इस नुकसान की भरपाई करने में अहम कड़ी साबित होगा।

नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी की हुई पहल

बजट-2022 में डिजिटल यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव किया गया। पीएम मोदी ने बताया कि नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी, भारत की शिक्षा व्यवस्था में अपनी तरह का अभूतपूर्व कदम है। डिजिटल यूनिवर्सिटी में देश में सीटों की समस्या को पूरी तरह खत्म करने की ताकत है। इस यूनिवर्सिटी में डिग्री, डिप्लोमा व सर्टिफिकेट सहित सभी कोर्सों की पढ़ाई होगी। सीटों पर भी किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं रहेगी। शिक्षा मंत्रालय डिजिटल यूनिवर्सिटी को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) सहित शिक्षा से जुड़े दूसरी सभी एजेंसियों और विशेषज्ञों के साथ कई बार बैठकें कर चुका है। इसको लेकर छात्रों को लंबा इंतजार नहीं करना होगा। 

आईसीटी और स्मार्ट क्लास की स्वीकृति

समग्र शिक्षा योजना के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) घटक के तहत, देश भर में पाठ्यक्रम-आधारित इंटरैक्टिव मल्टीमीडिया, डिजिटल पुस्तकों, वर्चुअल लैब आदि को तैयार करके उन्हें लागू करके बच्चों को कंप्यूटर साक्षरता और कंप्यूटर-आधारित शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान है। यह स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं और आईसीटी प्रयोगशालाओं की स्थापना का समर्थन करता है, जिसमें हार्डवेयर, शैक्षिक सॉफ्टवेयर और शिक्षण के लिए ई-सामग्री शामिल है। इसमें छठी से बारहवीं कक्षा तक के सभी सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को शामिल करने की परिकल्पना की गई है। नवंबर 2022 तक (स्थापना के बाद से), देश भर के 1,20,614 स्कूलों और 82,120 स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं में आईसीटी लैब को मंजूरी दी गई।

‘समावेशी शिक्षा के लिए सहायक प्रौद्योगिकी’ पर वर्चुअल कार्यक्रम

आजादी का अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के सहयोग से 17 जनवरी, 2022 को समावेशी शिक्षा के लिए सहायक प्रौद्योगिकी स्टार्टअप पर नवाचारों और स्टार्टअप से जुड़े समाधानों को दर्शाने के लिए एक वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया। ‘समावेशी शिक्षा के लिए सहायक प्रौद्योगिकी’ पर वर्चुअल कार्यक्रम में स्टार्टअप और उनके नवा चारों पर जोर दिया गया, ताकि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को सीखने में सहायता मिले।

तालकटोरा स्टेडियम में पांचवीं बार ‘परीक्षा पर चर्चा’ आयोजित

छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनूठे संवादात्मक कार्यक्रम – परीक्षा पर चर्चा पांचवीं बार 1 अप्रैल, 2022 को तालकटोरा स्टेडियम में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए चयन 28 दिसंबर, 2021 से 3 फरवरी, 2022 तक MyGov.in पोर्टल पर कक्षा 9 से 12 के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए एक रचनात्मक लेखन प्रतियोगिता के माध्यम से किया गया था।

दिव्यांग छात्रों के लिए “प्री असेसमेंट होलिस्टिक स्क्रीनिंग टूल” लॉन्च

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने शिक्षक पर्व 2022 के दौरान स्कूलों के लिए एक दिव्यांग स्क्रीनिंग चेकलिस्ट और एक एंड्राइड मोबाइल ऐप के रूप में प्रशस्त मोबाइल ऐप – “प्री असेसमेंट होलिस्टिक स्क्रीनिंग टूल” लॉन्च किया है। प्रशस्त ऐप मापदंड आधारित 21 विकलांगता स्थितियों की स्क्रीनिंग में मदद करेगा। आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम, 2016 में, स्कूल स्तर पर और समग्र शिक्षा के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रमाणन प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधिकारियों के साथ आगे साझा करने के लिए स्कूल-वार रिपोर्ट तैयार करेगा। एनसीईआरटी के सीआईईटी द्वारा प्रशस्त मोबाइल ऐप विकसित किया गया है।

वाराणसी में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का आयोजन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 जुलाई, 2022 को वाराणसी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर तीन दिवसीय अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य आधार शिक्षा को संकुचित सोच के दायरे से बाहर निकालना और उसे 21वीं सदी के विचारों से जोड़ना है। नई नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और चॉइस के हिसाब से उन्हें skilled बनाने पर है। इस आयोजन में देश के सभी विश्वविद्यालयों और राष्ट्रीय महत्व के शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में नौ विषयों पर पैनल चर्चा आयोजित की गई और प्रख्यात शिक्षाविद, नीति निर्माता और अकादमिक क्षेत्र की अग्रणी हस्तियों ने अपने अनुभव साझा किए। 

वाराणसी में अक्षय पात्र के मेगा किचन का शुभारंभ

प्रधानमंत्री मोदी ने 7 जुलाई, 2022 को एलटी कॉलेज में अक्षय पात्र के मेगा किचन पहुंचे और केंद्रीयकृत रसोई का शुभारंभ किया। इस किचन में प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मिड-डे मील तैयार किया जाता है। इस दौरान पीएम मोदी ने किचन में लगे अत्याधुनिक मशीनों का भी निरीक्षण किया। इसकी झमता कुछ ही घंटों में करीब एक लाख बच्चों के लिए भोजन बनाने की है। पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन के बाद सेवापुरी के 124 स्कूलों के 25 हजार बच्चों तक ये खाना खास गाड़ियों से पहुंचाया गया। गौरतलब है कि अक्षय पात्र एक स्वयंसेवी संस्था है जो उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों में बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध करा रही है।

वाराणसी में सरकारी स्कूल के बच्चों से मिले पीएम मोदी

अक्षय पात्र के मेगा किचन के शुभारंभ के बाद पीएम मोदी ने सरकारी स्कूल के बच्चों से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी काफी खुश नजर आए। प्रधानमंत्री मोदी तब दंग रह गए जब एक बच्चा उनके सामने शिव तांडव स्तोत्र सुनाने लगा। बच्चों की प्रतिभा देख प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर उनके साथ बैठ गए और बारी-बारी से सभी से कुछ न कुछ पूछने लगे। अपने बीच देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री को पाकर बच्चों के भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।  एक छात्र ने पीएम मोदी को योगासन कर दिखाया जिससे वो काफी प्रभावित हुए। उन्होंने बच्चों से बात करते हुए मन लगाकर खूब पढ़ाई करने पर जोर दिया।

पोस्ट-एनएएस 21 की गतिविधियों पर कार्यशाला का आयोजन

शिक्षा मंत्रालय द्वारा 28 जुलाई 2022 को पोस्ट-एनएएस 21 की गतिविधियों पर एक राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों, एससीईआरटी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डीआईईटी) और एनसीईआरटी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य एनएएस 2021 डेटा के आधार पर सीखने के स्तर में सुधार और अंतर योजना पर उन्मुख करने के लिए दीर्घकालिक, मध्यावधि और अल्पकालिक क्रियाकलापों को विकसित करने में राज्य / केंद्रशासित प्रदेश सरकारों का समर्थन करना है।

पीएम श्री स्कूल योजना को मंजूरी, 14,500 स्कूल होंगे स्थापित

मोदी सरकार ने 7 सितंबर, 2022 को पीएम श्री नामक एक नई केंद्र प्रायोजित योजना को मंजूरी दी। ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करेंगे और समय के साथ अनुकरणीय स्कूलों के रूप में उभरेंगे, और आस – पड़ोस के अन्य स्कूलों को भी नेतृत्व प्रदान करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विजन के अनुसार, वे एक समान, समावेशी और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने में अपने संबंधित क्षेत्रों में नेतृत्व प्रदान करेंगे। इस योजना के तहत 14,500 से अधिक पीएम श्री स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) स्थापित करने का प्रावधान है। इल योजना की अवधि 2022-23 से 2026-27 तक प्रस्तावित है। इस योजना से 20 लाख से अधिक छात्रों को योजना के प्रत्यक्ष लाभार्थी होने की उम्मीद है।

पीएम पोषण योजना को जारी रखने की मंजूरी

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 2021-22 से 2025-26 तक पांच साल की अवधि के लिए स्कूलों में पीएम पोषण योजना को जारी रखने की मंजूरी दे दी, जिसमें 2021-22 से 2025-26 तक पांच साल के लिए 54,061.73 करोड़ रुपये के केंद्रीय हिस्से का वित्तीय परिव्यय होगा। 2022-23 के दौरान इस योजना में बाल वाटिका और सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा I-VIII में पढ़ने वाले 12 करोड़ से अधिक बच्चे शामिल हैं। 2022-23 (दिसंबर 2022 तक) के दौरान, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को केंद्रीय सहायता के रूप में 6758.84 करोड़ रुपये जारी किए गए थे और उन्हें 29.68 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया गया था।

दिसंबर 2022 तक विद्यांजलि से जुड़े 3,92,488 स्कूल

विद्यांजलि एक ऑनलाइन पोर्टल है, जो स्वयंसेवकों को सीधे स्कूलों से जोड़कर एक सुविधाप्रदाता के रूप में कार्य करता है। 22 दिसंबर, 2022 तक 3,92,488 स्कूल जुड़ चुके हैं और 1,10,874 स्वयंसेवकों ने विद्यांजलि पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। स्वयंसेवकों ने कई क्षेत्रों में अपनी रुचि दर्शाई है, जैसे विषय संबंधी सहायता, मेधावी बच्चों की सलाह, व्यावसायिक कौशल सिखाने, प्रोजेक्टर प्रायोजित करने, छत के पंखे, स्कूलों के लिए लैपटॉप और पुस्तकालय आदि। देश भर में स्वयंसेवकों की सक्रिय भागीदारी के साथ, कार्यक्रम सफलतापूर्वक 1085648 छात्रों को प्रभावित करने में कामयाब रहा है।

 

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