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‘आप जाकर दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़िये’, मजाक-मजाक में कांग्रेस का टिकट चाहने वालों को कमलनाथ ने भड़काया, बीजेपी ने कहा- बाहर आ गई कांग्रेस के अंदर की लड़ाई

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कभी-कभी मजाक-मजाक में दिल की बात जुबां तक चली आती है। कोई उसे मजाक मानता है तो कोई उसे संदेश के रूप में लेता है। लेकिन कहने-बोलने वाले की चालाकी यही होती है कि वो दिल में दबी हुई गंभीर बात को भी हल्के अंदाज में कह जाता है। ऐसा ही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के साथ किया है। मध्य प्रदेश की राजनीति में दोनों के बीच के सियासी रिश्ते खट्टे-मिठे रहे हैं। दोनों नेताओं की सोच और कार्यशैली में फर्क प्रदेश कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती रही है। इस चुनौती का एहसास फिर कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और विधानसभा चुनाव का टिकट चाहने वालों को एक बड़ी सलाह देकर करा दिया है। इससे पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

दरअसल मंगलवार (17 अक्टूबर, 2023) को भोपाल के रविंद्र भवन में कांग्रेस का वचन पत्र जारी करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें कांग्रेस के तमाम नेता पहुंचे थे। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच खूब शब्दबाण चले। वचन पत्र जारी करने से पहले कमलनाथ ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि टिकट कटने से नाराज प्रत्याशियों के समर्थकों को कहा था, ‘दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़ें।’ सामने मौजूद दिग्विजय सिंह ने तुरंत उन्हें टोकते हुए पूछा, ‘नामांकन पत्र के साथ जमा होने वाले A-फॉर्म और B-फॉर्म पर दस्तखत किसके होते है? प्रदेश अध्यक्ष के तो, कपड़े भी उन्हीं के फटेंगे। इस तरह दोनों नेता एक-दूसरे को टोपी पहनाते नजर आए।

कमलनाथ के इस बयान से कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी एकबार फिर खुलकर सामने आ गई है। जयवर्धन सिंह का नाम लेकर कमलनाथ ने बता दिया कि कांग्रेस की लड़ाई अब दो गुटों की जगह दो परिवारों के बीच हो गई है। कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो वहीं दिग्विजय सिंह अपने बेटे जयवर्धन सिंह को राजनीति में स्थापित करना चाहते हैं। दोनों के बीच की लड़ाई में कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता पीस रहे हैं। कमलानाथ के वायरल वीडियो पर दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि जब परिवार बड़ा होता है तो सामूहिक सुख और सामूहिक द्वंद दोनों होते हैं। समझदारी यहीं कहती है कि ‘बड़े लोग’ धैर्यपूर्वक समाधान निकालें। ईश्वर भी उन्हीं का साथ देते हैं, जो मन और मेहनत का मेल रखते हैं। दिग्विजय सिंह ने मतभेद की बात स्वीकार करते हुए लिखा कि कमलनाथ जी से मेरे पारिवारिक रिश्ता 1980 से है। हमारे बीच में कई बार कई मुद्दों पर मतभेद रहे है। दो मित्रों में मतभेद होना स्वाभाविक ही है लेकिन मनभेद नहीं रहे।

ऐसे में जानकारों का कहना है कि टिकट बंटवारे में वहां कमलनाथ की नहीं चली है। कार्यकर्ताओं के बढ़ रहे दबाव से मुक्ति पाने के लिए कमलनाथ ने मजाक-मजाक में दिग्विजय सिंह पर सारा ठीकरा फोड़ दिया। इससे बीजेपी को कांग्रेस पर हमले का मौका मिल गया है। बीजेपी प्रवक्ता नरेन्द्र सलुजा ने सोशल मीडिया में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लिखा कि दलबदल कर कांग्रेस में आये वीरेन्द्र रघुवंशी का टिकट काटे जाने से उनके समर्थकों ने कमलनाथ जी का घर घेरा, भारी आक्रोश दिखाया। नाथ ने कहा दिग्विजय सिंह और केपी सिंह के कारण यह सब हुआ। नाथ ने कहा ‘जाकर दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़ो….।” यह हालत है कि नाथ जी प्रदेश अध्यक्ष है और उन्हें टिकटों का होश ही नहीं। कोई भी कन्फ़्यूजन पैदा कर टिकट फाइनल करा रहा है। इस विरोध प्रदर्शन व आक्रोश से श्री नाथ डरे। इस आक्रोश व घेराव के बाद शिवपुरी- पिछोर- कोलारस के कांग्रेस के टिकट बदलना तय। टिकट बंटने की और कांग्रेस के सर्वे की वास्तविकता, यह वीडियो बयां कर रहा है। दिग्विजय सिंह जी और कमलनाथ जी के बीच की अंतर्कलह साफ़ दिखाई दे रही है।

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