प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2021 महिलाओं के सशक्तिकरण के रूप में भी याद रखा जाएगा। महिलाओं को प्रोत्साहित करने की नीति के चलते महिलाओं ने न सिर्फ देशभर में अपनी आभा बिखेरी, बल्कि विश्व फलक पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ी। एक ओर जहां पीएम मोदी मंत्रिमंडल में सात और महिलाएं शामिल होने से महिला मंत्रियो की संख्या 11 हुई, वहीं इस बार शहरों से लेकर दूरस्थ गांवों की महिलाओं को भी पद्म पुरुस्कारों में सम्मान मिला। लीना नायर फ्रांसीसी कंपनी शेनन की सीईओ बन सबको चौंका दिया, वहीं फाल्गुनी नायर देश की सबसे अमीर महिला बनकर उभरी।
आइये, महिला सशक्तिकरण के इस दौर में देश-दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाली कुछ महिलाओं के बारे में जानते हैं….इस बार 60 महिलाओं को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया
इस साल के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य व समाजसेवा के लिए वर्ष 2020 व 2021 के लिए तीन श्रेणियों पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए गए। करीब 60 महिलाओं को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इसमें भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से लेकर राजस्थान की मैला ढोने वाली ऊषा चौमार भी शामिल हैं। कर्नाटक की 72 वर्षीय तुलसी गौड़ा को पर्यावरण के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 12 साल की आयु से उन्होंने पौधे रोपने का जो काम शुरू किया था, वह अब तक जारी है। उन्हें लोग इनसाइक्लोपीडिया आफ फारेस्ट कहकर पुकारते हैं। वह राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हॉल में नंगे पांव चलीं, राष्ट्रपति से पुरस्कार लेने जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन करने के लिए कुछ देर रुकीं।पीएम मोदी सरकार में सात और महिला मंत्री शामिल, अब 11 महिलाएं मंत्री
इस साल पीएम मोदी कैबिनेट में सात और महिला मंत्रियों को शामिल किया गया। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार में महिला मंत्रियों की संख्या बढ़कर 11 हो गई। इस मंत्रिपरिषद विस्तार में कुल 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। महिला मंत्रियों में बीजेपी की मीनाक्षी लेखी, शोभा कारंदलजे, दर्शना जरदोश, अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक, भारती पवार और अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली। इनमें अनुप्रिया को छोड़कर सभी छह नेता पहली बार केंद्रीय मंत्री बनी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली पहली सरकार में अनुप्रिया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री थीं।
फाल्गुनी नायर
Nykaa की संस्थापक फाल्गुनी नायर 6.5 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ भारत की सबसे धनी महिला अरबपति बन गईं। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार जब फाल्गुनी ने 10 नवंबर को ट्रेडिंग शुरू की तो उनके फर्म के शेयरों में 79 प्रतिशत की वृद्धि हुई। Nykaa की पैरेंट इकाई, FSN ई-कॉमर्स वेंचर्स स्टॉक एक्सचेंज में प्रवेश करने वाली भारत की पहली महिला-नेतृत्व वाली यूनिकॉर्न है। पूर्व इंवेस्टमेंट बैंकर नायर 50 वर्ष की होने से कुछ महीने पहले ही उद्यमी बन गईं। फाल्गुनी नायर ने बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ को संपत्ति के मामले में पछाड़कर भारत की दूसरी सबसे धनी महिला बनी।
गीता गोपीनाथ
गीता गोपीनाथ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की पहली महिला मुख्य अर्थशास्त्री हैं। आईएमएफ ने उन्हें प्रथम उप प्रबंध निदेशक के रूप में पदोन्नत किया। भारतीय-अमेरिकी जेफ्री ओकामोटो की जगह लेने जा रहे हैं, जो 2022 की शुरुआत में फंड छोड़ने की योजना बना रहे हैं।
भारतीय महिला हॉकी टीम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पढ़ाई, तकनीकी शिक्षा, रोजगार के साथ-साथ खेलों और खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित करने की नीति है। वे स्वयं ओलंपिक के खिलाड़ियों से मिले। इस साल भारतीय महिला हॉकी टीम ने 2 अगस्त को ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करके इतिहास रच दिया। हालांकि, इतिहास रचने वाली टीम का अपना पहला ओलंपिक पदक हासिल करने का सपना अधूरा रह गया क्योंकि उसे कांस्य प्ले-ऑफ मैच में ग्रेट ब्रिटेन से 3-4 से हार का सामना करना पड़ा।
मीराबाई चानू
27 वर्षीय मीराबाई चानू ने जुलाई में टोक्यो ओलंपिक में महिलाओं की 49 किग्रा भारोत्तोलन में रजत पदक जीता, जिससे 2020 के खेलों में भारत को पहला पदक मिला। मणिपुर की लौह महिला ने कुल 202 किलो (87 किलो+115 किलो) वजन उठाया।
हरनाज संधू
भारत की हरनाज संधू को 12 दिसंबर को 70वीं मिस यूनिवर्स का ताज पहना, जिसमें लगभग 80 प्रतियोगियों ने टॉप किया था। 2000 में लारा दत्ता के मिस यूनिवर्स बनने के 21 साल बाद उन्होंने यह खिताब अपने नाम किया। संधू से पहले केवल दो भारतीयों ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता है – 1994 में अभिनेता सुष्मिता सेन और 2000 में लारा दत्ता।
लीना नायर
यूनिलीवर की पहली महिला, पहली एशियाई और सबसे कम उम्र की मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) लीना नायर अब चैनल की नई सीईओ हैं। नायर 1992 में एक प्रबंधन प्रशिक्षु के रूप में यूनिलीवर में शामिल हुए और कंपनी में अपने पेशेवर जीवन के 30 साल बिताए। मानव संसाधन प्रमुख होने के साथ-साथ वह यूनिलीवर की कार्यकारी समिति की सदस्य भी थीं। वह एक्सएलआरआई, जमशेदपुर की स्वर्ण पदक विजेता हैं और उन्हें फॉर्च्यून इंडिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं 2021 में गिना जाता है।
मटिल्डा कुल्लू
ओडिशा की एक जमीनी स्तर की स्वास्थ्य कार्यकर्ता मटिल्डा कुल्लू को राज्य में COVID-19 महामारी के दौरान अपने काम के लिए फोर्ब्स पत्रिका की W-Power 2021 सूची में दिखाया गया। उन्हें और उनके सहयोगियों को लोगों को कोरोनावायरस के बारे में शिक्षित करने के लिए घर-घर जाना पड़ा था वे कहती है, “लोग कोविड टेस्ट कराने से भागते थे, उन्हें समझाना वास्तव में कठिन था।
राहीबाई सोमा पोपरे (पद्मश्री)
महाराष्ट्र के अहमदनगर की रहने वाली आदिवासी महिला राहीबाई सोमा पोपरे को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। ‘सीड मदर’ के नाम से ख्यात राहीबाई ने किसानी के गुर अपने परिवार से सीखे और जंगल में घूमकर पेड़-पौधों व जड़ी बूटियों के बारे में अपना ज्ञान बढ़ाया। करीब बीस साल पहले उन्होंने देशी बीज संरक्षण और महाराष्ट्र के अलग-अलग क्षेत्रों में उन्हें लोगों को बांटने का काम शुरू किया।
डा. पद्मा बंदोपाध्याय (पद्मश्री)
पहली महिला एयर मार्शल डा. पद्मा बंदोपाध्याय को वायुसेना में 37 साल की सर्विस और चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए सम्मानित किया गया है।
भूरी बाई (पद्मश्री)
भील आर्ट को पूरे देश में प्रसिद्ध करने वाली मध्यप्रदेश की भूरी बाई को ये सम्मान मिला है। भूरी आर्ट्स की दुनिया में एक जाना माना नाम हैं जो झाबुआ की रहने वाली हैं।
रजनी बेक्टर (पद्मश्री)
पंजाब की 79 वर्षीय रजनी बेक्टर कई महिलाओं के लिए रोल माडल हैं, जो अपने छोटे किचन को एक बड़े बिक्सिट और ब्रेड प्रोडक्शन बिजनेस में तब्दील कर चुकी हैं।
सिंधुताई सपकल (पद्मश्री)
सिंधुताई सपकल करीब एक हजार अनाथ बच्चों की मां हैं और उनके नाम एक डाक्युमेंट्री भी बन चुकी है।
प्रकाश कौर (पद्मश्री)
जालंधर की प्रकाश कौर को उनके अपने माता-पिता ने छोड़ दिया था। उन्होंने करीब 80 अनाथ और त्याग दी गई लड़कियों की देखरेख की और उन्हें सही दिशा दिखाई।
बिरुबाला रभा (पद्मश्री)
असम की बिरुबाला चुड़ैल बनाए जाने की प्रथा और महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ काम कर रही हैं।
संघखुमी बौलचुआक (पद्मश्री)
मिजोराम की सोशल वर्कर संघखुमी ने मीजो सोसाइटी के लिए काम किया और उनके लिए कई पालिसीज के लिए लड़ाई की।
लखीमी बरुआ (पद्मश्री)
असम की एक महिला बैंकर हैं लखमिनी बरुआ, जिन्हें महिला सशक्तिकरण और महिलाओं की जिंदगी में एक सफल बदलाव लाने के लिए सम्मानित किया गया है।
चुटनी देवी (पद्मश्री)
झारखंड की चुटनी देवी को उनके गांव वालों ने चुड़ैल करार दे दिया था पर उन्होंने हार नहीं मानी और समाज की बुराई के खिलाफ लड़ीं और 55 अन्य लोगों की मदद की।