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पूर्वोत्तर नए भारत के सपने पूरा करने का प्रवेश द्वार बन रहा है- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 4 जनवरी को मणिपुर और त्रिपुरा में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री मोदी ने पहेल मणिपुर के इंफाल में लगभग 1,850 करोड़ रुपये की 13 परियोजनाओं का उद्घाटन किया और करीब 2,950 करोड़ रुपये की 9 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं सड़क अवसंरचना, पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य, शहरी विकास, आवासन, सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, कला और संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं।

मणिपुर में पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने 1700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्माण की जाने वाली पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने 75 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एनएच-37 पर बराक नदी पर बने स्टील ब्रिज का उद्घाटन किया, जो सिलचर और इंफाल के बीच यातायात को आसान बनाएगा। उन्होंने लगभग 1100 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए 2,387 मोबाइल टॉवरों को भी मणिपुर के लोगों को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने 280 करोड़ मूल्य की ‘थौबल बहुउद्देश्यीय परियोजना की जल प्रवाह प्रणाली’ का उद्घाटन किया, जिससे इंफाल शहर में पेयजल की आपूर्ति होगी। प्रधानमंत्री ने 65 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जल आपूर्ति योजना और 51 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ‘सेनापति जिला मुख्यालय जलापूर्ति योजना का विस्तार’ परियोजना का भी उद्घाटन किया।

उन्होंने इंफाल में लगभग 160 करोड़ रुपये की लागत से पीपीपी आधार पर निर्माण किए जाने वाले ‘अत्याधुनिक कैंसर अस्पताल’ का शिलान्यास किया। उन्होंने कियामगेई में ‘200 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल’ का उद्घाटन किया, जिसे डीआरडीओ के सहयोग से लगभग 37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है। उन्होंने ‘इंफाल स्मार्ट सिटी मिशन’ के तहत 170 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने लगभग 200 करोड़ रुपये की लागत से राज्य में बनने वाले ‘सेंटर फॉर इन्वेंशन, इनोवेशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (सीआईआईआईटी)’ की भी आधारशिला रखी। उन्होंने गुड़गांव, हरियाणा में 240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले मणिपुर इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स का भी शिलान्यास किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के लोगों में आजादी का विश्वास यहां मोइरांग की धरती में पैदा हुआ जहां नेताजी सुभाष की सेना ने पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया। जिस पूर्वोत्तर क्षेत्र को नेताजी ने भारत की स्वतंत्रता का प्रवेश द्वार कहा, वो एक नए भारत के सपनों को पूरा करने का प्रवेश द्वार बन रहा है। उन्होंने अपने इस विश्वास को दोहराया कि भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर हिस्से भारत की प्रगति का स्रोत बनेंगे और यह आज इस क्षेत्र के विकास में दिखाई दे रहा है।

प्रधानमंत्री ने इस बात की याद दिलाई कि प्रधानमंत्री बनने से पहले भी उन्होंने कई बार मणिपुर का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि वो उनका दर्द समझते हैं, “इसलिए 2014 के बाद मैं दिल्ली को, भारत सरकार को आपके दरवाजे पर ले आया।” प्रत्येक अधिकारी और मंत्री को इस क्षेत्र का दौरा करने और यहां के लोगों की स्थानीय जरूरतों के अनुसार उनकी सेवा करने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आप देख सकते हैं कि मंत्रिपरिषद के प्रमुख मंत्रालयों में इस क्षेत्र के पांच महत्वपूर्ण चेहरे मौजूद हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की सात वर्षों की मेहनत पूरे पूर्वोत्तर और खासकर मणिपुर में दिखाई दे रही है। आज मणिपुर बदलाव की एक नई कार्य-संस्कृति का प्रतीक बनता जा रहा है। ये बदलाव मणिपुर की संस्कृति और उनकी देखभाल के लिए हैं। उन्होंने कहा कि इस बदलाव में संपर्क को भी प्राथमिकता है और रचनात्मकता का भी उतना ही महत्व है। प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया कि बेहतर मोबाइल नेटवर्क के साथ-साथ सड़क एवं बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं से कनेक्टिविटी मजबूत होगी। सीआईआईटी स्थानीय युवाओं की रचनात्मकता और नवाचार की भावना में योगदान देगा। आधुनिक कैंसर अस्पताल देखभाल के मामले में नए आयाम जोड़ेगा और मणिपुर इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट एवं गोविंद जी मंदिर का जीर्णोद्धार सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पूर्वोत्तर के लिए ‘एक्ट ईस्ट’ का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने इस क्षेत्र को इतने प्राकृतिक संसाधन दिए हैं, इतना सामर्थ्य दिया है। यहां विकास और पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की इन संभावनाओं को साकार करने के लिए अब काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर अब भारत के विकास का गेटवे बन रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर देश के लिए एक से एक नायाब रत्न देने वाला राज्य रहा है। यहां के युवाओं और खासकर मणिपुर की बेटियों ने पूरी दुनिया में गर्व से देश का सर ऊंचा किया है। विशेषकर आज देश के नौजवान मणिपुर के खिलाड़ियों से प्रेरणा ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डबल इंजन सरकार के निरंतर प्रयासों की वजह से इस क्षेत्र में उग्रवाद और असुरक्षा की आग नहीं है, बल्कि शांति और विकास की रोशनी है। पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में सैकड़ों नौजवान हथियार छोड़ कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन समझौतों का दशकों से इंतजार था, मौजूदा सरकार ने उन ऐतिहासिक समझौतों को अंजाम तक पहुंचाकर दिखाया है। एक ‘नाकाबंदी राज्य’ से, मणिपुर अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने वाला राज्य बन गया है।

त्रिपुरा में प्रधानमंत्री मोदी
त्रिपुरा में प्रधानमंत्री मोदी ने महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करने के साथ मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना और विद्याज्योति स्कूल परियोजना मिशन 100 प्रमुख पहलों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का भारत, सबको साथ लेकर, सबके विकास और सबके प्रयास से ही आगे बढ़ेगा। कुछ राज्य पीछे रहें, कुछ राज्य के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते रहें, ये असंतुलित विकास राष्ट्र के विकास के लिए उचित नहीं है, ठीक नहीं है। त्रिपुरा के लोगों ने दशकों तक, यहां यही देखा है, यही अनुभव किया है। पहले यहां भ्रष्टाचार की गाड़ी रुकने का नाम नहीं लेती थी और विकास की गाड़ी पर ब्रेक लगा हुआ था। पहले जो सरकार यहां थी उसमें त्रिपुरा के विकास का ना विजन था और ना ही उसकी नीयत थी। गरीबी और पिछड़ेपन को त्रिपुरा के भाग्य के साथ चिपका दिया गया था। इस स्थिति को बदलने के लिए ही मैंने त्रिपुरा के लोगों को HIRA का आश्वासन दिया था। H से highway, I से Internet way, R से railways और A से Airways. आज हीरा मॉडल पर त्रिपुरा अपनी कनेक्टिविटी सुधार रहा है, अपनी कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है।

उन्होंने कहा कि महाराजा बीर बिक्रम एयरपोर्ट उतरने वाले हर यात्री को अब सबसे पहले त्रिपुरा की संस्कृति, यहां की विरासत, यहां का आर्किटेक्चर नजर आएगा। त्रिपुरा की प्राकृतिक सुंदरता हो, उनाकोटि हिल्स के जनजातीय साथियों की कला हो, पत्थर की मूर्तियां हों, ऐसा लगता है कि एयरपोर्ट पर पूरा त्रिपुरा सिमट आया है। नई सुविधाओं के बाद महाराजा बीर-बिक्रम एयरपोर्ट की क्षमता पहले की तुलना में तीन गुना और बढ़ गई है। जब यहां डोमेस्टिक कार्गो टर्मिनल का, कोल्ड स्टोरेज का काम पूरा हो जाएगा तो पूरे नॉर्थ ईस्ट के व्यापार-कारोबार को नई ताकत मिलेगी। हमारे महाराजा बीर-बिक्रम जी ने शिक्षा के क्षेत्र में, आर्किटेक्चर के क्षेत्र में, त्रिपुरा को नई ऊंचाई दी थी। आज वो त्रिपुरा का विकास होते देखकर, यहां के लोगों के प्रयासों को देखकर बहुत खुश होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज त्रिपुरा की कनेक्टिविटी को बढ़ाने के साथ ही इसे नॉर्थ ईस्ट के गेटवे के रूप में विकसित करने के लिए भी तेजी से काम चल रहा है। रोड हो, रेल हो, एयर हो या फिर वॉटरवे कनेक्टिविटी, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर जितना निवेश हमारी सरकार कर रही है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। अब त्रिपुरा इस क्षेत्र में व्यापार-कारोबार का नया हब बन रहा है, ट्रेड कॉरिडोर बन रहा है। रोड और रेलवे से जुड़ी दर्जनों परियोजनाओं और बांग्लादेश के साथ इंटरनेशनल वॉटरवे कनेक्टिविटी ने यहां का कायाकल्प करना शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य में जब विकास को सर्वोपरि रखने वाली सरकार होती है, तो डबल तेजी से काम भी होता है। इसलिए डबल इंजन की सरकार का कोई मुकाबला ही नहीं है। डबल इंजन की सरकार यानि संसाधनों का सही इस्तेमाल डबल इंजन की सरकार यानि भरपूर संवेदनशीलता, डबल इंजन की सरकार यानि लोगों के सामर्थ्य को बढ़ावा, डबल इंजन की सरकार यानि सेवाभाव, समर्पणभाव। डबल इंजन की सरकार यानि संकल्पों की सिद्धि। और, डबल इंजन की सरकार यानि समृद्धि की तरफ एकजुट प्रयास। आज यहां जिस मुख्यमंत्री त्रिपुरा ग्राम समृद्धि योजना की शुरुआत हो रही है, वो इसी का उदाहरण है।

 

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