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बंगाल में मतदान के दौरान हिंसा, टीएमसी के लोगों ने EVM तालाब में फेंकी, VVPAT लूटीं, देसी बम से हमला

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पश्चिम बंगाल में राजनीति के चरित्र को पहले वामपंथी और अब तृणमूल कांग्रेस ने इस कदर जहरीला बना दिया है कि बिना हिंसा के वहां चुनाव हो नहीं पाता। जुलाई 2023 में हुए पंचायत चुनाव में 24 घंटे में ही 19 लोगों की हत्या हो गई थी। बूथ कैप्चरिंग, बमबाजी और गोलीबारी से बंगाल रक्तरंजित हो गया था। हर चुनाव में हिंसा को देखते हुए लोकसभा चुनाव 2024 में राज्य की 42 सीटों के लिए सात चरणों में मतदान की व्यवस्था की गई थी। लेकिन इसके बावजूद हर चरण में हिंसा की खबरें आईं। 1 जून 2024 को लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और अंतिम चरण की वोटिंग के दौरान भी पश्चिम बंगाल से फिर हिंसा की खबरें सामने आईं। हार करीब देख टीएमसी समर्थकों ने दक्षिण 24 परगना के कुलतली में EVM और VVPAT मशीन को पानी में फेंक दिया। जादवपुर में बमबाजी हुई है, संदेशखाली में एक बीजेपी समर्थक का सिर फट गया। जादवपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भांगड़ के सतुलिया इलाके में हुई झड़प में ISF, CPIM के करीब 10 कार्यकर्ता घायल हुए। हमले में देसी बम के इस्तेमाल किया गया। मौके पर कई जिंदा बम पड़े देखे गए।

बदमाशों ने EVM को तालाब में फेंक दिया
सोशल मीडिया पर चुनाव हिंसा का जो वीडियो सामने आया है उसमें दिखाई दे रहा है कि बदमाशों ने EVM को तालाब में फेंक दिया। भीड़ के पीछे कुछ पुलिस वाले दौड़ते नजर आ रहे हैं। इसी दौरान कुछ लोग पास ही बने तालाब में कूद गए। संदेशखाली और भांगर सहित कई इलाकों से चुनावी हिंसा की खबरें भी मिल रही हैं। बसीरहाट लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले संदेशखाली में शुक्रवार रात शुरू हुई हिंसा सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के बाद भी जारी थी। महिलाओं ने सड़कों पर निकलकर हाथों में डंडे और झाड़ू लेकर प्रदर्शन किए।

वीवीपैट को तालाब में फेंक दिया
बंगाल के मुख्य चुनाव आयुक्त ने गुरुवार को ट्वीट किया कि आज सुबह 6.40 बजे जयनगर संसदीय क्षेत्र में बेनीमाधवपुर एफपी स्कूल से कुछ रिजर्व ईवीएम और सेक्टर अधिकारी के पेपरों को भीड़ ने लूट लिया। बंगाल सीईओ की तरफ से ट्वीट में कहा गया कि भीड़ ने दो वीवीपैट मशीनों को तालाब में फेंक दिया। इस मामले में सेक्टर अधिकारी ने एफआईआर दर्ज कराई है और जरूरी कार्रवाई की जा रही है। इस घटना के बाद सेक्टर के बाकी छह बूथों पर मतदान प्रक्रिया जारी रही। सेक्टर अधिकारी को नई ईवीएम और पेपर उपलब्ध करा दिए गए। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि स्थानीय गुंडों ने पहले यहां चुनाव आयोग की टीम को घुसने से रोका। इसके बाद विवाद भड़का तो कुछ लोगों ने वीवीपैट उठा लीं और इन्हें पास के तालाब में फेंक दिया।

कई जगहों पर देसी बम पड़े मिले
जादवपुर के भगवानपुर में बमबाजी की वारदात हुई। यहां सड़कों पर कई जगह देसी बम पड़े हुए मिले। लोगों को काबू में करने के लिए सुरक्षाबलों को बल प्रयोग करना पड़ा है। CPM और TMC कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे पर हमले का आरोप लगाया है। यहां कई जगहों से बम बनाने का सामान भी मिला है। लोगों को काबू में कर रहे पुलिस के जवानों पर भीड़ ने पथराव भी किया है।

संदेशखाली में बीजेपी समर्थक का सिर फटा
संदेशखाली में बीजेपी और टीएमसी समर्थक भिड़ गए। हमले में एक बीजेपी सपोर्टर का सिर फट गया। आरोप टीएमसी के समर्थकों पर लगा है। संदेशखाली इलाका बंगाल की बसीरहाट लोकसभा क्षेत्र में आता है। ये मामला संदेशखाली के बायरामारी पंचायत इलाके से सामने आया है।

बंगाल में इससे पहले छह चरणों के मतदान के दौरान भी हिंसा हुई। इस पर एक नजर-

19 अप्रैलः पहले चरण में कूचबिहार सहित कई सीटों पर हिंसा
पश्चिम बंगाल में हर चुनाव में हिंसा को देखते हुए लोकसभा चुनाव 2024 में राज्य की 42 सीटों के लिए सात चरणों में मतदान की व्यवस्था की गई थी लेकिन इसके बावजूद टीएमसी के कर्यकर्ताओं और समर्थकों की ओर हंगामा और हिंसा को अंजाम दिया गया और हिंसा का दौर नहीं थमा। पहले चरण में राज्य की तीन सीटों कूच बिहार, अलीपुरद्वार, जलाईगुड़ी पर 19 अप्रैल को मतदान किया गया। और उस दौरान कूचबिहार सहित कई सीटों पर हिंसा देखने को मिली।

26 अप्रैलः दूसरे चरण में बूथ पर कब्जा करने की कोशिश
बंगाल में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को तीन सीटों दार्जीलिंग, रायगंज, बालुरघाट मतदान किया गया। इस दौरान भी राज्य में हिंसा की खबरें आई। भाजपा ने बालुरघाट के पतिराम में तपन विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 100 पर कब्जे की कोशिश का आरोप लगाया है। BJP ने कहा कि जब यह किया जा रहा था तब सुकांत मजूमदार ने टोक दिया। सुकांत ने दावा किया कि कई तृणमूल कार्यकर्ता बूथ पर कब्जा करने आये थे। बीजेपी प्रत्याशी ने दावा किया कि उस वक्त पुलिस भी मदद कर रही थी।

7 मईः तीसरे चरण में चुनाव आयोग को 182 शिकायतें मिलीं
बंगाल में तीसरे चरण में 7 मई को चार सीटों मालदा उत्तर, मालदा दक्षिण, जंगीपुर, मुर्शीदाबाद में मतदान हुआ। इस दौरान टीएमसी, बीजेपी और कांग्रेस-सीपीआई (एम) गठबंधन ने मतदान के पहले कुछ घंटों में चुनावी हिंसा, मतदाताओं को डराने-धमकाने और चुनाव एजेंटों पर हमले से संबंधित अलग-अलग शिकायतें दर्ज कीं। चुनाव आयोग को सुबह 9 बजे तक 182 शिकायतें मिलीं, जिनमें से अधिकांश मुर्शिदाबाद और जंगीपुर निर्वाचन क्षेत्रों से थीं।

13 मईः चौथे चरण में उम्मीदवार के काफिले पर हमले हुए
बंगाल में चौथे चरण में बहारामपुर, कृष्णानगर, राणाघाट, बर्धमान पूर्व, बर्धमान दुर्गापुर, आसनसोल, बोलपुर, बीरभूम कुल 8 सीटों पर मतदान हुआ। चौथे चरण के मतदान में राजनीतिक दलों के समर्थकों के बीच हिंसा और हाथापाई की छिटपुट घटनाएं हुईं। इस चरण में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की लगभग 569 कंपनियों की तैनाती के बावजूद, एक उम्मीदवार के काफिले पर हमले हुए। राजनीतिक दलों के समर्थकों के बीच हाथापाई और पोलिंग एजेंटों पर हमले हुए।

20 मईः पांचवें चरण में कार्यकर्ताओं के बीच झड़प
बंगाल में पांचवें चरण के चुनाव में बनगांव, बैरकपुर, हावड़ा, उलूबेरिया, सीरमपुर, हुगली और आरामबाग की कुल सात सीटों पर मतदान हुए। पांचवें चरण में बंगाल में हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं। बैरकपुर, बनगांव और आरामबाग सीटों के विभिन्न हिस्सों में टीएमसी और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। मतदान अधिकारियों ने कहा कि अब तक मतदान शांतिपूर्ण रहा है लेकिन अपरान्ह 1 बजे तक विभिन्न राजनीतिक दलों से 1399 शिकायतें मिली हैं।

25 मईः छठे चरण में हिंसा की छिटपुट घटनाएं
बंगाल में छठे चरण में तमलुक, कांठी, घातल, झारग्राम, मेदिनीपुर, पुरुलिया, बांकुरा, बिष्णुपुर की कुल आठ सीटों पर 25 मई को मतदान हुआ। इस दौरान आठ लोकसभा क्षेत्रों में कुछ इलाकों से हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं। अधिकारियों ने बताया कि चुनाव आयोग को सुबह 11 बजे तक विभिन्न राजनीतिक दलों से 954 शिकायतें मिली हैं जिनमें ईवीएम में खराबी और एजेंटों को मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया गया है।

बंगाल में चुनाव के दौरान पहले भी हो चुकी है हिंसा
इससे पहले भी पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान कई बार हिंसा के मामले सामने आ चुके हैं। चुनावी हिंसा को लेकर अक्सर तृणमूल कांग्रेस विपक्षियों के निशाने पर रही है। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में कई लोगों की मौत हुई थी और इसने देशभर का ध्यान अपनी ओर खींचा था। तब पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को भी फटकार लगाई थी।

बंगाल में हर साल औसतन 20 राजनीतिक हत्याएं
चुनावी हिंसा के मामले में पश्चिम बंगाल हमेशा से खराब रही है। नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2018 की रिपोर्ट में कहा गया कि पूरे साल के दौरान देश में होने वाली 54 राजनीतिक हत्याओं के मामलों में से 12 बंगाल से जुड़े थे। इसी बरस केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को एडवाइजरी भेजी। उसमें कहा गया कि पश्चिम बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा में 96 लोग मारे गए साथ ही लगातार होने वाली हिंसा गंभीर चिंता का विषय है। एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया था कि साल 1999 से 2016 के बीच पश्चिम बंगाल में हर साल औसतन 20 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। इनमें सबसे ज्यादा 50 हत्याएं 2009 में हुईं। उस साल अगस्त में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक पर्चा जारी कर दावा किया था कि दो मार्च से 21 जुलाई के बीच तृणमूल कांग्रेस ने 62 काडरों की हत्या कर दी।

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