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पीएम मोदी से पंगा पड़ा भारी, दिवालिया हो गया मालदीव

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस साल की शुरुआत में अपने प्राकृतिक सौंदर्य के मशहूर लक्षद्वीप का दौरा किया था। यह दौरा मालदीव पर इतना बड़ा वज्रपात साबित होगा, इसके बारे में किसी को अंदाजा नहीं था। लेकिन पिछले दो दिनों में जो खबरें सामने आई हैं, उससे पता चलता है कि भारत और प्रधानमंत्री मोदी से पंगा लेना मालदीव पर भारी पड़ गया है। अब मालदीव दिवालिया हो चुका है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से भीख मांग रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की एक अपील, भारतीय पर्यटकों की संख्या में आई कमी और चीन के कर्ज ने मालदीव की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह तबाह कर दिया है।

मालदीव की आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की मांग

फ्रंटलफोर्स नाम के एक ट्विटर अकाउंट ने 16 फरवरी, 2024 को एक पोस्ट शेयर कर बताया कि मालदीव ने खुद को आईएमएफ के सामने दिवालिया घोषित कर दिया है और बेलआउट पैकेज की मांग की है। दरअसल भारत से पंगा लेने के बाद मालदीव की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। मालदीव के ऊपर बाहरी कर्ज 4.038 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, इसमें एक बड़ा हिस्सा चीन के कर्ज का है। आर्थिक संकट से उबरने के लिए राष्ट्रपति मुइज्जू आईएमएफ के साथ ही चीन, तुर्की और अरब देशों से कर्ज की भीख मांग रहे हैं। मालदीव को कर्ज के जाल में फंसा देखकर अब दोस्त चीन भी उसे और कर्ज देने से बच रहा है। ऐसे में मालदीव का आर्थिक संकट गहराता जा रहा है।

दुनिया भर के लोगों से मालदीव को दान देने की अपील

फ्रंटलफोर्स की इस खबर के बाद अब सोशल मीडिया में मालदीव के दिवालियापन की खूब चर्चा हो रही है। मालदीव के लोग भी खबरें शेयर कर खूब मजे ले रहे हैं। सोशल मीडिया ‘x’ पर हसन कुरुसी नाम के एक यूजर ने अपने हैंडल @HKurusee से मालदीव का मजाक उड़ाते हुए पोस्ट किया कि क्या किसी के पास सरकार का सार्वजनिक बैंक खाता नंबर है? मैं इसे यहां साझा करना चाहता हूं ताकि दुनिया भर से लोग मालदीव को दान भेज सकें। हसन कुरुसी ने एक और पोस्ट में मालदीव के लोगों की तरफ से भारत, चीन, पाकिस्तान, ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से मदद करने की अपील की है।

भारत के लोगों से एक-एक डॉलर दान देने की गुहार

अब मालदीव के नागरिक ही भारतीयों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। हसन कुरुसी ने भारतीयों से अपील की है कि मालदीव के वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए 1.3 बिलियन डॉलर की जरूरत है। अगर एक भारतीय एक डॉलर का दान करें तो 1.3 बिलियन डॉलर आसानी से मिल सकता है। हसन ने मालदीव सरकार के पब्लिक बैंक अकाउंट 220301 शेयर करते हुए इसमें दान देने की अपील की है। हालांकि परफॉर्म इंडिया इस अकाउंट की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन सोशल मीडिया में जिस तरह मालदीव की अर्थव्यवस्था का माखौल उड़ रहा है, वह राष्ट्रपति मुइज्जू के लिए काफी शर्मनाक है।

भारतीयों ने पुराने पोस्ट की दिलाई याद 

अब भारत के लोग भी हसन कुरुसी के पुराने पोस्ट की याद दिलाते हुए खूब मजे ले रहे हैं। इसके साथ ही भारतीय फिल्म अभिनेता शाहरुख खान से मदद की सलाह दे रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने अपने पोस्ट में सवाल किया, “क्या हुआ @HKurusee ? जोश कैसा है? हमसे भीख क्यों मांग रहे हैं? अपने मित्र देश पाकिस्तान और चीन से भीख क्यों न मांग रहे हैं? मालदीव को हमारी ज़रूरत नहीं है और हम भारतीयों को मालदीव की ज़रूरत नहीं है।”

आईएमएफ ने दी थी चीन के कर्ज के जाल में फंसने की चेतावनी

अब सवाल उठ रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप यात्रा के डेढ़ महीने के भीतर ही ऐसा क्या हुआ कि मालदीव दिवालिया हो गया ? इस सवाल का जवाब आईएमएफ की चेतावनी से मिलता है। 7 फरवरी, 2024 को आईएमएफ ने मालदीव को चेतावनी दी थी। साथ ही बताया था कि मालदीव ने चीन से काफी ज्यादा कर्ज लिया है और अब भारत से भी अपने रिश्ते खराब कर चुका है। इस वजह से देश में ऋण संकट का खतरा बहुत ज्यादा हो गया है। आईएमएफ ने तत्काल पॉलिसी एडजस्टमेंट की बात कही थी। आईएमएमफ ने चेताया था कि अगर उसने चीन से कर्ज लेना बंद नहीं किया तो श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह हाल हो जाएगा। मालदीव के कर्ज का जोखिम उच्च स्तर पर पहुंच चुका है। 

पीएम मोदी की एक अपील ने भीख मांगने पर कर दिया मजबूर 

प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप के दौरे से मालदीव को जबरदस्त झटका लगा है। इसे इत्तेफ़क कहे या सोची समझी रणनीति, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने एक दौरे से कई निशाने साध दिए। उन्होंने लक्षदीप को 1150 करोड़ रुपये की सौगात के साथ ही इसे टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाने की अपील की। देखते ही देखते उनके दौरे की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और लक्षद्वीप एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में चर्चित हो गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने इशारों-इशारों में मालदीव को भी संदेश दे दिया। इस दौरान मालदीव के मंत्रियों की टिप्पणी ने आग में घी डालने का काम किया। अब जो खबरें सामने आ रही है, उससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने मकसद में कामयाब रहें।

मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या में भारी गिरावट

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे और उनकी अपील से मालदीव के पर्यटन मुसीबत में फंस गया है। मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मालदीव जाने वाले भारतीयों की संख्या में भारी गिरावट आई है। पहले जहां भारतीय मालदीव जाने में विश्व में तीसरे स्थान पर थे, अब पांचवें स्थान पर आ गए हैं। गौरतलब है कि भारतीय पर्यटक मालदीव के लिए बेहद जरूरी हैं क्योंकि भारत से बड़ी संख्या में लोग हर साल मालदीव जाते हैं। साल 2023 में मालदीव के टूरिज्म मार्केट में भारतीयों का योगदान 11 प्रतिशत था। लेकिन हालिया विवाद के बाद मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है।

मालदीव के पर्यटन उद्योग को लगा बड़ा झटका

मालदीव पर्यटन मंत्रालय ने हाल ही में जो आंकड़े जारी किए थे, उनके मुताबिक 2023 में भारत मालदीव में पर्यटकों के आगमन के प्रमुख स्रोत के रूप में उभरा है। भारत से पिछले साल करीब 209,198 पर्यटक मालदीव पहुंचे। वहीं, 2022 में 241,369 भारतीय यात्रियों ने मालदीव की यात्रा की थी। पर्यटन मालदीव का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जक और जीडीपी का सबसे बड़ा सहयोगी भी है। मालदीव में पर्यटन का कुल जीडीपी में 30 प्रतिशत और विदेशी मुद्रा अर्जक में 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। भारत से बढ़ते तनाव और प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद मालदीव के पर्यटन मुश्किल दौर से गुजर रहा है। लक्षद्वीप को लेकर एक प्राइवेट सर्च प्लेटफॉर्म पर सर्च 3400 प्रतिशत बढ़ गया है। यहां तक की लोग अब मालदीव का टिकट कैंसिल करवाकर लक्षद्वीप का रूख कर रहे हैं। 

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