Home समाचार देखिए राहुल और कांग्रेस की तोड़ने वाली विचारधारा कैसे काम करती है

देखिए राहुल और कांग्रेस की तोड़ने वाली विचारधारा कैसे काम करती है

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कांग्रेस के अघोषित अध्यक्ष राहुल गांधी कहते हैं कि देश में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। वह दावा करते हैं कि उनकी पार्टी गांधी जी की विचारधारा पर चलती हैं। अपने दावे के समर्थन में एक से बढ़कर एक जुमले गढ़ते हैं। कभी कहते हैं कि नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोल रहा हूं, तो कभी कहते हैं कि हम सबको साथ लेकर चलने वाले हैं। राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस के दावे में कितनी सच्चाई है इसका पता उनके वर्तमान और अतीत पर नजर डालने से लग जाता है। अंग्रेजों ने अपने निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए कांग्रेस की स्थापना की थी। उन्होंने कांग्रेस का भारतीयकरण करने की पूरी कोशिश की, लेकिन आज तक कांग्रेस का पूरी तरह भारतीयकरण नहीं हो सका। कांग्रेस की स्थापना से लेकर आज तक उस पर विदेशी मानसिकता हावी रही है। आजादी के बाद अंग्रेज भारत से चले गए, लेकिन ‘फूट डालो राज करो’ की नीति जवाहरलाल नेहरू को विरासत में देकर गए, जो आज विभाजित I.N.D.I.A के रूप में दिखाई दे रही है। 

राहुल की तोड़ने वाली विचारधार की देन I.N.D.I.A

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी। कन्याकुमारी से कश्मीर तक उन्होंने पैदल यात्रा की। उन्होंने दावा किया कि भारत को जोड़ने के लिए यात्रा कर रहे हैं। लेकिन 18 जुलाई, 2023 को कर्नाटक के बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की बैठक में दूसरी ही पठकथा लिखी गई। विपक्षी गठबंधन को I.N.D.I.A नाम दिया गया। बताया जा रहा है कि इस नाम को लेकर विपक्षी गठबंधन में आम सहमति नहीं है। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार ने इस नाम का विरोध किया था। पटना में विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने वाले नीतीश कुमार बेंगलुरु बैठक में पूरी तरह हाशिए पर थे। बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस से नीतीश कुमार नदारद रहे। नीतीश की नाराजगी की मुख्य वजह कांग्रेस द्वारा बैठक को हाइजैक करना और नामकरण बताया जा रहा है। बेंगलुरु बैठक में कांग्रेस पूरी तरह हावी थी। राहुल गांधी ने I.N.D.I.A नाम का प्रस्ताव दिया और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उसका अनुमोदन कर दिया। इस नामकरण में भी कांग्रेस की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति की स्पष्ट झलक दिखाई देती है। कांग्रेस ने एकजुट INDIA को तोड़कर I.N.D.I.A के रूप में पेश कर बता दिया कि उसकी विचारधारा असल में तोड़ने वाली है।


कैम्ब्रिज में राहुल बोले-भारत एक राष्ट्र नहीं ‘राज्यों का संघ’

राहुल के मुताबिक जिस तरह I.N.D.I.A टुकड़ों-टुकड़ों में विभाजित है, उसी तरह भारत भी एक राष्ट्र न होकर राज्यों का संघ है। मई 2023 में राहुल गांधी कैंब्रिज विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत में भारत को राज्यों का संघ के रूप में जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत एक राष्ट्र नहीं है, बल्कि राज्यों का एक संघ है। इस दौरान उनके इस बयान पर आपत्ति जताई गई। वहां मौजूद आईआरटीएस एसोसिएशन के एक सिविल सेवक और कैंब्रिज में सार्वजनिक नीति के विद्वान सिद्धार्थ वर्मा ने राहुल गांधी को टोकते हुए कहा कि भारत राज्यों का संघ नहीं, बल्कि राष्ट्र है। वर्मा ने बताया कि आपने संविधान के अनुच्छेद 1 का हवाला देते हुए कहा कि इंडिया यानि भारत, राज्यों का संघ है। अगर आप पन्नों को पीछे पलटते हैं और संविधान की आत्मा रूपी प्रस्तावना पढ़ते हैं, तो यह भारत को एक राष्ट्र में उल्लेख करता है। सिद्धार्थ वर्मा के टोकने और समझाने के बावजूद राहुल गांधी अपनी बात पर अड़े रहे, क्योंकि उनकी विभाजनकारी मानसिकता सच्चाई स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थी। आखिर सिद्धार्थ वर्मा को कहना पड़ा कि आपका विचार न केवल त्रुटिपूर्ण और गलत है, बल्कि विनाशकारी है,क्योंकि यह हजारों वर्षों के इतिहास को मिटाने का प्रयास करता है।

कंब्रिज में राहुल ने किया धर्म और भाषा के आधार पर देश का विभाजन

कांग्रेस नेता राहुल गांधी कैंब्रिज विश्वविद्यालय में लेक्चर के दौरान भारत को धर्म और भाषा के आधार विभाजित करते नजर आए। उन्होंने कहा कि भारत में धार्मिक विविधता है। भारत में सिख, मुस्लिम, ईसाई सभी हैं, लेकिन पीएम मोदी इन्हें दूसरे दर्जे का नागरिक समझते हैं। मैं इससे सहमत नहीं हूं। जब आपका विरोध इतना बुनियादी हो तो फ़र्क़ नहीं पड़ता कि आप किन दो, तीन नीतियों से सहमत हैं। राहुल ने आरोप लगाया कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर रहे हैं। भारतीय लोकतंत्र दबाव में है और इस पर हमला हो रहा है। लोकतंत्र के लिए जरूरी ढांचे, मसलन संसद, स्वतंत्र प्रेस, न्यायपालिका सभी पर नियंत्रण हो रहा है। इसलिए हम भारतीय लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे पर ही हमले का सामना कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर को बाहरी लोग चला रहे हैं- राहुल गांधी

मोदी सरकार कश्मीर में शांति बहाली के लिए लगातार कोशिश कर रही है, लेकिन राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कश्मीर में बाहरी बनाम स्थानीय के मुद्दे पर लोगों को भड़काने की कोशिश की। उन्होंने कश्मीर को बाहरी और स्थानीय लोगों में विभाजित कर दिया। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के अंतिम चरण में जम्मू के सतवारी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पहले जम्मू के लोग व्यापार करते थे। जम्मू-कश्मीर को जम्मू-कश्मीर के लोग चलाते थे। आज बाहर के लोग जम्मू और कश्मीर को चला रहे हैं। और हमारा जो हक है। हमारी जो आवाज है। उसको एडमिनिस्ट्रेशन सुनता नहीं है। सारा का सारा ट्रेड बाहर के लोग कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के लोग देखते रह गए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में गरीबों से उनकी जमीन जो छीनी जा रही है। कश्मीरी पंडितों के साथ सरकार अन्याय कर रही है। आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ने कश्मीरी पंडितों की बात को सही तरीके से नहीं सुना। वह भीख नहीं अपना हक मांग रहे हैं। प्रदेश के लोगों की आवाज को प्रशासन नहीं सुनता है। 

राहुल गांधी ने तपस्वियों और पुजारियों में कर दिया बंटवारा

राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पुजारी और तपस्वी को लेकर जो बयान दिया, उससे उनकी विभाजनकारी मानसिकता का पता चलता है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय राहुल गांधी ने कहा, “ये देश तपस्वियों का है, ये देश पुजारियों का नहीं। रियालिटी इस देश की ये हैं।” उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सिर्फ पूजा करती है। वहीं कांग्रेस पार्टी तपस्या करती है। राहुल गांधी के बयान पर पुजारियों ने नाराजगी जताई। अखिल भारतीय युवा तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पंडित उज्ज्वल ने बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसा बयान देकर राहुल गांधी ने भारत की संस्कृति और परंपरा का अपमान किया है। वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी ने कहा कि पुजारी और तपस्वी में कोई अंतर नहीं है क्योंकि जो पुजारी होता है वही तपस्या करता है। भगवान की प्रार्थना करने के लिए पहले हमें पुजारी ही बनना पड़ता है। जब हमारी आस्था जागृत हो जाएगी, तब हम तपस्या में लग जाएंगे। 

राहुल गांधी ने हिंदू और हिंदुत्ववादी में किया विभाजन

राहुल गांधी और कांग्रेस की विभाजनकारी मानसिकता ने हिन्दू और हिन्दुत्व में भी विभाजन कर दिया। दिसबंर 2021 में राहुल गांधी ‘महंगाई हटाओ रैली’ को संबोधित करने के लिए जयपुर पहुंचे थे। राहुल महंगाई पर कम हिन्दू धर्म पर ज्यादा बोले। उन्होंने हिन्दुत्व के बारे में ऐसे समझाया मानो वह हिन्दू धर्म के सबसे बड़े मर्मज्ञ और ज्ञाता है। उन्होंने अपने भाषण का ज्‍यादा समय हिंदू और हिंदुत्‍ववादी के बीच अंतर को समझाने में निकाल दिया। उन्होंने सवाल किया कि क्‍या हिंदू, हिंदुत्‍व और हिंदुत्‍ववादी में कोई समानता नहीं है? क्‍या ये बिल्‍कुल अलग-अलग शब्‍द हैं? उन्होंने अपने बारे में कहा कि वह हिंदू हैं, लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं। जिस तरह से दो जीवों की एक आत्मा नहीं हो सकती, वैसे ही दो शब्दों का एक मतलब नहीं हो सकता। कारण है कि हर शब्द का अलग मतलब होता है। देश की राजनीति में आज दो शब्दों की टक्कर है। इनके मतलब अलग हैं। एक शब्द हिंदू दूसरा शब्द हिंदुत्ववादी। यह एक चीज नहीं है। ये दो अलग शब्द हैं। चाहे कुछ भी हो जाए हिंदू सत्य को ढूंढता है। मर जाए, कट जाए, पिस जाए, हिंदू सच को ढूंढता है। उसका रास्ता सत्याग्रह है। पूरी जिंदगी वह सच को ढूंढने में निकाल देता है। राहुल ने कहा कि यह हिंदुओं का देश है, हिंदुत्ववादियों का नहीं। हिंदुत्ववादियों को किसी भी हालत में सत्ता चाहिए।

राहुल की ‘आम पॉलिटिक्स’, सीएम योगी ने कहा- राहुल गांधी जी, आपका ‘टेस्ट’ ही विभाजनकारी

राहुल गांधी और कांग्रेस की राजनीति पूरी तरह विभाजन और बंटवारे पर आधारित हैं। जुलाई 2021 में राहुल गांधी ने आम को लेकर देश को दो भागों में विभाजित कर दिया। यूपी की अमेठी से सांसद रहे राहुल गांधी ने यूपी को अपमानित करने का काम किया। मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था, “आई लाइक आंध्रा, आई डोंट लाइक यूपी आम (मुझे आंध्र प्रदेश के आम का स्वाद पसंद है, मैं यूपी के आम पसंद नहीं करता)।” उन्होंने कहा था कि यूपी की आम उन्हें पसंद नहीं है। इसके साथ ही वो उन्हें दशहरी आम ज्यादा मीठा लगता है, कुछ हद तक लंगड़ा अच्छा लगता है। यूपी के आम के स्वाद को लेकर राहुल के बयान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आड़े हाथों लिया। सीएम योगी ने राहुल गांधी को टैग करते हुए अपने ट्वीट में लिखा- ‘राहुल गांधी जी, आपका ‘टेस्ट’ ही विभाजनकारी है। आपके विभाजनकारी संस्कारों से पूरा देश परिचित है। आप पर विघटनकारी कुसंस्कार का प्रभाव इस कदर हावी है कि फल के स्वाद को भी आपने क्षेत्रवाद की आग में झोंक दिया। लेकिन ध्यान रहे कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत का ‘स्वाद’ एक है।’

सियासी समझ के आधार पर उत्तर और दक्षिण भारत में विभाजन 

वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी समय-समय पर अपनी और कांग्रेस की विभाजनकारी मानसिकता को जाहिर करते रहते हैं। राहुल गांधी ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए देश की एकता को दांव पर लगा दिया। उन्होंने फरवरी 2021 में त्रिवेंद्रम की एक सभा में ऐसी विभाजनकारी बात कह दी, जिसने पूरे देश में तूफान खड़ा हो गया। उन्होंने राजनीतिक समझ के आधार पर उत्तर और दक्षिण भारत में विभाजन कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले 15 साल तक मैं उत्तर में एक सांसद था। मुझे एक अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी। मेरे लिए केरल आना बहुत नया था, क्योंकि मुझे अचानक लगा कि यहां के लोग मुद्दों पर दिलचस्पी रखते हैं और न केवल सतही रूप से बल्कि मुद्दों को विस्तार से जानने वाले हैं। गौरतलब है कि राहुल गांधी 2019 के आम चुनाव में वायनाड से सांसद चुने गए थे। उन्होंने अमेठी से भी चुनाव लड़ा था,लेकिन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें हरा दिया था। 

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