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सनातन का श्राप कांग्रेस को ले डूबा, रोना-धोना और नैरेटिव का खेल जारी, पीएम मोदी ने चेताया- आगे और मेल्‍टडाउन के लिए तैयार रहें!

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राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के पीछे सनातन का विरोध और मुस्लिम तुष्टिकरण बड़ी वजह में से एक रहा। एक तरफ जहां इस हार लेकर कांग्रेस में रोना-धोना मचा है, वहीं नैरेटिव का खेल भी जारी है। यानि कांग्रेस हार से सबक लेने के लिए तैयार नहीं है। कांग्रेस के ही नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पार्टी को आईना दिखाते हुए कहा कि सनातन का श्राप कांग्रेस को ले डूबा। लेकिन इस पर मंथन करने के बजाय उसने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए INDI Alliance की बैठक 6 दिसंबर को रख दी। 6 दिसंबर 1992 को ही राम भक्तों ने अयोध्या में रामजन्मभूमि पर अवैध बाबरी ढांचा को ध्वस्त कर दिया था और भव्य राम मंदिर का मार्ग प्रशस्त किया था। लेकिन कांग्रेस ने जानबूझकर बैठक के लिए इस दिन को चुना। हालांकि दलों में मतभेद की वजह से अब इस बैठक को स्थगित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के विभाजनकारी एजेंडे के प्रति लोगों को सावधान करते हुए कहा कि 70 साल पुरानी आदत आसानी से नहीं जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस से कहा- आगे और मेल्‍टडाउन के लिए तैयार रहें!

पीएम मोदी ने कहा- 70 साल पुरानी आदत आसानी से नहीं जाएगी
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद कांग्रेस में जहां रोना-धोना है वहीं लेफ्ट लिबरल गैंग और कांग्रेस समर्थक पत्रकारों-विश्लेषकों ने तरह-तरह के कुतर्क रचने शुरू कर दिए हैं। इंडिया टुडे के पत्रकार शिव अरूर ने कांग्रेस समर्थक पत्रकारों-विश्लेषकों की परतें उघार कर रख दी है। इसी वीडियो को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए लिखा, ‘वे अपने अहंकार, झूठ, निराशावाद और अज्ञानता से खुश रहें। लेकिन उनके विभाजनकारी एजेंडे से सावधान रहें। 70 साल पुरानी आदत इतनी आसानी से नहीं जा सकती।’पीएम मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘ऐसे लोगों की बुद्धिमत्ता है कि उन्हें आगे कई और मेल्‍टडाउन्‍स के लिए तैयार रहना होगा।’पीएम ने अपने पोस्ट के साथ इमोजी भी इस्तेमाल किए। पीएम मोदी का यह पोस्‍ट लोगों को हैरान कर गया। यूजर्स चेक करने लगे कि कहीं यह कोई पैरोडी अकाउंट तो नहीं।

कांग्रेस की हार पर लेफ्ट लिबरल गैंग के कुतर्क
♦ हिंदी पट्टी के राज्यों के वोटर में साक्षरता कम है।
♦ हिंदी राज्यों के वोटर में जनन दर ज्यादा है।
♦ हिंदी राज्यों के वोटर हिंदुत्व चाहते हैं।
♦ हिंदी राज्यों के वोटर को ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं।
♦ वोटर फासीवाद को पसंद करते हैं।
♦ शिवराज सिंह चौहान ने मोदी को हरा दिया।
♦ बीजेपी ने हिंदी राज्यों में वोटिंग को प्रभावित किया।
♦ कमलनाथ ने राहुल गांधी को हरा दिया।
♦ भूपेश बघेल ने गांधी परिवार से धोखा किया।
♦ काउबेल्ट हमेशा भारत को नीचा दिखाता है।
♦ हिंदी राज्यों के वोटर सांप्रदायिक हैं। ज्यादातर भारतीय के लिए धर्म ही महत्व रखता है।
♦ कांग्रेस सोशल मीडिया डिपार्टमेंट फेल हो गया।
♦ कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व फेल हो गया।
♦ पूरे देश में मुस्लिम विरोधी कट्टरता जीत रही है।
♦ हिंदुत्व ने समाजिक और आर्थिक मुद्दे को पराजित कर दिया।
♦ हिंदी पट्टी के राज्य गौमूत्र और गोबर पर वोट करते हैं।
♦ छत्तीसगढ़ में गौतम अडानी की जीत हुई है।
♦ उत्तर भारत से ज्यादा जागरूक है दक्षिण भारत।
♦ लोग जॉब के लिए दक्षिण भारत जाते हैं और फिर बीजेपी को उत्तर भारत में वोट करते हैं।
♦ लोग उत्तर भारत में बीजेपी को वोट करते हैं और फिर बेहतर जीवन के लिए दक्षिण भारत का रुख करते हैं।
♦ 2003 और 2018 का पैटर्न देखकर कांग्रेस यह चुनाव जानबूझकर हारी, इन राज्यों में जो पार्टी जीतती है वह लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाती।
♦ हिंदी पट्टी निराशाजनक है और इसे अपने हाल पर छोड़ देना चाहिए।
♦ सनातन को गाली देने का कोई इंपैक्ट नहीं रहा।
♦ डीएमके लीडर कुछ भी कहता है तो उससे हिंदी पट्टी के लोगों को उससे क्या मतलब है।
♦ ईवीएम की जांच होनी चाहिए, हिंदी पट्टी में बीजेपी इसे प्रभावित करती है, लेकिन तेलंगाना में नहीं कर पाई।
♦ चुनावों में हार कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि वोट शेयर बरकरार है।

डीएमके सांसद ने हिंदीभाषी राज्यों को गौमूत्र स्टेट कहा
संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन 5 दिसंबर 2023 को लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल पेश किया। चर्चा के दौरान धर्मपुरी से DMK सांसद डॉ. सेंथिल कुमार ने कहा कि भाजपा की ताकत केवल हिंदी बेल्ट के उन राज्यों को जीतने में ही है, जिन्हें हम आमतौर पर गोमूत्र राज्य कहते हैं। सेंथिल ने आगे यह भी कहा कि दक्षिण के राज्यों में BJP को घुसने नहीं दिया गया है। यह खतरा जरूर है कि कश्मीर की ही तरह भाजपा दक्षिण भारत के राज्यों को भी केंद्र शासित प्रदेश न बना दे। क्योंकि ये वहां जीत नहीं सकते तो उसे UT बनाकर गवर्नर के जरिए शासन कर सकते हैं।

भारत हमेशा से धर्म परायण देश रहा, कांग्रेस को तुष्टिकरण पड़ा भारी
कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तुष्टिकरण की नीति पर चलते हुए जातिवाद का दांव चला। लेकिन लोगों ने कांग्रेस की इन नीतियों को नकारते हुए सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया। कांग्रेस अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों राज्य में अपनी सरकार गंवा चुकी है। सनातन को नीचा दिखाना और मुस्लिमों को तरजीह उसे भारी पड़ा। दरअसल कांग्रेस ने 70 सालों से यही अपना चाल,चेहरा और चरित्र बना लिया है। वह इस बात को समझ ही नहीं पाई सनातन संस्कृति के दम पर भारत हमेशा से धर्म परायण देश रहा है और यहां जातिवाद कभी नहीं रहा। सनातन धर्म को गाली देने वाले का विनाश निश्चित है, यह सदियों से देखने में आया है। और अब ऐसा लग रहा है देश से कांग्रेस का सफाया भी निकट है। तुष्टिकरण की पराकाष्ठा देखिए कि उदयपुर में कांग्रेस के प्रत्याशी गौरव वल्लभ ने कब्रिस्तान के लिए 5 बीघा जमीन मुफ्त देने की घोषणा ही कर डाली।

सनातन का “श्राप” ले डूबा, AIMIM जैसी हो जाएगी कांग्रेस की हालत
कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने विधानसभा नतीजों के बाद अपनी ही पार्टी को चेताते हुए कहा कि सनातन का “श्राप” ले डूबा। उन्होंने कहा कि पार्टी के कुछ नेता कांग्रेस को महात्मा गांधी के रास्ते से हटाकर वामपंथ के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं और ले जा रहे हैं। जो कांग्रेस पार्टी महात्मा गांधी के रास्ते पर चलकर यहां तक आई है। महात्मा गांधी जी की सभा की शुरुआत रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम से होती थी। आज उस कांग्रेस को सनातन के विरोधी पार्टी के रूप में जाना जाने लगा है, ये दुर्भाग्य है। कांग्रेस पार्टी ने अगर ऐसे नेताओं को नहीं निकाला तो कांग्रेस पार्टी की हालत बहुत जल्द ही AIMIM जैसी हो जाएगी।

नैरेटिव बनाने पत्रकार हार की वजह बता रहे- अंदरुनी कलह!
कांग्रेस के लिए नैरेटिव बनाने पत्रकार हार के क्या कारण गिनाते हैं यह आप भी देखिए। राजस्थान-अंदरुनी कलह, मध्य प्रदेश-अहंकारी नेतृत्व, छत्तीसगढ़-अतिआत्मविश्वास। पत्रकार उमाशंकर सिंह ने यह कारण गिनाए और पत्रकार अजीत अंजुम ने उस पर मुहर लगाते हुए कह दिया- सही बात। जबकि राजस्थान में मुद्दा- महिला सुरक्षा, भ्रष्टाचार, पेपर लीक। मध्यप्रदेश में हार की वजह- जाति जनगणना के नाम चुनाव लड़ना और छत्तीसगढ़ हार की वजह- भ्रष्टाचार,तुष्टिकरण, झूठे वादे आदि प्रमुख मुद्दे थे।

सब नकवी ने कहा, जनता ने ओरिजिनल हिंदू को चुना
पत्रकार सबा नकवी हिंदू विरोधी से चुनावी हिंदू बन गई। कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने ट्वीट किया कमलनाथ और भूपेश बघेल ने खुद को हिंदुत्व के साथ खड़ा दिखाने की कोशिश की इसीलिए लोगों ने ओरिजिनल को चुना। जबकि सच्चाई ये है कि अशोक गहलोत, भूपेश बघेल और कमलनाथ ने मुस्लिमों को खुश करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी इसीलिए लोगों ने आजिज आकर बीजेपी को वोट दिया। लेकिन इसके बाद भी सबा नकवी कहेगी बीजेपी सांप्रदायिक राजनीति करती है।

योगेंद्र यादव ने कहा- मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पास ओवरआल नैरेटिव नहीं था
कांग्रेस के लिए नैरेटिव बनाने वाले योगेंद्र यादव ने कहा- कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर मध्य प्रदेश में अभी कोई झगड़ा नहीं था। स्पष्ट एक नेता था। उन्होंने थोड़ी मनमानी भी अपनी की लेकिन नेता स्पष्ट था इसके बारे में कोई दो राय नहीं है। उसके बावजूद कांग्रेस यहां पहुंची उसकी दो-तीन वजह मैं देख सकता हूं। पहला तो ये कांग्रेस के पास ओवरआल नैरेटिव या कम्यूनिकेशन नहीं था। कांग्रेस के पास योजना नहीं थी कि हम ऐसा राज चलाएंगे। मध्य प्रदेश में पहली बार ओबीसी एक मुद्दा बन रहा है। मध्य प्रदेश में पहली बार मंडलाइजेशन शुरू हुआ इसके पहले मैंने कभी नहीं देखा मध्य प्रदेश में मंडलाइजेशन होते हुए। कांग्रेस उसका वाहक बन सकती थी लेकिन कांग्रेस का अपना नेतृत्व उसके लिए मुफीद नहीं।

बेटे को जिहादी भीड़ ने मार डाला, गरीब पिता ईश्वर साहू ने मंत्री को हराया
सनातन को गाली और मुस्लिम तुष्टिकरण और जिहाद को बढ़ावा देना कांग्रेस को किस तरह भारी पड़ा है उसे छत्तीसगढ़ एक उदाहरण से समझा जा सकता है। छत्तीसगढ के 24 वर्षीय युवा भुवनेश्वर साहू को बेमेतरा के बिरनपुर में जिहादियों की भीड़ ने मार दिया था और उसके परिवार को कांग्रेस सरकार में न्याय नहीं मिला। उनके पिता ईश्वर साहू नितांत गरीब थे, उनको भाजपा ने ‘साजा’ सीट से टिकट दिया। भुवनेश्वर के पिता ईश्वर साहू ने 19600 मतों से 40 साल से कांग्रेस से विधायक मंत्री रविन्द्र चौबे को हरा दिया। रविन्द्र चौबे छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार में कृषि मंत्री थे और सात बार विधायक रह चुके हैं। वोटबैंक के डर से और मुस्लिम तुष्टिकरण में कांग्रेस ने जिहादियों पर कार्रवाई नहीं किया। ऐसे नतीजे कांग्रेस को हर बार बताते आएंगे कि आखिर क्यों जनता उनसे नफरत करती थी, करती है और करती रहेगी।

मुंबई हमले के दौरान कांग्रेस ने रचा था हिंदू आतंकवाद का नैरेटिव
मुंबई में 26/11 आतंकी हमले की साजिश कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद का नैरेटिव सेट करने के लिए रची थी। कांग्रेस, अर्बन नक्सल, दिग्विजय सिंह, महेश भट्ट ने यह साबित करने की पूरी कोशिश की थी कि मुंबई आतंकी हमला हिंदू आतंकवाद के कारण हुआ। पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब हाथ में कलावा और आई कार्ड समीर चौधरी का लेकर भारत में घुसा था। अगर वह जिंदा पकड़ा नहीं जाता तो कांग्रेस हिंदू आतंकवाद को साबित करने में सफल हो जाती। यही नहीं एक कांग्रेस समर्थक पत्रकार ने एक किताब प्रकाशित की: “26/11, आरएसएस की साजिश”। इस किताब का लोकार्पण कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और बॉलीवुड डायरेक्टर महेश भट्ट ने किया। कांग्रेस और ISI ऐसा क्यों कह रहे थे?

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