एक आरटीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है। आरटीआई से खुलासा हुआ है कि आम आदमी पार्टी सरकार के मुखिया केजरीवाल ने दिल्ली में अस्पताल बनाने के जो वादे किए थे, वो सिर्फ वादे ही रहे। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने अपने वादों को अभी तक पूरा नहीं किया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक साल पहले 2021 में एक कार्यक्रम के दौरान वादा किया था कि उनकी सरकार सात अस्पताल बनाने जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि 6800 बेड की क्षमता वाले ये अस्पताल 6 महीनों में बन कर तैयार हो जाएंगे। लेकिन साल भर से ज्यादा होने के बाद भी एक भी अस्पताल नहीं बने हैं। देखिए सीएम केजरीवाल का पिछले साल का एक वीडियो-
इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए अमित कुमार नाम के एक शख्स ने आरटीआई फाइल करके पूछा कि दिल्ली में 1 जुलाई, 2021 से जुलाई, 2022 के बीच कितने अस्पताल बने हैं। आरटीआई का जवाब देते हुए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के जनसूचना अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से इस दौरान एक भी अस्पताल नहीं बनाए गए हैं।
I had filed an RTI to check the claim of @ArvindKejriwal, who said that 7 hospitals have been constructed in last six months.
RTI reveals 0 (ZERO) hospitals have been built in last six months.?? pic.twitter.com/tovW9ab632
— Amit Kumar (@AMIT_GUJJU) August 2, 2022
इसके एक महीने पहले ही जून में सुजीत पटेल के आरटीआई के जवाब में दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने कहा था कि 2014 से अप्रैल 2022 के बीच केजरीवाल सरकार ने मरीजों को लाने-ले जाने के लिए एक भी एंबुलेंस नहीं खरीदी। जबकि इसी दौरान कबाड़ के रूप में 9 एंबुलेंस को 23, 659 रुपए में बेच दिया गया। हालांकि इसी दौरान ऑक्सीजन, आईसीयू और ईसीजी की सुविधाओं से लैस 10 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस की खरीद की गई, लेकिन 20 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस को कबाड़ के दाम 75, 246 रुपए में बेच भी दिया गया।
World class helath model of @ArvindKejriwal
PATIENT TRANSPORT AMBULANCE
Purchased – 0 (zero)
Scrapped & sold – 9 (nine) @ ~Rs 23,659 eachADVACNCE LIFE SUPPORT AMBULANCE
Purchased – 10 (Ten)
Scrapped & sold – 20 (Twenty) @ ~Rs 75,246 each pic.twitter.com/pZU4wrGOHV— Sujit Hindustani (@geeta5579) June 19, 2022
इलाज के नाम पर सरकारी खजाने से लुटाये 76 लाख रुपये
पिछले महीने ही जुलाई में एक आरटीआई से पता चला है कि सीएम केजरीवाल और आरोपों में घिरे स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था और सरकारी अस्पतालों पर भरोसा नहीं है। वे जनता को मुफ्त का रेवड़ी देकर खुद इलाज के नाम पर सरकारी खजाना लूटने में लगे हैं। सीएम केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने अपने और अपने परिवार के इलाज पर सरकारी खजाने से 76 लाख रुपये खर्च किए हैं। यहां तक कि दिल्ली में कई सरकारी अस्पताल होते हुए भी महंगे निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता विवेक पांडेय ने 11 जून, 2022 को एक ऑनलाइन आरटीआई आवेदन दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट को दाखिल की थी। इसमें वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2022 के मध्य मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के 6 अन्य मंत्रियों के इलाज पर खर्च किए गए सरकारी धन की जानकारी मांगी गई थी। इसके बाद आरटीआई से जो जवाब मिला, उससे सीएम केजरीवाल और उनके मंत्रियों के बारे में चौकाने वाली जानकारी मिली।
★On 11/06/22 a RTI was filed by me seeking details of expenses incurred by Delhi Govt on treatment of Delhi CM Arvind Kejriwal and his 6 cabinet ministers( including family)
★Govt Spent: 76,39,938 Rs In between year 2015 to 2022.#RTI #Delhi #ArvindKejriwal #Delhigovt pic.twitter.com/z6hcqRDM4s— Vivek pandey (@Vivekpandey21) July 21, 2022
केजरीवाल और उनके परिवार के इलाज पर 15.78 लाख रुपये खर्च
आरटीआई के मुताबिक सीएम केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल ने अपने और अपने परिवार के इलाज पर वर्ष 2015-22 के दौरान 76,39,938 रुपये खर्च कर दिए। अरविन्द केजरीवाल और उनके परिवार के इलाज पर इस दौरान 15,78,102 रुपये खर्च किए गए। यानी केजरीवाल ने पिछले आठ सालों में हर साल औसतन 2 लाख रुपये इलाज पर खर्च किए हैं।
इलाज पर खर्च के मामले में सीएम से आगे डिप्टी सीएम
इलाज पर खर्च के मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री केजरीवाल से आगे हैं। वर्ष 2015-22 के दौरान उनके और उनके परिवार के इलाज पर कुल 24,84,074 रुपये खर्च कर दिए गए। यानी मनीष सिसोदिया ने इलाज के नाम पर हर साल औसतन 3 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं।
इलाज के नाम पर खर्च करने में गोपाल राय सबसे आगे
इलाज पर खर्च के मामले में दिल्ली सरकार में पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव, विकास और सामान्य प्रशासन मंत्री गोपाल राय सबसे आगे हैं। गोपाल राय और उनके परिवार के इलाज पर वर्ष 2015 से 2022 के बीच 26,74,132 रुपये खर्च कर दिए गए। यानी पिछले आठ सालों में गोपाल राय ने हर साल औसतन तीन लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का निजी अस्पताल में इलाज
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने वर्ष 2015 से 2022 के बीच खुद और अपने परिवार के इलाज पर कुल 3,00,187 रुपये खर्च किए। आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा कोरोना काल में सत्येंद्र जैन के इलाज पर खर्च किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री होने के बावजूद, सरकारी अस्पताल में कोरोना का इलाज करवाने की बजाए सत्येंद्र जैन ने साकेत स्थित एक निजी अस्पताल मैक्स को चुना।
केजरीवाल और मंत्रियों को मोहल्ला क्लीनिक पर भरोसा नहीं
सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक बनाकर आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया था, लेकिन उन्हें मोहल्ला क्लीनिक पर भरोसा नहीं है। यहां तक कि दिल्ली सरकार के बड़े सरकारी अस्पताल के बजाए वह निजी अस्पताल में इलाज करा लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं।
सीएम और मंत्री का इलाज निजी अस्पतालों में क्यों ?
शनिवार (16 जुलाई, 2022) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों के वोट हासिल करने के लिए मुफ्त उपहार देने की ‘रेवड़ी कल्चर’ के खिलाफ आगाह किया था। केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं को मुफ्त सफर देना रेवड़ी नहीं है। अब सवाल उठ रहे हैं कि जब दिल्ली के अस्पताल इतने ही अच्छे हैं तो मुख्यमंत्री और उनके मंत्री खुद दिल्ली से बाहर निजी अस्पतालों में इलाज करा लाखों रुपये क्यों खर्च कर रहे हैं ?
मोहल्ला क्लीनिक बीमार, डॉक्टरों की कमी, इलाज में लापरवाही
दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक के जरिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल की जनता पोल खोल रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में केजरीवाल के तमाम दावे झूठे साबित हो रहे हैं। दिल्ली की जनता मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टरों की कमी और इलाज में हो रही लापरवाही से काफी नाराज है। साथ ही केजरीवाल मीडिया में जिस तरीके से मोहल्ला क्लीनिक का ढोल पीट रहे हैं। हकीकत में मोहल्ला क्लीनिक की स्थिति बद से बदतर है। देखिए वीडियो
मोहल्ला क्लीनिक में खांसी के सिरप से 16 बच्चे बीमार, 3 की मौत
दिसंबर 2021 में दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक में खांसी के सिरप की वजह से 16 बच्चे बीमार हो गए, वहीं 3 बच्चों की मौत हो गई। जांच रिपोर्ट में पता चला कि डिस्ट्रोमेथोर्फन कफ सिरप के साइड इफेक्ट की वजह से बच्चों की जान गई। जांच की रिपोर्ट सामने आने के बाद केंद्र सरकार के डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज ने दिल्ली सरकार के DGHS को कुछ निर्देश दिए। बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर सवाल उठाया कि बच्चों के जीवन से क्यों खिलवाड़ किया अरविंद केजरीवाल ? उन्होंने आगे कहा कि ये दवाई चार साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं देनी चाहिए लेकिन केजरीवाल के मोहल्ला क्लीनिक ने ये दवाई बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन के ही बच्चों को दे रहे हैं।
बच्चों के जीवन से क्यों किया खिलवाड़ @ArvindKejriwal?#KejriwalKilledChildren pic.twitter.com/D6er9rTu0L
— Adesh Gupta (@adeshguptabjp) December 20, 2021
कहीं तबेला, तो कहीं गोदाम बना मोहल्ला क्लीनिक
दिल्ली में केजरीवाल के मोहल्ला क्लीनिक की हालत यह है कि लोग मोहल्ला क्लीनिक जाने से अच्छा झोलाछाप डॉक्टर के पास जाना पसंद करते हैं। दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की हालत बताती है कि अगर कोई बीमार इंसान यहां गया तो ठीक होने की जगह उसे अस्पताल जाना पड़ सकता है। जब से मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत हुई है तब से इनकी हालत ऐसी ही है। कहीं ड़ॉक्टर की कमी तो कही डॉक्टर्स में हद से बढ़कर लापरवाही है। दिल्ली में ना जाने कितने मोहल्ला क्लीनिक ऐसे हैं जिनमें डॉक्टर अपनी मनमर्जी से आते हैं, तब तक बाहर लंबी-लंबी कतार लग जाती हैं। वहीं कुछ जगहों पर मोहल्ला क्लीनिक में डॉक्टर नहीं होने की वजह से महीनों से ताला लटका हुआ है।
You need complete bad rest and take the treatments from mohallla clinic pic.twitter.com/IiFaBcPTrN
— Dr.Dashrath Chauhan (@Dashrath9877) April 11, 2022