भारत में कैशलेस ट्रांजेक्शन का कल्चर बढ़ता जा रहा है। कोरोना महामारी के दौरान रुपये के ऑनलाइन लेनदेन और पेमेंट में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया अभियान को जबरदस्त कामयाबी मिली है। जुलाई में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए 6 अरब से अधिक ट्रांजैक्शन हुए हैं। इसके जरिए 10.62 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ है। UPI को 2016 में लांच किया गया था और उसके बाद यह पहला मौका है जब एक महीने में लेन-देन का आंकड़ा 6 अरब पर पहुंचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है।
This is an outstanding accomplishment. It indicates the collective resolve of the people of India to embrace new technologies and make the economy cleaner. Digital payments were particularly helpful during the COVID-19 pandemic. https://t.co/roR2h89LHv
— Narendra Modi (@narendramodi) August 2, 2022
पीएम मोदी ने कहा, अर्थव्यवस्था अधिक स्वच्छ होगी
देश में बढ़ते डिजिटाइजेशन (Digitalisation) के दायरे और बढ़ते यूपीआई के इस्तेमाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘यह देश के लिए एक शानदार उपलब्धि है। इससे यह साफ पता चलता है कि हमारे देश के लोग तकनीकों को एक साथ मिलकर अपना रहे हैं और हमारी अर्थव्यवस्था को अधिक स्वच्छ बनाने में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने तथा अर्थव्यवस्था को ‘स्वच्छ’ बनाने के लोगों के सामूहिक संकल्प को दर्शाता है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन को ज्यादा पसंद कर रहे लोग
कोरोना महामारी के बाद से देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाले लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। लोग आजकल कैश ट्रांजेक्शन करने के बजाय डिजिटल ट्रांजैक्शन करना ज्यादा पसंद करते हैं। इसका असर जुलाई में NPCI के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में साफ दिख रहा है। NPCI के डाटा के मुताबिक अकेले जुलाई के महीने में कुल 6 अरब ट्रांजैक्शन UPI के जरिए किए हुए हैं। जुलाई में हुए इस ट्रांजैक्शन के रिकॉर्ड ने साल 2016 के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है।
जुलाई में 6.28 अरब ट्रांजेक्शन यूपीआई के जरिए हुए
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2022 में कुल 6.28 अरब ट्रांजैक्शन यूपीआई द्वारा किए गए हैं। लोगों ने कुल 10.62 खरब रुपये की लेनदेन यूपीआ्रई के द्वारा की है। इसके साथ ही इस महीने में यूपीआई के यूज में करीब 7.16 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है वहीं वैल्यू के लिहाज से ये बढ़ोतरी करीब 4.76 प्रतिशत की है। अगर पिछले साल के ट्रांजैक्शन से तुलना करें तो इस साल यूपीआई ट्रांजैक्शन में करीब दोगुने तक की बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं ट्रांजैक्शन वैल्यू में करीब 75 प्रतिशत तक का उछाल दर्ज किया गया है। एनपीसीआई (NPCI) के जून के आंकड़ों के मुताबिक जून 2022 में 10,14,384 करोड़ रुपये रहा। यह पिछले महीने के मुकाबले 2.6 फीसदी कम है। कुल मिलाकर माह के दौरान यूपीआई आधारित 5.86 अरब लेनदेन हुए।
लगातार बढ़ रहा डिजिटल लेनदेन
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों के मुताबिक, मात्रा के लिहाज से यूपीआई लेनदेन महीने-दर-महीने 7.16 फीसदी बढ़ा है। मूल्य के हिसाब से इसमें 4.76 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सालाना आधार पर यूपीआई लेनदेन में करीब दोगुना उछाल देखने को मिला है, जबकि मूल्य के आधार पर लेनदेन हर साल 75 फीसदी बढ़ा है।
डिजिटलीकरण की रणनीति से मिल रही मदद
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने मार्च, 2022 में बताया था कि पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल पेमेंट्स लेनदेन लगातार बढ़े हैं। यह सरकार के वित्तीय क्षेत्र व अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण करने की रणनीति से संभव हुआ है। 2018-19 में डिजिटल पेमेंट लेनदेन का आंकड़ा 3,134 करोड़ रुपये था। 2020-21 में यह बढ़कर 5,554 करोड़ रुपये और 2021-22 में 7,422 करोड़ रुपये पहुंच गया।
कोरोना महामारी के कारण आई तेजी
कोरोना महामारी ने पिछले दो वर्षों में देश में डिजिटल भुगतान को अपनाने में तेजी ला दी। महामारी की पहली दो लहरों के दौरान UPI लेनदेन बढ़ रहे हैं। अब यही आदत बन चुकी है। लोग नकदी के बजाए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को पसंद कर रहे हैं। पिछले दो साल का रिकॉर्ड देखें, तो कोरोना महामारी ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया है और लोग यूपीआई पेमेंट ऐप पर अधिक भरोसा कर रहे हैं। पेटीएम, गूगल पे, फोन जैसे यूपीआई ऐप में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है और कैश के प्रति लोगों के रुझान घटे हैं।
भारत में बढ़ रही है यूपीआई की पैठ
जून 2016 में अपनी स्थापना के बाद से पेमेंट प्लैटफॉर्म ने एक लंबा सफर तय किया है। शून्य से बढ़कर अक्टूबर 2019 में एक अरब लेनदेन हो गए। भारत में यूपीआई का विस्तार करने के लिए, एनपीसीआई नई कार्यक्षमताओं को जोड़ रहा है जैसे कि UPI के माध्यम से रिकरिंग पेमेंट और IPO को सक्षम करने के लिए UPI ऑटोपे।
फीचर फोन के लिए यूपीआई
बिना स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले लोगों को एक क्लिक पर पैसे ट्रांसफर करने में सक्षम बनाने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 8 मार्च को फीचर फोन के लिए UPI लॉन्च किया, जिसे UPI123Pay कहा जाता है। केंद्रीय बैंक ने डिजिटल भुगतान के लिए 24×7 हेल्पलाइन डिजी साथी (DigiSaathi) की भी घोषणा की।
यूपीआई पेमेंट सबसे तेज और सुरक्षित
यूपीआई पेमेंट सबसे तेज और सुरक्षित माना जाता है. किसी भीयूपीआई पेमेंट ऐप से फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपके फोन में अगर गूगल पे, फोन पे, एमेजॉन पे या पेटीएम जैसा कोई ऐप है, तो आसानी से यूपीआई ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसके लिए यूपीआई पिन बनाने की जरूरत होती है। पहले यूपीआई बैंक अकाउंट से ही लिंक होता था, लेकिन अब यह सुविधा डेबिट और क्रेडिट कार्डसे भी ले सकते हैं। आप यूपीआई ऐप को डेबिट या क्रेडिट कार्ड से लिंक कर आसानी से पेमेंट कर सकते हैं।
BHIM UPI को सबसे ज्यादा पसंद कर रहे लोग
आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार डिजिटल पेमेंट के लिए BHIM UPI लोगों का पसंदीदा एप बन गया है। इसके जरिये 452.75 करोड़ डिजिटल पेमेंट ट्रांजेक्शन हुए हैं। इसकी वैल्यू 8.27 लाख करोड़ रुपये रही।
अब UPI से ऑटोमैटिक रेकरिंग पेमेंट की सुविधा
रिजर्व बैंक ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के मद्देनजर अब यूपीआई के जरिए भी रेकरिंग भुगतान करने की सुविधा प्रदान कर दी है। इस सुविधा के तहत उपभोक्ता और मर्चेंट निकायों के बीच एक सहमति बनती है और महीने की तयशुदा तारीख पर निश्चित बकाया राशि का खुद भुगतान हो जाता है।
सुरक्षित पैमेंट के लिए ई-मैंडेट को मिली मंजूरी
अभी तक यह सुविधा डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड भुगतान इंस्ट्रूमेंट और वॉलेट के जरिए भुगतान पर उपलब्ध थी। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि अब रेकरिंग भुगतान की सुविधा यूपीआई के लिए भी उपलब्ध होगी। रिजर्व बैंक ने कहा, ‘यूपीआई के जरिए रेकरिंग भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिये ई-मैंडेट की मंजूरी दी जाती है।’
क्या है यूपीआई?
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस डिजिटल रूप से पेमेंट का एक तरीका है। इसके तहत आप घर बैठे आसानी से किसी को भी पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। यह एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में पैसा तुरंत ट्रांसफर करने की सुविधा देता है। आप यूपीआई के जरिए रात या दिन कभी भी पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। यूपीआई लेनदेन को बढ़ाने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 8 मार्च को बड़ा कदम उठाया था। केंद्रीय बैंक ने UPI123Pay नामक फीचर लॉन्च किया और डिजीसाथी (DigiSaathi) नाम का 24×7 हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया था।
तेजी से डिजिटल हो रही अर्थव्यवस्था
UPI ने लॉन्च होने के लगभग तीन साल बाद यानी अक्टूबर 2019 में पहली बार 1 अरब लेनदेन का आंकड़ा पार किया था। अगला अरब एक साल से कम समय में हासिल कर लिया गया। मतलब अक्टूबर 2020 में UPI ने 2 अब से अधिक लेनदेन प्रोसेस किए। अगले दस महीनों में UPI ने 3 अरब लेनदेन संसाधित किए। भुगतान प्लेटफ़ॉर्म को प्रति माह 3 बिलियन से 4 बिलियन ट्रांजैक्शन तक पहुंचने में केवल तीन महीने लगे।
डिजिटल लेनदेन का 6 अरब तक का सफरः
1. अक्टूबर 2019 – 1 अरब
2. अक्टूबर 2020 – 2 अरब
3. अगस्त 2021 – 3 अरब
4. नवंबर 2021 – 4 अरब
5. मार्च 2022 – 5 अरब
6. जुलाई 2022 – 6 अरब