प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिछले सात वर्षों के कार्यकाल में देश में लाइसेंस राज को खत्म करने और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए। इसी कड़ी में सरकार ने कई ऐसे विधायी उपाय भी किए, जिनसे देश में कारोबार करना अब पहले से आसान हो गया है। इसकी पुष्टि टीका निर्माता कंपनी ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष सायरस पूनावाला ने भी की है। 13 अगस्त, 2021 को पुणे में लोकमान्य तिलक न्यास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए पूनावाला ने कहा कि मोदी सरकार में लालफीताशाही और लाइसेंस राज में कमी आई है। उन्होंने बीते वक्त के उत्पीड़न को याद करते हुए कहा कि करीब 50 वर्ष पहले उद्योगों को मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी के लिए नौकरशाहों से अनुमति मिलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था।
#WATCH | One of the major reasons we could launch our COVID vaccine quickly was due to forthcoming grants, permission, encouragement to industries & considerably reduced licensing raj. We have a Drug Controller who responds even after office hrs: Cyrus Poonawalla, SII Chairman-MD pic.twitter.com/CDlz6EYna8
— ANI (@ANI) August 13, 2021
पूनावाला ने कहा कि अतीत में मंजूरी के लिए नौकरशाहों और औषधि नियामकों के ‘‘पैरों पर गिरना” पड़ा, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। मोदी सरकार में समय पर अनुमति के साथ पर्याप्त सहयोग भी मिल रहा है। नौकरशाही अब वर्तमान सरकार के कानूनों के मुताबिक काम कर रही है। इसी कारण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का कोरोना टीका कोविशील्ड शीघ्र आ पाया। अब देश में एक ऐसा ड्रग कंट्रोलर है जो ऑफिस खत्म होने के बाद भी काम करने के लिए तैयार रहता है और तुरंत जवाब भी देता है। अब ‘मस्का लगाने’ की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि मोदी सरकार के सुधारों का नतीजा है कि पिछले सात सालों में भारत ने ईज ऑप डूइंग बिजनेस रैंकिंग में 79 स्थानों की छलांग लगाकर 63वें स्थान पर पहुंच गया है।
मोदी सरकार में कारोबार को आसान बनाने के लिए पहल
- आईबीसी, 2016 के तहत दिवालिया प्रक्रिया से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में मदद मिली।
- कॉरपोरेट के लिए डिफॉल्ट की सीमा एक लाख से बढ़कार एक करोड़ रुपये की गई।
- आबीसी (संशोधन) अधिनियम, 2020 से CIRP के तहत कार्रवाई से अस्थायी राहत मिली।
- कंपनी (संशोधन) अधिनियम, 2019 से इनफोर्समेंट एजेंसियों को मजबूती मिली।
- पर्यावरण संबंधी मंजूरियों के लिए ऑनलाइन आवेदन व्यवस्था शुरू की गई।
- मोदी सरकार ने गैरजरूरी कानूनों को खत्म कर कारोबार को आसान बनाया।
- टेक्निकल और प्रोसेस से जुड़े उल्लंघनों को अपराध की सूची से बाहर किया गया।