कांग्रेस पार्टी अपने-आप में एक मजाक बनती जा रही है। आए दिन इसके उदाहरण और प्रमाण सामने आते रहते हैं। कांग्रेस नेता एक परिवार के इस कदर पिछलग्गू बन चुके हैं कि परिवार से कोई कुछ फर्जीवाड़ा भी कर दे, तो भी वह उस पर यकीन नहीं करते। मंगलवार यानि 9 फरवरी को कुछ ऐसा ही कांग्रेस नेता डॉ विनीत पुनिया के साथ हुआ। विनीत पुनिया ने अपनी वफादारी सिद्ध करने के लिए पॉलिटिकल कीड़ा नाम के सक्रिय ट्विटर हैंडल पर ऊंगली उठाई और दावा किया कि प्रियंका गाँधी ने फर्जी तस्वीर शेयर ही नहीं की। नतीजतन कुछ ही देर में सबूत सामने आए और उन्हें खुद सबके सामने शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।
दरअसल, पिछले दिनों किसान आंदोलन को भावनात्मक छौंक देने के लिए एक फोटो शेयर की गई। इस फोटो में सेना का जवान अपने पिता से मिल रहा था। सोशल मीडिया पर इस फोटो को यह कहकर बेचा गया कि जवान छुट्टी मिलते ही सीधे दिल्ली बॉर्डर पर आया, जहां पिता को देख उसकी आंख भर आई।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस तस्वीर को 6 फरवरी 2021 को शेयर किया। अपने ट्वीट पर दो तस्वीरें डालकर प्रियंका ने लिखा, “छुट्टी मिलते ही अपने पिता से दिल्ली बॉर्डर पर मिलने आए जवान की आंखें भर आईं। 75 दिनों से इनके पिता अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। और पूंजीपतियों की सरकार की यह हिमाकत कि उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, षड्यंत्रकारी कहते हैं? शर्म आनी चाहिए मौकापरस्त बेईमानों की सरकार को।”
इसके अलावा इस तस्वीर को ट्वीट कर मोदी सरकार पर कांग्रेस ने लिखा, “जिस किसान और जवान को इस भाजपाई हुकूमत के अहंकार ने आमने-सामने खड़ा कर दिया है, वो दोनों ही देश सेवा के लिए समर्पित हैं और उनमें एक-दूसरे के प्रति सहयोग का भाव है। भाजपा की साजिशें हमारे किसान और जवान को बांट नहीं सकती।” अब वर्तमान में इस तस्वीर को प्रियंका गाँधी के हैंडल से डिलीट कर दिया गया है। वहीं कॉन्ग्रेस का ट्वीट खबर लिखने तक अकॉउंट पर मौजूद है। कांग्रेस नेता पुनिया का कहना है कि फर्जी पॉलिटिकल कीड़ा को शर्म आनी चाहिए, क्योंकि ‘प्रियंका जी’ ने ऐसा ट्वीट किया ही नहीं है।
हालांकि, पूनिया के इस आरोप के बाद पॉलिटिकल कीड़ा ने प्रियंका के ट्वीट का अर्काइव पेश कर दिया है। हैंडल ने बताया है कि वे लोग कांग्रेस की तरह कोई भी दावा बिना सबूत के नहीं करते हैं। गौरतलब है कि जिन तस्वीरों को लेकर कांग्रेस समेत कई लोग किसान आंदोलन पर भावनात्मक पोस्ट कर रहे हैं उसकी सच्चाई यह है कि ये तस्वीर दिल्ली की है ही नहीं। ये पंजाब की है। जिसका फैक्ट चेक इंडिया टुडे ने भी किया है।