प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। उनकी लोकप्रियता का आलम यह है कि दो देशों के बीच दुश्मनी भी आड़े नहीं आती। उनका जादू ना सिर्फ भारतवासियों पर बल्कि पाकिस्तान और चीन जैसे दुश्मन देशों के लोगों पर भी चलता है। जब सीमा पर भारत और चीन के बीच टकराव चल रहा हो। कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी देश-दुनिया में चीन की तारीफ और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हो। ऐसे समय में चीन में प्रधानमंत्री मोदी को पसंद किया जाना किसी आश्चर्य से कम नहीं है। दरअसल उनके करिश्माई व्यक्तित्व ने चीन में भी लोगों को अपना दीवाना बना दिया है। चीन के लोग प्रधानमंत्री मोदी को ‘मोदी लाओशियन’ निकनेम से बुलाते हैं।
Chinese views of India are very complicated – but generally based on a sense of superiority and self-confidence.https://t.co/4DcXOK3RNo
— The Diplomat (@Diplomat_APAC) March 14, 2023
प्रधानमंत्री मोदी के बारे में यह खुलासा अमेरिका की रणनीतिक मामलों की पत्रिका द डिप्लोमैट में प्रकाशित लेख ‘चीन में भारत को कैसे देखा जाता है?’ से हुआ है। दरअसल इस लेख के लेखक चीन के एक पत्रकार मु चुनशान हैं। इस लेख में मु चुनशान ने दावा किया है कि भारतीय प्रधानमंत्री चीन के सोशल मीडिया यूजर्स के बीच खासे लोकप्रिय हैं। मु चुनशान के मुताबिक चीन के सोशल मीडिया यूजर्स ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘मोदी लाओशियन’ नाम दिया है। इस शब्द का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है, जो अजेय हो और जिसके पास अद्भुत क्षमता हो।
चीन के यूजर्स का मानना हैं कि प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के अन्य नेताओं से अलग हैं और उनकी नीतियां भी भारत के पूर्व के नेताओं से अलग है। चीन के सोशल मीडिया यूजर्स प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व क्षमता के साथ ही उनके पहनावे और शारीरिक हाव-भाव से भी काफी प्रभावित हैं। चीनी नागरिकों पर प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व का जादू इस कदर है कि उन पर भारत सरकार द्वारा चीनी एप्स पर कार्रवाई का कोई असर नहीं होता है। यहां तक कि गलवान झड़प के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उस चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सिना विबो को बंद कर दिया था, जिसे उन्होंने साल 2015 में बनाया था। इस प्लेटफॉर्म पर उनके फॉलोअर्स की संख्या करीब 2.44 लाख थी।
चीनी यूजर्स प्रधानमंत्री मोदी की स्वतंत्र विदेश नीति से खासे प्रभावित है। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी की वजह से भारत की पश्चिम के देशों में लोकप्रियता बढ़ रही है। साथ ही यूक्रेन संकट के दौरान भारत ने जिस तरह से रूस और अमेरिका के बीच संतुलन बनाया है, उससे भारत के दोनों के साथ संबंध अच्छे हैं। अपने लेख में मु चुनशान ने लिखा कि चीनी के यूजर्स मानते हैं कि चीन, भारत के खिलाफ पाकिस्तान को खड़ा करने की कोशिश कर रहा है लेकिन यह सच्चाई से परे हैं क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच बड़ा अंतर है और यह अंतर बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट दौर से गुजर रही है।