प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 26 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करेंगे। इस वर्ष के सम्मेलन का विषय है- विधायी, कार्यकारी और न्यायपालिका का सामंजस्यपूर्ण समन्वय – एक जीवंत लोकतंत्र की कुंजी।
गुजरात के केवडिया में स्टेच्यु ऑफ यूनिटी पर 25 नवंबर से पीठासीन अधिकारियों का दो दिन का अखिल भारतीय सम्मेलन शुरू हो रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया। अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन की शुरुआती वर्ष 1921 में की गई थी। इस वर्ष पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष और सम्मेलन के अध्यक्ष ओम बिड़ला, गुजरात के राज्यपाल आचार्या देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी उपस्थित रहेंगे।
इस सम्मेलन में सभी राज्यों की विधानसभाओं और विधान परिषदों के पीठासीन पदाधिकारियों को आमंत्रित किया गया है। राज्यों के विधान मंडलों के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। सम्मेलन के समापन के अवसर पर एक घोषणा-पत्र जारी किया जाएगा। इस दौरान संविधान और मूलभूत कर्तव्यों से संबंधित एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है।