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निवेश के लिए भारत सबसे बेहतर स्थान- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि निवेश के लिए भारत सबसे बेहतर स्थान है। शुक्रवार को वैश्विक निवेशक राउंडटेबल सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम भारत को वैश्विक विकास की प्रेरक शक्ति बनाने के लिए जो भी संभव होगा करेंगे। उन्‍होंने कहा कि भारत वह जगह है जहां निवेशक, विश्‍वसनीयता, स्थिरता, निरंतरता और प्रदूषण मुक्‍त विकास के अवसरों के साथ मुनाफा भी कमा सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में निवेशकों के लिए लोकतंत्र, जनशक्ति और विविधता जैसे फायदे हैं। उन्‍होंने कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का लचीलापन हमारी व्‍यवस्‍था की ताकत, जनता के सहयोग और नीतियों की स्थिरता से प्रेरित है। उन्‍होंने कहा कि इस साल भारत ने वैश्विवक महामारी का बहादुरी से मुकाबला किया और इस दौरान विश्‍व को, भारतीयों के राष्‍ट्रीय चरित्र की एक झलक देखने को मिली।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह हमारी नीतियों की स्थिरता के कारण है कि भारत दुनिया का एक पसंदीदा निवेश स्थल बनकर उभरा है। हम नया भारत बना रहे हैं, जो पुराने प्रथाओं से पूरी तरह मुक्त है। आज, भारत बदल रहा है, बेहतरी के लिए है। वित्तीय उत्तरदायित्य से लेकर वित्तीय अनुशासन तक, उच्च महंगाई दर से निम्न महंगाई दर तक, गैर-निष्पादित संपत्तियां बनाने वाली लापरवाह उधारी से योग्यता आधारित उधारी तक, ढांचागत घाटे से ढांचागत अधिशेष तक, कुप्रबंधित शहरी विकास से समग्र और संतुलित वृद्धि तक, भौतिक से डिजिटल ढांचे तक।

उन्होंने कहा कि भारत की आत्मनिर्भर बनने की लालसा केवल एक दृष्टि नहीं है, बल्कि सुनियोजित आर्थिक रणनीति है। एक ऐसी रणनीति जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण का पावर-हाउस बनाने के लिए हमारे उद्योगों की क्षमताओं और हमारे श्रमिकों के कौशल का उपयोग करना है, एक रणनीति जिसका उद्देश्य नवाचारों का वैश्विक केंद्र बनने के लिए प्रौद्योगिकी में हमारी ताकत का उपयोग करना है, एक रणनीति जिसका मकसद हमारे विशाल मानव संसाधन और उसकी प्रतिभा का उपयोग करके वैश्विक विकास में योगदान देना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज, निवेशक उन कंपनियों का रुख करते हैं, जिसके पास वातावरण, सामाजिक और शासन का ऊंचा स्कोर होता है। भारत में पहले से ही ऐसी व्यवस्थाएं और कंपनियां मौजूद हैं जो इस मामले में ऊंची रैंक रखती हैं। भारत ईएसजी पर बराबरी से ध्यान देते हुए विकास के रास्ते पर चलने में भरोसा करता है। भारत आपको डेमोक्रेसी (लोकतंत्र), डेमोग्राफी (जनसांख्यिकी), डिमांड (मांग) के साथ-साथ डायवर्सिटी (विविधता) देता है। हमारी विविधता ऐसी है कि आपको एक बाजार में कई बाजार मिलते हैं। यह अलग-अलग क्रय शक्ति और प्राथमिकताओं वाला है। यह अलग-अलग माहौल और विकास के कई स्तरों वाला है। यह विविधता भी एक लोकतांत्रिक, समावेशी और कानून से बंधी व्यवस्था में खुले विचारों और खुले बाजारों के साथ आती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने अपनी निर्माण क्षमता को सुधारने के लिए बहुत से कदम उठाए हैं। हमने जीएसटी के रूप में वन नेशन और वन टैक्स व्यवस्था को लागू किया है, जिसमें कॉर्पोरेट टैक्स दर सबसे कम है, और विनिर्माण के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन भी है। आयकर निर्धारण और अपील के लिए फेस-लेस व्यवस्था लाई गई है। एक नया श्रम कानून लाया गया है, जिसमें श्रमिकों के कल्याण और नियोक्ताओं के लिए व्यापार की सुगमता के बीच संतुलन है। विशेष क्षेत्रों में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजनाएं चल रही हैं। निवेशकों की मदद करने के लिए एक सशक्त संस्थागत व्यवस्था भी है।

उन्होंने कहा कि हमारे पास नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत 1.5 ट्रिलियन डॉलर का निवेश करने की एक महत्वाकांक्षी योजना है। एक अग्रणी मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर मास्टर प्लान को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। भारत ने पूरे देश में राजमार्गों, रेलवे, मेट्रो, जलमार्गों, हवाई अड्डों के व्यापक ढांचागत निर्माण की शुरुआत की है। हम नए मध्यम वर्ग के लिए लाखों किफायती मकान बना रहे हैं। हम केवल बड़े शहरों में ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों में भी निवेश चाहते हैं। गुजरात में गिफ्ट सिटी इसका एक अच्छा उदाहरण है। हम ऐसे शहरों के विकास के लिए मिशन आधारित योजनाएं लागू कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जैसे विनिर्माण क्षेत्र के आधार को मजबूत करने और विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा बनाने की हमारी रणनीति है, ठीक वैसे ही वित्तीय क्षेत्र के लिए भी हमारी रणनीति भी बहुत व्यापक है। हमने बैंकिंग क्षेत्र में व्यापक सुधार के साथ कुछ बड़े कदम उठाए हैं। वित्तीय बाजारों को मजबूत बनाना। अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों के लिए एकीकृत प्राधिकरण बनाना। सबसे उदार एफडीआई व्यवस्था लाना। विदेशी पूंजी के लिए एक सरल कर व्यवस्था बनाना। निवेश के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट जैसी उपयुक्त नीतिगत उपाय करना। इंसाल्वेंसी और बैंक्रप्सी कोड लागू करना। प्रत्यक्ष लाभ देने और फिन-टेक आधारित भुगतान प्रणालियों जैसे आरयू-पे कार्ड और भीम-यूपीआई के माध्यम से वित्तीय सशक्तिकरण।

उन्होंने कहा कि नवाचारों और डिजिटल क्षेत्र से जुड़े प्रयास हमेशा ही सरकार की नीतियों और सुधारों के केंद्र में रहे हैं। हमारे पास दुनिया में स्टार्ट-अप्स और यूनिकॉर्न्स की बड़ी संख्या है। हम अभी भी बहुत तेजी से वृद्धि कर रहे हैं। 2019 में इसकी वृद्धि दर रोजाना औसतन 2 से 3 स्टार्ट-अप के रूप में सामने आई है। हमारी सरकार ने निजी उद्यमों को फलन-फूलने का मौका देने के लिए कई कदम उठाए हैं। रणनीतिक विनिवेश और संपत्तियों के मौद्रिकीकरण का जो स्तर है, वह पहले कभी नहीं देखा गया। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी को 51 प्रतिशत से नीचे लाने का ऐतिहासिक फैसला किया गया। कोयला, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, रेलवे, नागरिक उड्डयन और रक्षा जैसे नए क्षेत्रों में निजी भागीदारी के लिए नीतिगत व्यवस्था की गई। सार्वजनिक क्षेत्र की भूमिका को तर्क संगत बनाने के लिए नई सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम नीति बनाई गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज, भारत में सभी क्षेत्रों में स्थिति बेहतर हो रही है- विनिर्माण, बुनियादी ढांचा, तकनीक, कृषि, वित्त और यहां तक कि स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सामाजिक क्षेत्र भी। कृषि में हमारे हालिया सुधारों ने भारत के किसानों के साथ साझेदारी की नई संभावनाएं पैदा की हैं। तकनीक और आधुनिक प्रसंस्करण सुविधाओं की मदद से, भारत बहुत जल्द एक कृषि निर्यात केंद्र के रूप में उभरेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति यहां पर विदेशी विश्वविद्यालयों को अपने कैंपस बनाने की छूट देती है। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन फिन-टेक्स को अवसर देता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि वैश्विक निवेशक समुदाय हमारे भविष्य में भरोसा जता रहा है। बीते 5 महीनों में एफडीआई का प्रवाह पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 13 प्रतिशत ज्यादा रहा। इस राउंड-टेबल में आपकी यह सक्रिय भागीदारी आत्मविश्वास को और बढ़ा देती है। अगर आप विश्वसनीयता के साथ रिटर्न चाहते हैं, तो भारत आपके लिए ऐसी जगह है। अगर आप डेमोक्रेसी के साथ डिमांड चाहते हैं, तो भारत ही वह जगह है। यदि आप टिआऊपन के साथ स्थिरता चाहते हैं, तो भारत आपके लिए ऐसी जगह है। यदि आप पर्यावरणीय दृष्टिकोण के साथ विकास चाहते हैं, तो भारत ऐसी जगह है।

उन्होंने कहा कि भारत की वृद्धि में वैश्विक आर्थिक उत्थान को प्रेरित करने की क्षमता है। भारत की किसी भी उपलब्धि का दुनिया के विकास और कल्याण पर कई गुना असर दिखाई पड़ेगा। एक मजबूत और जीवंत भारत वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को स्थिर बनाने में योगदान कर सकता है। हम वह सब कुछ करेंगे, जो भारत को वैश्विक विकास पुनरुत्थान का इंजन बनाता है। प्रगति का रोमांचक समय आगे है। मैं आपको इसका हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं।

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