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देखिए बिहार में जंगलराज, बिजली मांगने गई जनता पर पुलिस की फायरिंग, दो युवकों की मौत

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बिहार में इस समय जंगल राज है। महागठबंधन सरकार के मुख्य घटक दल आरजेडी और जेडीयू में ही शह-मात का खेल चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री के बीच शीतयुद्ध चल रहा है। मुख्यमंत्री विभागीय मंत्री के फैसले रद्द कर रहे हैं। विभाग के मंत्री और सचिव आपस में लड़ रहे हैं। इससे राज्य का प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह पंगू हो चुका है। किसी को भी जनता की परवाह नहीं है। राज्य में बिजली संकट गहराते जा रहा है। गर्मी और बढ़ती उमस से परेशान जनता की मुसीबत बिजली कटौती ने बढ़ा दी है। जनता त्राहिमाम कर रही है, लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इससे बेखबर हैं। सरकार की बेरूखी से तंग आकर जनता प्रदर्शन करने और अपनी जान गंवाने के लिए मजबूर है। कटिहार में बिजली मांगने गई जनता पर पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिसमें दो युवकों की मौत हो गई। 

बिहार पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर चलाई गोली

बुधवार (26 जुलाई, 2023) को कटिहार में बिजली विभाग का दफ्तर रणक्षेत्र बन गया। बारसोई अनुमंडल में बिजली कटौती के खिलाफ स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। आक्रोशित भीड़ ने बिजली दफ्तर में भी तोड़फोड़ की। प्राणपुर के बस्तौल चौक और बारसोई प्रखंड मुख्यालय का मेन रोड जाम कर प्रदर्शन कर रही भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में पुलिस ने भीड़ पर फायरिंग कर दी, जिसमें गोली लगने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक बासल गांव निवासी खुर्शीद आलम की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, बारसोई निवासी सोनू साह की कटिहार मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। 

मृतक सोनू के भाई का सवाल-क्या मेरा भाई कोई आतंकवादी था या आंदोलनकारी? 

गोली लगने के बाद सोनू साह को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सोनू को कटिहार मेडिकल कॉलेज भेजा गया। मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शशिकांत के मुताबिक सोनू के सिर के आगे के हिस्से में गोली लगी थी, जो पीछे के हिस्से में जाकर अटक गई थी। उसे निकालने की कोशिश की गई, लेकिन गोली नहीं नकली। इससे हालत काफी गंभीर हो गई और इलाज के दौरान सोनू की मौत हो गई। हैरानी की बात यह है कि सोनू साह का बड़ा भाई बारसोई के विद्युत कार्यालय में डाटा एंट्री ऑपरेटर है। मृतक सोनू के भाई ने सरकार से पूछा कि मेरा भाई आंदोलनकारी नहीं था, वो मुझे लाने गया हुआ था। सीधे सर पर ही गोली क्यों मारी गई ? एनकाउंटर की तरह किया गया है। क्या मेरा भाई कोई आतंकवादी था या आंदोलनकारी? 

बदमाशी करेंगे तो लाठी चार्ज होगा, गोली तो चलेगी- नीतीश के मंत्री

जब सरकार निरंकुश हो जाती है और जनता की आवाज नहीं सुनती है तो जनता सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होती है। कटिहार की जनता भी बिजाली की मांग को लेकर सड़क पर उतरी तो उसे गोली मिली। पुलिस की फायरिंग में दो लोग मारे गए। लेकिन राज्य की नीतीश सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा जनता पर ही फोड़ रही है। सरकार की निर्ममता का अंदाजा उसके मंत्री के बयान से लगाया जा सकता है। नीतीश कुमार के करीबी और ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने हैरान करने वाला बयान देते हुए कहा है कि लोग बदमाशी करेंगे तो लाठीचार्ज होता ही है और लाठीचार्ज में गोली चलती ही है। ऊर्जा मंत्री ने मृतकों को मुआवजा देने के सवाल को टाल दिया और कहा कि मुआवजा पर बाद में देखा जायेगा।

पहले शिक्षक, उसके बाद बीजेपी कार्यकर्ता, अब कटिहार की जनता पर प्रहार- सम्राट

कटिहार गोलीकांड को लेकर बीजेपी नीतीश सरकार पर जोरदार तरीके से हमला कर रही है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि पहले शिक्षकों और बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज और अब कटिहार में बिजली मांगने पर गोली मार दी गई। नीतीश सरकार निरंकुश हो गई है। सम्राट चौधरी ने पूछा कि आखिर किसी भी सरकार को गोली मारने का अधिकार किसने दे दिया है। उन्होंने कहा कि बारसोई में जिस तरह बिजली की समस्या के लिए लोग आंदोलन कर रहे थे। नीतीश सरकार की पुलिस ने गोली चलाकर वहां के आम लोगों को मारने का काम किया। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। सम्राट चौधरी ने इसकी तुरंत उच्चस्तरीय जांच कराने और न्यायिक जांच की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।

बिहार में हिटलरशाही और तानाशाही सरकार-विजय सिन्हा

दो युवकों की मौत और प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की सूचना मिलने पर प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्‍हा कटिहार पहुंचे। बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्‍हा ने कहा कि राज्य में लाठी और गोली की सरकार चल रही है। इस सरकार के विरोध में जो भी आवाज उठाता है उसकी आवाज को लाठी और गोली से दबा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि देखिए ये हिटलरशाही और तानाशाही सरकार है, जो प्रशासनिक अराजकता, लाठी और गोली की भाषा, लोकतंत्र को लाठीतंत्र में बदलना चाहती है। हर जगह जो भी आंदोलनकर्ता है, इनकी खामी को उजागर करता है, इनके अपराध और भ्रष्टाचार पर बोलता है, ये लोग लाठी से या गोली से उसकी आवाज को दबाना चाहते हैं। आज उसी की परिणति है।

 

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