बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पिछले कुछ दिनों की हरकतें बता रही है कि वो काफी परेशान और हताश है। आरजेडी के दबाव की वजह से उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इसलिए वो अजीबो-गरीब हरकतें कर रहे हैं। बिहार विधानसभा में ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो उनके पद की गरिमा के खिलाफ है। नीतीश कुमार अपने और दूसरों की उम्र का ख्याल करना भूल गए हैं। गुरुवार (09 नवंबर, 2023) को विधानसभा में जातिगत सर्वे और आरक्षण का दायरा बढ़ाने वाले बिल पर चर्चा चल रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जातिगत जनगणना के सर्वे पर सवाल उठाया तो नीतीश कुमार अचानक भड़क गए। उन्होंने एक बुजुर्ग और महादलित नेता को अपमानित करना शुरू कर दिया।
नीतीश कुमार ने बुजुर्ग महादलित नेता से किया तू-तू, मैं-मैं
नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में जिस तरह जीतन राम मांझी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया और सदन को तू-तू, मैं-मैं का अखाड़ा बना दिया, उसकी उम्मीद किसी सभ्य मुख्यमंत्री से नहीं की जा सकती। जीतन राम मांझी को अपमानित करते हुए नीतीश ने कहा, “इस आदमी (मांझी) को कोई आइडिया है। मेरी गलती है कि इसको हमने मुख्यमंत्री बना दिया। इसको कोई सेंस नहीं है। ऐसे ही बोलता रहता है। दो महीने के अंदर ही मेरी पार्टी के लोग कहने लगे इसको हटाइए। ये गड़बड़ है। फिर हम मुख्यमंत्री बने थे। ये मुख्यमंत्री था। ये क्या मुख्यमंत्री था। ये मेरी मूर्खता से सीएम बना है।”
सत्ता के नशे में चूर सामान्य आचरण भूल चुके नीतीश कुमार ने जिस तरह सदन में बुजुर्ग पूर्व मुख्यमंत्री श्री जीतन राम मांझी को “तुम-तड़ाक व बुद्धिहीन”कह कर अपमानित किया है,यह न सिर्फ उनका बल्कि पूरे दलित-पिछड़े समाज का अपमान है।
ये लगातार महिलाओं और दलित पिछड़ों का अपमान कर रहे हैं. pic.twitter.com/XJyFMAc9H6— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) November 9, 2023
सदन में मर्यादा की सीमा लांघते नजर आए नीतीश कुमार
नीतीश यहीं पर नहीं रूके। महागठबंधन से जीतन राम मांझी के अलग होने के बाद उनके अंदर जो भड़ास थी, वो सब निकालने के मूड में दिखाई दे रहे थे। मांझी पर हमला करते हुए नीतीश ने कहा कि ये गवर्नर बनना चाहता है। बीजेपी के विधायकों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इसको राज्यपाल बना दीजिए। इस दौरान नीतीश की आक्रामकता देख हर कोई हैरान था। नीतीश मर्यादा की सीमा लांघते जा रहे थे। जब मामला बिगड़ने लगा तो तेजस्वी यादव को भी हस्तक्षेप करना पड़ा। मंत्री विजय कुमार चौधरी ने नीतीश को रोकने की कोशिश की।
जीतन राम मांझी पर अचानक से भड़के नीतीश कहा इस आदमी को कोई आइडिया है,इसको हम मुख्यमंत्री बना दिया थे, ये मेरी मूर्खता से सीएम बना#Bihar #NitishKumar pic.twitter.com/Tw72WtH8X0
— FirstBiharJharkhand (@firstbiharnews) November 9, 2023
नीतीश कुमार अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं- मांझी
जीतन राम मांझी ने नीतीश पर पलटवार करते हुए कहा कि उनका दिमाग ठीक नहीं है। ये बहुत असंतुलित हो गए हैं। मर्यादा को लांघ रहे हैं। हम उनसे चार साल बड़े हैं। और राजनीतिक जीवन में भी हम उनसे बड़े है। तुम-ताम करके बोल रहे हैं। मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उनके दिमाग में कुछ कमजोरियां हैं, जिस वजह से वे ऐसी बात कर रहे हैं। वे(नीतीश कुमार) 1985 में विधायक बनें, मैं 1980 से विधायक हूं। वे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार अगर आपको लगता है कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाया तो यह आपकी भूल है। जब जदयू विधायकों ने लतियाना शुरू किया तो उसके डर से आप कुर्सी छोड़कर भाग गए। आप एक दलित पर ही वार कर सकते हैं, औकात है तो ललन सिंह के खिलाफ बोलकर दिखाएं जो आपका ऑपरेशन कर रहे थे।
#WATCH पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “मुझे आश्चर्य है कि ये वही नीतीश कुमार हैं जो आज से कुछ दिनों पहले थे… मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उनके दिमाग में कुछ कमजोरियां हैं, जिस वजह से वे ऐसी बात कर रहे हैं…… https://t.co/BOqmXdaRfR pic.twitter.com/SmsaMAdMDz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 9, 2023
नीतीश कुमार की मेडिकल जांच की जरूरत- सम्राट चौधरी
नीतीश कुमार के अमर्यादित भाषा और आचरण से पूरा देश हैरान है। उन पर संगत का असर साफ दिखाई दे रहा है। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के नेता बार-बार नीतीश कुमार के आचरण और मानसिक बीमारी को लेकर सवाल उठा रहे हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने महिलाओं को अपमानित करने के बाद दलित समाज से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अपमानित किया। इससे स्पष्ट झलकता है कि इनकी मेडिकल जांच की जरूरत है। नीतीश कुमार लोकतंत्र के लिए खतरा बन गए हैं। उनसे बार-बार आग्रह की जा रही है कि आप बीमार है। आप आराम कीजिए।
नीतीश के ख़िलाफ़ अब बोलने में भी शर्म आती है, मांझी जी पर अशोभनीय टिप्पणी दुखद है, उनके स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल हैं, हमारे लिए (नीतीश) अभिभावक हैं, गधा मत बनिए: सम्राट चौधरी।
जीतन राम मांझी पर टिप्पणी सोचनीय है, उनको हो क्या गया है, विश्वास नहीं होता कि उनके साथ ही हमलोग काम… pic.twitter.com/OUXxXNENdd
— Bihar Tak (@BiharTakChannel) November 9, 2023
दलितों का मुखौटा लगाकर उन्हें अपमानित करते हैं नीतीश और राहुल
नीतीश कुमार ने जिस आवेश के साथ निम्न स्तरीय भाषा का इस्तेमाल किया, वो बताता है कि नीतीश और इंडी गठबंधन के नेताओं में दलितों और पिछड़ों के लिए कोई सम्मान नहीं है। वे सिर्फ वोट और सत्ता पाने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। नीतीश ने जीतन राम मांझी को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया और फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी से उठाकर फेंक दिया, क्योंकि नीतीश कुमार को दलित नहीं कुर्सी प्यारी है। इसी तरह कांग्रेस में मल्लिकार्जुन खड़गे कहने को दलित अध्यक्ष है। गांधी परिवार उनका मुखौटा लगाकर देश की जनता को मूर्ख बना रहा है। नीतीश कुमार और कांग्रेस जातीय जनगणना और आरक्षण का सिर्फ दिखावा कर रहे हैं, क्योंकि दोनों के आचरण से स्पष्ट झलता है कि वो दलित विरोधी मानसिकता से ग्रसित है। दलितों को उनका हक देने के लिए तैयार नहीं है।