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देश को भ्रष्टाचार, कालेधन से मुक्त बनाना है- मन की बात में मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भ्रष्टाचार और कालेधन से मुक्त भारत बनाने पर जोर दिया। ‘मन की बात’ कार्यक्रम का ये 27वां और इस साल का आखिरी एपिसोड था। उन्होंने 25 दिसंबर को क्रिसमस के दिन देशवासियों को दो योजनाओं का सौगत दिया। आम ग्राहकों के लिए ‘लकी ग्राहक योजना’ और व्यापारियों को प्रोत्साहन के लिए ‘डिजि धन व्यापार योजना’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं समाज के सभी वर्गों, खास करके गरीब एवं निम्न मध्यम-वर्ग को केंद्र में रख कर बनायी गई है। मोदी ने कहा कि पिछले कुछ ही दिनों में कैशलेस कारोबार 200 से 300 प्रतिशत बढ़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं, मोदी जी, थक मत जाना, रुक मत जाना, जितना कठोर कदम उठा सकते हो, उठाओ. मैं इन लोगो का विशेष रूप से धन्यवाद करता हूं।

देश अटल जी के योगदान को कभी नहीं भुला सकता

मन की बात में प्रधानमंत्री ने भारत रत्न से सम्मानित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को 92वें जन्मदिन पर बधाई दी है। बधाई देते हुए उन्होंने अटल जी की एक वीडियो का भी जिक्र किया है। मोदी ने कहा कि ये देश अटल जी के योगदान को कभी नहीं भुला सकता। उनके नेतृत्व में हमने परमाणु शक्ति में भी, देश का सिर ऊपर किया है। उन्होंने 25 दिसम्बर पर महामना मदन मोहन मालवीय की जयंती पर कहा कि भारतीय जनमानस में संकल्प और आत्मविश्वास जगाने वाले मालवीय जी ने आधुनिक शिक्षा को एक नई दिशा दी।

देश भ्रष्टाचार सहने को तैयार नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश अब किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार को सहने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि 8 नवंबर को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा हमला बोल दिया गया। उनके फैसले से लोगों को तकलीफ हुई लेकिन लोगों ने इस फैसले का साथ दिया।

दिव्यांग देश के अनमोल विरासत

प्रधानमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजनों पर जिस मिशन को लेकर सरकार चली थी, उससे जुड़ा बिल संसद में पारित कर दिया गया है। इसके लिए मै लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं। दिव्यांगों के लिए ये सरकार का कमिटमेंट था… है और आगे भी रहेगा। मैंने निजी तौर पर भी इसे लेकर मुहिम को गति देने की कोशिश की। मेरा ध्येय था कि दिव्यांगजनों को उनका हक मिले। वो सम्मान मिले, जिसके वो अधिकारी हैं।

उन्होंने कहा कि मैं आज बेहद खुश हूं कि इस कानून के पास होने के बाद दिव्यांगों के पास नौकरी के ज्यादा अवसर होंगे। सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 4% कर दी गई है। इस कानून में दिव्यांगों की शिक्षा, सुविधा और शिकायतों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। दिव्यांगों को लेकर सरकार कितनी संवेदनशील है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि केंद्र सरकार ने दो साल में देश भर में 4350 कैंप लगाए। इसमें 352 करोड़ की राशि खर्च करके तकरीबन 5 लाख 80 हजार दिव्यांग भाइयों-बहनों को उपकरण बांटे।

मोदी ने कहा कि सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की भावना के अनुरूप ही नया कानून पारित किया है। पहले दिव्यांगों की श्रेणी 7 तरह की थी, लेकिन अब कानून बनाकर इसे 21 प्रकार की कर दी गई हैं। इसमें 14 नई श्रेणियां और जोड़ दी हैं। दिव्यांगों की कई ऐसी श्रेणियां शामिल की गई हैं, जिसे पहली बार न्याय मिला है। मसलन थैलिसिमिया, पार्किंसन और बौनापन को भी इसी श्रेणी में डाला गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम का मूल पाठ

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। आप सभी को क्रिसमस की अनेक-अनेक शुभकामनायें। आज का दिन सेवा, त्याग और करुणा को अपने जीवन में महत्व देने का अवसर है। ईसा मसीह ने कहा “गरीबों को हमारा उपकार नहीं, हमारा स्वीकार चाहिये”। संत ल्यूक के गोस्पेल में लिखा है “जीसस ने न केवल गरीबों की सेवा की है, बल्कि गरीबों के द्वारा की गयी सेवा की भी सराहना की है” और यही तो असली इमपावरमेंट है। इससे जुड़ी एक कहानी भी बहुत प्रचलित है। उस कहानी में बताया गया है कि जीसस एक टेंपल ट्रेंजरी के पास खड़े थे। कई अमीर लोग आए, ढेर सारे दान दिए। उसके बाद एक ग़रीब विधवा आई और उसने दो तांबे के सिक्के डाले। एक तरह से देखा जाए दो तांबे के सिक्के, कुछ मायने नहीं रखते। वहाँ खड़े भक्तों के मन में, कौतुहल होना बड़ा स्वाभाविक था, तब जीसस ने कहा, कि उस विधवा महिला ने सबसे ज्यादा दान किया है, क्योंकि औरों ने बहुत कुछ दिया, लेकिन इस विधवा ने तो अपना सब कुछ दे दिया है।

आज 25 दिसम्बर, महामना मदन मोहन मालवीय जी की भी जयन्ती है। भारतीय जनमानस में संकल्प और आत्मविश्वास जगाने वाले मालवीय जी ने आधुनिक शिक्षा को एक नई दिशा दी। उनकी जयन्ती पर भाव-भीनी श्रद्धांजलि। अभी दो दिन पहले, मालवीय जी की तपोभूमि बनारस में मुझे कई सारे विकास के कार्यों का शुभारम्भ करने का अवसर मिला। मैंने वाराणसी में, बीएचयू में, महामना मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर का भी शिलान्यास किया है। इस पूरे क्षेत्र में निर्माण हो रहा है एक कैंसर सेंटर. न सिर्फ़ पूर्वी उत्तर-प्रदेश, लेकिन, झारखण्ड-बिहार तक के लोगों के लिये एक बहुत बड़ा वरदान होगा।

आज, भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी का भी जन्मदिन है। ये देश अटल जी के योगदान को कभी नहीं भुला सकता। उनके नेतृत्व में हमने परमाणु शक्ति में भी, देश का सिर ऊपर किया। पार्टी नेता हो, संसद सदस्य हो, मंत्री हो या प्रधानमंत्री, अटल जी ने प्रत्येक भूमिका में, एक आदर्श को प्रतिष्ठित किया। अटल जी के जन्मदिन पर मैं उनको प्रणाम करता हूँ और उनके उत्तम स्वास्थ्य के लिये ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। एक कार्यकर्ता के नाते अटल जी के साथ कार्य करने का सौभाग्य मिला। अनेक स्मृतियाँ आँखों के सामने उभर करके आती हैं। आज सुबह-सुबह जब मैंने ट्वीट किया तो एक पुराना वीडियो भी मैंने शेयर किया है। एक छोटे कार्यकर्ता के रूप में अटल जी का स्नेह-वर्षा का सौभाग्य कैसा मिलता था, उस वीडियो को देख करके ही पता चलेगा।

आज क्रिसमस के दिन, सौगात के रूप में, देशवासियों को दो योजनाओं का लाभ मिलने जा रहा है। एक प्रकार से दो नवतर योजनाओं का आरम्भ हो रहा है। पूरे देश में, गाँव हो या शहर हो, पढ़े लिखे हो या अनपढ़ हो, कैशलेस क्या है! कैशलेस कारोबार कैसे चल सकता है! बिना कैश खरीदारी कैसे की जा सकती है! चारों तरफ़ एक जिज्ञासा का माहौल बना है। हर कोई एक-दूसरे से सीखना-समझना चाहता है। इस बात को बढ़ावा देने के लिये, मोबाइल बैंकिंग को ताक़त मिले इसलिये, ई-पेमेंट की आदत लगे इसलिये, भारत सरकार ने, ग्राहकों के लिये और छोटे व्यापारियों के लिये ‘प्रोत्साहक योजना’ का आज से प्रारंभ हो रहा है। ग्राहकों को प्रोत्साहन करने के लिये योजना है – ‘लकी ग्राहक योजना’ और व्यापारियों को प्रोत्साहन करने के लिये योजना है – ‘डिजि धन व्यापार योजना’।

आज 25 दिसम्बर को क्रिसमस की सौगात के रूप में, पंद्रह हज़ार लोगों को ड्रॉ सिस्टम से ईनाम मिलेगा और पंद्रह हज़ार के हर-एक के खाते में एक-एक हज़ार रूपये का ईनाम जाएगा और ये सिर्फ़ आज एक दिन के लिये नहीं है, ये योजना आज से शुरू हो करके 100 दिन तक चलने वाली है। हर दिन, पंद्रह हज़ार लोगों को एक-एक हज़ार रूपये का ईनाम मिलने वाला है। 100 दिन में, लाखों परिवारों तक, करोड़ों रुपयों की सौगात पहुँचने वाली है, लेकिन, ये ईनाम के हक़दार आप तब बनेंगे जब आप मोबाइल बैंकिंग, ई-बैंकिंग, रूपे कार्ड, यूपीआई, यूएसएसडी ये जितने डिजिटल भुगतान के तरीक़े हैं उनका उपयोग करोगे, उसी के आधार पर ड्रॉ निकलेगा। इसके साथ-साथ ऐसे ग्राहकों के लिये सप्ताह में एक दिन बड़ा ड्रॉ होगा जिसमें ईनाम भी लाखों में होंगे और तीन महीने के बाद, 14 अप्रैल डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर की जन्म जयन्ती है उस दिन एक बंपर ड्रॉ होगा जिसमें करोड़ों के ईनाम होंगे। ‘डिजि धन व्यापार योजना’ प्रमुख रूप से व्यापारियों के लिये है। व्यापारी स्वयं इस योजना से जुडें और अपना कारोबार भी कैशलेस बनाने के लिए ग्राहकों को भी जोड़ें। ऐसे व्यापारियों को भी अलग़ से ईनाम दिये जाएँगे और ये ईनाम हज़ारों की तादात में हैं। व्यापारियों का अपना व्यापार भी चलेगा और ऊपर से ईनाम का अवसर भी मिलेगा।

ये योजना, समाज के सभी वर्गों, खास करके ग़रीब एवं निम्न मध्यम-वर्ग, उनको केंद्र में रख करके बनायी गई है और इसलिये जो 50 रूपये से ऊपर खरीदते हैं और तीन हज़ार से कम पैसों की खरीदी करते हैं, उन्हीं को इसका लाभ मिलेगा। तीन हज़ार रुपये से ज़्यादा खरीदी करने वाले को इस ईनाम का लाभ नहीं मिलेगा। ग़रीब से ग़रीब लोग भी यूएसएसडी का इस्तेमाल कर फीचर फोन, साधारण फोन के माध्यम से भी सामान खरीद भी सकते हैं, सामान बेच भी सकते हैं और पैसों का भुगतान भी कर सकते हैं और वे सब इस ईनाम योजना के लाभार्थी भी बन सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग एईपीएस के माध्यम से खरीद-बिक्री कर सकते हैं और वे भी ईनाम जीत सकते हैं। कइयों को आश्चर्य होगा, भारत में आज लगभग 30 करोड़ रूपे कार्ड हैं, जिसमें से 20 करोड़ ग़रीब परिवार जो जन-धन खाता वाले लोग हैं, उनके पास है। ये 30 करोड़ लोग तो तुरंत इस ईनामी योजना का हिस्सा बन सकते हैं। मुझे विश्वास है कि देशवासी इस व्यवस्था में रुचि लेंगे और आपके अगल-बगल में जो नौजवान होंगे, वो ज़रूर इन चीज़ों को जानते होंगे, आप थोड़ा सा उनको पूछोगे वो बता देंगे। अरे, आपके परिवार में भी 10वीं-12वीं का बच्चा होगा, तो वो भी भली-भाँति चीज़ आपको सिखा देगा। ये बहुत सरल है – जैसे आप मोबाइल फोन से व्हाटसएप्प भेजते हैं न उतना ही सरल है।

मेरे प्यारे देशवासियो, मुझे ये जान करके ख़ुशी होती है कि देश में टेक्नॉलोजी का उपयोग कैसे करना, ई-पेमेंट कैसे करना, ऑनलाइन पेमेंट कैसे करना, इसकी जागरूकता बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। पिछले कुछ ही दिनों में कैशलेस कारोबार, बिना नगद का कारोबार, 200 से 300 प्रतिशत बढ़ा है। इसको बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया है। ये फैसला कितना बड़ा है इसका अंदाज़ तो व्यापारी बहुत अच्छी तरह लगा सकते हैं। जो व्यापारी डिजिटल लेन-देन करेंगे, अपने कारोबार में नगद के बज़ाय ऑनलाइन पेमेंट की पद्धति विकसित करेंगे, ऐसे व्यापारियों को आयकर में छूट दे दी गई है।

मैं देश के सभी राज्यों को भी बधाई देता हूँ। यूनियन टेरेटरी को भी बधाई देता हूँ। सबने अपने-अपने प्रकार से इस अभियान को आगे बढ़ाया है। आंध्र के मुख्यमंत्री श्रीमान् चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई है, जो इसके लिये अनेक योजनाओं पर विचार कर रही है, लेकिन मैंने देखा कि सरकारों ने भी अपने तरीक़े से कई योजनाएँ लागू की है, आरंभ की है। किसी ने मुझे बताया की असम सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स और व्यापार l लाइसेंस फी का डिजिटल भुगतान करने पर 10 फ़ीसदी छूट देने का निर्णय किया है। ग्रामीण बैंको के ब्रांच अपने 75% उपभोक्ता से जनवरी से मार्च के बीच कम से कम दोडिजिटल ट्रांजेक्शन करवाते हैं, तो उन्हें सरकार की ओर से 50 हज़ार रूपये ईनाम मिलने वाले हैं। 31 मार्च 2017 तक अगर 100% डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाले गाँवों को सरकार की ओर से उत्तम पंचायत फॉर डिजिटल ट्रांजेक्शन के तहत 5 लाख रुपये का ईनाम देने की उन्होंने घोषणा की है। उन्होंने किसानों के लिये डिजिटल कृषक शिरोमणि। असम सरकार ने ऐसे पहले 10 किसानों को 5 हज़ार रुपया ईनाम देने का निर्णय किया है जो बीज और खाद की ख़रीद के लिए पूरी तरह डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल करते हैं। मैं असम सरकार को बधाई देता हूँ लेकिन इस प्रकार से इनिशिएटिव लिये सभी सरकारों को बधाई देता हूँ। कई संगठन ने भी गाँव ग़रीब किसानों के बीच डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के कई सफल प्रयोग किये हैं। मुझे किसी ने बताया जीएनएफसी- गुजरात नर्मदा वैली फर्टीलाइजर और केमिकल लिमिटेड जो मुख्यतः खाद का काम करता है, उन्होंने किसानों को सुविधा हो इसलिये एक हज़ार पोज मशीन खाद जहाँ बेचते हैं, वहाँ लगाए हैं और कुछ ही दिनों में 35 हज़ार किसानों को 5 लाख खाद के बोरे डिजिटल भुगतान के माध्यम से कर दिये और ये सब सिर्फ दो हफ्ते में किया है। और मज़ा यह है कि पिछले वर्ष की तुलना में जीएनएफसी की खाद की बिक्री में 27 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

भाइयो-बहनो, हमारी अर्थव्यवस्था में, हमारी जीवन व्यवस्था में, इनफोर्मल सेक्टर बहुत बढ़ा है और ज्यादातर इन लोगों का मज़दूरी का पैसा, काम का पैसा या पगार नग़द में दिया जाता है, कैश में सैलरी दी जाती है और हमें पता है, उसके कारण मजदूरों का शोषण भी होता है। 100 रूपए मिलने चाहिये तो 80 मिलते हैं, 80 मिलने चाहिये तो 50 मिलते हैं और इंश्योरेंस जैसे हेल्थ सेक्टर की दृष्टि से अन्य कई सुविधाएँ होती हैं उससे वो वंचित रह जाते हैं लेकिन अब कैशलेस पेमेंट हो रहा है। सीधा पैसा बैंक में जमा हो रहा है। एक प्रकार से इनफोर्मल सेक्टर फॉर्मल कंवर्ट होता जा रहा है, शोषण बंद हो रहा है, कट देना पड़ता था वो कट भी अब बंद हो रहा है और मज़दूर को, कारीगर को, ऐसे ग़रीब व्यक्ति को पूरे पैसे मिलना संभव हुआ है। साथ-साथ अन्य जो लाभ मिलते हैं वे लाभ का भी वो हक़दार बन रहा है। हमारा देश तो सर्वाधिक युवाओं वाला देश है। टेक्नॉलोजी हमें सहज़ साध्य है। भारत जैसे देश ने तो इस क्षेत्र में सबसे आगे होना चाहिये। हमारे नौजवानों ने स्टार्ट अप से काफ़ी प्रगति की है। ये डिजिटल मूवमेंट एक सुनहरा अवसर है हमारे नौजवान नये-नये आइडिया के साथ, नयी-नयी टेक्नॉलोजी के साथ, नयी-नयी पद्धति के साथ इस क्षेत्र को जितना बल दे सकते हैं देना चाहिये, लेकिन देश को काले धन से, भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के अभियान में पूरी ताक़त से हमें जुड़ना चाहिये।

मेरे प्यारे देशवासियो, मैं हर महीने ‘मन की बात’ के पहले लोगों से आग्रह करता हूँ कि आप मुझे अपने सुझाव दीजिये, अपने विचार बताइए और हज़ारों की तादाद में मायगॉव पर और नरेंद्रमोजी एप्प पर इस बार जो सुझाव आये, मैं कह सकता हूँ 80-90 प्रतिशत सुझाव भ्रष्टाचार और काले धन के ख़िलाफ़ की लड़ाई के संबंध में आये, नोटबंदी की चर्चा आयी। इन सारी चीज़ों को जब मैंने देखा तो मैं मोटे-मोटे तौर पर कह सकता हूँ कि मैं उसको तीन भागों में विभाजित करता हूँ। कुछ लोगों ने जो मुझे लिखा है, उसमें नागरिकों को कैसी-कैसी कठिनाइयाँ हो रही है, कैसी असुविधायें हो रही हैं। इसके संबंध में विस्तार से लिखा है। लिखने वालों का दूसरा तबक़ा वो है जिन्होंने ज्यादातर उन बातों पर बल दिया है कि इतना अच्छा काम, देश की भलाई का काम, इतना पवित्र काम, लेकिन उसके बावजूद भी कहाँ-कहाँ कैसी-कैसी धांधली हो रही है, किस प्रकार से बेईमानी के नये-नये रास्ते खोज़े जा रहे हैं, इसका भी ज़िक्र लोगों ने किया है। और तीसरा वो तबक़ा है जिन्होंने जो हुआ है, उसका तो समर्थन किया है लेकिन साथ-साथ ये लड़ाई आगे बढ़नी चाहिये। भ्रष्टाचार, काला धन पूर्णतः नष्ट होना चाहिये, इसके लिए और कठोर कदम उठाने चाहिये तो उठाने चाहिये, ऐसा बड़ा ही बल दे करके लिखने वाले लोग भी हैं।

मैं देशवासियों का आभारी हूँ कि इतनी सारी चिट्ठियाँ लिख करके मुझे आपने मदद की है। श्रीमान गुरुमणि केवल ने मायगॉव पर लिखा है काले धन पर लगाम लगाने का ये कदम प्रसंशा के योग्य है। हम नागरिकों को परेशानी हो रही है, लेकिन हम सब भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं और इस लड़ाई में हम जो सहयोग दे रहे हैं, उससे हम खुश हैं। हम भ्रष्टाचार, काला धन इत्यादि के खिलाफ़ मिलिटरी फोर्सेस की तरह लड़ रहे हैं। गुरु मणिकेवल जी ने जो बात लिखी है देश के हर कोने में से यही भावना उजागर हो रही है। हम सब इसको अनुभव कर रहे हैं। लेकिन ये बात सही है जब जनता कष्ट झेलती है, तकलीफ झेलती है तो कौन इंसान होगा जिसको पीड़ा न होती हो। जितनी पीड़ा आपको होती है, उतनी ही पीड़ा मुझे भी होती है। लेकिन एक उत्तम ध्येय के लिये, एक उच्च इरादे को पार करने के लिये, साफ नीयत के साथ जब काम होता है तो ये कष्ट के बीच, दुख के बीच, पीड़ा के बीच भी देशवासी हिम्मत के साथ डटे रहते हैं। ये लोग ही असल में एजेंट ऑफ चेंज बदलाव के पुरोधा हैं।

मैं लोगों को एक और कारण के लिये भी धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने न केवल परेशानियाँ उठाई हैं, बल्कि उन चुनिन्दा लोगों को करारा जवाब भी दिया है, जो जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। कितनी सारी अफवाहें फैलाइ गई। भ्रष्टाचार और काले धन जैसी लड़ाई को भी साम्प्रदायिकता के रंग से रंगने का भी कितना प्रयास किया गया। किसी ने अफवाह फैलाइ नोट पर लिखी स्पेलिंग गलत है, किसी ने कह दिया नमक का दाम बढ़ गया है, किसी ने अफवाह चला दी 2000 के नोट भी जाने वाली है, 500 और 100 के भी जाने वाली है, ये भी फिर से जाने वाला है, लेकिन मैंने देखा भाँति-भाँति अफवाहों के बावज़ूद भी देशवासियों के मन को कोई डुला नहीं सका है। इतना ही नहीं, कई लोग मैदान में आए, अपने क्रिएटिविटी के द्वारा, अपने बुद्धि शक्ति के द्वारा अफवाह फैलाने वालों को भी बेनकाब किया, अफवाहों को भी बेनकाब कर दिया और सत्य लाकर के खड़ा कर दिया। मैं जनता के इस सामर्थ्य को भी शत-शत नमन करता हूँ।

मेरे प्यारे देशवासियो, ये मैं साफ अनुभव कर रहा हूँ, हर पल अनुभव कर रहा हूँ। जब सवा-सौ करोड़ देशवासी आपके के साथ खड़े हों तब कुछ भी असंभव नहीं होता है और जनता जनार्दन ही तो ईश्वर का रूप होती है और जनता के आशीर्वाद, ईश्वर के ही आशीर्वाद बन जाते हैं। मैं देश की जनता को धन्यवाद देता हूँ, उन्हें नमन करता हूँ कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ इस महायज्ञ में लोगों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया है। मैं चाहता था कि सदन में भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है राजनैतिक दलों के लिये भी,पॉलिटिकल फंडिग के लिये भी, व्यापक चर्चा हो। अगर सदन चला होता तो ज़रूर अच्छी चर्चा होती। जो लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि राजनैतिक दलों को सब छूट-छाट है, ये गलत है। कानून सब के लिये समान होता है और कानून का पालन भी चाहे व्यक्ति हो, संगठन हो या राजनैतिक दल हो, हर किसी को कानून का पालन करना ही होता है और करना ही पड़ेगा। जो लोग खुल कर के भ्रष्टाचार और काले धन का समर्थन नहीं कर पाते हैं, वे सरकार की कमियाँ ढूंढने के लिए पूरी देर लगे रहते हैं।

एक बात ये भी आती है बार-बार नियम क्यों बदलते हैं। ये सरकार जनता-जनार्दन के लिये है। जनता का लगातार फीडबैक लेने का प्रयास सरकार करती है। जनता-जनार्दन को कहाँ कठिनाई हो रही है! किस नियम के कारण दिक्कत आती है! उसका क्या रास्ता खोजा जा सकता है! हर पल सरकार एक सवेंदनशील सरकार होने के कारण जनता-जनार्धन की सुख-सुविधा को ध्यान में रखते हुए जितने भी नियम बदलने पड़ते हैं, बदलती है, ताकि लोगों की परेशानी कम हो। दूसरी तरफ, मैंने पहले ही दिन कहा था, 8 तारीख को कहा था, ये लड़ाई असामान्य है। 70 साल से बेईमानी और भ्रष्टाचार के काले कारोबार में कैसी शक्तियाँ जुड़ी हुई है? उनकी ताक़त कितनी है? ऐसे लोगों से मैंने जब मुकाबला करना ठान लिया है तो वे भी तो सरकार को पराजित करने के लिए रोज नये तरीके अपनाते हैं। जब वो नये तरीके अपनाते हैं तो हमें भी तो उसके काट के लिये नया तरीका अपनाना पड़ता है। तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात, क्योंकि हमने तय किया है कि भ्रष्टाचारियों को, काले कारोबारों को, काले धन को, मिटाना है। दूसरी तरफ, कई लोगों के पत्र इस बात को लेकर के आए हैं जिसमें किस प्रकार की धाँधलियां हो रही हैं, किस प्रकार से नये-नये रास्ते खोजे जा रहे हैं इसकी चर्चा है।

मैं प्यारे देशवासियों को एक बात का हृदय से अभिनन्दन करना चाहता हूँ। आज आप लोग टी.वी. पर समाचार-पत्रों में देखते होंगे! रोज़ नये-नये लोग पकड़े जा रहे हैं! नोटें पकड़े जा रहे हैं! छापे मारे जा रहे है! अच्छे-अच्छे लोग पकड़े जा रहे हैं। ये कैसे संभव हुआ है? मैं सीक्रेट बता दूँ। सीक्रेट ये है कि जानकारियाँ मुझे लोगों की तरफ से मिल रही हैं। सरकारी व्यवस्था से जितनी जानकारी आती है उस से अनेक गुना ज्यादा सामान्य नागरिकों से जानकारियाँ आ रही हैं और ज्यादातर हमें सफलता मिल रही है वो जन-सामान्य की जागरूकता के कारण मिल रही है। कोई कल्पना कर सकता है – मेरे देश का जागरूक नागरिक ऐसे तत्वों को बेनकाब करने के लिए कितना रिस्क ले रहा है और जो जानकारियाँ आ रही हैं उसमें ज्यादातर सफलता मिल रही है। मुझे विश्वास है कि सरकार ने इसके लिये जो एक ईमेल ए़ड्रैस इस प्रकार की ख़बरें देना चाहते हैं उनके लिए बनाया है। उस पर भी भेज सकते हो, मायगॉव पर भी भेज सकते हो। सरकार ऐसी सारी बुराइयों के साथ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और जब आपका सहयोग है तो फिर लड़ना बहुत आसान है।

तीसरे पत्र, लेखकों का ग्रुप ऐसा है, वे भी बहुत बड़ी संख्या में हैं। वो कहते हैं मोदी जी थक मत जाना, रुक मत जाना और जितना कठोर कदम उठा सकते हो, उठाओ, लेकिन अब एक बार रास्ता पकड़ा है तो मंजिल तक पहुंचना ही है। मैं ऐसे पत्र लिखने वाले सब को विशेष रूप से धन्यवाद करता हूँ क्योंकि उनके पत्र में एक प्रकार से विश्वास भी है, आशीर्वाद भी है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि ये पूर्ण विराम नहीं है, ये तो अभी शुरुआत है, ये जंग जीतना है और थकने का तो सवाल ही कहाँ उठता है, रुकने का तो सवाल ही नहीं उठता है और जिस बात पर सवा-सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हो, उसमें तो पीछे हटने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। आपको मालूम होगा हमारे देश में ‘बेनामी संपत्ति’ का एक कानून है। नाइटीन एटीएट, उन्नीस सौ अठास्सी में बना था, लेकिन कभी भी न उसके रूल्स बनें, उसको नोटिफाई नहीं किया, ऐसे ही वो ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। हमनें उसको निकाला है और बड़ा धार-धार ‘बेनामी संपत्ति’ का कानून हमने बनाया है। आने वाले दिनों में वो कानून भी अपना काम करेगा। देशहित के लिये, जनहित के लिये, जो भी करना पड़े, ये हमारी प्राथमिकता है।

मेरे प्यारे देशवासियो, पिछली बार भी ‘मन की बात’ में मैंने कहा था कि इन कठिनाइयों के बीच भी हमारे किसानों ने कड़ी मेहनत कर के ‘बुवाई’ में पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। कृषि क्षेत्र के दृष्टि से ये शुभ संकेत हैं। इस देश का मजदूर हो, इस देश का किसान हो, इस देश का नौजवान हो इन सब के परिश्रम आज नये रंग ला रहे हैं। पिछले दिनों विश्व के ‘अर्थ मंच’ पर भारत ने अनेक क्षेत्र में अपना नाम बड़े गौरव के साथ अंकित करवाया है। हमारे देशवासियों के लगातार प्रयासों का परिणाम है कि अलग-अलग इंडिकेटर्स के ज़रिये अलग-अलग इंडीकेटर्स के ज़रिये भारत की वैश्विक रैंकिंग में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। वर्ल्ड बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग बढ़ी है। हम भारत में बिजनेस प्रैक्टिस को दुनिया के बेस्ट प्रैक्टिस के बराबर बनाने का तेज़ी से प्रयास कर रहे हैं और सफलता मिल रही है। अंकटाड उसके द्वारा जारी वर्ल़्ड इंवेस्टमेंट रिपोर्ट के अनुसार टॉप प्रॉस्पेक्टिव हस्ट इकॉनोमिक्स फॉर 2016-18 में भारत का स्थान तीसरा पहुँच गया है। वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम के ग्लोबर कंपीटिवनेस रिपोर्ट में भारत ने 32 रैंक की छलांग लगाई है। ग्लोबस इनोवेशन इंडेक्स 2016 में हमने 16 स्थानों की बढ़त हासिल की है और वर्ल्ड बैंक के Log।st।cs Performance ।ndex 2016 में 19 rank की बढ़ोतरी हुई है। कई report ऐसे हैं जिसके मूल्यांकन भी इसी ओर इशारा करते हैं। भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है ।

मेरे प्यारे देशवासियो, इस बार संसद का सत्र देशवासियों की नाराज़गी का कारण बना, चारों तरफ संसद के गतिविधि के संबंध में रोष प्रकट हुआ। राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति जी ने भी प्रकट रूप से नाराज़गी व्यक्त की, लेकिन इस हालत में भी, कभी-कभी कुछ अच्छी बात भी हो जाती है और तब मन को एक बहुत संतोष मिलता है। संसद के हो-हल्ले के बीच एक ऐसा उत्तम काम हुआ जिसकी तरफ देश का ध्यान नहीं गया है। भाइयो-बहनो, आज मुझे इस बात को बताते हुए गर्व और हर्ष की अनुभूति हो रही है कि दिव्यांग-जनों पर जिस M।ss।on को ले करके मेरी सरकार चली थी, उससे जुड़ा एक बिल संसद में पारित हो गया, इसके लिये मैं लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूँ, देश के करोड़ों दिव्यांग-जनों की तरफ से आभार व्यक्त करता हूँ। दिव्यांगों के लिए हमारी सरकार Comm।tted है।

 

मैंने निजी-तौर पर भी इसे लेकर मुहिम को गति देने की कोशिश भी की है । मेरा इरादा था, दिव्यांग-जनों को उनका हक़ मिले, सम्मान मिले, जिसके वो अधिकारी हैं। हमारे प्रयासों और भरोसों को हमारे दिव्यांग भाई-बहनों ने उस वक़्त और मजबूती दी जब वे Paralymp।cs में चार Medal जीत करके ले आये, उन्होंने अपनी जीत से न केवल देश का मान बढ़ाया बल्कि अपनी क्षमता से लोगों को आश्चर्य चकित भी कर दिया। हमारे दिव्यांग भाई-बहन भी देश के हर नागरिक की तरह हमारी एक अनमोल विरासत है, अनमोल शक्ति है। मैं आज बेहद खुश हूँ कि दिव्यांग-जनों के हित के लिए ये कानून पास होने के बाद दिव्यांगों के पास नौकरी के ज्यादा अवसर होंगे। सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा बढ़ा करके 4% कर दी गयी है। इस कानून से दिव्यांगो की शिक्षा, सुविधा और शिकायतों के लिए विशेष प्रावधान भी किये गए हैं।
दिव्यांगों को ले करके सरकार कितनी संवेदनशील है इसका अंदाज़ आप इस बात से लगा सकते हैं कि केंद्र सरकार ने पिछले दो वर्ष में दिव्यांग-जनों के लिए चार हज़ार तीन सौ पचास कैंप लगाए। तीन सौ बावन करोड़ रूपयों की राशि खर्च करके पाँच लाख अस्सी हज़ार दिव्यांग भाई-बहनों को उपकरण बाँटे। सरकार ने Un।ted Nat।on की भावना के अनुरूप ही नया कानून पारित किया है। पहले दिव्यांगों की श्रेणी सात प्रकार की हुआ करती थी, लेकिन अब कानून बना करके उसे इक्कीस प्रकार की कर दी गई हैं। इसमें चौदह नई श्रेणियाँ और जोड़ दी हैं। दिव्यांगों की कई ऐसी श्रेणियाँ शामिल की गयी हैं जिसे पहली बार न्याय मिला है, अवसर मिला है। जैसे- Thalassem।a, Park।nson’s, या फिर बौनापन, ऐसे क्षेत्रों को भी इस श्रेणी के साथ जोड़ दिया गया है।

मेरे युवा साथियो, पिछले कुछ हफ्तों में खेल के मैदान में ऐसी ख़बरें आईं जिसने हम सब को गौरवान्वित कर दिया। भारतीय होने के नाते हम सब को गर्व होना बहुत स्वाभाविक है। भारतीय cr।cket टीम की इंग्लैंड के खिलाफ़ चार शून्य से सीरीज में जीत हुई है। इसमें कुछ युवा खिलाड़ियों की Performance काबिले तारीफ़ रही। हमारे नौजवान करुण नायर ने Tr।ple Century लगाई, तो, के.एल. राहुल ने 199 रनों की पारी खेली। टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने तो अच्छी batt।ng के साथ-साथ अच्छा नेतृत्व भी दिया। भारतीय क्रिकेट टीम के off-sp।nner गेंदबाज आर. अश्विन को ।CC ने वर्ष 2016 का ‘Cr।cketer Of The Year’ और ‘Best Test Cr।cketer’ घोषित किया है। इन सब को मेरी बहुत-बहुत बधाईयाँ, ढेर सारी शुभकामनायें। हॉकी के क्षेत्र में भी पंद्रह साल के बाद बहुत अच्छी खबर आई, शानदार खबर आई। Jun।or Hockey Team ने World Cup पर कब्ज़ा कर लिया। पंद्रह साल के बाद ये मौका आया है जब Jun।or Hockey Team ने World Cup जीता। इस उपलब्धि के लिये नौजवान खिलाड़ियों को बहुत-बहुत बधाई। ये उपलब्धि भारतीय हॉकी टीम के भविष्य के लिये शुभ संकेत है। पिछले महीने हमारी महिला खिलाड़ियों ने भी कमाल करके दिखाया। भारत की महिला हॉकी टीम ने As।an Champ।ons Trophy भी जीती और अभी-अभी कुछ ही दिन पहले Under 18 As।a Cup भारत की महिला हॉकी टीम ने Bronze Medal हासिल किया। मैं क्रिकेट और हॉकी टीम के सभी खिलाड़ियों को ह्रदय से बहुत-बहुत अभिनन्दन करता हूँ।

मेरे प्यारे देशवासियो, 2017 का वर्ष नई उमंग और उत्साह का वर्ष बने, आपके सारे संकल्प सिद्ध हों, विकास की नई ऊँचाइयों को हम पार करें। सुख चैन की ज़िन्दगी जीने के लिए ग़रीब से ग़रीब को अवसर मिले, ऐसा हमारा 2017 का वर्ष रहे। 2017 के वर्ष के लिये मेरी तरफ से सभी देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनायें। बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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