केंद्र की सत्ता पर दोबारा काबिज होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले कार्यकाल की तरह ही जनता के कल्याण के लिए खुद को समर्पित कर दिया। पिछले एक साल में मोदी सरकार ने गरीबों, किसानों और व्यापारियों के कल्याण के लिए कई ऐसी पथ प्रदर्शक और क्रांतिकारी योजनाएं शुरू कीं, जिनमें देश को बदलने और जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की क्षमता है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY)
मोदी सरकार ने 25 मार्च, 2020 को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा की। हालांकि यह योजना कोरोना महामारी के समय गरीब लोगों की मदद के लिए शुरू की गई अस्थायी कल्याणकारी योजना है, लेकिन इस योजना से संकट के समय गरीबों के प्रति मोदी सरकार की संवेदनशीलता का पता चलता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीबों, प्रवासी कामगारों और समाज के कमजोर वर्गों के लिए 1.76 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की, ताकि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान किसानों, मनरेगा, गरीब विधवा, गरीब पेंशनधारी और दिव्यांगों, और जनधन अकाउंट धारी महिलाओं, उज्ज्वला योजना की लाभार्थी महिलाएं, स्वंय सेवा समूहों की महिलाओं और संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों को मदद दी सके।
3 महीने के लिए लागू इस योजना में 80 करोड़ की आबादी का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के तहत लोगों को नकद, मुफ्त राशन, किसानों के खाते में सीधे रुपये भेजने, मुफ्त एलपीजी सिलेंडर और कोरोना योद्धाओं के लिए चिकित्सा बीमा के मामले में सहायता दी जा रही है।
मोदी सरकार द्वारा पहुंचाई गई मदद
- 16 मई तक पीएम किसान निधि के तहत 8.19 करोड़ किसानों तक मदद पहुंचाई गई है। हर किसान को 2,000 रुपये मिलते हैं।
- NSAP के तहत पहली किश्त 1,405 करोड़ रुपये की, दूसरी 1,402 करोड़ रुपये की दी गई है। 3,000 करोड़ रुपये का टारगेट लगभग पूरा।
- पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 20 करोड़ महिलाओं के जन-धन खातों में पैसे डाले गए। कुल 10,025 करोड़ रुपये खातों में भेजे गए।
- कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को 3,950 करोड़ रुपये दिए गए हैं। 2.2 करोड़ वर्कर्स को मदद पहुंची।
- उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ सिलिंडर्स मुफ्त दिए गए हैं।
- श्रमिकों के लिए रेल यात्रा का 85 फीसद खर्च केंद्र ने उठाया। भोजन भी केंद्र ने दिया।
- EPFO योजना के 12 लाख लाभार्थी हैं। EPF से 3,660 करोड़ रुपये निकाले गए।
लॉकडाउन के दौरान किसानों के कल्याण पर फोकस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में देश के ढाई करोड़ किसानों को कम ब्याज पर लोन देने के लिए दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके जरिए किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से देश के किसान सस्ती ब्याज दर पर कर्ज ले सकेंगे। इसमें किसानों के साथ मछुआरों और पशुपालकों को भी शामिल किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम किसान, फसल बीमा योजना जैसे कई स्कीम के जरिए किसानों की काफी मदद करने की कोशिश की है।
वित्तमंत्री ने कहा, “कृषि क्षेत्र की मदद के लिए कोरोना के संकट के बीच 86,600 करोड़ रुपये के 63 लाख कृषि लोन दिए गए हैं। यह मार्च और अप्रैल की अवधि के लिए है। इसके साथ ही नाबार्ड ने कॉपरेटिव बैंक और रीजनल रूरल बैंक के माध्यम से 29,500 करोड़ रुपये की रिफाइनेंसिंग की है। मार्च 2020 की अवधि के लिए रूरल इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के लिए राज्यों को ₹4200 करोड़ दिए गए। इसके साथ ही राज्य सरकारों को कृषि उत्पाद या कृषि उपज की खरीद के लिए मार्च में ₹6700 करोड़ दिए गए।”
बजट 2020 में किसानों के लिए खास घोषणाएं
कृषि ऋण
- 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय।
- पीएम-किसान लाभार्थियों को केसीसी योजना के तहत लाने का प्रस्ताव।
- नाबार्ड की पुनर्वित्त योजना को और विस्तार देना।
नीली अर्थव्यवस्था
- 2024-25 तक मत्स्य निर्यात को एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना।
- 2022-23 तक देश में 200 लाख टन मत्स्य उत्पाद का लक्ष्य।
- 3,477 मित्रों और 500 मत्स्य पालन कृषक संगठनों द्वारा युवाओं को मत्स्य पालन क्षेत्र से जोड़ना।
- शैवालों और समुद्री खरपतवारों की खेती तथा केज कल्चर को प्रोत्साहित करना।
- समुद्री मत्स्य संसाधनों के विकास प्रबंधन और संरक्षण के लिए फ्रेमवर्क तेयार करना।
किसान रेल
- सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्यम से भारतीय रेल द्वारा किसान रेल सेवा शुरू करने का प्रस्ताव।
- दूध, मांस और मछली आदि जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों के लिए बाधा रहित राष्ट्रीय प्रशीतन आपूर्ति श्रृंखला बनाने का प्रस्ताव।
- एक्सप्रेस और मालगाडि़यों में प्रशीतन डिब्बे लगाने का प्रस्ताव।
कृषि उड़ान योजना की शुरूआत
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों हवाई मार्गों पर इस सेवा का संचालन।
- पूर्वोत्तर ओर जनजातीय क्षेत्रों के जिलों को कृषि उत्पादों का बेहतर मूल्य मिलना।
बागवानी क्षेत्र में ‘एक उत्पाद, एक जिला’ की नीति
- सभी तरह के पारम्परिक जैविक और नवोन्मेषी उवर्रकों का संतुलित इस्तेमाल।
- जैविक, प्राकृतिक और एकीकृत खेती को बढ़ावा।
- जैविक खेती पोर्टल- जैविक उत्पादों के ऑनलाइन राष्ट्रीय बाजार को मजबूत बनाना।
- जीरो बजट प्राकृतिक खेती- (जैसा कि जुलाई 2019 के बजट में दर्शाया गया) को शामिल करना।
- सिंचाई के लिए वर्षा, जल आधारित क्षेत्रों में एकीकृत खेती प्रणाली का विस्तार।
- गैर फसल मौसम में बहुस्तरीय फसल, मधुमक्खी पालन, सौर-पंपों तथा सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना।
पीएम-कुसुम का विस्तार
- योजना के तहत 20 लाख किसानों को सौर ऊर्जा पंप लगाने में मदद।
- अतिरिक्त 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े पंप सैटों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में मदद करना।
- किसानों को अपनी प्रति या खाली जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में मदद की योजना।
पशुधन
- दूध प्रसंस्करण क्षमता को वर्ष 2025 तक 53.5 मिलियन एमटी से दोगुना कर 108 मिलियन एमटी के स्तर पर पहुंचाया जाएगा।
- कृत्रिम गर्भाधान की कवरेज को मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाएगा।
- चारागाह को विकसित करने के लिए मनेरगा का संयोजन किया जाएगा।
- मवेशियों के खुर एवं मुंह में होने वाली बीमारी (एफएमडी) तथा ब्रूसेलोसिस और भेड़ व बकरियों में पेस्टे डेस पेटिस रुमिनेंट (पीपीआर) को वर्ष 2025 तक समाप्त किया जाएगा।
प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 सितंबर, 2019 को झारखंड की राजधानी रांची से ‘प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना’ का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत 5 करोड़ लघु और सीमांत किसानों का जीवन सुरक्षित किया गया। ऐसे किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी।
प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना का मकसद किसानों को सामाजिक सुरक्षा कवच उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष के उम्र के किसानों का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। इस योजना की तहत जो राशि किसान जमा करेगा उतनी ही सरकार भी जमा करवाएगी।
प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 जुलाई, 2019 को छोटे या लघु व्यापारियों को भी पेंशन प्रदान करने के लिए ‘प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना’ की शुरुआत की। इस योजना के तहत स्व-नियोजित दुकानों के मालिक, खुदरा व्यापारी, चावल, दाल, तेल आदि मिल के मालिक, या इसी तरह के कई अन्य छोटे व्यापारियों को पेंशन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। सरकार छोटे व्यापारियों को उनकी वृद्धावस्था में आर्थिक रूप से संबंधित कोई परेशानी ना हो और उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इस योजना के तहत पात्र होने वाले छोटे व्यापारियों को उनकी वृद्धावस्था के दौरान यानी कि उन्हें 60 साल की उम्र पार कर लेने के बाद पेंशन के रूप में प्रतिमाह 3000 रूपये की राशि प्रदान की जाएगी। इस योजना से लगभग 3 करोड़ छोटे व्यापारी लाभान्वित होंगे।
अटल भूजल योजना का शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर, 2019 को दिल्ली के विज्ञान भवन में अटल भूजल योजना की शुरुआत की। 6 हजार करोड़ रुपये की यह योजना 8 हजार 350 गांवों में शुरू की गई है। इस योजना के जरिए भूजल को बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पानी का विषय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के हृदय के बहुत करीब था। अटल जल योजना हो या फिर जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइंस, 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को सिद्ध करने में एक बड़ा कदम हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ जल जीवन मिशन है,जो हर घर तक पाइप से जल पहुंचाने का काम करेगा और दूसरी तरफ अटल जल योजना है, जो उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगी, जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे है।
पीएम मोदी ने कहा कि यह सोचने वाली बात है कि 70 सालों में 18 करोड़ ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3 करोड़ घरों में ही पानी पहुंचाया जा सका। अब हमें अगले 5 साल में 15 करोड़ घरों तक पाइप से पीने का साफ पानी पहुंचाना है। अटल जल योजना में इसलिए ये भी प्रावधान किया गया है कि जो ग्राम पंचायतें पानी के लिए बेहतरीन काम करेंगी, उन्हें और ज्यादा राशि दी जाएगी, ताकि वो और अच्छा काम कर सकें।
इनके अलावा मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल में शुरू की गई योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और उन्हें अधिक से अधिक जन कल्याणकारी बनाने पर भी जोर दिया।
मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त फंड
लॉकडाउन की वजह से खासतौर से ग्रामीण इलाकों में लोग बेरोजगार हुए हैं। 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के तहत मोदी सरकार ने मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त फंड की घोषणा की। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले प्रवासी मजदूर जब अपने घर लौटेंगे तो उनके पास काम की कमी नहीं रहेगी। मानसून के सीजन में भी मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। पानी सहेजने वाले कामों में मजदूरों को रोजगार मिलेगा। सरकार मनरेगा का फंड तत्काल रिलीज करेगी। इससे मनरेगा के तहत राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 7,300 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। ताकि इससे न केवल वर्ष 2019-20 की बकाया मजदूरी बल्कि मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल के पहले पखवाड़े के लिए मजदूरी का भुगतान भी किया जा सकेगा।
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ के पार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के गरीबों को मुफ्त में चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए शुरू कई गई आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ के पार हो गई है। इस योजना के तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये सालाना की मुफ्त चिकित्सा सुविधा दी जाती है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की सफलता के बारे में ट्वीट किया था और कहा था कि इस योजना से काफी लोगों की जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
It would make every Indian proud that the number of Ayushman Bharat beneficiaries has crossed 1 crore. In less than two years, this initiative has had a positive impact on so many lives. I congratulate all the beneficiaries and their families. I also pray for their good health.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 20, 2020
तीन साल बढ़ी ‘प्रधानमंत्री वय वंदना योजना’ की अवधि
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हर वर्ग, हर उम्र के लोगों की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है। मोदी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) की समयसीमा तीन साल के लिए बढ़ दी है। यह योजना वरिष्ठ नागरियों की सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी है। 21 मई, 2020 को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में पीएमवीवीवाई को 31 मार्च, 2020 से अगले तीन वर्ष अर्थात 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया। इसके साथ ही इस योजना के तहत वर्ष 2020-21 के लिए 7.40 प्रतिशत की सुनिश्चित प्रतिफल दर तय की गई है। बताया गया है कि इसके बाद हर साल दर की समीक्षा की जाएगी। आपको बता दें कि मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में इस योजना की अवधि बढ़ाकर मार्च 2020 कर दी थी। साथ ही इसमें निवेश की सीमा भी दोगुनी कर 15 लाख रुपये कर दी गयी थी।
अटल पेंशन योजना के 5 साल पूरे, 2.23 करोड़ ने लोगों ने खोला अकाउंट
मोदी सरकार की प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना ‘अटल पेंशन योजना’ (APY) के पांच साल पूरे हो गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 9 मई 2015 को असंगठित क्षेत्र में मजदूरों को वृद्धावस्था आय सुरक्षा देने और 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम पेंशन की गारंटी प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की थी। इन पांच वर्षों में 9 मई 2020 तक अटल पेंशन योजना के तहत कुल 2 करोड़, 23 लाख, 54 हजार, 028 अकाउंट खोले गए हैं। इसकी शुरूआत के पहले दो वर्षों के दौरान करीब 50 लाख ग्राहकों के नाम दर्ज किए गए थे जो तीसरे वर्ष में दोगुने होकर 100 लाख हो गए और चौथे वर्ष में यह संख्या 1.50 करोड़ पर पहुंच गई। पिछले वित्त वर्ष में योजना के तहत लगभग 70 लाख ग्राहकों के नाम दर्ज किए गए। इसमें पुरुष के साथ महिला सदस्यता अनुपात 57:43 है।
97% परिवारों में रसोई गैस पर बनता है खाना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब महिलाओं को चूल्हे के धुएं से आजादी दिलाने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) शुरू की थी। इसके तहत गरीब परिवार की महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कारण अब करीब 97 प्रतिशत परिवारों में रसोई गैस पर खाना बनता है। आज इसी योजना का असर है कि 7 सितंबर, 2019 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। स्वच्छ रसोई ईंधन उपलब्ध कराने की योजना के तहत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने समय से सात माह पहले 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन का लक्ष्य हासिल कर लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 8 करोड़वां मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन जारी किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को सरकार 7 सितंबर, 2019 तक 8 करोड़ 03 लाख गैस कनेक्शन जारी कर चुकी है।
मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 6.5 लाख और घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही अब इस योजना के तहत बनने वाले कुल घरों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा हो गई है। केन्द्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (सीएसएमसी) की 50 वीं बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत शहरी गरीब लोगों के लिए 6.5 लाख किफायती मकान बनाने की मंजूरी दी गई। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार, 27 दिसंबर, 2019 को कहा कि शहरी इलाकों में अनुमानित एक करोड़ 12 लाख मकानों की मांग हैं जिसमें से एक करोड़ से ज्यादा सस्ते मकान बनाने की मंजूरी प्रदान कर दी गई है। योजना के तहत 60 लाख घरों का निर्माण कार्य विभिन्न चरणों में है, जिसमें से लगभग 32 लाख घरों का निर्माण पूरा हो गया है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना: दिया गया 10.4 लाख करोड़ रुपये का लोन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई मुद्रा योजना के कारण युवा जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन रहे हैं। मुद्रा योजना से रोजगार को बढ़ावा मिलने से योजना के लाभार्थियों ने एक करोड़ से ज्यादा रोजगार सृजित किए हैं। मुद्रा योजना के तहत कुल 10.4 लाख करोड़ रुपये के लोन स्वीकृत किए गए। इस योजना के माध्यम से प्राप्त ऋण से शुरू हुए व्यवसायों से नौकरियों के सृजन में 28% की वृद्धि हुई है।
महिलाओं की आर्थिक प्रगति में जन-धन योजना की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रधानमंत्री जन-धन योजना महिलाओं की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस योजना से जहां महिलाएं समर्थवान बन रही है,वहीं सरकारी योजनाओं की सब्सिडी राशि सीधे उनके खातों में पहुंच रही है। इस तरह प्रधानमंत्री जन-धन योजना महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आंकड़ों के मुताबिक इस योजना के तहत अब तक कुल 38.55 करोड़ बैंक खाते खोले जा चुके हैं । इनमें महिला खाताधारकों की संख्या पहुंची 20 करोड़ के पार हो गई है। भ्रष्टाचार रोकने और लाभार्थियों का सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे देने के उद्देश्य से यह योजना 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई थी।