देश की सत्ता पर 30 मई, 2019 को दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ताजपोशी हुई। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पहले कार्यकाल की तरह ही जता दिया कि राजनीतिक इच्छाशक्ति वाली सरकार अपने फैसलों से कैसे राजनीति की दशा-दिशा बदल सकती है। मोदी सरकार द्वारा पिछले एक साल में किए गए प्रयासों और उसकी उपलब्धियों पर गौर करें तो पता चलता है कि दुनिया भर में भारत का कद और सम्मान में बढ़ोतरी हुई है।
पूरी दुनिया के लिए संकटमोचक बने पीएम मोदी
वैश्विक कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न सिर्फ देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए संकटमोचक बन गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर दुनिया के तमाम देशों में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए मदद भेजी जा रही है। कई देशों को मोदी सरकार ने दवाएं और चिकित्सीय उपकरण भेजे हैं।
55 से अधिक देशों में की जा रही है दवा की आपूर्ति
कोरोना को मात देने में सक्षम समझी जाने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) की आपूर्ति को लेकर भारत अभी दुनिया का सबसे अग्रणी देश बन गया है। 55 से अधिक देशों ने भारत से इस दवा को खरीदने का आग्रह किया। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश भारत से इस दवा को खरीद रहे हैं, लेकिन गुआना, डोमिनिक रिपब्लिक, बुर्कीनो फासो जैसे गरीब देश भी हैं, जिन्हें भारत ने अनुदान के तौर पर इन दवाओं की आपूर्ति की है। भारत ने मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स, मेडागास्कर और कोमोरोस और अन्य पड़ोसी देशों को खाद्य सामग्री और दवाएं भेजकर मदद की।
#WATCH Indian Naval Ship Kesari reaches Malé port in Maldives, the first destination under #MissionSagar. It will discharge 580 tonnes of essential food items as a gift from people of India to the people of Maldives. pic.twitter.com/i7aoAX1HKk
— ANI (@ANI) May 12, 2020
पीएम मोदी की पहल को सार्क देशों से मिला समर्थन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस पर एक बड़ी पहल की। उन्होंने सार्क देशों के सामने कोरोना पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत का प्रस्ताव रखते हुए इसके खिलाफ मिलकर काम करने का आह्वान किया। इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सार्क देशों के नेताओं से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आपस में एकजुट होकर हम दुनिया के सामने एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश कर सकते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सार्क कोरोना आपात कोष बनाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री मोदी के इस पहल को सार्क देशों का व्यापक समर्थन मिल रहा है।
वर्ल्ड लीडर्स में पहले पायदान पर पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संकट के दौरान जिस प्रकार से देश की 130 करोड़ जनता की रक्षा करते हुए पूरी दुनिया के लिए मदद के हाथ बढ़ाए हैं, उसने उन्हें दुनिया का सबसे लोकप्रिय और शीर्ष नेता बना दिया है। अमेरिकी रिसर्च एजेंसी मॉर्निग कंसल्ट द्वारा 7 जनवरी से 19 मई के बीच कराए गए तमाम सर्वे में सामने आया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 82 अंकों के साथ वर्ल्ड लीडर्स में पहले पायदान पर बने हुए हैं। मॉर्निग कंसल्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी की रेटिंग इस हफ्ते 76 से बढ़कर 82 प्रतिशत हो गई है।
कोरोना के खिलाफ जंग में मिली वैश्विक सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना से जंग में पूरी दुनिया को रास्ता दिखाया, यही वजह है कि हर तरफ से उनकी प्रशंसा के स्वर सुनाई दे रहे हैं। विश्व के तमाम संगठनों ने कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में निर्णयकारी नेतृत्व निभाने वाले प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत बताया है। कई दिग्गज अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के सर्वे में भी प्रधानमंत्री मोदी की वाहवाही की गई है। मशहूर अमेरिकी पत्रकार थॉमस फ्रायडमैन ने भी माना कि मोदी सरकार ने कोरोना वायरस को परास्त करने में बेहतरीन काम किया है। इससे विश्व स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ भारत का सम्मान बढ़ा है।
‘नमस्ते ट्रंप’ और ‘हाउडी मोदी’ ने बढ़ाया मान
प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में करीब 50 हजार लोगों को संबोधित किया। ऐसे ही इस साल फरवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के न्यौते पर गुजरात के अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ में शामिल हुए और करीब 1 लाख लोगों को संबोधित किया।
इस्लामिक देशों के साथ भारत के संबंधों में आई मजबूती
सऊदी अरब से लेकर यूएई सहित तमाम इस्लामिक देशों ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित भी किया। इसके अलावा इस्लामिक देशों के साथ भारत के संबंध भी मजबूत हुए हैं, जिसका नतीजा है कि कश्मीर मसले पर दुनिया भर के देशों ने भारत का साथ दिया।
कश्मीर को अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बनाने में नाकाम रहा पाकिस्तान
जून 2019 में एससीओ सम्मेलन में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान को नजरअंदाज कर प्रधानमंत्री मोदी ने दर्शाया कि आतंक पर ठोस कार्रवाई के बिना वार्ता संभव नहीं। अगस्त में जी-7 सम्मेलन में कश्मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछालने की पाक की कोशिश नाकाम की। कश्मीर को आंतरिक मामला बता साफ किया तीसरे पक्ष के दखल की गुंजाइश नहीं।
विदेशी दौरों में द्विपक्षीय संबंधों को दिया नया आयाम
प्रधानमंत्री मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में अभी तक अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान समेत 13 देशों का दौरा कर चुके हैं। दुनिया की महाशक्तियों के प्रमुखों समेत अपने पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात में द्विपक्षीय संबंधों को नया आयाम देने के साथ ही वह भारत की नीतियों को प्रमुखता से बताने में सफल रहे हैं। इससे दुनिया के तमाम देशों के साथ भारत के संबंध प्रगाढ़ हुए हैं और देश का सिर सम्मान से ऊंचा उठा और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है।
आइए आपको प्रधानमंत्री मोदी की दूसरे कार्यकाल में की गई 13 विदेश यात्राओं की विशेषताओं के बारे में बताते हैं-
प्रधानमंत्री मोदी की तेरहवीं विदेश यात्रा
13-14 नवंबर 2019, ब्राजील
11वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 13 नवंबर को दो दिन की यात्रा पर ब्राजील पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजिलिया में ग्यारहवें ब्रिक्स शिखर बैठक से अलग रूस, ब्राजील और चीन के राष्ट्रपति के साथ बैठक की। उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो को 2020 के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। पीएम मोदी ने भारतीय नागरिकों को ब्राजील की वीज़ा मुक्त यात्रा की स्वीकृति देने के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति के फैसले का भी स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी की बारहवीं विदेश यात्रा
02-04 नवंबर 2019, थाईलैंड
16वां आसियान-भारत समिट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 नवंबर को तीन दिवसीय दौरे पर थाईलैंड पहुंचे। आसियान समिट में आने के लिए पीएम मोदी को थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा ने न्योता दिया था। पीएम मोदी के इस दौरे का उद्देश्य भारत और आसियान देशों के बीच संबंधों को और मजबूती देना था। थाईलैंड दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी 16वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में शामिल हुए और शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इसके अलावा बैंकॉक के निमिबुत्र स्टेडियम में ‘स्वस्दी पीएम मोदी’ कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी की ग्यारहवीं विदेश यात्रा
28- 29 अक्टूबर 2019, सऊदी अरब
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 अक्टूबर को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे। रियाद के किंग खालिद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत गवर्नर फैसल अल सऊद ने किया। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विशेष अतिथि होने के कारण उन्हें किंगडम में ठहराया गया।
29 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भारत-सऊदी अरब काउंसिल बनाने के समझौते पर हस्ताक्षर किए। रणनीतिक साझेदारी के लिए बनी इस काउंसिल की अध्यक्षता भारतीय प्रधानमंत्री और किंग सलमान करेंगे। इसके जरिए सरकार टू सरकार मैकेनिज्म बनाया जाएगा, जो दोनों देशों के बीच विकास, रणनीतिक समझौतों को आगे बढ़ाएगा। सऊदी अरब से पहले भारत ने इस प्रकार का समझौता तीन और देशों के साथ किया है, जिसमें जापान, रूस और अमेरिका शामिल हैं। सऊदी अरब चौथा देश है, जिसके साथ भारत ने ये समझौता किया है।
प्रधानमंत्री मोदी की दसवीं विदेश यात्रा
21- 27 सितंबर 2019, अमेरिका
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में पद ग्रहण करने के बाद पहली बार अमेरिका का दौरा किया। पीएम मोदी 21 से 27 सितंबर तक अमेरिका के दौरे पर रहे। यह दौरा ‘बेहद सफल’ रहा। इस दौरान पीएम मोदी ने जिस तरह से अपनी उपस्थिति दर्ज करायी और दुनिया को संदेश दिया, उससे एक वैश्विक नेता के रूप में उनकी छवि और मजबूत हुई।
अमेरिका के ह्यूस्टन में आयोजित ‘हाउडी मोदी’ के ऐतिहासिक कार्यक्रम में कई परंपराएं टूटीं। ऐसा पहली बार हुआ,जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘साझा प्रतीक चिन्ह’ वाले मंच से भाषण दिया। अमेरिकी प्रेसिडेंट न्यूयॉर्क से बाहर किसी देश के प्रधानमंत्री से मिले। दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों का पहली बार संयुक्त मेगा रैली हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीनेटरों के साथ ऑडिएंस में बैठकर भाषण सुना। इस कार्यक्रम की जहां दुनिया भर में चर्च हुई, वहीं इसने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर भी सकारात्मक असर डाला।
प्रधानमंत्री मोदी की नौवीं विदेश यात्रा
04-05 सितंबर 2019, रूस
ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 4 से 5 सितंबर,2019 तक रूस के दो दिवसीय दौरे पर रहे। रूस और भारत की दोस्ती में 4 सितंबर को उस समय एक नया अध्याय जुड़ा, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच रक्षा से लेकर गगनयान तक 13 बड़े समझौते हुए। रूस ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट ऐंड्रू द अपोस्टल’ देने का ऐलान किया।
प्रधानमंत्री मोदी की आठवीं विदेश यात्रा
25-27 अगस्त 2019, बियारित्ज,फ्रांस
जी-7 के शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 25 अगस्त को फ्रांस पहुंचे। भारत ने जी 7 देशों का सदस्य ना होने के बावजूद इस सम्मेलन में भाग लिया, इसका सबसे बड़ा कारण है फ्रांस और भारत की बढ़ती दोस्ती। प्रधानमंत्री मोदी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के निमंत्रण पर पहुंचे।
प्रधानमंत्री मोदी की सातवीं विदेश यात्रा
23-25 अगस्त 2019, यूएई और बहरीन
कूटनीतिक दृष्टि से भारत के लिए यूएई और बहरीन खाड़ी के दो प्रमुख देश हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन दोनों ही देशों के साथ रिश्तों को और मजबूत करने के लिए यात्रा की। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया। पीएम मोदी को यह सम्मान भारत और यूएई के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए दिया गया।
यूएई की यात्रा के बाद 24 अगस्त प्रधानमंत्री मोदी बहरीन पहुंचे। बहरीन की यात्रा करने वाले नरेन्द्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। 25 अगस्त को क्राउन प्रिंस सलमान बिन हमाद बिन ईसा अल खलीफा से प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की और क्राउन प्रिंस ने उन्हें ‘द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां’ से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री मोदी को ऐसे समय में ये दोनों सम्मान मिले, जब पाकिस्तान कश्मीर से धारा 370 हटाने का विश्व स्तर पर भारत का विरोध कर रहा था।
प्रधानमंत्री मोदी की छठी विदेश यात्र
22 अगस्त 2019, फ्रांस
भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी बहुत ही मजबूत है। फ्रांस ने आतंकवाद की लड़ाई में भारत का विश्व के हर मंच पर साथ दिया है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस की यह यात्रा हर दृष्टि से महत्वपूर्ण रही।
इस दौरान प्रधान मंत्री मोदी की फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत हुई। फ्रांस ने भारत को 36 और राफेल लड़ाकू विमानों को देने का समझौता किया।
प्रधानमंत्री मोदी की पांचवीं विदेश यात्रा
17-18 अगस्त 2019, भूटान यात्रा
भारत की ‘पहले पड़ोस’ की नीति पर काम करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूटान का दो दिवसीय दौरा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान में सिमकोझा जोंग में खरीदारी कर रुपे कार्ड लॉन्च किया। इसके अलावा ‘रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान’ में युवा भूटानी छात्रों को संबोधित किया। दोनों देशों ने अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए 10 समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।
प्रधानमंत्री मोदी की चौथी विदेश यात्रा
27-29 जून 2019, जापान
भारत जापान वार्षिक सम्मेलन
जी-20 शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत-जापान के बीच वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे। इस दो दिवसीय सम्मेलन में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की गई और द्विपक्षीय रिश्तों को कैसे और मजबूत बनाया जाए इस पर भी मंत्रणा हुई। भारत और जापान ने आपस में 75 अरब डॉलर के बराबर विदेशी मुद्रा की अदला-बदली की व्यवस्था का करार किया। यह सबसे बड़े द्विपक्षीय मुद्रा अदला-बदली व्यवस्था समझौतों में से एक है। इस तरह की सुविधा से रुपये की विनिमय दर तथा पूंजी बाजारों में बड़ी स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने ओशाका में जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी विदेश यात्रा
13-14 जून 2019, किर्गिस्तान
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के लिए 13 जून को किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक पहुंचे। लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से दोबारा जीतने के बाद पहले बहुपक्षीय सम्मेलन में भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन से पहले किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सोरोनबे जीनबेकोव से मुलाकात की। SCO समिट के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने बिना नाम लिए आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया।
प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी विदेश यात्रा
09 जून 2019, श्रीलंका
पिछले कुछ सालों में भारत – श्रीलंका के बीच रणनीतिक संबंध स्थापित हुए हैं। इसी सबंध को और प्रगाढ़ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी 9 जून, 2019 को एक दिन के दौरे पर श्रीलंका पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्व के पहले नेता थे, जिसने 21 अप्रैल, 2019 को ईस्टर के दिन कोलंबो के सेंट एटोंनी चर्च में हुए बम धमाकों के बाद श्रीलंका का दौरा किया। यह दौरा मूलरूप से श्रीलंका के साथ आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाना था।
प्रधानमंत्री मोदी की पहली विदेश यात्रा
08 जून 2019, मालदीव
08 जून, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मालदीव की यात्रा पर गए। मालदीव का भारत के लिए महत्व का अंदाजा इस बात से लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी दूसरे कार्यकाल में अपनी पहली विदेश यात्रा पर मालदीव पहुंचे। मालदीव रणनीतिक दृष्टि से भारत के लिए काफी अहम है क्योंकि इसके समुद्री रास्ते से भारत को उर्जा की सप्लाई होती है। वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद सोलेह से पहले मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल में वहां चीन का प्रभुत्व बढ़ गया था, जिससे भारत की सामरिक रणनीति कमजोर हो रही थी। लेकिन नवंबर 2018 में राष्ट्रपति मोहम्मद सोलेह के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत की सामरिक रणनीति एक बार फिर जीवंत हो उठी है।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मालदीव का सर्वोच्च सम्मान ‘रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन’ से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव की संसद मजलिस को भी संबोधित किया। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव को कई सौगातों के अलावा करीब डेढ़ अरब डॉलर की वित्तीय मदद भी दी।