प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी पहल ‘मेक इन इंडिया’ को अब अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के फ्रांस यात्रा के दौरान रक्षा से लेकर कई दूसरे क्षेत्रों के लिए अहम समझौते हुए। इसमें मेक इन इंडिया को लेकर एक बड़ा समझौता हुआ। अब भारत फ्रांस के साथ मिलकर दूसरे देशों के लिए हथियारों और रक्षा सामग्रियों का निर्माण करेगा। भारत का डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) और फ्रांस की साफरान (Safran) कंपनी मिलकर हथियार और जेट इंजन बनाएंगे। इसकी शुरुआत इसी साल से होगी। इससे ना सिर्फ मेक इंडिया को नया आयाम मिलेगा, बल्कि नई तकनीक भी हासिल होगी। प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के अभियान को और गति मिलेगी।
रक्षा सहयोग हमारे संबंधों का एक मज़बूत स्तंभ रहा है।
यह दोनों देशों के बीच गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक है।
Make in India और “आत्मनिर्भर भारत” में फ़्रांस एक अहम पार्टनर है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 14, 2023
भारत में फ्रांस के सहयोग से होगा जेट इंजन का उत्पादन
दरअसल शुक्रवार (14 जुलाई, 2023) को प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रक्षा संबंध हमारे संबंधों के मूल आधार रहे हैं। यह दोनों देशों के बीच गहरे विश्वास का प्रतीक है। फ्रांस मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। आज हम रक्षा के क्षेत्र में भारत में नई टेक्नोलॉजी के सह-उत्पादन व सह-विकास पर बात कर रहे हैं। चाहे वह पनडुब्बी हो या भारतीय नौसेना के जहाज, हम साथ मिलकर न केवल अपनी बल्कि अन्य मित्र देशों की जरूरतों को भी पूरा करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हमारे डिफेंस और स्पेस एजेंसी के बीच सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं हैं। फ्रांस की कंपनियों द्वारा स्पेयर पार्ट्स, हेलीकॉप्टर के लिए इंजन का उत्पादन भी भारत में किए जाने पर हम आगे बढ़ रहे हैं। हम सहयोग को और सशक्त करने पर बल देंगे।
Addressing the press meet with President @EmmanuelMacron. https://t.co/TEY5fBPlTB
— Narendra Modi (@narendramodi) July 14, 2023
DRDO और Safran मिलकर बनाएंगे हथियार और जेट इंजन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश परमाणु ऊर्जा के लिए छोटे व अत्याधुनिक रिएक्टर बनाने में भी सहयोग करेंगे। यह पहला अवसर है, जब भारत और फ्रांस की तरफ से दूसरे देशों के लिए हथियार बनाने की बात सामने आई है। अभी तक रक्षा क्षेत्र में भारत का इस तरह का रिश्ता सिर्फ रूस के साथ रहा है। भारत और फ्रांस के बीच रक्षा क्षेत्र में बढ़ते सहयोग के बीच भारत पेरिस में अपने दूतावास में DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) का एक तकनीकी कार्यालय स्थापित कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने भारतीय मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (आईएमआरएच) कार्यक्रम के तहत जेट इंजन के लिए साफरान हेलीकॉप्टर इंजन (फ्रांस) के औद्योगिक सहयोग का समर्थन किया। आईएमआरएच कार्यक्रम के तहत भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और फ्रांस के साफरान के बीच इंजन विकास के लिए समझौता हुआ।
India to set up the technical office of DRDO (Defence Research and Development Organisation) at its embassy in Paris, announces India-France joint statement. pic.twitter.com/PHD4V32A2T
— Marketing Maverick (@MarketingMvrick) July 15, 2023
Safran और HAL के बीच संयुक्त उद्यम लगाने की हुई थी घोषणा
गौरतलब है कि 5 जुलाई, 2022 को साफरान ने हैदराबाद में 36 मिलियन यूरो के निवेश के साथ उन्नत विमान इंजन के लिए कलपुर्जे बनाने के लिए हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ एक संयुक्त उद्यम लगाने की घोषणा की थी। इसके अलावा फ्रांस के पास पनडुब्बी बनाने में ‘सीज़र ट्रक-माउंटेड होवित्जर’ की क्षमता है जो दक्षता के मामले में पूरी दुनिया भर में सबसे मजबूत मानी जाती है। इस पर पूरी दुनिया का ध्यान है, लेकिन इसे बनाने में दो साल का वक्त लग सकता है। उधर रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी हथियारों पर सवाल उठने के बाद भारत उस पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में फ्रांस के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।