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मोदी सरकार ने कनाडा में रह रहे भारतीयों के लिए जारी की एडवाइजरी, खालिस्तानियों और उनके संरक्षकों को मिलेगा करारा जवाब

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भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। कनाडा सरकार की तरफ से ट्रेवल एडवाइजरी जारी करने के बाद भारत ने भी पलटवार किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की मुलाकात के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रेवल एडवाइजरी जारी की है। इसमें कनाडा में भारतीय नागरिकों और वहां पढ़ रहे छात्रों को उन इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी गई है, जहां खालिस्तानी आतंकी ज्यादा सक्रिय है और हाल में हिंसक घटनाएं घटी हैं। इसी बीच खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से बौखलाए आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दो नए वीडियो जारी कर हिन्दुओं और भारत सरकार को धमकी दी है। इसके अलावा खालिस्तानी संगठनों ने 25 सितंबर को कनाडा में भारतीय उच्चायोग और उसके दूसरे दफ्तरों पर हमला करने का ऐलान किया है। इन धमकियों को देखते हुए भारत सरकार ने करारा जवाब देने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।

भारतीय नागरिकों और छात्रों को सावधानी बरतने की सलाह

भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और धमकियों को देखते हुए भारतीय नागरिक और छात्र यात्रा से पहले सावधानी बरतें। हाल ही में, धमकियों ने विशेष रुप से भारतीय राजनयिकों और भारतीय समुदाय के उन वर्गों को लक्षित किया है, जो भारत विरोधी एजेंडे का विरोध करते हैं। कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग भारतीय समुदाय की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए कनाडाई अधिकारियों के साथ संपर्क में बना रहेगा। कनाडा में भारतीय नागरिकों और भारत के छात्रों को ओटावा में भारतीय उच्चायोग या टोरंटो और वैंकूवर में भारत के महावाणिज्य दूतावासों की वेबसाइटों, या MADAD पोर्टल madad.gov.in के माध्यम से पंजीकरण करना होगा। इसके माध्यम से भारतीय नागरिक अपने देश के उच्चायोग या महावाणिज्य दूतावास से जुड़ सकते हैं और आपातकालीन स्थिति में उन्हें बेहतर मदद मिल सकती है।

कनाडा के हर दुस्साहस का जवाब देने की तैयारी 

मोदी सरकार के एक के बाद एक पलटवार से स्पष्ट हो गया है कि भारत ने अब दूसरा पाकिस्तान बन चुके कनाडा के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। अगर कनाडा सरकार या खालिस्तानियों की तरफ से भारत विरोधी कोई भी हरकत होती है,तो भारत भी उसको उसी की भाषा में जवाब देगा। संसद के विशेष सत्र के दौरान आज सुबह (20 सितंबर, 2023) विदेश मंत्री एस. जयशंकर और प्रधानमंत्री मोदी के बीच संसद भवन में बातचीत हुई। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दोनों के बीच कनाडा से बढ़े तनाव और इस मामले में भारत सरकार का अगला कदम क्या होगा, इस पर भी बात हुई। इससे पहले खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने के आरोप और भारतीय राजनयिक के निष्कासन के बाद मोदी सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। जैसे को तैसा वाला ऐक्शन लेते हुए कनाडा के भी एक राजनयिक को देश से बाहर कर दिया। इस तरह मोदी सरकार ने अपना इरादा स्पष्ट कर दिया है कि कनाडा में चल रही खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर वो काफी गंभीर है और देश की संप्रभुता की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाने के लिए तैयार है। 

भारत की सख्ती से अधर में लटका कनाडा के साथ व्यापार वार्ता  

कनाडा की संसद में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडों ने भारत पर आरोप लगाकर व्यापार वार्ता को पटरी से उतार दिया है। भारत खालिस्तानी गतिविधियों को व्यापार के रास्ते में बाधा नहीं बनने देना चाहता था, लेकिन अब मोदी सरकार ने इस मामले में अपने सख्त रूख से कनाडा को अवगत करा दिया है। भारत सरकार के अधिकारियों के मुताबिक 2025 में समाप्त होने वाले ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान बातचीत होना संभव नहीं होगा। गौरतलब है कि व्यापार वार्ता काफी समय से चल रही थी। दोनों पक्षों ने बातचीत को तेज कर दिया था और 2023 के आखिरी तक डील पूरी करने की उम्मीद कर रहे थे। इस बीच ट्रूडो के आरोप ने व्यापार वार्ता को अधर में लटका दिया है। वहीं इस व्यापार समझौता से भारत को सीमित लाभ होने वाला है। इसकी वजह से भारत भी इस वार्ता को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं है।

निज्जर की हत्या से डरे खालिस्तानी, बचाने में लगी कनाडा सरकार

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से खालिस्तानियों में दहशत है। पिछले कुछ महीनों में खालिस्तान समर्थक 3 खूंखार आतंकवादियों की मौत हो चुकी है। इसलिए खालिस्तानी आतंकी कनाडा सरकार की मदद से बचने की कोशिश कर रहे हैं। खालिस्तानियों की बैसाखी पर चल रही ट्रूडो सरकार उनके दबाव में आकर संसद में भारत पर आरोप लगाया और भारतीय राजनयिक को निष्कासित किया। दरअसल न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के 24 सांसद ट्रूडो सरकार को समर्थन दे रहे हैं। इस पार्टी का मुखिया खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह हैं,जो 2017 से बर्नबे से सांसद है। अपनी सरकार बचाने और खालिस्तान समर्थक पार्टी के दबाव में प्रधानमंत्री ट्रूडो ने भारत के साथ टकराव का रास्ता अख्तियार किया हैं। यहां तक कि वह खालिस्तान समर्थकों पर कोई भी कड़ी टिप्पणी करने से बचते रहे हैं और उसे अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में बचाव कर रहे हैं। अब कनाडा सरकार खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को सुरक्षा दे रही है। पन्नू इतना डरा हुआ है कि अपने साथ बॉडीगार्ड लेकर चल रहा है।

पन्नू को सता रहा मौत का डर, वीडियो जारी कर दे रहा धमकी

भारतीय सुरक्षा एजेंसियां विदेश में रह रहे खालिस्तानियों पर बड़े एक्शन की तैयारी में हैं। एनआईए ने छह देशों में फैले खालिस्तानी आतंकी आकाओं की लिस्ट तैयार की है। आईबी, एनआईए और राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर सुरक्षा एजेंसियों ने डोजियर तैयार किया है। इसमें खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू भी शामिल है, जो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है। इसके बढ़ते दुस्साहस ने भारत को सख्त कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया है। पिछले दो दिनों में पन्नू ने दो वीडियो जारी कर भारत सरकार और कनाडाई हिन्दुओं को धमकाने की कोशिश की है। पहले वीडियो में उसने कहा कि हिन्दुओं का देश भारत है और वे कनाडा को छोड़कर इंडिया लौट जाएं। कनाडा में वहीं सिख रहेंगे, जो खालिस्तान के समर्थक है। खालिस्तानी कनाडा के साथ हर समय खड़े हैं, यहां के संविधान को मानते हैं। आतंकी पन्नू ने कहा कि कनाडा के संविधान के अनुसार भी हिन्दू यहां पर नहीं रह सकते हैं। उनका देश भारत है। उन्हें यहां रहने के लिए अपना धर्म बदलना होगा।

कनाडा की गोद में बैठ कर पन्नू की गीदड़भभकी

दूसरे वीडियों में खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने 25 सितंबर को वैंकूवर, ओटावा और टोरंटो में भारतीय दूतावास बंद करने की धमकी दी है। इस के साथ ही एसएफजे ने डेथ ऑफ इंडिया यानी भारत मुर्दाबद अभियान भी शुरू करने की बात कही है। आतंकी पन्नू ने कहा है कि उसका संगठन 25 सितंबर को ग्लोबल लेवल “डेथ टू इंडिया – बाल्कनाइज” कैंपेन शुरू करेगा। कनाडा की गोद में बैठक कर पन्नू गीदड़भभकी दे रहा है। उससे मोदी सरकार डरने वाली नहीं है। गुरपतवंत सिंह पन्नू जितना बोलेगा कनाडा की मुश्किलें उतनी बढ़ेंगी। भारत सरकार के लगातार आग्रह के बावजूद कनाडा सरकार खालिस्तानियों को संरक्षण दे रही है और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर आंखें मूंदें बैठी है। अब भारत को दुनिया के सामने कनाडा का दोहरा चरित्र सामने लाना आसान हो जाएगा। कनाडा एक तरफ मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी की बात करता है, वहीं दूसरी ओर आतंकियों का बचाव करता है।  

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