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जस्टिन ट्रूडो तो मोहरा है! खेल दो ताकतों के बीच, एक भारत को जलाना चाहता है, दूसरा भारत को बचाना चाहता है

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 सम्मेलन में शामिल होने आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को कनाडा में खालिस्तानियों के प्रदर्शन पर रोक न लगाने के लिए फटकार लगाई थी। जी-20 सम्मेलन के दौरान भी उन्हें अलग-थलग ही देखा गया। उसके बाद कहा गया कि उनका विमान खराब हो गया जिससे वे भारत में दो दिन तक फंसे रहे। लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है। ट्रूडो के विमान में ड्रग्स पाया गया था, जिसकी वजह से उनके विमान को रोका गया था। जी-20 सम्मेलन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर ने लिखा था- Modi scolds Trudeau over Sikh protests in Canada. इतना कुछ होने के बाद जब ट्रूडो स्वदेश लौटे तो वहां उनकी काफी किरकिरी हुई। यही वजह है कि इन मुद्दों से ध्यान भटकाने और तीसरी बार कनाडा के पीएम बनने के लिए आतंकवाद के समर्थन का सहारा लिया है। अभी भी उनकी सरकार खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह की न्‍यू डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थन से चल रही है। दुनिया के बड़े देश जस्टिन ट्रूडो को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की तरह गंभीरता नहीं लेते हैं। ये दोनों ही अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस के पिट्ठू हैं। इससे साफ होता है कि ट्रूडो का भारत के खिलाफ दिया गया बयान केवल बदनाम करने के लिए दिया गया है। यानि अब यह खेल दो ताकतों के बीच चल रहा है एक वो जो भारत को जलाना चाहता है और दूसरा वो जो भारत को बचाना चाहता है।

जार्ज सोरोस भारत को जलाना चाहता है
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के एजेंट के तौर पर काम करने वाले अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस ने फरवरी 2023 में म्यूनिख सिक्योरिटी काउंसिल में कहा था कि भारत लोकतांत्रिक देश है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लोकतांत्रिक नहीं हैं। उनके तेजी से बड़ा नेता बनने की अहम वजह मुस्लिमों के साथ की गई हिंसा है। जॉर्ज सोरोस काफी समय से पीएम मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए भारत में फंडिंग कर रहा है। बीबीसी डॉक्यूमेंटरी हो, अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट हो, मणिपुर हिंसा हो, हर चाल चली गई लेकिन दाल नहीं गली। खालिस्तान के नाम पर पंजाब में अमृतपाल सिंह को खड़ा किया गया लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने उसे भी कुचल दिया। जॉर्ज सोरोस ने अब पीएम मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाने और भारत को बदनाम करने के लिए अपने पिट्ठू जस्टिन ट्रूडो का सहारा लिया है। लेकिन पीएम मोदी को सत्ता से बेदखल करने का उसका ख्वाब अधूरा ही रहेगा क्योंकि भारतीय जनता ने अपने प्रधानमंत्री को दिल में बसा लिया है।

पीएम मोदी भारत को बना रहे आत्मनिर्भर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले नौ सालों के शासन में भारत को बैलेंसिंग पावर से आगे निकलकर एक बड़ी ताकत बनने की दिशा में अग्रसर किया है। उनके नेतृत्व में भारत पांचवीं अर्थव्यवस्था बना है और तीसरी बनने की ओर अग्रसर है। पीएम मोदी ने अपनी सभ्यता और संस्कृति की ‘सॉफ्ट पावर’ का भी भरपूर इस्तेमाल किया है। योग, अध्यात्म और विरासत स्थलों जैसी सॉफ्ट पावर को वैश्विक मान्यता दिलाकर भारत का रसूख़ बढ़ाया है और भारत का खोया हुआ सांस्कृतिक गौरव वापस दिलाया है। आज भारत तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है और हर सेक्टर में उत्पादन बढ़ा रहा है। जिससे पश्चिमी देश हिले हुए हैं कि उनका सामान अब भारत नहीं लेगा। यही वजह है कि वे भारत के विकास को किसी भी तरह से रोकना चाहते हैं और पीएम मोदी को सत्ता से बेदखल करना चाहते हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता 140 करोड़ देशवासियों के मन में क्या चल रहा है। उनके मन में एक ही मंत्र है- मोदी है तो मुमकिन है। और इसीलिए 2024 में आएंगे तो मोदी ही।

टॉप आतंकी निज्जर की मौत का मामला उठाकर उल्टा फंसे ट्रूडो
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ओटावा के हाउस ऑफ कॉमंस में भारत सरकार और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच कनेक्शन की बात कही है। जस्टिन ट्रूडो जिस हरदीप निज्जर के समर्थन में दिख रहे हैं, वे देश के 40 टॉप आतंकियों की सूची में शामिल रहा है। भारत ने उस पर 10 लाख का इनाम घोषित किया था। हरदीप निज्जर की तीन महीने पहले जून 2023 को कनाडा में हत्या कर दी गई थी। जिस आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री भारत से नाराजगी दिखा रहे हैं, वे खालिस्तानी टाइगर फोर्स (KTF) का सरगना था। इस KTF के सदस्यों ने ही साल 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की थी। KTF को उग्रवादी जगतार सिंह तारा ने बनाया था और इस संगठन को आज तक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI समर्थन कर रही है।

FATF को कनाडा के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के मुताबिक, निज्जर एक कनाडाई नागरिक था जिसे भारत ने कनाडा में मरवा दिया। नीचे वीडियो में देखिए जिसमें भारत का मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी निज्जर असॉल्ट राइफल लहराते हुए दूसरे आतंकियों को ट्रेनिंग देता नजर आ रहा है। जस्टिन ट्रूडो ने खुद कहा है कि निज्जर कनाडाई नागरिक थे। तो क्या FATF को “एक नामित आतंकवादी को नागरिकता देने और भारत के खिलाफ अलगाववाद फैलाने” के लिए कनाडा के खिलाफ कार्रवाई करके उसे काली सूची में नहीं डाल देना चाहिए?


कनाडा पीएम के विमान में मिला ड्रग्स
सूत्रों के अनुसार, कनाडाई पीएम ट्रूडो की हालिया भारत यात्रा उनके लिए निराशाजनक साबित हुई। उनके काफिले के कनाडाई विमान को बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं के मिलने के कारण प्रस्थान से इनकार का सामना करना पड़ा, जिससे घटना में नशीली दवाओं के होने की बातों को बल मिला। कथित तौर पर हवाई अड्डे के खोजी कुत्तों ने ट्रूडो के विमान में बड़ी मात्रा में ड्रग्स का पता लगाया, जिसके कारण उनका प्रस्थान रद्द कर दिया गया।

कनाडाई पीएम चला रहे खालिस्तान मूवमेंट
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तान आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ बताने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव हद से ज्यादा बढ़ गया है। पहले कनाडा सरकार ने भारत के राजनयिक पवन कुमार राय को निष्कासित किया और अब भारत ने भी दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायोग से एक सीनियर राजनयिक को निष्कासित करने का फ़ैसला किया है। जस्टिन ट्रूडो का मानना ​​है कि भारतीय एजेंटों ने कनाडा में खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी। खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर भारत में हत्याओं में शामिल था। इस साल जून में अज्ञात लोगों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब कनाडाई पीएम उसका पक्ष लेकर खालिस्तान मूवमेंट चला रहे हैं। इसे भारत कभी स्वीकार नहीं करेगा।


ट्रूडो के भारत पर आरोप बेतुके
ट्रूडो इस समय खालिस्‍तान के समर्थन से ही सरकार में बैठे हैं और ऐसे में वह जानते हैं कि अगर सत्‍ता में बने रहना है तो खालिस्‍तानियों को खुश करना पड़ेगा। ट्रूडो के भारत पर आरोप काफी बेतुके हैं। लेकिन उन्‍हें लगता है कि इन्‍ही आरोपों की वजह से उन्‍हें अगले चुनावों में कई खालिस्तान समर्थक भारतीय-कनाडाई नागरिकों के वोट भी हासिल होंगे। ट्रूडो के इन बेबुनियादी आरोपों ने दोनों देशों के बीच पहले से ही अस्थिर द्विपक्षीय संबंधों को और खराब कर दिया है। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा है कि कनाडा में भारत के इंटेलीजेंस हेड को इसके चलते निकाल दिया गया है।

भारत ने दिया सख्त जवाब, कहा- ट्रूडो के आरोप झूठे
भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘भारत कनाडा के आरोपों को खारिज करता है। हमने उनकी संसद में कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान को देखा है और उनके विदेश मंत्री के बयान को भी खारिज किया है। कनाडा में हिंसा के किसी भी काम में भारत सरकार की भागीदारी के आरोप बेतुके और प्रेरित हैं।’ विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ‘हम कानून के शासन के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता वाले एक लोकतांत्रिक राजनीतिक देश हैं।’

भारत के कड़े रुख के बाद ट्रूडो ने कहा- हम भारत को उकसाना नहीं चाहते
कनाडा के पीएम के बयान पर भारत की तरफ से भी कड़े रुख अख्तियार कर जवाब दिया गया। इसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का एक और बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि उनका देश अपने एजेंटों को खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े होने का सुझाव देकर भारत को उकसाने की कोशिश नहीं कर रहा है, लेकिन ओटावा चाहता है कि नई दिल्ली इस मुद्दे को ठीक से देखे। उन्होंने कहा, “भारत सरकार को इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेने की जरूरत है। हम ऐसा कर रहे हैं, हम उकसाने या इसे आगे बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।” इस मामले पर भारत सरकार पहले ही कनाडाई सरकार के आरोपों को बेतुका बता कर खारिज कर चुकी है।


ट्रूडो ने कनाडा से लौटाए डिप्लोमैट का नाम लीक कर दिया
कनाडा की संसद में पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या का आरोप जिस अफसर पर लगाया, प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए उस अधिकारी का नाम लीक कर दिया। ये IPS अधिकारी पवन कुमार राय हैं। जो कनाडा में RAW के लिए काम कर रहे थे। कनाडा को भारतीय डिप्लोमैट का नाम नहीं लीक करना चाहिए था, इससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई। इसके बाद भारत सरकार ने पीके राय के लिए सुरक्षा मांगी है। पवन कुमार राय 1997 बैच के पंजाब कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अफसर हैं। वह पंजाब में तरनतारन, जालंधर और अमृतसर में एसएसपी रह चुके हैं। राय को हाइटेक प्रोफेशनल तरीके से काम करने के लिए जाना जाता है। राय पहले अफसर थे, जिन्होंने पंजाब में ड्राई और केमिकल के नशे को सबसे पहले पहचाना और 2009-10 में तरनतारन के एसएसपी रहते इसके खिलाफ एक्शन लिया।

खालिस्‍तान के समर्थन से ही सरकार में बैठे हैं ट्रूडो
कनाडा में साल 2019 में आम चुनाव हुए थे और इन चुनावों में ट्रूडो बड़ी मुश्किल से जीत सके थे। जीतने के बाद भी वह सरकार बनाने में असफल थे। ट्रूडो की लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा को 157 सीटें मिलीं थी। जबकि विपक्ष की कंजरवेटिव पार्टी को 121 सीटें हासिल हुई थीं। सरकार बनाने के लिए ट्रूडो को 170 सीटें चाहिए थी। ये सीटें और पीएम की कुर्सी अगर उन्‍हें कोई दिला सकता था, तो वह थी जगमीत सिंह वाली न्‍यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) जिसे 24 सीटें मिली थीं। इन सीट्स के साथ ही जगमीत सिंह कनाडा में बिल्‍कुल हीरो से बन गए थे। जगमीत, खालिस्‍तान आंदोलन के बड़े समर्थक हैं।

खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू ने दी हिंदुओं को जान से मारने की धमकी
खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) ने कनाडा में भारतीय मूल के हिंदुओं को जान से मारने की धमकी दी है और उन्हें देश छोड़ने के लिए कहा है। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा से दो मिनट का एक नया वीडियो जारी किया है जिसमें 25 सितंबर को ओटावा, वैंकूवर और टोरंटो में भारतीय मिशनों पर हमला करने की धमकी दी गई है और भारतीय पीएम मोदी को भी धमकी दी गई है और “भारत को मौत” और “भारत के विभाजन” का आह्वान किया गया है। लेकिन ट्रूडो सरकार ने इस आतंकवादी को गिरफ्तार करने के बजाय उसे कनाडाई सुरक्षा प्रदान की है। अगर कोई निर्दोष व्यक्ति मरता है तो इसकी जिम्मेदारी कनाडा के प्रधानमंत्री की होगी।


भारत ने कनाडा में भारतीय नागरिकों एडवाइजारी जारी की
विदेश मंत्रालय ने कहा, ”कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और घृणा अपराधों और आपराधिक हिंसा को देखते हुए, वहां मौजूद सभी भारतीय नागरिकों और यात्रा पर विचार करने वाले लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया जाता है। हाल ही में, खतरों ने विशेष रूप से भारतीय राजनयिकों और भारतीयों के वर्गों को निशाना बनाया है। इसलिए भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे कनाडा के उन क्षेत्रों और संभावित स्थानों की यात्रा करने से बचें जहां ऐसी घटनाएं देखी गई हैं।”

कनाडा में करीब 18 लाख प्रवासी भारतीय
कनाडा की कुल आबादी में भारतीय प्रवासियों का हिस्सा करीब 6-7 फीसदी है। लगभग 18 लाख प्रवासी भारतीय कनाडा में रहते हैं जिसमें सिखों और पंजाबियों की संख्या सबसे ज्यादा है। इनमें से कई दशकों पहले वहां जाकर बस गए हैं और संपन्न बिजनेस चला रहे हैं और कई राजनीति में भी हैं जो शांतिपूर्वक जीवन यापन कर रहे हैं। वहां खालिस्तान का समर्थन करने वाले सिखों की संख्या मुट्ठीभर है।

खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह को नाराज नहीं कर सकते ट्रूडो
जगमीत सिंह की पार्टी का समर्थन ट्रूडो के लिए काफी जरूरी है। कनाडा के पीएम जगमीत को नाराज नहीं कर सकते हैं क्‍योंकि उनके साथ ट्रूडो की पार्टी हमेशा सत्‍ता में रह सकती है। जगमीत वह शख्‍स है जो कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों को पनाह दे रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं वह अमेरिका में भी भारत विरोधी आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है, खासकर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से। इस साल मार्च के महीने में जैसे ही पंजाब में खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह पर मामला गरमाया तो जगमीत सिंह अमृतपाल के समर्थन के लिए ट्रूडो का दरवाजा खटखटाने पहुंच गए थे। ट्रूडो के समर्थन से सुरक्षित जगमीत सिंह भारत के खिलाफ और खालिस्तानी मुद्दे के समर्थन में आगे बढ़ते जा रहे हैं।


मलिक की हत्या बनी निज्जर की मौत का कारण
सूत्रों के मुताबिक, 80 के दशक में कुख्यात आतंकी रहे रिपुदमन मलिक की हत्या ही निज्जर की मौत का कारण बनी। मलिक पर एयर इंडिया की फ्लाइट AI-182 को उड़ाने की साजिश में शामिल होने का आरोप था। NIA को मिले इनपुट्स के आधार पर बात सामने आई कि निज्जर को किसी और ने नहीं, बल्कि रिपुदमन मलिक के समर्थकों ने ही मारा। यह दो खालिस्तानी संगठनों की आपसी दुश्मनी का नतीजा था।

अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा- हत्या का कनेक्शन भारत से जोड़ना शर्मनाक
हडसन इंस्टीट्यूट थिंक टैंक में रखी गई एक पैनल चर्चा में हिस्सा लेते हुए अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में विशेषज्ञ माइकल रुबिन ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ट्रूडो का खालिस्तानी आतंकी की हत्या का कनेक्शन भारतीय सरकार के एजेंटों से जोड़ने का कदम शर्मनाक और निंदनीय है। उन्होंने अमेरिकी सरकार से अपील की कि वह इस मामले में कनाडा का साथ न दे। माइकल रुबिन ने कहा कि ट्रूडो अभी उन लोगों के हाथों का मोहरा बने हैं जो खालिस्तानी आंदोलन को अहंकार और फायदे के आंदोलन के तौर पर देखते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रूडो के इस शर्मनाक कदम में जो सबसे चौंकाने वाली बात है कि जहां एक तरफ वे खालिस्तानी की हत्या पर बयान दे रहे हैं, वहीं पाकिस्तान की मदद से करीमा बलूच की हत्या एक पुलिस का मामला बन कर रह गई और उसे प्रधानमंत्री कार्यालय तक भी नहीं पहुंचाया गया।


जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानियों को थाली में सजाकर भारत को सौंप दिया
जस्टिन ट्रूडो का संसद में बयान ऐसा ही है जैसे खालिस्तानियों को थाली में सजाकर भारत को सौंपना। अब भारत को खालिस्तानी आतंकवादियों को हर मोड़ पर रोकना चाहिए, जैसे कि भारत में उनके वित्त, उनकी संपत्तियों, उनके बैंक खातों और यहां तक ​​​​कि कनाडा से धन प्राप्त करने वाले उनके रिश्तेदारों – सब कुछ अब एनआईए स्कैनर के तहत होना चाहिए और ब्लॉक किया जाना चाहिए। खालिस्तानी आतंकी झुकाव वाले और सहानुभूति रखने वाला कोई भी व्यक्ति भारत छोड़कर कनाडा नहीं जा सकेगा।

कनाडा को व्यापार में होगा अरबों का नुकसान
भारत और कनाडा के बीच वित्त वर्ष 2021-22 में 7 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 के शुरुआती छह महीनों में ही दोनों देशों के बीच 8.16 अरब डॉलर का व्यापार हो चुका है। हालांकि G20 समिट के तुरंत बाद भारत और कनाडा के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चल रही बातचीत रुक गई है। मौजूदा तल्खी अगर लंबी खिंचती है तो दोनों देशों के बीच होने वाला कारोबार प्रभावित हो सकता है।

कनाडा में पंजाबी किसान होंगे प्रभावित
कनाडा के एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर और डेयरी फार्मिंग सेक्टर में पंजाबियों का पूरी तरह दबदबा है। कनाडा से खेती और बागबानी से जुड़े उत्पाद भारत सप्लाई होते हैं। अब अगर संबंध बिगड़ते हैं तो इसका सीधा असर कारोबार पर पड़ेगा। नवंबर-2017 में भारत सरकार ने पीली मटर के इंपोर्ट पर अंकुश लगाने के लिए इस पर लगने वाले टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। इसका कनाडा में खेती करने वालों पर बुरा असर पड़ा और उन्हें अपना उत्पाद काफी कम कीमत पर पाकिस्तान को भेजना पड़ा।

कनाडा में पढ़ रहे 60 हजार भारतीय छात्र, कनाडा को होगा अरबों का नुकसान
कनाडा में इस समय पंजाब के तकरीबन एक लाख 60 हजार स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। ये सब स्टडी वीजा पर वहां गए हैं। अकेले पंजाब से हर साल औसतन 50 हजार युवा पढ़ने के लिए विदेश जाते हैं। ये नौजवान कनाडा और दूसरे देशों में पढ़ाई के साथ-साथ अपना खर्चा निकालने के लिए वहां छोटा-मोटा काम भी कर लेते हैं। यदि प्रति स्टूडेंट 25 लाख रुपए भी फीस मानी जाए तो हर साल अकेले पंजाब से करीब 12,500 करोड़ रुपए विदेश जाते हैं। यह रकम वीजा फीस, कॉलेज फीस और विदेश में रहने के बदले में चुकाए जाने वाले टैक्स के रूप में भरी जाती है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा कनाडा को ही मिलता है। कनाडा कभी नहीं चाहेगा कि उसकी यह इनकम खत्म हो।

ये नया भारत है, एक-एक कर मरते जा रहे खालिस्तानी
बीते कुछ समय से खालिस्तानी दोबारा एक्टिव होते जा रहे हैं। कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थकों ने अपनी आवाज को बुलंद किया है। इसी बीच 2 सालों में कई खालिस्तानियों की मौत हुई। कुछ की हत्या हुई, कोई बीमारी से मरा। यह नया भारत है, ​​भारत के दुश्मन जहां कहीं भी हो उसका खत्म होना निश्चित है, चाहे वे कहीं भी छिपे हों। एक तरह से ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाकर भारत के सामर्थ्य को दुनिया के सामने रख दिया है कि अब भारत देश के दुश्मनों को दूसरे देशों में भी ढूंढ़कर निपटाने में सक्षम है।

♦ 19 मार्च- खालिस्तानियों ने लंदन में उच्चायोग से भारतीय तिरंगे को उतार दिया। खालिस्तानियों को लगा कि पहले की भारतीय सरकारों की तरह यह सरकार भी इसे नजरअंदाज करेगी। लेकिन, पीएम मोदी ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो भारतीय उच्चायोग से भारतीय ध्वज को उतारते हुए देखकर चुपचाप बैठ सकें।
♦ 6 मई- खालिस्तान कमांडो फोर्स के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार की पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या।
♦ 16 जून- अवतार सिंह खांडा की ब्रिटेन के एक अस्पताल में संदिग्ध जहर के कारण मृत्यु हो गई।
♦ 19 जून- खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या।
♦ जुलाई’22- बब्बर खालसा के सदस्य और 1985 एयर इंडिया बम विस्फोट के आरोपी रिपुदमन सिंह मलिक की ब्रिटेन में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
♦ 20 फरवरी- मोहाली में पंजाब पुलिस मुख्यालय पर 2021 आरपीजी हमले के आरोपी हरविंदर सिंह संधू की पाकिस्तान के एक अस्पताल में नशीली दवाओं के ओवरडोज़ से मृत्यु हो गई।

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