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बड़ा खुलासा : मेड इन चाइना है ‘न्यूज क्लिक’ मीडिया, चीनी फंडिंग पर पलते हैं पत्रकार, मोदी सरकार और भारत के खिलाफ करते हैं प्रोपेगेंडा

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चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और भारत की कांग्रेस पार्टी के बीच का रिश्ता जगजाहिर है। सबको पता है कि दोनों के बीच एक गुप्त MOU हुआ है। हालांकि MOU किस बात को लेकर हुआ है यह आज तक सार्वजनिक नहीं हो सका है, लेकिन कांग्रेस के अघोषित अध्यक्ष राहुल गांधी जिस तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय संस्थाओं, सेना और उद्योगपतियों के खिलाफ बोलते हैं, उससे लगता है वो चीन की गोद में बैठकर उसकी भाषा बोल रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि भारत में कुछ मीडिया हाउस और एनजीओ है, जो राहुल गांधी के साथ सुर में सुर मिलाते नजर आते हैं। इनके मुद्दे, स्क्रिप्ट, टूलकिट और समय में समानता और प्रोपेगेंडा की एकरूपता देखकर पहले से आशंका व्यक्त की जा रही थी इस पूरे इकोसिस्टम को भारत के बाहर बैठी कोई बड़ी शक्ति ऑपरेट कर रही है। अब अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट ने इस पूरे इकोसिस्टम का पर्दाफाश कर भारत में सियासी हलचल पैदा कर दी है। रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है कि ये पूरा इकोसिस्टम चीनी फंडिंग से संचालित होता है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और भारत के खिलाफ अभियान चलाता है।

न्यूजक्लिक जैसी मीडिया संस्था को चीन से मिले 38 करोड़ रुपये 

दरअसल सोमवार (7 अगस्त, 2023)को लोकसभा में उस समय जबरदस्त हंगामा हुआ जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पार्टियों, मीडिया और टुकड़े-टुकेड़ गैंग के गठजोड़ पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि न्यूज क्लिक जैसी मीडिया संस्था को 38 करोड़ रुपये मिले हैं। इस रिपोर्ट में ईडी ने जो खुलासा किया था, वहीं बताया गया है। उन्होंने कहा कि न्यूज क्लिक टुकड़े-टुकड़े गैंग का हिस्सा और यह भारत को खंडित करना चाहता है। इसका मालिक पुरकायस्थ है, जिसका नक्सलियों से संबंध बताए जाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत और मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए चीन कांग्रेस, मीडिया संस्थान और पत्रकारों को फंडिंग कर रहा है। निशिकांत दुबे ने सरकार से ऐसे पत्रकारों और मीडिया संस्थानों पर पाबंदी लगाने के साथ ही कांग्रेस के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की।

चीन के इशारे पर काम करते हैं कांग्रेस और कुछ पत्रकार  

इस दौरान निशिकांत दुबे ने कुछ भारतीय पत्रकारों का नाम लेते हुए उन पर चीन से पैसे लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अभिसार शर्मा, रोहिणी सिंह और स्वाति चतुर्वेदी जैसे पत्रकारों को मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए चीन फंडिंग कर रहा है। निशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस चीन के साथ मिलकर भारत को टुकड़े-टुकड़े करना चाहती है। इन पत्रकारों के साथ मिलकर देश में विघटनकारी माहौल बनाना चाहती है। उन्होंने कांग्रेस को चीन से हो रही फंडिंग की जांच करने और दोषी पाये जाने पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि 2005 से लेकर 2014 तक चीन सरकार ने कांग्रेस को पैसा दिया, जिसका एफसीआरए लाइसेंस भारत सरकार ने रद्द किया। 2008 ओलंपिक के दौरान सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने चीन का दौरा किया। 2017 में डोकलाम विवाद हुआ तो राहुल गांधी चीनी अधिकारियों से गुप्त मुलाकात करने में लगे थे।

कांग्रेस, चीन, न्यूज़ क्लिक भारत विरोधी गर्भनाल का हिस्सा – अनुराग ठाकुर

बीजेपी सांसद निशिकांत दुब के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी चीनी फंडिंग का मुद्दा उठाया। उन्होंने कांग्रेस पर चीन के साथ मिलकर देश विरोधी एजेंडा चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस, चीन और न्यूज़ क्लिक एक गर्भनाल का हिस्सा हैं। राहुल गांधी की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान साफ देखा जा सकता है। अनुराग ठाकुर ने इंडिया गठबंधन पर हमला करते हुए कहा कि इस गठबंधन के नेता और उसके पोषित और समर्थक लोग कभी भारत का हित नहीं सोच सकते हैं। ये भारत को कमजोर करने के लिए अभियान चलाते रहते हैं। नेविल राय और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के संबंधों को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट की ओर इशारा करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस रिपोर्ट ने हमारे आरोपों की पुष्टि कर दी है। जिनके बारे में कांग्रेस बड़ी-बड़ी बातें करती थीं।

नेविल राय सिंघम के जरिए न्यूज क्लिक को फंडिंग

अनुराग ठाकुर ने न्यूज क्लिक वेबसाइट का जिक्र करते हुए कहा कि इस वेबसाइट के जरिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का प्रोपेगेंडा चलाया जाता है। चीन की ग्लोबल मीडिया संस्थान से इसकी फंडिंग हुई है। 2021 में जब न्यूज क्लिक वेबसाइट के ऊपर ईडी की रेड हुई तो सामने आया कि एक विदेशी नेविल राय सिंघम ने इसकी फंडिंग की थी। अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि नेविल राय को चीन फंडिंग करता है और उसका संबंध चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के साथ है। ये लोग मिलकर एंटी इंडिया और ब्रेक इंडिया कैंपेन चलाते हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि चाइनीज कंपनियां नेविल राय सिंघम के जरिए न्यूज क्लिक को फंडिंग कर रही थी, लेकिन कुछ लोग भारत में उनके सेल्समैन बन गए थे। चीन के नैरेटिव को बनाने के लिए स्वतंत्र मीडिया के नाम पर फेक न्यूज परोसी जा रही थी। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर इनका बचाव कर रहे थे। मीडिया से बात करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस का हाथ न्यूज क्लिक के साथ, न्यूज क्लिक के ऊपर चीन का हाथ है। 

“ए ग्लोबल वेब ऑफ चाइनीज़ प्रोपेगेंडा लीड्स टू ए यूएस टेक मुगल”

कांग्रेस, न्यूज़क्लिक और चीन का नेक्सस भारत में किस तरह काम करता है और भारत को लेकर इनके कितने खतरनाक इरादे हैं, इसका खुलासा न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी उस रिपोर्ट से हुआ है, जिसका शीर्षक है- ए ग्लोबल वेब ऑफ चाइनीज़ प्रोपेगेंडा लीड्स टू ए यूएस टेक मुगल। न्यूयॉर्क टाइम्स की खोजी पत्रकारिता ने भारत में फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर किस तरह एजेंडा चलाया जाता है, उसकी परत दर परत खोलकर बता दिया है कि अपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ के लिए कांग्रेस किस तरह देश विरोधी ताकतों के इशारों पर काम कर रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने शिकागो से शंघाई तक फैले एक वित्तीय नेटवर्क की गहराई से पड़ताल की। इस पड़ताल में नेविल राय सिंघम का नाम सामने आया जो एक चीनी स्लीपर सेल के रूप में अमेरिका में काम कर रहा था। सिंघम धुर-वामपंथी हितों के समाजवादी हितैषी के रूप में जाना जाता है। सिंघम के नेटवर्क की जांच से पता चला कि कैसे दुष्प्रचार ने मुख्यधारा की खबरों को प्रभावित किया, क्योंकि उसके समूहों ने चीन समर्थक संदेशों को बढ़ावा देने के लिए वीडियो बनाए और यूट्यूब चैनलों के जरिए उनको प्रसारित किया।

चीनी स्लीपर सेल के रूप में अमेरिका में काम कर रहा था नेविल राय सिंघम

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि 69 वर्षीय सिंघम खुद शंघाई में बैठते हैं, जहां उनके नेटवर्क का एक आउटलेट शहर के प्रचार विभाग द्वारा वित्त पोषित एक यूट्यूब शो का सह-निर्माण कर रहा है। दो लोग एक चीनी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ये सभी प्लेटफॉर्म दुनिया के लिए चीनी आवाज के रूप में काम करते हैं। दावा तो यहां तक किया गया है कि पिछले महीने सिंघम एक कम्युनिस्ट पार्टी के वर्कशॉप में शामिल हुए थे, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को बढ़ावा देना था। हालांकि सिंघम दावा करते हैं कि वह चीनी सरकार के निर्देश पर काम नहीं करते हैं। लेकिन उनके प्रचार तंत्र में कई ऐसी चीजें हैं, जो उनके चीनी सरकार के साथ काम करने की ओर इशारा करती है।

कौन है नेविल राय सिंघम ?

नेविल राय सिंघम श्रीलंकाई मूल का अमेरिकी कारोबारी हैं। 1954 में जन्में नेविल राय सिंघम खुद को कारोबारी और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सिंघम जाने माने कम्युनिस्ट प्रोफेसर आर्चीबाल्ड सिंघम के बेटे हैं। आर्चीबाल्ड सिटी यूनिवर्सिटी, ब्रुबकलिन कॉलेज, न्यूयॉर्क में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर थे। नेविल राय सिंघम ने 2001 से 2008 तक दिग्गज चीनी कंपनी हुओवेई के लिए रणनीतिक तकनीकी सलाहकार के रूप में काम किया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सिंघम कुछ साल पहले अपनी कंपनी एक निजी इक्विटी फर्म को 785 मिलिनय डॉलर में बेच दी थी। सिंघम ने 2017 में पूर्व डेमोक्रेटिक राजनीतिक सलाहकार और कोड पिंक के सह-संस्थापक जोडी इवांस से शादी की।

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